मालदीव ने तोड़ा भारत के साथ किया अहम समझौता, चीन के दबाव में कर रहा काम
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भारत को मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने के लिए कहने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय नौसेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच जल विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए 2019 के समझौते को खत्म करने का फैसला किया है।माना जा रहा है कि इस समझौते को रद्द कराने के लिए बीजिंग की तरफ से दबाव बनाया गया है। चीन लगातार मालदीव पर दबाव बन रहा है क्योंकि रणनीतिक और सामरिक दृष्टि से यह द्वीपीय देश भारत और चीन दोनों के लिए अहम है। जल विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग और खोज के लिए दोनों देशों के बीच यह महत्वाकांक्षी समझौता हुआ था। हालांकि, चीन परस्त और लगातार भारत के खिलाफ फैसले लेने वाली मोहम्मद मोइज्जू की सरकार ने इसे एकतरफा ढंग से कैंसिल करने का ऐलान कर दिया है।
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोइज्जू ने कहा कि सर्वे का काम बेहद संवेदनशील है और यह तय किया गया है कि इसमें किसी और देश की भागीदारी नहीं होगी और सर्वे का 100 फीसदी काम अब मालदीव के नेतृत्व में ही होगा।
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के अफसर मोहम्मद फिरोजुल अब्दुल खलील ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, हमारी सरकार ने भारत के साथ 7 जून 2024 को समाप्त होने जा रहे हाइड्रोग्राफी समझौते को रिन्यूअल नहीं करने का फैसला किया है। इस समझौते की शर्तों के मुताबिक अगर कोई पक्ष इससे बाहर आना चाहता है, तो उसे छह महीने पहले दूसरे पक्ष को सूचित करना होगा। अगर कोई भी पक्ष इससे बाहर आने की जानकारी नहीं देता है तो फिर शर्तों के अनुसार दोनों देशों के बीच यह समझौता खुद ही 5 साल के लिए और बढ़ जाता। फिरोजुल ने कहा कि मालदीव समझौते पर आगे नहीं बढ़ना चाहता है। ऐसे में मालदीव सरकार ने अपने फैसले से भारतीय उच्चायोग को अवगत करा दिया है। अब ये एग्रीमेंट अगले साल जून में खत्म हो जाएगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह के बीच जून 2019 में ये समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत भारत को मालदीव के क्षेत्रीय जल का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के साथ-साथ चट्टानों, लैगून, समुद्र तट और ज्वार के स्तर का अध्ययन और चार्ट बनाने की इजाजत मिली थी। पांच साल के लिए ये समझौता हुआ था। ऐसे में इस साल जून में ये खत्म हो रहा है और इसे फिर से रिन्यू किया जाना है लेकिन मोइज्जू ने इस द्विपक्षीय समझौता को आगे बढ़ाने के बजाय खत्म करने का फैसला लिया है।
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोइज्जू ने भारत के खिलाफ इससे पहले भी कुछ फैसले लिए हैं। इससे पहले माइज्जू ने भारत सरकार को मालदीव में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था। इसके बाद अब उन्होंने भारत सरकार के साथ पहले से चल रहे हाइड्रोग्राफिक सर्वे को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
Dec 16 2023, 10:22