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रेवंत रेड्डी बने तेलंगाना के सीएम, भट्टी को बनाया गया डिप्टी सीएम, कैबिनेट में इन विधायकों को भी मिली जगह

#telangana_cm_revanth_reddy_oath_ceremony 

तेलंगाना कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी ने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। रेवंत रेड्डी के साथ 11 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। वहीं भट्टी विक्रमार्क ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के शामिल हुए।

करीब एक दशक पहले तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने से लेकर अब तक भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री थे।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बीआरस को पराजित किया। पार्टी को 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें मिलीं तो बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा। जिसके बाद रेवंत रेड्डी तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री बने हैं।

इन्हें मिली कैबिनेट में जगह

रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में मंत्री बनने लेने वाले नेताओं में उत्तम कुमार रेड्डी, दामोदर राजा नरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, दुल्ला श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूनम प्रबाकर, कोंडा सुरेखा, तुमाला नागेश्वर राव, अन्नसुइया सिथाका, जुपाली कृष्णा राव और शामिल हैं। इसके अलावा गद्दम प्रसाद कुमार स्पीकर बनाया गया है।

कैबिनेट में पहली बार हैदराबाद से नहीं होगा कोई मंत्री

रेवंत रेड्डी की अगुवाई में बनने वाल तेलंगाना की नई सरकार में पहली बार हैदराबाद से कोई भी प्रतिनिधि नहीं होगा। दरअसल, हैदराबाद के तहत 15 विधानसभा सीटें आती हैं और कांग्रेस ने इनमें से एक भी सीट नहीं जीती है। हैदराबाद की 15 सीटों में बीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

हैट्रिक लगाने से चूके केसीआर

बता दें कि 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बना। राज्य के गठन के बाद से के चंद्रशेखर राव लगातार दो बार सीएम रहे। कांग्रेस ने इस बार उन्हें हैट्रिक नहीं लगाने दिया। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की। तेलंगाना की 119 सीटों में से कांग्रेस को 64 सीटें मिली जबकि बीआरएस 39 सीटों पर ही सिमट गई।

मुझे मोदी जी बनाकर जनता से दूर मत करो, मोदी ही कहो..', संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री का संबोधन

तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत के बाद गुरुवार को पार्टी की संसदीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। भाजपा सांसदों ने 'मोदी की गारंटी' के नारे लगाए और पीएम का जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि, ''यह किसी की निजी जीत नहीं, बल्कि सामूहिक जीत है। मुझे 'मोदी जी' बनाकर जनता से दूर मत करो। मैं मोदी हूं।”

भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने बैठक के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकसित भारत प्रतिज्ञा यात्रा' में विकास योजनाओं पर चर्चा की और सभी सांसदों से भाग लेने का आग्रह किया। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, तीन राज्यों - राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश - के विधानसभा चुनावों में यह सामूहिक जीत अकेले मोदी की नहीं, बल्कि इसमें शामिल सभी लोगों की है। सभी ने मिलकर काम किया। आइए अब विकसित भारत की यात्रा के लिए कमर कस लें। 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य है। 

उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि, आइये, विश्वकर्मा योजना का उत्साहपूर्वक प्रचार-प्रसार करें। आइए अपने-अपने क्षेत्र के लाभार्थियों तक पहुंचें, उनसे जुड़ें और सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें। भाजपा के पास राज्यों में दोबारा सरकार बनाने का रिकॉर्ड 58% है, जबकि कांग्रेस के पास केवल 18% है। उन्होंने कहा कि, महत्वाकांक्षी जिलों में काम करने का लाभ मिला है। वहां करीब साठ सीटें जीत ली हैं। इससे पता चलता है कि जमीन पर काम करने से अनुकूल परिणाम मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, मुझे मोदी जी नहीं, मोदी कहिए, क्योंकि लोग मुझे इसी नाम से जानते हैं।' दूसरे शब्दों में कहें तो 'मोदी जी की गारंटी' नहीं, बल्कि 'मोदी की गारंटी' कहें। जनता यही कहती है और मुझे इसी नाम से जानती है।'

'चाय-समोसे तक ही सीमित INDIA गठबंधन की बैठक..', पढ़िए, ये क्या बोल गए सीएम नितीश कुमार के सांसद

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने अब अपने ताजा बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे की चर्चा होने से पहले तक विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ब्लॉक की बैठकें केवल चाय-समोसे तक ही सीमित थीं। बता दें कि, इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और भाजपा का चुनावी नारा 'मोदी है तो मुमकिन है' दोहराया था, जो INDIA गठबंधन के कई नेताओं को चुभा था।

अब JDU सांसद पिंटू ने कहा है कि, 'सीटों का बंटवारा होने तक इंडिया ब्लॉक की बैठकें चाय-समोसे तक ही सीमित हैं।' पीएम मोदी की प्रशंसा का जिक्र करते हुए पिंटू ने कहा कि यह हिंदी पट्टी के राज्यों के लोग हैं, जो मोदी पर विश्वास करते हैं और उन्होंने केवल तथ्य ही बताया था। उन्होंने कहा कि, 'हमें लोगों की पसंद को समझना और उस पर विचार करना चाहिए और आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर काम करना चाहिए।'

पिंटू ने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं और दिल से भाजपाई ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा द्वारा JDU में भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह किसी भी समय अपने नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने में सहज नहीं हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद बिहार में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब पिंटू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और भाजपा का चुनावी नारा बुलंद किया। सीतामढी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद यह टिप्पणी की थी।

पिंटू ने कहा, "चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में यही नारा दिया था।" उनकी टिप्पणी पर JDU ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पिंटू से कहा था कि अगर वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

चाय-समोसे तक ही सीमित INDIA गठबंधन की बैठक..', पढ़िए, ये क्या बोल गए सीएम नितीश कुमार के सांसद

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने अब अपने ताजा बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे की चर्चा होने से पहले तक विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ब्लॉक की बैठकें केवल चाय-समोसे तक ही सीमित थीं। बता दें कि, इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और भाजपा का चुनावी नारा 'मोदी है तो मुमकिन है' दोहराया था, जो INDIA गठबंधन के कई नेताओं को चुभा था।

अब JDU सांसद पिंटू ने कहा है कि, 'सीटों का बंटवारा होने तक इंडिया ब्लॉक की बैठकें चाय-समोसे तक ही सीमित हैं।' पीएम मोदी की प्रशंसा का जिक्र करते हुए पिंटू ने कहा कि यह हिंदी पट्टी के राज्यों के लोग हैं, जो मोदी पर विश्वास करते हैं और उन्होंने केवल तथ्य ही बताया था। उन्होंने कहा कि, 'हमें लोगों की पसंद को समझना और उस पर विचार करना चाहिए और आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर काम करना चाहिए।'

पिंटू ने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं और दिल से भाजपाई ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा द्वारा JDU में भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह किसी भी समय अपने नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने में सहज नहीं हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद बिहार में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब पिंटू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और भाजपा का चुनावी नारा बुलंद किया। सीतामढी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद यह टिप्पणी की थी।

पिंटू ने कहा, "चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में यही नारा दिया था।" उनकी टिप्पणी पर JDU ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पिंटू से कहा था कि अगर वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम का हुआ अभिनंदन, बोले-ये जीत कार्यकर्ताओं की है, अकेले मोदी की नहीं

#bjpparliamentaryboardmeetingpmmodiwelcomebymps 

दिल्ली में गुरुवार को भाजपा की संसदीय दल की बैठक हुई है।मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की बंपर जीत के बाद आयोजित बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पार्टी के सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत किया।संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान बीजेपी सांसदों ने मोदी जी का स्वागत है और मोदी जीत की गारंटी के नारे लगाए। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि यह जीत अकेले मोदी की नहीं बल्कि सभी कार्यकर्ताओं की सामूहिक जीत है।साथ ही पीएम मोदी ने सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लाभार्थियों से संपर्क करें, लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में बताएं और लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस लें।

संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि ये किसी की निजी जीत नहीं है, बल्कि सामूहिक जीत है। पीएम ने कहा, मुझे ‘मोदी जी’ बनाकर जनता से दूर मत करो। उन्होंने कहा, मैं मोदी हूं। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि आकांक्षी ज़िलों में काम करने का लाभ पार्टी को मिला है, वहां पार्टी ने क़रीब 60 सीटें जीती हैं।यह बताता है कि अगर जमीन पर काम करें तो अनुकूल परिणाम मिलते हैं। पीएम ने कहा कि बीजेपी की राज्यों में सरकार रिपीट होने का 58 फीसदी रिकॉर्ड है, जबकि कांग्रेस का केवल 18 फीसदी ही है।

सांसदों से विकसित भारत संकल्प यात्रा में जुटने की अपील

पीएम मोदी ने आगे सांसदों से कहा कि वह जोर शोर से विकसित भारत संकल्प यात्रा में जुट जाएं। 2047 तक विकसित भारत बनाना है। सभी सांसद विश्वकर्मा योजना को घर घर तक पहुंचाएं। पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी को आकांक्षी जिलों में काम करने का फायदा मिला है, वहां पर करीब साठ सीटें जीती हैं। पीएम ने सांसदों से कहा कि इससे यह पता चलता है कि अगर जमीन पर काम किया जाए तो अनुकूल परिणाम मिलता है।

इनके दफ्तर को AM-PM पता नहीं, पीएमओ क्या चलाएंगे...', राहुल गांधी के ऑफिस को लेकर बोले थे प्रणब मुखर्जी

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प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता पर “माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स” किताब लिखी है। इस किताब में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अइपने पिता के हवाले से राहुल गांधी को लेकर कई खुलासे किए है। शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में राहुल और उनके परिवार को लेकर उनके पिता की आलोचनात्मक टिप्पणियों का जिक्र किया है।शर्मिष्ठा ने किताब में लिखा है कि एक बार उनके पिता ने कहा था कि राहुल गांधी 'बहुत विनम्र' और 'सवालों से भरपूर' हैं। लेकिन उनका मानना था कि राहुल गांधी को अभी राजनीतिक रूप से मैच्योर होना बाकी है।

शर्मिष्ठा ने इसमें लिखा कि एक बार प्रणब ने बताया था कि राहुल के ऑफिस को AM (रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक का वक्त) और PM (दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे का वक्त) नहीं पता। क्या कभी वे प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) संभाल पाएंगे। शर्मिष्ठा के मुताबिक, उनके पिता ने यह भी बताया था कि राहुल गांधी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कई प्रोग्राम्स में नहीं आते थे। ऐसा क्यों होता था, यह नहीं पता। 

किताब में एक जगह शर्मिष्ठा मुखर्जी लिखती हैं, एक सुबह, मुगल गार्डन (अब अमृत उद्यान) में प्रणब मुखर्जी की रूटीन मॉर्निंग वॉक के दौरान राहुल गांधी उनसे मिलने आए। प्रणब मुखर्जी को मॉर्निंग वॉक और पूजा के दौरान कोई भी रुकावट पसंद नहीं था। फिर भी, उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का फैसला किया। बाद में पता चला कि असल में राहुल गांधी से मिलने का कार्क्रम शाम को तय था। लेकिन राहुल गांधी के ऑफिस ने गलती से उन्हें बता दिया कि मीटिंग सुबह है।

वहीं, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में राहुल गांधी द्वारा 2013 में एक अध्यादेश की प्रति को फाड़ने के वाक्ये का भी जिक्र है। राहुल के इस व्यवहार पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी स्तब्ध थे। शर्मिष्ठा ने लिखा, प्रणब मुखर्जी घटना से स्तब्ध रह गए थे। बहुत दिनों के बाद मैंने अपने पिता को इतना क्रोधित होते देखा। उनका चेहरा लाल हो गया था। किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि राहुल गांधी को गांधी-नेहरू परिवार से होने का घमंड है, लेकिन उनमें उनके जैसा राजनीतिक कौशल नहीं है। प्रणब ने यह भी कहा था कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यह घटना (अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने की घटना) कांग्रेस के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुई।

बता दें कि शर्मिष्ठा मुखर्जी की ये किताब प्रणब मुखर्जी की जन्मतिथि यानी 11 दिसंबर को लॉन्च होने वाली है। इस किताब में प्रणब मुखर्जी की डायरी के पन्ने हैं, जिनमें उन्होंने समकालीन भारतीय राजनीति पर अपने विचार लिखे थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। उन्होंने दशकों के शानदार राजनीतिक करियर में कई शीर्ष मंत्रालय संभाले। 2020 में उनका निधन हुआ। जिन वर्षों में राहुल गांधी अमेठी से सांसद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू कर रहे थे। उस दौरान प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वित्त और रक्षा मंत्री थे।

*राजस्थान में सीएम को लेकर सस्पेंस बरकरार, सियासी उथल-पुथल के बीच दिल्ली पहुंची वसुंधरा राजे*

#vasundhararajereached_delhi

 

राजस्थान में बीजेपी की बंपर जीत की है। हालांकि, चुनाव जीतने के बाद भी अब तक भाजपा में सीएम फेस पर कोई संकेत नहीं मिले हैं। इस कारण भाजपा विधायकों में हलचल तेज हो गई है। सीएम की रेस में कई नाम हैं, लेकिन कुर्सी पर कौन काबिज होगा ये अब तक तय नहीं हुआ है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में विधायकों से मुलाकात करने के बाद दिल्ली पहुंची हैं। माना जा रहा है कि वसुंधरा आज यानी गुरुवार को आलाकमान से मुलाकात कर सकती हैं।

दिल्ली रवानगी से पहले राजे का शक्ति प्रदर्शन

राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद सीएम पद के दावेदारों में से एक हैं। दिल्ली आने से पहले वसुंधरा ने जयपुर में 60 नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की है। इसे वसुंधरा के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। वसुंधरा राजे जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करने के बाद दिल्ली पहुंचीं। बताया जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें बुलाया है लिहाजा वह देर रात ही दिल्ली के लिए रवाना हुईं। 

पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाएंगी राजे

दिल्ली रवानगी से पहले वसुंधरा राजे ने जयपुर की मीडिया के सामने यह साफ कर दिया है कि पार्टी हाइकमान को जो फैसला होगा, वह उन्हें भी मंजूर होगा। वसुंधरा राजे ने कहा है कि साफ कहा है वह पार्टी लाइन से बाहर नहीं हैं। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार विधायकों से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने फोन पर बीजेपी हाईकमान से बात की है। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हैं और पार्टी की लाइन से कभी बाहर नहीं जा सकती हैं

राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री का कोई चेहरा सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार राजस्थान में इस बार नए चेहरे को बनने का मौका दे सकती है। इस बात के संकेत दिल्ली में बुधवार 6 दिसंबर को मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी दे दिए हैं। मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा कि तीनों राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएम को लेकर नाम फाइनल नहीं हुए है। लेकिन इसी सप्ताह सबकुछ तय हो जाएगा। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे और कुछ जानने की कोशिश की तो शाह ने मुस्कुराते हुए यह कह दिया है कि 'चेंज होते रहना चाहिए'। अब उनके इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं।

रेवंत रेड्डी का राजतिलकःतेलंगाना में आज सीएम का शपथग्रहण, गांधी परिवार समेत ये नेता होंगे शामिल

#revanth_reddy_oath_ceremony

रेवंत रेड्डी आज यानी गुरुवार को तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। वह आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।रेवंत रेड्डी का शपथ ग्रहण समारोह हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में दोपहर 1 बजे से आयोजित किया जाएगा।तेलंगाना में रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और दीपेंद्र एस हुड्डा हैदराबाद पहुंच रहे हैं। 

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी जीत मिली है। जीत के बाद पार्टी ने घोषणा की कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। तेलंगाना राज्य गठन के बाद कांग्रेस पहली बार सत्ता में आई है। तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी 10 साल से अधिक समय तक सत्ता पर काबिज रहे चंद्रशेखर राव की जगह लेंगे।

कितने नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे?

रेवंत रेड्डी के साथ एलबी स्टेडियम में कितने नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे और कौन-कौन विधायक शपथ लेंगे, इसकी अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई सूची नहीं आई है, लेकिन लगातार चार बार से विधायक बने रहे कांग्रेस के दलित चेहरा मल्लू भट्टी विक्रमार्क के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। इसके अलावा भी कई दूसरे नेताओं के नाम चर्चा में हैं, लेकिन देखना होगा कि रेवंत रेड्डी अपनी कैबिनेट में किसे-किसे जगह देते हैं।सूत्रों की मानें तो 8 से 9 मंत्रियों को सीएम के साथ शपथ दिलाई जा सकती है।

मंत्री के रेस में इन नेताओं के नाम

तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं के नाम अभी भले ही सामने न आए हों, लेकिन कई दिग्गज नेता मंत्री बनने की रेस में हैं। उत्तम कुमार रेड्डी, डी. श्रीधर बाबू, पोन्नम प्रभाकर, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, जी. विनोद और सीताक्का जैसे दिग्गज नेताओं के मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। कांग्रेस के कम्मा विधायक तुम्मला नागेश्वर राव और पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी पूर्ववर्ती खम्मम जिले से प्रमुख दावेदार हैं। वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दामोदर राजा नरसिम्हा भी कैबिनेट में एक अहम पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। कहा जाता है कि संख्यात्मक रूप से मजबूत गौड़ समुदाय से आने वाले मुखर बीसी नेता पोन्नम प्रभाकर भी दौड़ में हैं।

तेलंगाना कैबिनेट में पहली बार हैदराबाद से नहीं होगा कोई मंत्री

रेवंत रेड्डी की अगुवाई में बनने वाल तेलंगाना की नई सरकार में पहली बार हैदराबाद से कोई भी प्रतिनिधि नहीं होगा। दरअसल, हैदराबाद के तहत 15 विधानसभा सीटें आती हैं और कांग्रेस ने इनमें से एक भी सीट नहीं जीती है। हैदराबाद की 15 सीटों में बीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

नेहरू की गलतियों का कश्मीर ने कई सालों तक खामियाजा भुगता, संसद में बोले अमित शाह

#amit_shah_as_home_minister_reminds_pt_jawaharlal_nehru_blunder 

लोकसभा से जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी मिल गई। बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों के लिए सहानूभूति जताई। उन्होंने कहा 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों हुए जुल्मों पर चर्चा की और विपक्षी दलों पर भी जमकर निशाना साधा। केंद्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उसका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा।

अमित शाह ने देश के पहले प्रधानमंत्री पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर ने जवाहर लाल नेहरू की दो गलतियों की वजह से समस्याओं को झेला है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, जवाहर लाल नेहरू की पहली और सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। 

शाह का कहना था कि दूसरा ‘ब्लंडर’ संयुक्त राष्ट्र में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने का था। शाह ने कहा, मेरा मानना है कि इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाना चाहिए था, लेकिन अगर ले जाना था तो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 के तहत ले जाना चाहिए था, लेकिन चार्टर 35 के तहत ले जाया गया। उनके मुताबिक, नेहरू ने खुद माना था कि यह गलती थी, लेकिन मैं मानता हूं कि यह ब्लंडर था। इस बीच बीजू जनता दल के भर्तृहरि ने कहा कि इसके लिए ‘हिमालयन ब्लंडर (विशाल भूल)’ का प्रयोग किया जाता है और गृह मंत्री चाहे तो इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

शाह ने आगे कहा कि यदि जवाहरलाल नेहरू ने सही कदम उठाए होते, तो पीओके हमारा हिस्सा होता। उन्होंने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं तथा एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने पिछड़ों के आंसू पोंछे हैं। अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 में एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और 2026 तक जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।

*रवि बिश्नोई बने दुनिया के नंबर एक गेंदबाज, अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान को पछाड़ कर हासिल किया मुकाम*

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टी-20 क्रिकेट में टीम इंडिया के नए सेंसेशन रवि बिश्नोई आईसीसी रैंकिंग में टॉप पर पहुंच गए हैं।उन्होंने इस दौरान अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान को पीछे छोड़कर ये मुकाम हिसाल किया है। सिर्फ 23 साल की उम्र में रवि बिश्नोई ने ये मुकाम हासिल किया है। उन्होंने भारत के लिए 21 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 34 विकेट हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई टी-20 सीरीज़ के बाद अब आईसीसी ने ताज़ा रैंकिंग जारी की है। 23 साल के रवि बिश्नोई जो इस सीरीज़ में स्टार रहे थे, उन्हें इस रैंकिंग में बंपर फायदा हुआ है।

बिश्नोई के खाते में अब 699 अंक

रवि बिश्नोई के खाते में अब 699 अंक हो गए हैं। वह राशिद खान (692) से 7 रेटिंग पॉइंट आगे निकल गए हैं। इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर श्रीलंका के वानिदु हसरंगा (679), चौछे नंबर पर आदिल रशिद (679) और पांचवें पायदान पर महीष तीक्षणा (677) हैं। यानी टी20 इंटरनेशनल गेंदबाजों की रैंकिंग्स में टॉप-5 स्थानों पर स्पिनर्स का कब्जा है।

5 पायदान की छलांग लगाई

रवि बिश्नोई इसके साथ ही जसप्रीत बुमराह के क्लब में शामिल हो गए हैं। बुमराह भी टी20 रैंकिंग में नंबर वन गेंदबाज रह चुके है। इस तरह टी20 में भारतीय खिलाड़ियों का जलवा है। गेंदबाजों की रैंकिंग में सूर्यकुमार यादव पहले नंबर पर बने हुए हैं। आईपीएल में लखनऊ सुपर जॉयंट्रस की ओर से खेलने वाले रवि बिश्नोई पिछले सप्ताह 5वें नंबर पर थे। उन्होंने 5 पायदान की छलांग लगाते हुए नंबर वन की कुर्सी हासिल की है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों का इनाम

भारतीय क्रिकेट टीम के लेग स्पिनर रवि बिश्ननोई को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन का इनाम मिला है। रवि बिश्नोई को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई पांच मैचों की टी20 सीरीज से जबरदस्त फायदा हुआ है। इस सीरीज में बिश्नोई ने धारदार गेंदबाजी करते हुए 5 मैचों में 9 विकेट चटकाए। खास बात यह कि इस सीरीज में जमकर हुई रनों की बरसात के बीच वह नियमित तौर पर विकेट निकालने में सफल रहे। इस प्रदर्शन के लिए वह 'प्लेयर ऑफ दी सीरीज' भी चुने गए।