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पाकिस्तान जाएगी भारतीय टीम, स्क्वॉड का किया गया ऐलान, इस खिलाड़ी को बनाया कप्तान

डेस्क: पाकिस्तान के इस्लामाबाद में डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप एक के प्ले ऑफ मुकाबले खेले जाने हैं। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन और चार फरवरी को होने वाले मुकाबलों के लिए छह सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है। रामकुमार रामनाथन, एन श्रीराम बालाजी, युकी भांबरी, निकी कालियांदा पूनाचा, साकेत माइनेनी और दिग्विजय प्रताप सिंह को टीम में शामिल किया गया है। वहीं, दिग्विजय प्रताप सिंह रिजर्व खिलाड़ी हैं। 

इस खिलाड़ी को बनाया गया कप्तान

रामनाथन और पूनाचा एकल मैच खेल सकते हैं जबकि युकी, बालाजी और माइनेनी में से किन्हीं दो को युगल मैच के लिए चुना जा सकता है। रोहित राजपाल टीम के गैर खिलाड़ी कप्तान होंगे जबकि जीशान अली कोच की भूमिका निभाएंगे। 

एआईटीए ने जारी किया ये बयान 

अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने प्रेस रिलीज में बताया कि चयन समिति की बैठक की अध्यक्षता नंदन बल ने की और समिति के अन्य सदस्य बलराम सिंह, मुस्तफा घोष, साई जयलक्ष्मी, राजपाल, जीशान और सचिव अनिल धूपर भी इसमें शामिल थे। 

1964 के बाद पहली बार पाकिस्तान का दौरा 

भारत ने इससे पहले आखिरी बार 1964 में पाकिस्तान का दौरा किया था और तब उसने 4-0 से जीत दर्ज की थी। भारत अभी तक पाकिस्तान से कभी नहीं हारा है। उसने पाकिस्तान के खिलाफ सभी आठ मुकाबले जीते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी मुकाबला 2019 में न्यूट्रल वेन्यू पर खेला गया था। भारत ने इस मुकाबले में भी 4-0 से जीत हासिल की थी।

LAC और LOC की चुनौतियों पर भारतीय सेना प्रमुख ने दे दिया ऐसा बयान कि सियासत में मच गई खलबली, बताया-क्यों खत्म नहीं हो रहा विवाद

डेस्क: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सीमा क्षेत्र की चुनौतियों पर खरी-खरी कह दी है। पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद नहीं खत्म होने के पीछे सेना प्रमुख ने अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह चुनौतियां हमें विरासत में मिली हैं। सेना प्रमुख के इस बयान से देश की सियासत में खलबली मच गई है। भारतीय सेना प्रमुख ने बयान में यह बताया है कि क्यों भारतीय सीमा पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सेना प्रमुख के बयान को सुनकर तमाम राजनीतिक दल भी भौचक्के रह गए हैं।

 

इसके साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जैसे युद्ध के मद्देनजर दुनिया को ब्लैक श्वान जैसी घटनाओं के प्रति आगाह किया है। सेना प्रमुख ने कहा है कि ब्लैक श्वान जैसी घटनाएं दुनिया में उथल-पुथल मचा सकती हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को "अप्रत्याशित की अपेक्षा करें" की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है। उन्होंने भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना के जागरूक रहने की जरूरत पर भी जोर दिया।

 

सेना प्रमुख ने कहा-विरासत में मिली चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी

नागपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि विरासत में मिली अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी। सेना प्रमुख जनरल पांडे की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आई है। विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जनरल पांडे ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीके से अधिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ''अप्रत्याशित की अपेक्षा करना एक ऐसी चीज है जो हमारे लिए जरूरी है।

 

'' सेना प्रमुख पांडे ने कहा, ''ब्लैक स्वान जैसी घटनाएं वैश्विक सुरक्षा के परिदृश्य में उथल-पुथल ला सकती हैं। रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्ष के परिणाम अन्य देशों के बीच संबंधों को फिर से परिभाषित करेंगे, जो आने वाले दशकों में विश्व राजनीति को एक नया रंग देंगे।' ​(भाषा)

सूरत डायमंड बोर्स का पीएम मोदी ने आज किया उद्घाटन; जानें दुनिया की सबसे बड़ी इमारत के बारे में सब कुछ

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आज गुजरात में सूरत डायमंड बोर्स (SDB) का उद्घाटन किया गया है। ये दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस स्पेस है, जहां 4,200 से ज्यादा डायमंड ट्रेडिंग ऑफिस होंगे। अब तक देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को डायमंड ट्रेडिंग का हब माना जाता है, लेकिन एसडीबी की ओपनिंग के बाद ज्वेलरी और डायमंड ट्रेडिंग में सूरत भी एक बड़े हब के रूप में उभरेगा। 

क्या है सूरत डायमंड बोर्स? 

सूरत डायमंड बोर्स (SDB) एक प्लान डायमंड ट्रेडिंग बिजनेस सेंटर है, जिसकी स्थापना डायमंड ट्रेडिंग बिजनेस को मुंबई से सूरत शिफ्ट करने के लिए की गई है। मौजूदा समय में सूरत डायमंड पोलिश और कटिंग का हब है और अभी सूरत में डायमंड ट्रेडिंग महिधरपरा हीरा बाजार और वराछा हीरा बाजार में होती है। जहां व्यापारी बिना किसी सुरक्षा के सड़क पर ही खुले में लेनदेन करते हैं। इस कारण से एक बड़ी संख्या में डायमंड ट्रेडिंग मुंबई के बीकेसी यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होती है। जहां इंटरनेशनल बायर्स के साथ कई आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं। 

दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस स्पेस 

सूरत डायमंड बोर्स को 66 लाख स्क्वायर फीट एरिया में बनाया गया है। एरिया के हिसाब से ये अब तक सबसे बड़ी ऑफिस बिलडिंग यूएस के पेंटागन से भी बड़ा है। एसडीबी में 4,200 से ज्यादा ऑफिस मौजूद हैं, जिन्हें 300 स्क्वायर फीट से लेकर 1,15,000 स्क्वायर फीट के एरिया में बनाया गया है। इस बोर्स में 9 टावर है, जिसमें हर एक टावर में 15 फ्लोर को बनाया गया है।  

इसे लेकर पीएम मोदी ने भी एक्स हैंडल पर ट्विट किया है, जिसमें उनकी ओर से कहा गया है कि सूरत डायमंड बोर्स सूरत के हीरा उद्योग की गतिशीलता और विकास को प्रदर्शित करता है। यह भारत की उद्यमशीलता की भावना का भी प्रमाण है। यह व्यापार, इनोवेशन और सहयोग के केंद्र के रूप में काम करेगा, हमारी अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

डायमंड कारोबारियों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद 

इस डायमंड बोर्ड में हीरा कारोबारियों की सभी सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। यहां इन्फ्रा को डायमंड कारोबारी की सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही डायमंड की पोलिश, डायमंड मैन्यूफैक्चरिंग मशीन, सॉफ्टवेयर, डायमंड क्वालिटी सर्टिफिकेट, लेब डायमंड्स और इंटरनेशनल एवं नेशनल खरीदारों के लिए 27 डायमंड ज्वैलरी रिटेल आउटलेट जैसी सुविधाएं भी सूरत डायमंड बोर्स में होंगी। 

सूरत डायमंड बोर्स की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इस सेंटर की ओपनिंग के 1.5 लाख लोगों को सीधे तौर पर इसके जरिए रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में सूरत में लाखों लोग डायमंड कारोबार से जुड़े हुए हैं। इसका सीधा फायदा भी सूरत के डायमंड कारोबारियों को मिलेगा। 

सुरक्षा का भी रखा गया पूरा ध्यान 

सूरत डायमंड बोर्स में सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा गया है। पूरें कैंपस में 4,000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है। इसके साथ ही लोगों की प्रवेश और निकासी के स्थान भी विशेष सुरक्षा उपकरणों को लगाया गया है। 

कितनी बड़ी है सूरत की डायमंड इंडस्ट्री? 

दुनिया में इस्तेमाल किए जाने वाले 90 प्रतिशत हीरों की सूरत में कटिंग और पोलिशिंग की जाती है। इसका औसत टर्नओवर करीब 3 लाख करोड़ रुपये का है। इसके जरिए करीब 15 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलता है।

केंद्र की भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति के जवाब में नीतीश कुमार और नवीन पटनायक भी भगवान की शरण में पहुंचे, योगी आदित्यनाथ ने भी खोला खजाना

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल इसकी तैयारी में जुट गए हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण की तैयारी में जुट गई है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वारा भी देश के सभी मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा और आरती का आयोजन करने का आह्वान किया गया है। भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति के जवाब में नीतीश कुमार और नवीन पटनायक भी भगवान की शरण में पहुंच चुके हैं।

भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बीते कई लोकसभा चुनावों में राम मंदिर निर्माण को अपने घोषणापत्र में जगह दिया गया है। बाबरी मस्जिद के साथ वर्षों से चली आ रही लड़ाई सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही खत्म हो गई। सराकर ने भी बिना देरी किए इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था। बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति में राम मंदिर काफी फिट बैठती है। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी इसके लिए सरकार का खजाना खोल दिया है। अयोध्या को नए सिरे से संवारा जा रहा है। बीजेपी ने भी राम मंदिर मुद्दे को लोकसभा चुनाव में भुनाने के लिए तैयारी कर ली है।

नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह राजनीति की हवा का रुख भांपने में माहिर हैं। जब से केंद्र में बीजेपी सत्ता में आई है, उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति से परहेज नहीं किया है। पहले की तुलना में उन्होंने मंदिरों का अधिक दौरा किया है। साथ ही वह मजार और मस्जिदों की यात्रा करने से भी नहीं चूकते हैं। हाल ही में उन्होंने सीतामढ़ी में सीता की जन्मभूमि पुनारौधाम में जानकी मंदिर परिसर में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास कर बीजेपी को चौंका दिया। नीतीश कुमार को शायद इस बात का एहसास हो गया कि राम मंदिर के उद्घाटन के साथ बिहार में बीजेपी पुनौराधाम को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश करती। बीजेपी की उग्र हिंदुत्व की राजनीति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पहले ही उन्होंने इस मुद्दे को हथिया लिया है।

बता दें कि पुनौराधाम रामायण सर्किट का एक अहम हिस्सा है। बिहार सरकार मंदिर प्रांगण में स्थित सीताकुंड को विकसित कराने जा रही है। साथ ही पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। यहां मंदिर में ही सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका का भी निर्माण होगा। बिहार सरकार यहां करीब 72 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। मंदिर परिसर में सुदंर वास्तुशिल्प से सुस्सजित दीवारें तैयार की जाएंगी। मंडप और सड़क का निर्माण भी किया जाएगा। मंदिर में आने वाले स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं के वाहनों लगाने के लिए अत्याधुनिक पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी।

राम मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले यानी 17 जनवरी को ओडिशा में जगन्नाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) ने बहुप्रतीक्षित श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना की तैयारी पूरी कर ली है। पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर के सौंदर्यीकरण के लिए 943 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। परिक्रमा परियोजना पूरा होने के करीब है। इसके लिए चार धाम समेत 1000 से अधिक मंदिरों को न्यौता भेजा गया है। दुनियाभर के प्रमुख हिन्दू मंदिरों और नेपाल के राजा को भी निमंत्रण भेजा है। अगले साल अप्रैल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले यह काफी मह्तवपूर्ण है।

भारत में दस्तक दे रहा कोरोना का नया वेरिएंट JN.1, यहां जानिए क्या है इसके लक्षण

पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाली कोरोना महामारी अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। बीते कुछ समय से दुनियाभर में भले ही इसके केसों में कुछ कमी देखने के लिए तो मिल रही है, लेकिन इसका खतरा अभी तक टला नहीं है। बीच-बीच मे कई बार इस वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। इसी दौरान अब एक बार फिर इसे लेकर लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। दरअसल, चीन जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां अब कोरोना के एक नए सबवेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के केस सामने आए है।

कोविड के इस नए सबवेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में हुई थी, इसके उपरांत यूके, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी इसके केस सामने आने लग गए। इतना ही नहीं खुद इंडिया में भी कोरोना के इस सबवेरिएंट का एक केस देखने के लिए मिला है। बीते दिनों केरल में इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 की पुष्टि भी कर दी गई थी। इस केस के सामने आते ही अब सभी की चिंताएं एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानते हैं कोरोना के इस नए सबवेरिएंट से जुड़ी वह सभी बातें, जो आपके लिए जानना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।

जेएन.1 क्या है 

डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के अनुसार कोविड का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है, जिसे 'पिरोला' भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों की मानें, तो JN.1 और BA.2.86 के मध्य केवल एक ही बदलाव है और वह है स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन। स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी बोला जाता है। यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण अधिक तेजी से होता है।

जेएन.1 के लक्षण क्या है

 खबरों का कहना है कि कोरोना के इस नए सबवेरिएंट के अभी तक कोई खास लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। ऐसे में यह पता लगा पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के अन्य वेरिएंट से अलग है या नहीं। वहीं, कोरोना के आम लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

बुखार

लगातार खांसना

जल्दी थकान होना

नाक बंद या जाम हो जाना

नाक का बहना

दस्त

सिर में दर्द

कितना खतरनाक है नया वेरिएंट

 फिलहाल, जेएन.1 को लेकर कोई विस्तृत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। CDC की मानें तो इस वेरिएंट के बढ़ते केसों को देख यह कहा जा सकता है कि या तो यह अधिक संक्रामक है या फिर यह हमारे इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि मौजूदा समय में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में मौजूद कोविड के अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है या नहीं।

खरमास में जरूर अपनाएं तुलसी से जुड़ा ये एक उपाय, बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा

इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है तथा इसका समापन 15 जनवरी को होगा। खरमास के इस महीने में प्रभु श्री विष्णु, मां लक्ष्मी और भगवान सूर्य की उपासना करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। खरमास के इस महीने में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक जाती है जैसे शादी, मुंडन और सगाई आदि। मान्यता के मुताबिक, खरमास में माता तुलसी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है क्योंकि तुलसी प्रभु श्री विष्णु की प्रिय है। तुलसी इतनी पूजनीय है कि खरमास में तुलसी से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। तो आइए आपको बताते हैं कि उन उपायों के बारे में।

खरमास में अपनाएं ये उपाय

खरमास में प्रभु श्री विष्णु का पूजन करते वक़्त उनके भोग में तुलसी दल का इस्तेमाल अवश्य करें।

खरमास में तुलसी का पूजन करते वक़्त उनके सामने घी की दीपक अवश्य जलाएं तथा उसके बाद तुलसी की परिक्रमा अवश्य करें।

इसके साथ ही खरमास के चलते तुलसी को भूल से भी सिंदूर या कोई सुहाग की सामग्री न चढ़ाएं।

खरमास में प्रतिदिन माता तुलसी को जल चढ़ाएं तथा ओम नमो भगवते नम: मंत्र का जाप करें।

राम का नाम जपते हुए उज्जैन से अयोध्या को निकले राजवर्धन, 22 जनवरी को खत्म होगी 900 किमी की पैदल यात्रा

राम-नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं, जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तिर जाते हैं...। इन्हीं पंक्तियों को आधार मानते हुए उज्जैन शहर का एक युवक प्रभु श्री राम का नाम लेकर 900 किमी की पैदल यात्रा पर चल दिए है। जो 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले मंदिर के शुभारंभ समारोह और प्रभु श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में शामिल होने जा रहे है।

यह युवक है उज्जैन शहर का राजवर्धन सिंह सिसौदिया जो कि 13 दिसंबर 2023 को उज्जैन से अयोध्या के लिए रवाना हो चुके है। 900 किमी की यात्रा कर 22 जनवरी 2024 को अयोध्या पहुंचने वाला है। राजवर्धन ने कहा कि वह एक दिन में 30 से 35 किमी की यात्रा करने वाला है। राजवर्धन दो दिन में 65 किमी की पैदल यात्रा तय कर अब तक शाजापुर पहुंच गया है। उसका एक ही लक्ष्य है कि वह प्रभु श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बने और मंदिर में विराजे रामलला को अपनी आंखों से देख पाए। यही वजह है कि युवक ने पहले बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया और भगवान श्री राम का नाम लेकर अपनी यात्रा भी शुरू कर दी है।

प्रभु श्री राम का भक्त है राजवर्धन

 राजवर्धन ने कहा है कि वह बचपन से ही प्रभु श्री राम और हनुमानलला की पूजा करता आ रहा है। अब उसने तय किया था कि जब मंदिर बनकर तैयार होगा और वहां रामलला की स्थापना होगी वह वहां जाकर प्रभु श्री राम के दर्शन प्राप्त करेगा। अब वो दिन आ गया है, इसके चलते उसने तय किया और भगवान राम के दर्शन का लक्ष्य लेकर उसने यात्रा करने का फैसला कर लिया।

शक्ति दूत टीम ने बढ़ाया हौसला: खबरों का कहना है कि राजवर्धनसिंह सिसौदिया (राज बन्ना) ने श्री अवंतिका नगरी से श्री अयोध्या नगरी तक पैदल यात्रा भी शुरू कर दी है। बाबा महाकाल के दर्शन कर वे पैदल यात्रा पर रवाना हो चुके है। शक्ति दूत टीम के अजय देवड़ा, दर्पण मेवाड़ा, ललित प्रजापति, कमल पोरवाल, नवीन केमकार, निखिल चौहान, गौरव आदि ने यात्रा प्रारंभ होने के पूर्व महाकाल लोक में राजवर्धन सिसौदिया का अभिनंदन कर स्वागत किया। और राजवर्धन सिसोदिया का हौसला भी बढ़ाया।

सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमवीर इंडियन आइडल शो के मंच पर पहुंचे, बयां की संघर्ष की कहानी; भावुक हुए लोग

 सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमवीरों ने टीवी शो इंडियन आइडल के मंच पर सुरंग के भीतर बिताए उन दिनों का संघर्ष बयां किया। इस दौरान उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह नेगी ने बताया कि वह किस तरह सुरंग में फंसे अपने साथियों को हिम्मत बंधाते रहे। गब्बर सिंह और उनके साथियों की आप बीती सुनकर शो में उपस्थित निर्णायक मंडल के सदस्य व अन्य लोग भावुक हो गए।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर की सुबह 5:30 बजे भूस्खलन होने से नवयुग इंजीनियरिग कंपनी में फोरमैन गब्बर सिंह नेगी समेत 41 श्रमवीर फंस गए थे। सभी को 17 दिन तक युद्धस्तर पर चले बचाव अभियान के बाद 28 नवंबर को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। शनिवार को प्रसारित इंडियन आइडल के एपीसोड में इन श्रमवीरों को आमंत्रित किया गया था।

कुमार सानू ने की श्रमवीरों के संघर्ष की सराहना

शो के दौरान सभी 41 श्रमवीरों को मंच पर बुलाया गया, जहां गायक कुमार सानू ने एक-एक कर उनका परिचय प्राप्त किया। साथ ही उनके संघर्ष की सराहना की और पूरे देश को उनके धैर्य व साहस से अवगत कराया।

इस दौरान गब्बर सिंह नेगी सुरंग में बिताए उन दिनों के बारे में बताते हुए भावुक हो गए। गब्बर सिंह ने बताया कि सुबह जब वह सुरंग से निकलने की तैयारी कर रहे थे, तभी कुछ गिरने की आवाज आई।

वह अपने दो साथियों के साथ भूस्खलन क्षेत्र में पहुंचे तो दृश्य देखकर घबरा गए, लेकिन उन्होंने अपना डर साथियों को महसूस नहीं होने दिया। साथियों का हौसला न टूटे, इसके लिए वह छिप-छिप कर रोते थे। साथ ही उन्हें समझाते रहे कि किसी भी स्थिति में हमें हिम्मत नहीं हारनी है।

सुरंग के ऊपर से टपकते पानी से बुझाया प्यास

गब्बर सिंह ने बताया कि भोजन की आपूर्ति शुरू होने से पहले उन्होंने और उनके साथियों ने किस तरह मूंगफली व केले के छिलके से पेट भरा। साथ ही सुरंग के ऊपर से टपकते पानी का उपयोग किया। गब्बर सिंह ने शो के दौरान एक प्रतिभागी उत्कर्ष बाखड़े से गीत सुनाने की मांग की, जिसे उन्होंने सहर्ष पूरा किया।

एमपी में शिवराज सिंह चौहान ने बीच में काफिला रोक घायल शख्स को पहुंचाया अस्पताल, सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो

 मध्य प्रदेश में सीएम पद से हटने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी नेता शिवराज सिंह चौहान ख़बरों में बने हुए हैं। अब उन्होंने एक मोटरसाइकिल सवार की जान बचाई है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, रविंद्र भवन के सामने से जब शिवराज सिंह चौहान का काफिला गुजर रहा था उसी समय वहां एक मोटरसाइकिल सवार डिवाइडर से टकराकर गिर गया तथा उसे गंभीर चोट लग गई। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने काफिले को रुकने का निर्देश दिया।

 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मोटरसाइकिल चालक को अपनी काफिले के कार से चिकित्सालय पहुंचाया। इस के चलते शिवराज सिंह स्वयं घायल व्यक्ति को उठाकर गाड़ी में सवार करते हुए दिखाई दिए। विशेष बात ये है कि घायल युवक भी उस समय बोल रहा था कि मामा जी आप साथ हो न, घायल युवक की सहायता के चलते शिवराज सिंह चौहान के कपड़े भी खून से सन गए, इस के चलते जब उनके सहयोगियों ने उनके हाथ में लगा खून साफ करने का प्रयास किया तो उन्होंने उसे निर्देश दिया कि मेरी छोड़ो पहले घायल का उपचार कराओ।

 बता दें कि इससे एक दिन पहले भी शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था जिसमें महिलाएं उन्हें भैय्या बोलते हुए गले लगकर रो रही थीं। इस के चलते शिवराज भी भावुक हो गए थे। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उनकी जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं निरंतर शिवराज सिंह से मिलने पहुंच रही हैं तथा उनके मुख्यमंत्री न बनने पर दुख जाहिर कर रही हैं।

मध्यप्रदेश में हुआ विकसित भारत संकल्प यात्रा का आगाज, PM मोदी ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ

मध्यप्रदेश में विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ उज्जैन से हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया। ये कार्यक्रम उज्जैन के दशहरा मैदान में आयोजित किया गया। इस के चलते सीएम मोहन यादव सहित कई नेता उपस्थित रहे। उन्होंने 'मोदी की गारंटी' नाम की वैन को हरी झंडी दिखाई।

विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए एक रथ तैयार किया गया है। ये यात्रा कई शहर तथा हर पंचायत में जाएगी। इसके तहत जगह-जगह शिविर लगाए जाएंगे। यात्रा का समापन 26 जनवरी 2024 को होगा। बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा समय कई नेता अलग-अलग क्षेत्र से हरी झंडी दिखाकर यात्रा के लिए वैन को रवाना किया। राज्य में 42 दिन तक ये यात्रा निकाली जाएगी, केंद्र सरकार ने यात्रा के लिए राज्य में 366 रथ वाहन प्रदान कराया है। ICC वैन के माध्यम से केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। 

विकसित भारत संकल्प यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, आज सौभाग्य की बात है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जनकल्याणकारी योजनाएं लागू किया है तथा योजना पात्र व्यक्ति तक पहुंचे ऐसा प्रधानमंत्री मोदी की सोच है। मोदी सरकार के द्वारा 210 योजनाएं चलाई जा रही है। मुफ्त में लोगो को वैक्सीन लगाया गया। कई काम बीते 5 वर्षों तक रुक गया था। अब भाजपा की सरकार जन-जन तक पहुंचाएगी। मोदी की गारेंटी हम पूरा करेंगे, ये वादा है। 2 वर्षों का बोनस दिया जायेगा।