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*पदभार ग्रहण करते ही एक्शन में एमपी के सीएम मोहन यादव, तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक*

#mp_cm_mohan_yadav_first_order_loud_speakers_will_not_used

मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा आदेश जारी किया है। सीएम मोहन यादव ने अपने पहले ही आदेश से अपने सख्त तेवर दिखा दिए हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले बड़े फैसले में मोहन यादव ने बुधवार को धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।

भोपाल में कैबिनेट की पहली बैठक में सीएम ने ये फैसला किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज भोपाल में कैबिनेट की पहली बैठक की। उन्होंने पहला ही फैसला सख्त लिया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों सहित हर जगह लाउड स्पीकर तेज आवाज में बजाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा लाउड स्पीकर तय मानकों के अनुरूप बजाएं। सीएम ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। 

लाउड स्पीकर की जांच के लिए सभी जिलों में उड़नदस्ते बनाए जाएंगे। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है, उसका निरीक्षण कर सकेगें तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जांच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें।

बता दें कि प्रदेश में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुकम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही लाउडस्पीकर व डीजे आदि का उपयोग किया जा सकेगा।

उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने आज ही भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने पीएम मोदी और राज्यपाल मंगू भाई की मौजूदगी में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल ने जगदीश देवड़ा (मंदसौर के मल्हारगढ़ से विधायक) और राजेंद्र शुक्ला (रीवा से विधायक) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोहन यादव ने कहा, मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देने के लिए मैं पार्टी आलाकमान का आभारी हूं. यह बीजेपी का चरित्र है जो मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को भी अवसर देता है। मैंने इस जिम्मेदारी को सेवक की तरह लिया है।

*खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी थी संसद पर हमले की धमकी, फिर सुरक्षा में कैसे हो गई इतनी बड़ी चूक?*

#parliament_security_lapse_anniversary_of_attack_pannu_threat

संसद की सुरक्षा में बुधवार को भारी चूक हुई। ये चूक उस हालात में हुई, जब 22 साल पहले हम इस तरह की खौफनाक स्थिति झेल चुके हैं। ये चूक इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि हाल ही में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी संसद पर हमले की बरसी के दिन फिर हमले की धमकी दी थी। इसके बावजूद दो युवक स्मोक स्टिक लेकर न सिर्फ विजिटर गैलरी में पहुंचे। बल्कि सदन में कूद-फांदकर, चारों तरफ धुआं-धुआं कर अफरा-तफरी भी मचा दी।ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई कैसे?

पन्नू ने छह दिन पहले एक वीडियो जारी कर 13 दिसंबर को संसद पर हमले की चेतावनी दी थी। पन्नू ने कहा था कि भारत ने उसकी हत्या की योजना बनाई थी, जो सफल नहीं हुई। इस प्लानिंग के जवाब में 13 दिसंबर को संसद पर हमला करेगा। वीडियो में पन्नू ने 22 साल पहले संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु का एक पोस्टर भी जारी किया था। इस तस्वीर के साथ एक नारा लिखा था, 'दिल्ली बनेगा पाकिस्तान'।

इस धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट भी जारी किया था। पन्नू की धमकियों पर साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान दिया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि पन्नू वांटेड घोषित है। वह जो भी धमकियां दे रहा है, उसके बारे में साझीदार देशेां को बता दिया गया है। इन देशों से सुरक्षा सहयोग को लेकर भी बातचीत की जा रही है। विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा था कि किसी भी आतंकी या चरमपंथी संगठन या व्यक्ति की ओर से भारतीय राजनयिकों या संपत्तियों को दी जा रही धमकी के बारे में हम लगातार बात कर रहे हैं। यही कारण है कि अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार एजेंसियों के अलर्ट रहने के बाद भी सुरक्षा में चूक कैसे हुई?

2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन एक बार फिर संसद की सुरक्षा में गहरी चूक देखी गई।आज संसद पर दो हमले हुए। लोकसभा में शून्यकाल की कार्रवाई के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए। वे सांसदों को बैठने की सीटों को लांघते हुए आगे बढ़ने लगे जिसे सांसदों ने रोक दिया। दूसरा हमला संसद के बाहर हुआ जहां एक महिला और एक पुरुष ने जबरदस्ती संसद में प्रवेश करने की कोशिश की। वे संसद के बाहर नारेबाजी करने लगे और उनके पास से भी रंगीन गैस जैसी कुछ चीजें मिलीं जिसके विषय में जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं, लेकिन इसे सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है।

बिहार में उद्योग लगने की बढ़ी संभावना, फतुहा इंडस्ट्रियल एरिया को देखने पहुँचे उद्यमी

     

पटना : बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के द्वारा बिजनेस समिट का आयोजन किया गया है। जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश से उद्यमी पटना में बिजनेस समिट में शामिल होने पहुंचे हैं। 

आपको बताएं कि इस बिजनेस समिट में 600 उद्यमी पटना पहुंचे हैं जिसमें इस समिट के प्रथम दिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ इन लोगों का बैठक होगा वही दूसरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसमें शरीक होंगे। इस दौरान करीब 500 करोड़ से ऊपर की निवेश करने वाली 12 कंपनियों से करार होगा। वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष इन कंपनियों एम ओ यू भी होगा। वहीं अगर बात करें तो 500 करोड़ से नीचे निवेश करने वाली 240 कंपनियों के साथ भी करार होना है।

आपको बता दे कि सभी उद्यमी आज फतुहा इंडस्ट्रियल एरिया भी पहुँच है जहां यहां पर लगे कई तरह के लगे हुए उद्योगों को देखा।इस पूरे औद्योगिक एरिया के कोने कोने को बिहार के पटना में पहुचे उद्यमियों ने देखा।हलाकि इस दौरान सारे इंबेस्टर्स का भव्य स्वागत औद्योगिक इकाई क्षेत्र में किया गया ।इस दौरान कई उद्यमियों ने बिहार में लगे इस इंडस्ट्रियल एरिया को देख काफी खुश दिखे औऱ उन्होंने बिहार में उद्योग लगाने का एक अच्छा अबसर के रूप में इसे देख रहे है।

उनलोगों को कहना है कि बाकई में बिहार बदल रहा है औऱ उससे भी ज्यादा यहां उद्योग लगाने के बहुत मौके भी है।

क्या होता है स्मोक बम? जिसने लोकसभा में मचा दिया हंगामा

#parliament_attack_what_is_smoke_bomb 

लोकसभा में बुधवार को संसद की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो शख़्स ने सुरक्षा घेरा तोड़कर उत्पात मचाया।इस घटना से जुटे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि ये शख़्स सांसदों की बेंचों के ऊपर से कूदते हुए स्पीकर की कुर्सी की तरफ़ बढ़ रहा है। इस शख़्स को सांसद पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों प्रदर्शनकारियों ने अपने इस हंगामे के दौरान संसद में स्मोक बम का इस्तेमाल किया और पूरी पार्लियामेंट को धुआं-धुआं कर दिया।माना जा रहा है कि यह किसी तरह का आतंकी हमला नहीं था। लेकिन यह हमला क्यों किया गया है इसके लिए जांच और पूछताछ जारी है।

एक ऐसा पटाखा है जिससे बहुत सारा धुआं निकलता है

स्मोक बम की बात करें तो वर्तमान में अलग-अलग तरह के स्मोक बम देखने को मिलते हैं, जिनसे रंगीन धुआं निकलता है। बुधवार को संसद में जो स्मोक बम का अटैक हुआ, उसमें भी पीला और लाल रंग का धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया।जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, ये एक ऐसा पटाखा है जिससे बहुत सारा धुआं पैदा होता है। अक्सर इस तरह के स्मोक बम दीवाली या फिर किसी पार्टी में देखे जाते हैं। पिछले कुछ वक्त से ये भारत में काफी ट्रेंड में हैं।

कहां होता है स्मोक बम का इस्तेमाल

स्मोक बम का इस्तेमाल उत्सव में तो किया ही जाता है साथ ही साथ इमरजेंसी के दौरान सिग्नल देने में भी इसे इस्तेमाल में लाया जाता है। नेवी और आर्मी में भी सिग्नल देने के लिए स्मोक क्रैकर का इस्तेमाल किया जाता है। एडवेंचर पर जाने वाले लोग भी इसे अपने साथ रखते हैं। यह कई कलर ऑप्शंस में आता है और इससे कई किलोमीटर दूर से भी सिग्नल दिया जा सकता है। स्मोक क्रैकर वैसे तो खतरनाक नहीं होता है लेकिन इस से अगर छेड़छाड़ की जाए तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। देखने में यह किसी ग्रेनेड जैसा लगता है और कई लोग इसका इस्तेमाल फेक कर भी करते हैं। मार्केट में इसकी कीमत ₹500 से लेकर ₹2000 तक होती है।

कौन हैं सांसद प्रताप सिम्हा ? जिनके पास पर हुई संसद में सेंध लगाने वालों की एंट्री

#parliaemnt_security_breach_bjp_mp_mysroe_pratap_simha_both_accused_get_pass

संसद के शीतकालीन सत्र के आठवें दिन संसद की सुरक्षा में सेंध लगी। सदन की कार्यवाही के दौरान दो युवकों ने लोकसभा की विजिटर गैलरी से नीचे छलांग लगाते हुए संसद की सुरक्षा के दावों को तार-तार कर दिया। हालांकि, तत्काल दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से एक युवक की पहचान सागर शर्मा के रूप में हुई है। वहीं दूसरे युवक की पहचान मनोरंजन के रूप में हुई है। दोनों को पुलिस पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना ले गई है। वहीं प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम से दोनों युवकों का संसद में एंट्री के लिए पास बना था।

बता दें कि प्रताप सिम्हा बीजेपी के कर्नाटक के मैसूर से सांसद हैं। प्रताप सिम्हा कन्नड़ भाषा के समाचार पत्रों में कॉलम लिखते हैं। सिम्हा पेशे से पत्रकार रह चुके हैं। उन्होंने 13 साल पत्रकारिता भी की है। 2011 में उन्हें पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित राज्योत्सव पुरस्कार मिला था। वह यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के पत्रकार हैं। वह पीएम मोदी पर किताब भी लिख चुके हैं।

वह 2014 में राजनीति में शामिल हुए और जल्द ही बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बन गए। उन्होंने 2014 में मैसूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी पर 32000 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की। वो अपनी तेजतर्रार हिंदुत्व राजनीति के लिए जाने जाते हैं। वो कर्नाटक के युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं।

कौन है सागर और मनोरंजन

संसद का सुरक्षा घेरा को तोड़कर लोकसभा के अंदर घुसने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है। इन दोनों में एक का नाम सागर है और दूसरे का नाम मनोरंजन। सागर शर्मा इंजीनियरिंग का छात्र हैं। वो कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है। वो बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के नाम से जारी विजिटर पास के जरिए संसद भवन में दाखिल हुआ था। मनोरंजन भी इंजीनियरिंग का छात्र बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार वो बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। दोनों ने ऐसा क्यों किया अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।

धुआं-धुआं सदन और इधर-उधर भागते सांसद, 22 साल पहले की याद हुई ताजा

#parliament_security_breach 

आज ही के दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था। आज संसद पर हुए हमले की बरसी पर देश अपने उन वीरों को याद कर रहा है जिन्होंने लोकतंत्र के मंदिर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। हां, उस खौफनाक मंजर की यादों जरूर धुंधलाने लगी हैं, लेकिन आद दोपहर बाद लोकसभा के अंदर से जो LIVE तस्वीरें देश ने देखीं, उसने 22 साल पहले की डरावनी याद को ताजा कर दिया।

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। तभी अचानक दो शख्स गैलरी से कूद पड़े। पहले वे आगे वाली गैलरी से लटकते रहे फिर एक के पीछे दूसरा कूद पड़ा। इसके बाद उन्होंने बेंच के ऊपर दौड़ना शुरू कर दिया।इतना ही नहीं, स्पीकर की ओर बेंच पर चढ़कर दौड़ने लगे। इसके चलते सदन में अफरा-तफरी मच गई।इसी दौरान एक युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा।

यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई। लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए। नीले रंग की जैकेट पहना एक युवक शख्स सांसदों की सीट पर कूदने लगा। वह लगभग तीन कतार लांघकर आसन की तरफ जाने लगा। अफरा-तफरी के माहौल के बीच कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे घेर लिया। मार्शल भी दौड़कर आ गए। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। बाद में सांसदों और मार्शलों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी। 

इस घटना ने एक बार फिर से 22 साल पुराने उस आतंकी घटना की याद ताजा कर दी। 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने पुराने संसद भवन पर आतंकी हमला किया था। देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक माने जाने वाले संसद पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला बोला था। इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के कई जवान समेत 9 लोग शहीद हुए थे।

लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक, संसद पर हमले की बरसी के दिन सुरक्षा घेरा तोड़कर दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे 2 शख्स

#security_breach_in_lok_sabha

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और बुधवार को लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बता दें कि आज संसद पर हमले की बरसी भी है। इस दौरान पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकसभा में भी आज सभी सांसदों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। जिसके बाद लोकसभा में कार्यवाही चल ही रही थी, तभी कार्यवाही के दौरान दो अनजान शख्स सदन में कूद गए और कुछ स्प्रे करने लगे।जिसके बाद पूरी लोकसभा में धुंआ-धुआं नजर आने लगा। हालांकि बाद में इन दोनों को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया।

दो विजिटर्स का मैसूर के सांसद का रेफरी पास बना हुआ था

दोनों आरोपियों में से एक का नाम सागर है वहीं दूसरे के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ये लोग स्मोक कैंडल जूतों में छिपाकर लाए थे। जो स्प्रे किया गया, उससे सुरक्षाकर्मियों को बारूद की गंध आई। इन दो विजिटर्स का मैसूर के सांसद का रेफरी पास बना हुआ था। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल पार्लियामेंट के अंदर हंगामा करने वाले लोगों से पूछताछ करने पहुंची है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस घटना के बाद पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने बाद में मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति गैलरी से कूदा तो लगा कि शायद वह नीचे गिर गया है। तभी दूसरे व्यक्ति को दर्शक दीर्घा से कूदते देखा। इनमें से एक के हाथ में कुछ था, जिसमें पीले रंग का धुआं निकल रहा था, जबकि दूसरे के हाथ में कुछ था, जिससे पिट-पिट की आवाज आ रही थी। वे कुछ नुकसान नहीं कर पाए, उन्हें तुरंत काबू में कर लिया गया। हालांकि, उनका दर्शक दीर्घा से कूदना गंभीर विषय है। यह संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक है। जांच होगी और कार्रवाई होगी।

संसद पर हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में बड़ी चूक

13 दिसंबर को संसद पर कायराना आतंकवादी हमले की बरसी है। 2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था।हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद के दो सुरक्षाकर्मी और एक माली मारे गए थे। उन्हें आज सभी सांसदों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई।

छत्तीसगढ़ में सीएम के शपथ ग्रहण से पहले नक्सली हमला, आईईडी ब्लास्ट में एक जवान शहीद

#naxal_attack_in_chhattisgarh_one_soldier_martyred

छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह है। इससे पहले नक्सलियों ने बड़ा हमला किया। इस हमले में एक जवान के शहीद होने की खबर है।नारायणपुर के आमदई माइंस की सुरक्षा में लगे जवानों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया है। नक्सलियों के हमले में CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, एक जवान आरक्षक विनय कुमार घायल हो गए। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद नारायणपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।

बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने माइंस में जगह-जगह आईईडी प्लांट किए थे। जिसकी चपेट में आकर CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, एक जवान आरक्षक विनय कुमार घायल हो गए।

बस्तर आईजी पी सुंदर राज ने बताया कि नारायणपुर के थाना छोटेडोंगर क्षेत्र अंतर्गत अमदाई खदान में सोमवार को करीब 11:00 बजे नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट और फायरिंग की। जवाब में सुरक्षा बलों द्वारा फायरिंग की गई। नक्सलियों के हमले CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार बलिदान हो गए। एक जवान आरक्षक विनय कुमार को मामूली चोट आई है, जिनका प्राथमिक उपचार कराया गया है। आसपास क्षेत्र में पुलिस बल, डीआरजी और आईटीबीपी द्वारा जांच की जा रही है।

इससे पहले सोमवार को नक्सलियों ने सुकमा जिले में आईईडी ब्लास्ट किया था। इसमें दो सुरक्षाकर्मी जख्मी गए थे। विस्फोट किस्ताराम पुलिस थाना क्षेत्र में हुआ था।

संसद पर हमले के 22 साल पूरे, वो खौफनाक दिन जब गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा लोकतंत्र का मंदिर

#indian_parliament_attack_2001

13 दिसंबर 2001 का वो दिन, जब गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था लोकतंत्र का मंदिर। देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक माने जाने वाले संसद पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला बोला था। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के दहशतगर्द संसद परिसर में तो घुसने में कामयाब हो गए पर देश के जांबाज जवानों ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया। तब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। उस समय लोकसभा और राज्यसभा स्थगित थी लेकिन 100 से ज्यादा VIPs संसद भवन के भीतर मौजूद थे। होम मिनिस्ट्री का फर्जी स्टीकर लगाए एक सफेद एम्बेसडर कार संसद भवन में दाखिल होती है। भीतर पांच लोग बैठे हुए हैं। ये गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। अंदर के रास्ते पर इनकी गाड़ी गलती से उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की खड़ी कार से टकरा जाती है। यही वो पल था जब सबको अहसास हुआ कि भारतीय लोकतंत्र के मंदिर में दरिंदे घुस आए हैं।

पांच आतंकी समेत 14 लोगों की हुई थी मौत

जिस समय यह हमला हुआ, संसद भवन में 200 सांसद मौजूद थे, लेकिन बहादुर सैनिकों की रक्षा पंक्ति की बदौलत उन्हें खरोंच तक नहीं आई। संसद भवन पर हुए इस हमले में सुरक्षाबलों ने सभी आतंकियों को मार गिराया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, मारे गए आतंकियों में हैदर उर्फ तुफैल, मोहम्मर राना, रणविजय, हमला शामिल थे। इसके अलावा सबसे पहले कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव शहीद हुईं। इसके बाद संसद का एक माली, दो सुरक्षाकर्मी और दिल्ली पुलिस के छह जवान भी शहीद हो गए। 

देश के सबसे महफूज माने जाने वाले संसद में मच गया था कोहराम

13 दिसंबर...यह वही तारीख है, जब साल 2001 में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के सबसे महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़े संसद भवन में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एंबैस्डर कार का इस्तेमाल किया था। वे इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहे थे।पांच आतंकियों ने तब लगभग 45 मिनट तक संसद भवन परिसर में कोहराम मचाया था।अटल बिहारी वाजपेयी तब पीएम थे, सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थीं।

11 बजकर 30 मिनट....संसद भवन के अंदर और परिसर में सब काम बाकी दिनों की तरह ही सामान्य रूप से चल रहा था। शीतकालीन सत्र की सरगर्मियां तेज थी। राजनीतिक दलों की गतिरोध की वजह से लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित थी। इस वजह से कई बड़े नेता संसद से जा चुके थे। लेकिन फिर भी कुछ मंत्री और करीब 200 सांसद अब भी संसद भवन में ही मौजूद थे। इनके अलावा संसद में काम करने वाले लोग, आंगतुक गण और सुरक्षा कर्मी भी संसद परिसर में ही थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था। तभी अचानक सफेद रंग की एंबेसेडर कार संसद भवन में घुसी। गाड़ी पर गृह मंत्रालय का स्टीकर पास भी लगा हुआ था।गाड़ी सीधे संसद भवन परिसर में आकर रूकी। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसनी शुरू हो गई। एंबेसेडर से आए 5 आतंकवादियों ने एके 47 राइफलों से गोलियों की बौछार कर दी। आतंकी विस्फोटकों और हथगोलों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। 45 मिनट तक संसद भवन में गोलियों की आवाज गूंजती रही। इस दौरान आतंकीयों ने सबसे पहले उन चार सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया जिन्होंने एंबेसेडर कार को रोकने की कोशिश की। इसके बाद संसद भवन के अंदर चारों तरफ अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बन गया।

भारत के खिलाफ अब तक की सबसे खतरनाक और गहरी साजिश

एंबेस्डर कार में 30 किलो आरडीएक्स था और कार में उसकी पूरी वायरिंग कर रखी की गई थी। जानकारों के हवाले से ऐसा कहा जाता है कि अगर वह कार ब्लास्ट कर दी जाती, तब आधी संसद तब उड़ (ध्वस्त) सकती थी। चूंकि, एंट्री के जो सफेद एंबैस्डर की टक्कर हुई थी उससे तारों की वायरिंग टूट गई थी, जिससे धमाका नहीं हो सका था। कार पर होम मिनिस्ट्री के स्टीकर भी लगे थे। यह भारत के खिलाफ अब तक की सबसे खतरनाक और गहरी साजिश मानी जाती है।

2013 को अफजल गुरु को फांसी

इस हमले में संसद की सुरक्षा में लगे कई जवान शहीद हुए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेल कर पांचों आतंकवादियों को मार गिराया। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना के मुख्य साजिश कर्ता अफजल गुरु को गिरफ्तार किया, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई। इस आतंकी हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन समेत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थे। 12 साल बाद नौ फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दे दी गई थी।

चारों धाम के साथ ही फूलों की घाटी और औली में जमकर हुई बर्फबारी, खूबसूरत बर्फीली वादियों की ओर पर्यटकों का बढ़ा आकर्षण और रोमांच

 मौसम के बदले मिजाज के साथ ही मंगलवार को चारों धामों के साथ ही हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और औली में जमकर बर्फबारी हुई। केदारनाथ में जहां चार इंच नई बर्फ जम गई है वहीं तापमान माइनस 7 तक रहा है।

वहीं निचले क्षेत्रों में हुई बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। गोपेश्वर/जोशीमठ में मंगलवार को सुबह से बादल छाए थे और दोपहर बाद चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, काली माटी, औली, गोरसों बुग्याल सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई।

गोपेश्वर, जोशीमठ, पोखरी, नंदानगर, पीपलकोटी आदि क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चलीं। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में ही दुबके रहे और बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। बदरीनाथ में तापमान अधिकतम -1 और न्यूनतम – 8 डिग्री, औली में अधिकतम 3, न्यूनतम -3 और , जोशीमठ में अधिकतम 9 , न्यूनतम – 2 रहा।

रुद्रप्रयाग केदारनाथ धाम में दोपहर बाद 12 बजे बर्फबारी हुई जो देर शाम तक होती रही। धाम में लगभग चार इंच नई बर्फ जमी। वहीं, द्वितीय केदार व तृतीय केदार में भी बर्फ गिरी। धाम में तापमान अधिकतम 1 डिग्री व न्यूनतम -7 डिग्री दर्ज किया गया।

औली में एक फीट तक जमी बर्फ

उत्तरकाशी/बड़कोट स्थित गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई जबकि हर्षिल में भी बर्फबारी हुई। गंगोत्री धाम में अधिकतम तापमान -3 और न्यूनतम -8 दर्ज किया गया है। वहीं यमुनोत्री धाम में अधिकतम -1 व न्यूनतम तापमान -7 दर्ज किया गया है।

जिला मुख्यालय में हल्की बूंदाबांदी हुई जो शाम को भी होती रही। वहीं हर्षिल में बर्फबारी से घाटी के पहाड़ों पर सफेद चादर बिछ गई है। उधर, यमुनोत्री धाम सहित गीठ पट्टी के 12 गावों में, मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में भी बर्फबारी हुई।

बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का काम हुआ प्रभावित

गोपेश्वर में बर्फबारी से बदरीनाथ धाम में महायोजना मास्टर प्लान का काम प्रभावित हो गया है और मजदूर काम नहीं कर पाए। मास्टर प्लान के कार्य में लगे वाहन और उपकरणों पर भी बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है।

मौसम सामान्य होने पर शुरू होगा काम 

मास्टर प्लान का काम देख रहे लोक निर्माण विभाग पीआईयू के अधिशासी अभियंता वीके सैनी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। मौसम सामान्य होने पर फिर से काम शुरू किया जाएगा।

क्रिसमस और नए वर्ष से पहले औली की पहाड़ियां बर्फ से ढकीं

औली में क्रिसमस और नए वर्ष के आगमन से पहले बर्फबारी होने से पर्यटन से जुड़े व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फबारी से औली में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद है। मंगलवार को हुई बर्फबारी से औली के साथ ही समीपवर्ती पहाड़ियां बर्फ से ढक गई हैं।

 

पर्यटकों में होगा इजाफा

औली में स्कीइंग की ढलानें भी बर्फ से ढक गई हैं। बर्फबारी के बीच कई पर्यटक चेयर लिफ्ट से औली का दीदार कर रहे थे। औली में पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि क्रिसमस से पहले बर्फबारी शुभ संकेत है। दिसंबर माह के अंत में भी बर्फबारी होती है तो पर्यटकों में इजाफा हो जाएगा।

चमोली : 50 से अधिक गांवों में गिरी बर्फ, रास्तों पर जमी

चमोली जनपद के 50 से अधिक गांवों में बर्फबारी हुई है। निजमुला घाटी के ईराणी, पाणा, झींझी, रामणी, ल्वाणी, घूनी, पडेरगांव, सुंग, कनोल, सुतोल, पेरी के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र के नीती घाटी के गांवों में भी बर्फबारी हुई है। गांवों को जाने वाले पैदल रास्तों में भी बर्फ जम गई है। रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने बताया कि बर्फबारी से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है।