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इंडिया” गठबंधन को बड़ा झटका!, 6 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे नीतीश कुमार

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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को हराने के लिए बनाए गए इंडिया गठबंधन को जोर का झटका लगा है। दरअसल, इंडिया गठबंधन को बनाने और पूरे विपक्ष को एक मंच पर लाने वाले जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में होने वाली गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है।

ममता बनर्जी और अखिलेश भी नहीं होंगे शामिल

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी उठा पटक जारी है। 'इंडिया' गठबंधन में इसको लेकर बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच खबर मिल रही है कि 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे। पूरे विपक्ष को एकजुट कर इंडी गठबंधन बनाने में एकजुट की भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब इससे दूरी बनाते दिख रहे हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पहले ही बैठक में शामिल नहीं होने का इशारा कर दिया गया है। ऐसे में अगुवा भी भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार का इस बैठक में शामिल नहीं होना काफी चौंकाने वाला है।वहीं, इस बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल होंगे।

जदयू नेता यह कारण बता रहे

इधर, जदयू की ओर से सीएम नीतीश कुमार के जाने या नहीं जाने के विषय पर अब तक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, जदयू के नेता का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार को डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी है। उन्हें वायरल बुखार हुआ था। इनदिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं हो रहे। जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा इस बैठक शामिल होंगे। इधर, राजद की ओर से पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे।

विपक्षी गुट की पहली बैठक इसी साल 23 जून को पटना में सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई थी। दूसरी पिछले महीने 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। इसके बाद 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में तीसरी बैठक हुई थी। इसके बाद कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक होती रही है। वहीं, अब चौथी बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का मुद्दा उठेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस लड़ी। 'इंडिया' गठबंधन के अन्य दलों की इन चुनावों में कोई भूमिका और भागीदारी नहीं थी।

खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत, गुपचुप हुआ अंतिम संस्कार, जानें भिंडरावाले से क्या था कनेक्शन

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 खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लखबीर की हार्ट अटैक के चलते मौत हुई है।सूत्रों के मुताबिक, लखबीर सिंह रोडे की 2 दिसंबर को पाकिस्तान में हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई। खबर लीक ना हो इसके चलते चोरी छिपे पाकिस्तान में सिख रीति-रिवाज से लखबीर सिंह रोडे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखबीर सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था।

पंजाब में आतंकी गतिविधियों में रहा शामिल

लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारत के खिलाफ पंजाब में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। लखबीर सिंह रोडे भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन को पाकिस्तान से संचालित कर रहा था।

पाकिस्तान में थे लखबीर के कई ठिकाने

लखबीर सिंह रोडे ड्रोन के जरिये भारत में आरडीएक्स भेजने के अलावा कई संगीन मामलों का आरोपी है। खुफिया एजेंसियों के रिकॉर्ड के मुताबिक लखबीर के पाकिस्तान में कई ठिकाने थे। इनमें वह अलग-अलग समय में रहता था। प्रमुख ठिकानों में टाउनशिप क्षेत्र, हालौल, अमोल थियेटर लाहौर, हाउस नंबर 20, पीआईए कॉलोनी, डिफेंस लाहौर हैं।

पंजाब में तैयार कर रखा था स्लीपर सेल का नेटवर्क

लखबीर सिंह रोडे ने ड्रोन के जरिये पंजाब में टिफिन बम भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में दहशत फैलाना था। एनआईए की जांच में सामने आया था कि रोडे ने पंजाब में जबरदस्त स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार कर रखा था। 200 के करीब युवाओं को जोड़ा जा चुका था। टिफिन बम बरामद होने के बाद भी एजेंसियां काफी हिस्सा इसलिए नहीं खोज पाई हैं, क्योंकि स्लीपर सेल ने टिफिन बम एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा दिए थे और इसकी जानकारी आज तक एजेंसियों को नहीं मिल पाई है।

एनआईए ने रोडे की संपत्ति की थी सील

अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के समय रोडे जबरदस्त चर्चा में आया था। रोडे ने ही अमृतपाल सिंह को अपने गांव में पनाह दी थी। बता दें कि एनआईए ने पंजाब के मोगा के रोडे गांव में पाकिस्तान में बैठे आतंकी लखबीर सिंह रोडे की करीब 43 कनाल जमीन सील कर दी थी। एनआईए ने रोडे पर साल 2021 में लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट करने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया था।

आज लैंडफॉल करेगा चक्रवात मिचौंग, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में हालात बेकाबू, चेन्नई में अब तक 8 लोगों की मौत

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बंगाल की खाड़ी से 2 दिसंबर को उठा चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में तबाही मचा रखी है।तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में चक्रवाती तूफान मिचौंग से हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गए हैं। चक्रवाती तूफान की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भीषण बारिश की संभावना जताई है।चेन्नई में भारी बारिश और तेज हवाओं के बाद इससे संबंधित घटनाओं में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। रनवे पर पानी भर जाने की वजह से हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन भी प्रभावित हुआ और कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को ये गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया और मंगलवार की सुबह दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की संभावना है।मौसम विभाग के मुताबिक, मिचौंग आज दोपहर के बाद कभी भी आंध्र प्रदेश के बापटला से टकरा सकता है। मिचौंग तूफान समुंद्र में करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के वक्त हवा की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रह सकती है। मौसम विभाग ने चार राज्यों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इनमें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा हैं। 

तमिलनाडु के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

इस चक्रवात का असर पहले ही दक्षिण और उत्तर भारत के कई राज्यों में दिखाई दिया है। खासकर तमिलनाडु और पुडुचेरी चक्रवात की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां भारी बारिश के बाद अलग-अलग कारणों से आठ लोगों की मौत हुई है, वहीं काफी संपत्ति का भी नुकसान हुआ है।तमिलनाडु के 10 जिलों में बारिश के साथ बिजली गिरने के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार चेन्नई के साथ-साथ तिरुवेल्लूर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, रानीपेट और वेल्लोर में बारिश की संभावना है। इसके साथ ही तिरुपत्तूर, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरा और कन्याकुमारी जिलों में भी अलग-अलग स्थानों पर बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।

ओडिशा में कल बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान

ओडिशा में चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर को देखते हुए गजपति जिले के कलेक्टर ने भारी वर्षा के मद्देनजर सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को 6 दिसंबर 2023 को बंद रखने का निर्देश जारी किया है।

महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों में बारिश का अलर्ट

मिचोंग के चलते महाराष्ट्र के कई इलाकों में भी बादल छाए रहेंगे। नागपुर प्रादेशिक मौसम विभाग ने बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के निदेशक एमएम शाहू ने बताया कि मिचोंग चक्रवाती तुफान तमिलनाडु से होते हुए आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र से जा रहा है, जिसका इफेक्ट विदर्भ रिजन में भी देखने मिलेगा। इस क्षेत्र में 5, 6 और 7 दिसंबर को बादल छाए रहेंगे और भारी बारिश का अनुमान है। 

 

रेलवे ने बनाया इमरजेंसी कंट्रोल रूम

चक्रवात से संबंधित आपदा प्रबंधन के लिए भारतीय रेलवे ने मंडल और मुख्यालय दोनों स्तरों पर एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) ने एहतियाती कदम उठाते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में कुल 60 ट्रेनें रद्द कर दी हैं।

एनडीआरएफ की टीमें तैयार

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में 21 टीमें तैनात की हैं और मिचौंग के मद्देनजर आठ अतिरिक्त टीमों को रिजर्व में रखा गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को इसकी जानकारी दी गई, जिसकी बैठक यहां कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई।

*3 राज्यों में जीत के बाद देश के 12 राज्यों में BJP की सरकार, 2024 के लिए क्‍या हैं मायने?

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चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में स्पष्ट जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी इन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। इन तीनों राज्यों में जीत के बाद भाजपा अब अपने दम पर 12 राज्यों में सत्ता में होगी, जबकि दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारने के बाद तीन राज्यों में सिमट गई है।

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में पहले से ही सत्ता में है। रविवार को आए 4 राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखेगी तथा राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस से छीनने में कामयाब रही।यानी देश के 12 राज्यों में बीजेपी की हुकूमत है।इसके अलावा, भाजपा चार राज्यों - महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है।

3 राज्यों में कांग्रेस की सत्ता

वहीं, कांग्रेस अब अपने दम पर तीन राज्यों - कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में सत्ता में होगी। तेलंगाना में कांग्रेस अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर जीत की हासिल की है। कांग्रेस बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है और तमिलनाडु में शासन करने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सहयोगी है। हालांकि, वह राज्य सरकार का हिस्सा नहीं है।

देश की 41 प्रतिशत आबादी पर बीजेपी का शासन

39 साल पहले 1984 के आम चुनाव में भाजपा को केवल दो सीटें ही हासिल हुई थी, लेकिन आज वो दौर है कि पार्टी अब न केवल 12 राज्यों को नियंत्रित करती है, बल्कि यह देश की 41 प्रतिशत आबादी पर भी शासन कर रही है। राजस्थान की हार और छत्तीसगढ़ में उलटफेर से कांग्रेस की शक्ति कमजोर होती दिख रही है, इन चुनावों ने उत्तर में भाजपा की ताकत को उजागर किया है। जिसका प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।

प्रशांत किशोर ने बताया एमपी-छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी के जीत की वजह,गिनाए 4 कारण

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देश के 4 राज्यों मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न हो गए हैं। 3 दिसंबर को हुई मतगणना के परिणामों ने पूरे देश को चौंकाया, क्योंकि 3 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बहुमत से जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस ने एक ही राज्य में चुनाव जीता। चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। कोई इसे प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी तो कोई इंडिया गठबंधन की असफलता बता रहा है।इन सबके बीच चुनावी नतीजों पर प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। पीके ने नतीजों को लेकर वो चार कारण भी बताये जिससे बीजेपी सभी पर भारी पड़ी।

वोट मोदी के ग्राफ के ऊपर-नीचे होने से नहीं मिलता-पीके

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा को जो भी दल हराना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले ये समझना होगा कि उनकी ताकत क्या है ? बीजेपी को वोट लोग क्यों देते हैं ? जब तक आप उसकी ताकत को समझकर उससे बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब लोग आपको वोट क्यों देंगे ? बीजेपी को जो वोट मिलता है, वो मोदी के ग्राफ के ऊपर-नीचे होने से नहीं मिलता है।

बीजेपी को वोट मिलने का पहला कारण हिंदुत्व विचारधारा-पीके

प्रशांत किशोर कहते हैं कि बीजेपी को वोट मिलने के चार कारण हैं, पहला- हिंदुत्व जो उनकी एक विचारधारा है, इससे जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा वर्ग बीजेपी को इसलिए वोट करता है, क्योंकि उन्हें बीजेपी के हिंदुत्व वाली विचाराधार पर यकीन है। दूसरा, जो न्यू राष्ट्रवाद की बात शुरू हो गई है, जो गांव-देहात में आप सुनते हैं कि भारत विश्वगुरु बना गया है, पूरे विश्व में भारत की शान मोदी ने बढ़ा दी है। ये जो सारी बातें हैं, पुलवामा के बारे में आपने सुना होगा, इस राष्ट्रवाद की भावना की वजह से भी बीजेपी को वोट मिलता है।

बीजेपी के जीत की बड़ी वजह संगठनात्मक और आर्थिक ताकत-पीके

प्रशांत किशोर आगे दो और वजहों को भी बताते हुए कहते हैं कि बीजेपी की जीत का तीसरा कारण है एक बहुत बड़ा वर्ग केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों का है, चाहे वो किसान स्वनिधि योजना हो, आवास योजना हो, जिसकी धनराशि सीधे केंद्र सरकार लाभार्थियों को भेज रही है। चौथा, जो बीजेपी का अपना संगठन है, उसकी जो संगठनात्मक और आर्थिक ताकत है उससे भी बहुत फर्क पड़ता है। प्रशांत किशोर ने चौथी वजह बताई कि बीजेपी के संगठन की जितनी ताकत है उसके मुकाबले में अन्य पार्टियों का संगठन बेहतर होना चाहिए।

तमिलनाडु में मिचौंग तूफान का कहर, चेन्नई और आसपास के जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, एक दर्जन से अधिक उड़ानें रद्द

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चक्रवाती तूफान मिचौंग आज आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के तट से टकरा सकता है। चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव से चेन्नई और उसके आसपास के जिलों में सोमवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लगातार बारिश के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में पानी भर गया है। तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश की वजह से शहर के कई इलाकों की बिजली गुल हो गई तथा इंटरनेट सेवा बाधित हुई है। साथ ही भारी बारिश के बीच सोमवार को 33 उड़ानें चेन्नई से यहां केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) की ओर मोड़ दी गईँ।तूफान के कारण सरकार ने एक दिन के लिए प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।तूफान के कारण तमिलनाडु के महाबलीपुरम बीच पर समुद्र का स्तर 5 फीट तक बढ़ गया है।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मिचौंग तूफान आज देर शाम से कल सुबह के बीच आंध्रप्रदेश के नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच तट से टकराने वाला है। फिलहाल ये तूफान चेन्नई से तकरीबन 130 किलोमीटर दूर है जिसके चलते चेन्नई और उसके आस पास के जिलों में तेज हवाओं के साथ जबरदस्त बारिश हो रही है। भारी बारिश की चेतावनी के चलते तमिलनाडु, पुदुचेरी और आंध्रप्रदेश के कई जिलों में आज अवकाश घोषित किया गया है। प्रभावित इलाकों में फ्लाइट और ट्रेन की आवाजाही पर भी असर देखने को मिल रहा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते जल भराव के हालात पैदा हो गए हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवाती तुफान मिचौंग को देखते हुए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 12 घंटे का अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के मुताबित ओडिशा के दक्षिण हिस्सों में भी भारी बारिश हो सकती है। खराब मौसम को देखते हुए तमिलनाडु में पब्लिक हॉलिडे का ऐलान कर दिया गया है। चक्रवात से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के सीएम से बात की और हर संभव मदद के लिए आश्वासन दिया है।

साइक्लोन मिचौंग पर आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र का कहना है, यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान है जो चेन्नई से 90 किमी उत्तर पूर्व में है। यह आंध्र प्रदेश तट के समानांतर चलेगा। आंध्र प्रदेश में हवा की गति आज से 90-100 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। हमने मछुआरों को 6 दिसंबर तक समुद्र में न जाने की हिदायत दी है। उत्तरी तटीय टीएन और एपी और यनम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

चार राज्यों में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, कहा- यह जनता की हार नहीं, कांग्रेस की हार है

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बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती है। तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद ममता बनर्जी ने बड़ी बयान दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने इस हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह जनता की हार नहीं है, बल्कि कांग्रेस की हार है।उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अगर सीट शेयरिंग कर ली गई होगी तो नतीजे ऐसे नहीं होते।

गठबंधन दल ने कांग्रेस का 12 फीसदी वोट काट दिया-ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह ‘कांग्रेस की हार है, लोगों की नहीं। कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है। वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जीत सकते थे। कुछ वोट विपक्षी गठबंधन इंडिया की पार्टियों ने काटे। यह सच है, हमने सीट-बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था। वोटों के बंटवारे के कारण कांग्रेस हार गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि गठबंधन दल ने कांग्रेस का 12 फीसदी वोट काट दिया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि चुनाव में लोकतंत्र ध्वस्त हो गया।

हम गलतियों से सीखेंगे- ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा कि विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है। अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था बनेगी, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा और गलतियों को सुधारेगा। उन्होंने कहा, हम गलतियों से सीखेंगे।

इंडिया गुट की पार्टियों ने कांग्रेस की आलोचना की

ममता बनर्जी ने ही नहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया गुट के कई सहयोगियों ने चुनावों से पहले खुद को दूर करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। जनता दल-यूनाइटेड के केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस ने गठबंधन की अन्य पार्टियों को नजरअंदाज किया, लेकिन वह अपने दम पर जीतने में असमर्थ रही। केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता पिनाराई विजयन ने कहा कि हिंदी पट्टी में बीजेपी से मुकाबला करते समय साथ मिलकर लड़ना जरूरी है।

बता दें कि केवल मध्य प्रदेश में ही समाजवादी पार्टी ने 69 सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जीत नहीं पाए, लेकिन किसी न किसी रूप में उसने कांग्रेस उम्मीदवार को नुकसान पहुंचाया और बीजेपी को फायदा। जिस तरह से चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी हुई थी। उससे भी बीजेपी विरोधी पार्टियों की साख पर नुकसान पहुंचा।

चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे में कहीं 16 तो कहीं 28 वोटों से रहा हार जीत का अंतर, पढ़िए, मतगणना के दिलचस्प आंकड़े

राजस्थान-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सबसे अधिक सीट जीती, वहीं कांग्रेस ने तेलंगाना में अधिक सीटों पर जीत दर्ज की

देश के चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। अब इन चारों राज्यों में सरकार बनाने की कवायद शुरू होगी। एक तरफ जहां तेलंगाना में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में जीत कर अपना दमखम दिखाया। हालांकि इन चारों राज्यों में कई ऐसी सीटें थीं, जहां महज कुछ वोटों के अंतर से हार-जीत हुई तो वहीं कुछ सीटों पर रिकॉर्डतोड़ वोटों से उम्मीदवारों ने जाती हासिल की।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में महज 16 वोट से कांग्रेस के प्रत्याशी शंकर ध्रुवा चुनाव हार गए। वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर-2 विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश मेंदोला ने 1.07 लाख वोटों से जीत हासिल की, जो कि इन चार राज्यों के 638 सीटों पर बड़ी जीत में शामिल रही।

छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जीत

 रायपुर सिटी दक्षिण में भाजपा के उम्मीदवार बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार डॉ. महंत रामसुंदर दास को 67,719 वोटों के अंतर से हराया। बृजमोहन अग्रवाल को 1,09,263 वोट मिले।

छत्तीसगढ़ की सबसे करीबी जीत

कांकेर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आशा राम नेताम ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी शंकर ध्रुवा को केवल 16 वोटों से चुनाव हरा दिया। आशा राम नेताम को 67,980 वोट मिले।

मध्य प्रदेश की बड़ी जीत

 इंदौर-2 विधानसभा सीट पर भाजपा के रमेश मेंदोला ने कांग्रेस पार्टी के चिंटू चौकसे को 1,07,047 वोटों के अंतर से हराया। उन्होंने कुल 1,69,071 वोट मिले।

मध्य प्रदेश की सबसे करीबी जीत

इसके अलावा शाजापुर में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण भीमावद ने कांग्रेस के हुकुम सिंह कराड़ा को महज 28 वोटों को अंतर से हराया। अरुण को कुल 98,960 वोट मिले थे।

राजस्थान की सबसे बड़ी जीत

 राजस्थान के विद्याधर नगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी दीया कुमारी ने कांग्रेस पार्टी के सीताराम अग्रवाल को 71,368 वोटों के अंतर से हराया. दीया कुमारी को 1,58,516 वोट मिले।

राजस्थान की सबसे करीबी जीत

 कोटपूतली विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार हंसराज पटेल ने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव को 321 वोटों से हराया। उन्हें 67,716 वोट मिले।

तेलंगाना की सबसे बड़ी जीत

 तेलंगाना के कुतुबुल्लापुर सीट पर बीआरएस उम्मीदवार केपी विवेकानंद ने भाजपा के कुना श्रीशैलम गौड़ को 85,576 वोटों के अंतर से हराया है। केपी विवेकानंद को 1,87,999 वोट मिले हैं।

तेलंगाना की सबसे करीबी जीत- तेलंगाना के चेवेल्ला विधानसभा सीट पर बीआरएस के यादैया काले ने कांग्रेस पार्टी के बीम भारत पामेना को महज 268 वोटों से हराया है।

भारत के 28 राज्यों में से 12 पर कमान संभाल रही भाजपा, तीन राज्यों में सिमटी कांग्रेस, पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकसभा में हैट्रिक लगाने की तैयार



राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान एक शानदार जीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राजनीतिक पदचिह्न का काफी विस्तार किया है, अब वह भारत के 28 राज्यों में से 12 पर कमान संभाल रही है। यह निर्णायक परिणाम भाजपा को प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करता है, जबकि कांग्रेस पार्टी के पास केवल तीन राज्यों - तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश - पर नियंत्रण रह गया है।

भाजपा की राजनीतिक बढ़त चार अतिरिक्त राज्यों - महाराष्ट्र, नागालैंड, सिक्किम और मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में उसकी भागीदारी से और अधिक रेखांकित होती है। 2014 से 3 दिसंबर 2023 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से भाजपा के राजनीतिक मानचित्र का तेजी से विस्तार हुआ है। दिसंबर 2023 तक, भाजपा उन क्षेत्रों पर शासन करती है जो भारत के 58% भूमि क्षेत्र का उल्लेखनीय हिस्सा हैं, जिसमें 57% आबादी है। इसके विपरीत, कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों में देश का 41% भूभाग शामिल है और वहां 43% आबादी निवास करती है।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा की हालिया जीत आगामी 2024 के आम चुनावों के लिए एक रणनीतिक प्रस्तावना के रूप में काम करती है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के जवाब में, राज्य चुनावों में भाजपा की "हैट-ट्रिक" को 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की अपेक्षित सफलता का अग्रदूत घोषित किया। उन्होंने चुनावी नतीजे को भाजपा के एजेंडे के स्पष्ट समर्थन के रूप में चित्रित किया, जो आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने, सुशासन सुनिश्चित करने और पारदर्शिता के सिद्धांतों को बनाए रखने पर केंद्रित था।

इन महत्वपूर्ण राज्यों में विजयी जीत न केवल भाजपा की स्थिति को मजबूत करती है बल्कि इसकी नीतियों और नेतृत्व की प्रतिध्वनि को भी दर्शाती है। पार्टी के वैचारिक आधार और रणनीतिक राजनीतिक पैंतरेबाज़ी ने स्पष्ट रूप से मतदाताओं के साथ तालमेल बिठाया है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी जीत में तब्दील हुआ है।

जैसे-जैसे राजनीतिक मानचित्र विकसित होता जा रहा है, भाजपा का गढ़ बढ़ता जा रहा है, जिससे 2024 के आम चुनाव में कड़े मुकाबले की जमीन तैयार हो रही है। बड़ी संख्या में राज्यों में पार्टी का प्रभुत्व इसे एक मजबूत दावेदार के रूप में खड़ा करता है, जबकि कांग्रेस पार्टी को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सामने आ रहा राजनीतिक परिदृश्य एक दिलचस्प चुनावी लड़ाई का वादा करता है, जिसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों गतिशीलता भारत के राजनीतिक भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

पूरी तरह कांग्रेस मुक्त हुआ इंदौर, सभी 9 विधानसभा सीटों पर BJP को मिली रिकॉर्ड जीत

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में इंदौर की सभी 9 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के नेताओं ने जीत दर्ज की है। इससे पहले 1993 में बीजेपी ने इंदौर जिले में सभी सीटें जीती थीं। बीजेपी के नेताओं ने रिकार्ड जीत दर्ज की है। विधानसभा दो से रमेश मेंदोला ने 1 लाख सात हजार मतों से जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाया है। 

वहीं बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहली बार विधानसभा चुनाव में 50 हजार से अधिक वोटों से जीते हैं। पिछली बार मतलब 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास इंदौर जिले में 9 में से चार सीटें थी। उस चुनाव में संजय शुक्ला, जीतू पटवारी, तुलसी सिलावट एवं विशाल पटेल जीते थे। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सिलावट बीजेपी में सम्मिलित हो गए थे तथा वे उपचुनाव में जीत गए थे। 

वही इस बार कांग्रेस का क्लीन स्विप हो गया है तथा 9 में से 9 सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के 3 विधायक 50 हजार मतों के अंतर से जीते हैं। कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला एवं तुलसी सिलावट को जनता ने बड़ी जीत दिलाई है। सबसे कम मतों के अंतर से गोलू शुक्ला जीते हैं जिन्हें 14757 वोट ज्यादा मिले हैं।