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चीन के बाद ब्रिटेन ने बढ़ाई टेंशन, इंसान में मिला सूअरों में फैलने वाला वायरस

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चीन में एक बार फिर एक महामारी फैल रही है। इस महामारी ने दुनिया को दहशत में डाल रखा है। इस बीच ब्रिटेन में एक टेंशन बढ़ाने वाला मामला सामने आया है।दरअसल, ब्रिटेन में स्वाइन फ्लू के एच1एन2 वायरस का केस मिला है। सूअर में मिलने वाले इस स्ट्रेन के इंसान में पाए जाने का ये ब्रिटेन में पहला मामला है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने इसकी पुष्टि की है। 

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) का कहना है कि ब्रिटेन में पहली बार किसी इंसान में स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन का पता चला है। यह शख्स सांस लेने में दिक्कत की वजह से टेस्ट के लिए आया था।उत्तरी यॉर्कशायर में सांस से जुड़ी परेशानी होने पर इस शख्स का टेस्ट किया गया था। टेस्ट मे उसके स्वाइन फ्लू स्ट्रेन एच1एन2 से संक्रमित होना पाया गया।स्वाइन फ्लू के इस स्ट्रेन का जिस व्यक्ति में पता चला है, उसका सूअरों के साथ काम करने या कोई संपर्क रहने की बात भी सामने नहीं आई है। उसे स्वाइन फ्लू के हल्के लक्षण हुए थे और वह पूरी तरह से ठीक हो गया है।हालांकि, वह शख्स अब पूरी तरह से ठीक है लेकिन उस पर लगातार नजर रखी जा रही है।

अभी ये पता नहीं चला है कि ये स्ट्रेन कितना संक्रामक है। यूके में इसके और कितने मामले हो सकते हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ नहीं कहा है। इस स्ट्रेन से महामारी फैलने की संभावना पर यूकेएचएसए ने कहा कि इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दीबाजी होगी।यूकेएचएसए ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी लगातार संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं लेकिन अभी इसका स्रोत नहीं मिला है। यूकेएचएसए में निदेशक मीरा चंद ने कहा, फ्लू की नियमित निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग जारी रखने की वजह से हम इस वायरस का पता लगाने में कामयाब रहे हैं।

बता दें कि स्वाइन फ्लू पैंडेमिक ने 2009 में लाखों लोगों को संक्रमित किया था। यह एक वायरस के कारण हुआ था जिसमें सूअरों, पक्षियों और इंसानों में प्रसारित होने वाले वायरस का जेनेटिक शामिल था।

इधर चीन में निमोनिया तेजी से पैर पसार रहा है। अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मगर चीन इसको लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं जारी कर रहा है, जिसे ये पता चल सके कि अभी तक इस रहस्मयी बुखार से कितने लोग प्रभावित हुए हैं और यह निमोनिया चीन के कितने राज्यों तक फैल चुका है। चीन में ज्यादातर बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक दिन में सात हजार से ज्यादा बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।

कश्मीर में छात्रों ने मनाया वर्ल्डकप में भारत की हार का जश्न, यूएपीए के तहत केस दर्ज, सात गिरफ़्तार

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क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की हार का जश्न मनाने और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने सात छात्रों को गिरफ्तार किया है। विश्वविद्यालय के सात छात्रों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार सभी आरोपी शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के छात्र हैं। सातों आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का आरोप लगाया गया था।

ये केस यूनिवर्सिटी के ही एक छात्र की शिकायत पर दर्ज हुआ है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सातों को एक गैर-कश्मीरी छात्र की शिकायत के बाद एक छात्रावास में जश्न मनाने के कुछ दिनों बाद उठाया गया था। छात्र का आरोप है कि क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम जीती तो ये कश्मीरी छात्र पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे और शिकायत करने वाले छात्र को धमका रहे थे।इस बात को लेकर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में कई छात्रों की एक-दूसरे से तनातनी हो गई थी।

अपनी शिकायत में, छात्र ने आरोप लगाया है कि जोरदार जश्न ‘जीवे जीवे पाकिस्तान (पाकिस्तान लंबे समय तक जीवित रहें)’ के नारे और धमकियों ने उसके और जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले अन्य लोगों में डर पैदा कर दिया। शिकायतकर्ता कृषि विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहा है। वह अन्य राज्यों के कुछ ही छात्रों में से हैं। ज्यादातर जम्मू-कश्मीर से हैं।

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान तौकीर भट, मोहसिन फारूक वानी, आसिफ गुलजार वार, उमर नजीर डार, सैयद खालिद बुखारी, समीर राशिद मीर और उबैद अहमद के रूप में की है।

बता दें कि वर्ल्ड कप-2023 का फाइनल 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। टीम इंडिया को 6 विकेट से हार का सामना पड़ा था। टूर्नामेंट में टीम इंडिया लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल तक का सफर तय की थी। वो तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के बेहद करीब थी। ये उसका वर्ल्ड कप में चौथा फाइनल था।

आज शाम तक बाहर आ सकते हैं मजदूर, अस्पताल में बेड और परिजनों को तैयार रहने को कहा गया

#uttarkashi_tunnel_rescue_operation

उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। फिलहाल मैन्युअली खुदाई की जा रही है।उत्तरकाशी में रेस्क्यू का आखिरी राउंड चल रहा है।अब 2-3 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है।उम्मीद है कि कुछ देर में खुशखबरी आ सकती है। करीब 17 दिन से मलबे में फंसे मजदूरों और परिजनों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज देर शाम तक सभी 41 मजदूर टनल से बाहर आ सकते हैं।मजदूरों के परिजनों को तैयार रहने को कहा गया है। उन्हें अपने परिजनों के कपड़े और दूसरे जरूरी सामान लेकर टनल के बाहर आने को कहा गया है।

रेस्क्यू टीम अब श्रमिकों से केवल तीन मीटर ही दूर है। कर्नल राहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग 53.9 मीटर तक हो गई है। 57 मीटर पर ब्रेकथ्रू होने की उम्मीद है। वहीं, माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि हम अभी भी खुदाई कर रहे हैं। हमें कुछ और मीटर तक जाना है। हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बाकी हैं।

अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं। वहीं, मजदूरों के परिवार वालों से कहा गया है कि वह मजदूरों के कपड़ों समेत जरूरी सामान वाले बैग तैयार रखें। हादसे की जगह सीएम धामी भी मौजूद हैं। धामी ने पीएम मोदी को रेस्क्यू ऑपरेशन की अपडेट दी है। सीएम धामी ने ने बताया है कि फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।मौके पर डॉक्टर की टीम भी मौजूद है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों को सीधा यहीं लाया जाएगा।

सीएम पुष्कर धामी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सिलक्यारा पहुंचकर टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। टनल में फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों को श्रमिक भाइयों से निरंतर संपर्क में रहने के निर्देश दिए। सभी श्रमिक स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। बाबा बौख नाग जी से सभी श्रमिक भाइयों के सकुशल बाहर निकालने हेतु संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की शीघ्र सफलता की कामना करता हूं।

तेलंगाना में आज थम जाएगा प्रचार का शोर, 30 नवंबर को होना है मतदान

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तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर 30 नवंबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले चुनाव प्रचार आज थम जाएगा। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जी जान लगा रही है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सत्ता में आने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है।इसको लेकर सभी पार्टियों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है। एक ओर जहां बीजेपी की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमान संभाल रखी थी, वहीं बीआरएस को धार देने में केसीआर जुटे रहे।तो कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है।

कांग्रेस ने लगाया जोर

आखिरी वक्त में तमाम सर्वे तेलंगाना में केसीआर और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस इसमें कोई कोर कसर नहीं चोड़ना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी आज प्रचार के आखिरी दिन तेलंगाना में जनसभा और रोड शो करने जा रहे हैं। प्रियंका आज जहीराबाद में जनसभा करेगी। इसके बाद दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक वह रोड शो और पब्लिक मीटिंग में हिस्सा लेगी। राहुल गांधी आज एक रोड शो और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। हैदराबाद के नामपल्ली में उनकी जनसभा होगी। इसे बाद दोपहर चौरास्ता, मल्काजगिरि के आनंद बाग तक रोड शो होगा। 

बीजेपी के लिए महाराष्ट्र से दो बड़े नाम

वहीं बीजेपी की तरफ से कई बड़े नेता आज चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस देवरकोंडा में एक जनसभा करेंगे। जबकि उनकी दूसरी जनसभा नागार्जुन सागर में दोपहर में होगी। दूसरी और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति वारंगल पश्चिम में एक रोड शो करेंगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने महात्मा गांधी से की पीएम मोदी की तुलना, बोले-इस शताब्दी के युग पुरूष

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की है और दोनों के बीच समानता बताईं है। धनखड़ ने कहा कि गांधी बीती सदी के महापुरुष थे जबकि पीएम मोदी युगपुरुष हैं।उन्होंने अपने देश के लिए किए गए विकास कार्यों का सदर्भ देते हुए पीएम मोदी की तारीफ में कई बातें कही। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है।

मुंबई में राजचंद्र आत्मकल्याण दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफों के पूल बांधे हैं। पीएम मोदी की महात्मा गांधी से तुलना करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को इस शताब्दी के युग पुरुष बताया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे और इस शताब्दी के युग पुरुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह व अहिंसा से अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया। पीएम मोदी भी देश को उस रास्ते पर लाए हैं, जो हमारा सदियों से सपना था। धनखड़ ने सोमवार को मुंबई में जैन फकीर और दार्शनिक राजचंद्र जयंती के अवसर पर आयोजित आत्मकल्याण दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान व संस्कृतिक हमारी ताकत है। निया के महान देशों के लोग शांति की खोज में हमारे देश में आते हैं। उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान और महिलाओं को दिए गए आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा आज राजचंद्र और महात्मा गांधी साक्षात रूप में मौजूद होते तो वे भी इन कार्यक्रमों की सराहना करते।

अब कांग्रेस पार्टी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये तो चापलूसी की भी हद है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान की कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी से करना "शर्मनाक" है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में मनिकम टैगोर ने लिखा, ''अगर आप महात्मा गांधी से तुलना करते हैं तो यह शर्मनाक है सर, हम सभी जानते हैं कि चाटुकारिता की एक सीमा होती है, अब आप उस सीमा को पार कर चुके हैं और अपनी कुर्सी और पद पर बने रहने के लिए और चाटुकार होना जरूरी है, इत बात को बढ़ाओ मत दीजिए सर।

अब तक 52 मीटर तक मैन्युअल ड्रिलिंग का काम पूरा, रेस्क्यू ऑपरेशन पर मंडराया खराब मौसम का खतरा

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उत्तराखंड सुरंग हादसे का आज 17वां दिन है।इस सुरंग हादसे में कुल मिलाकर 41 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने का काम जारी है।टनल में फंसी अमेरिकन ऑगर मशीन के मलबे को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद अब मैन्युअल तरीके से सुरंग खोदकर मजदूरों के पास पहुंचने की तैयारी है। स्क्यू ऑपरेशन में तमाम तरह की मुश्किलें भी सामने पेश आ रही हैं। जैसे मौसम का संकट है, इसके साथ ही ऑगर मशीन जो उम्मीद की किरण थी उसमें भी तकनीकी खामी आ गई थी। मौजूदा समय में रैट माइनर्स के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। इसके साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग का भी काम किया जा रहा है।दिवाली के पर्व वाले दिन हुए हादसे में 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंसे रह गए थे। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों ने अब तक हार नहीं मानी है और सरकार की ओर से उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अंदर की जा रही मैन्युअल ड्रिलिंग का पहला वीडियो सामने आया है। मंगलवार सुबह न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किया गया। जबकि मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है, पाइप को धकेलने के लिए बरमा मशीन का उपयोग किया जा रहा है।एएनआई ने बताया कि अब तक लगभग दो मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। 41 मजदूरों को बचाने में मदद के लिए बुलाए गए रैट-होल खनन विशेषज्ञों ने सोमवार को मलबे के माध्यम से मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की।

अगले 24 घंटे में मिल सकती है कामयाबी

भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है जो चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है। अब इन्हीं के भरोसे सुरंग के 41 मजदूरों की जिंदगी है। ये लोग आगे की खुदाई हाथ से कर रहे हैं जिसके लिए इनके पास हथौड़ा, साबल और खुदाई करने वाले कई टूल्स हैं।टनल में रैट माइनर्स टीम ने रात भर किया। मैनुअल ड्रिलिंग 3 मीटर पाइप आगे डाला गया लेकिन कुछ लोहे की रॉड आने से अभी अवरोध लोहे की रोड काटने का काम जारी रैट माइनर्स को लगभग 7 मीटर और मैनुअल ड्रिल करना है अगले 24 घंटे या उससे कम समय में कामयाबी मिल सकती है।

मजदूर अब सिर्फ 5-6 मीटर दूर

माइक्रो टनलिंग के एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बीती रात हमने सफलता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया है। हम 50 मीटर की दूरी तक पहुंच चुके हैं। अब 5 से 6 मीटर आगे जाना है, बीती रात किसी तरह की परेशानी नहीं आई। अभी तक की प्रगति पूरी तरह संतोषजनक है।

22 लाख दीप से देव दीपावली पर जगमग हुई महादेव की नगरी काशी, अद्भुत पल के साक्षी बने कई देशों के राजदूत भी, देवलोक जैसा दिखा नजारा

 देवाधिदेव महादेव की काशी के घाटों पर सोमवार की शाम की बेला में कार्तिक पूर्णिमा पर जब करीब 22 लाख दीप एक साथ जले तो यहां भी देवलोक सा दृश्य लगा। कार्तिक मास की आखिरी सांझ में अद्भुत, अलौकिक, अनुपम छटा देख इस पल के साक्षी बने लोगों का रोम-रोम पुलकित हो उठा। मान्यता है कि काशी भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी है। ऐसी ही शिव की काशी के आंगन में देवताओं ने सोमवार को देव दीपावली मनाई। इसके साक्षी देश विदेश के आम नागरिकों के साथ ही 70 देशों के राजदूत, 150 डेलीगेट्स और उनके परिवारीजन बने। 

22 लाख दीपों से जगमग काशी

 काशी नगरी में लगभग 22 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए। काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर ही 12 लाख से अधिक दीप जलाए गए। इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर से बने थे। दीप पश्चिमी तट घाटों पर और पूर्वी तट की रेत पर जलाये गए थे। काशी के कुंडों, सरोवरों, गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव, वरुणा नदी के शास्त्री घाट आदि स्थानों को लाखों दीयों से जगमग किया गया। देव दीपावली पर सरकार की ओर से 12 लाख ( एक लाख गोबर के दीप), स्वयंसेवी संस्था और जन सहभागिता से कुल 22 लाख से अधिक दीपों से काशी रोशन हुई।

पहला मौका रहा, जब 70 देशों के राजदूत व डेलीगेट्स बने साक्षी

यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में बड़ी संख्या में कई देशों के राजनायिकों ने इस अलौकिक, अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण को अपनी आंखों के सामने देख खुद को गौरवान्वित महसूस किया। योगी सरकार इस वर्ष से देव दीपावली को प्रांतीय मेले का दर्जा दे चुकी है। इससे देव दीपावली की आभा पूरी दुनिया में फ़ैल रही है। गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करकमलों से देव दीपावली पर पहला दीपक जलाकर न सिर्फ इसका शुभारंभ किया गया, बल्कि देवताओं का स्वागत भी किया गया। 

धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी में सोमवार की गोधूलि बेला में भव्य देव दीपावली मनाई गई। सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी जाह्नवी के तट पर लाखों दीपों ने अद्भुत और अलौकिक छटा बिखेरी। काशी के धनुषाकार 85 घाटों पर मानो आकाशगंगा के सितारे उतर आए हों। पूरी काशी दीपों की रोशनी में नहाई दिख रही थी। सभी घाटों पर शंखनाद, भव्य महाआरती और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत हुआ। काशी के चेत सिंह घाट पर लेजर शो और गंगा पार क्रैकर्स शो का अद्भुत नजारा दिखा। योगी सरकार देव दीपावली को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेहमानों का स्वागत किया और इनके साथ क्रूज़ पर सवार होकर देव दीपावली की अद्भुत छटा भी देखी। 

 

धर्म व अध्यात्म के साथ राष्ट्रीयता

देव दीपावली पर काशी के घाटों की श्रृंखला अलग-अलग रंग बिखेरती दिखी। कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो गंगा पार रेत पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो का देशी और विदेशी सैलानियों ने आनंद लिया। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद के साथ आध्यात्मिकता व सामाजिकता की भी झलक दिखी। दशाश्वमेध घाट की महाआरती रामलला को समर्पित रही। भक्तों को यहां रामलला व राम मंदिर की झलक देखने को मिली। दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। भारत के अमर वीर योद्धाओं को 'भगीरथ शौर्य सम्मान' से सम्मानित भी किया गया। 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं ऋधि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा और आरती की, यह नारी शक्ति का संदेश भी देती रही। 

परंपरा 

काशी के घाटों पर एक साथ 12 लाख (जन सहभागिता से 21 लाख) दीयों के प्रज्जवलित होने से अलौकिक समा तो बंधा ही साथ ही चेत सिंह घाट पर साउंड एंड लाइट शो विद प्रोजेक्शन शो के माध्यम से पौराणिक काशी और भगवान शिव के चित्रात्मक जानकारी सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, घाटों पर फसाड लाइट, सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक तिरंगे स्पाइरल झालरों से सजाया गया। काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया। इसके अलावा शहर के छह प्रमुख स्थानों पर घाटों पर महाआरती का सजीव प्रसारण किया गया।

 

काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर लेज़र शो, 11 क्विंटल फूलों से सजा काशी विश्वनाथ धाम

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को जिस तरह उद्घाटन के समय सजाया गया था, वैसे ही देव दीपावली पर 11क्विंटल फूलों से सजाया गया। गंगा द्वार पर लेज़र शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधी जानकारी लेज़र शो के माध्यम से दिखाई गई। 

जल, थल और नभ में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था

देव दीपावली पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों को 8 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटा गया था। कई चक्र में सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे। घाटों, नदियों और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमरजेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले से ही तैयार किया गया था। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, एंटी रोमियो स्कवॉयड आदि की तैनाती की गई थी। गंगा में नावों से चलने के लिए दोनों दिशाओं से लेन निर्धारण किया गया था। नावों पर सुरक्षा के उपकरण, नाविकों को अधिक सवारी और नशा न करके नाव चलने की हिदायत दी गई थी। एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवान बोट, अत्याधुनिक उपकरणों और चिकित्सकों की टीम के साथ वाटर एम्बुलेंस लेकर तैनात थे।

केंद्र व प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी रहे मौजूद 

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, मंत्री अनिल राजभर, दयाशंकर मिश्र 'दयालु', रवींद्र जायसवाल आदि भी श्रद्धा निवेदित करने पहुंचे।

अब बिना वीजा के घूम सकेंगे मलेशिया, 1 दिसंबर से शुरू होगी सुविधा, 30 दिनों तक रह सकेंगे

# malaysia_to_allow_visa_free_entry_to_indian_nationals

क्या आप विदेश घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं। तो खुश होने वाली ये खबर आपके लिए ही है।दरअसल, मलेशिया ने भारतीय नागरिकों को एक महीने देश में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा दी है। इस बात की घोषणा रविवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने की। उन्होंने कहा कि मलेशिया में 1 दिसंबर से भारत और चीन के नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री मिलेगी।तो है ना भारतीय पर्यटकों के लिए ये खुशखबरी ?

मलेशिया इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए ऐसा कर रहा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि वर्तमान में खाड़ी देशों और तुर्किये एवं जॉर्डन सहित अन्य पश्चिम एशियाई देशों को यह सुविधा प्राप्त है तथा अब यह भारत और चीन को भी दी जाएगी। देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'बरनामा' के अनुसार, इब्राहिम ने साथ ही कहा कि वीजा छूट के दौरान कड़ी सुरक्षा जांच की जाएगी। इब्राहिम देश के वित्त मंत्री भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'मलेशिया आने वाले सभी पर्यटकों और आगंतुकों की प्रारंभिक जांच की जाएगी। सुरक्षा एक अलग मामला है। यदि किसी व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड है या किसी से आतंकवाद का खतरा है तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अभी मलयेशिया में सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, तुर्की, जॉर्डन के नागरिकों को यह सुविधा मिलती है। अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है। मलेशिया ने भारतीय नागरिकों को 30 दिनों के लिए मुफ्त वीजा देने की बात कही है।इससे पहले श्रीलंका और थाईलैंड ने भी भरतीयों के लिए वीजा फ्री कर दिया था। श्रीलंका ने भारत, चीन, रूस, मलेशिया, जापान, इंडोनेशिया और थाईलैंड के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश पहल शुरू की है, जो 31 मार्च 2024 तक लागू करेगी। थाईलैंड ने भी भारत एवं ताइवान के लोगों को यह छूट दी है, जो 10 मई, 2024 तक जारी रहेगी।

इससे पहले भी कई देशों ने भारत के लिए मुफ्त वीजा की व्यवस्था की है। मलेशिया की घोषणा से पहले ही 57 देशों में भारतीय लोगों के लिए या तो वीजा फ्री एंट्री है या फिर वीजा ऑन अरइवल की सुविधा है। जिसमें फिजी, ईरान, जॉर्डन,ओमान, कतर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, भूटान, मकाओ,मालदीव, म्यांमार, नेपाल समेत अन्य देश हैं।

चीन में फैल रही नई महामारी या कोरोना का नया वेरिएंट? एक बार फिर दहशत में दुनिया

#pneumonia_cases_are_spreading_in_china 

कोविड महामारी के बाद अब एक बार फिर चीन में फैल रही एक नई बीमारी ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ हफ्तों में वहां निमोनिया के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर बच्चों में, बड़ी संख्या में वहां बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप का केंद्र बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत हैं, जहां अस्पतालों को भारी संख्या में बीमार बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है।यह स्थिति चीन में कोविड-19 के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है।ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं यह वुहान वायरस का प्रकोप तो नहीं है? यानी कहीं इस महामारी की वजह कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं है?

अगस्त 2023, चीन ने कोरोना लॉकडाउन में 3 साल रहने के बाद सारी पाबंदियां हटा लीं। एक महीने बाद यानी अक्टूबर में ही यहां एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है। ये चीन के एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। डब्ल्यूएचओ जवाब मांग रहा है, लेकिन चीन शांत है।

चीन कोरोना की तरह ही इस बीमारी को लेकर भी डेटा रिलीज नहीं कर रहा है। डब्ल्यूएचओ कई बार चीन सरकार से इस बीमारी के बारे में पूछ चुका है। चीनी ऑफिशियल अथॉरिटी इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रही है।कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं। एक तरह से चीन में फैल रही बीमारी को निमोनिया बताया जा रहा है। ये बीमारी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं।

डब्ल्यूएचओ की सख्ती के बाद चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को एक टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान अनुरोधित डेटा प्रदान किया। इससे अक्टूबर के बाद से जीवाणु संक्रमण, आरएसवी, इन्फ्लूएंजा और सामान्य सर्दी वायरस सहित बीमारियों के कारण बच्चों के अस्पताल में प्रवेश में वृद्धि देखी गई। इन सबके बीच डब्लूएचओ को चीन से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर फिलहाल कुछ भी डब्लूएचओ कहने की स्थिति में नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बच्चों में सांस की बीमारी के इन रिपोर्ट किए गए मामलों के जोखिम का सही आकलन करने के लिए फिलहाल बहुत कम जानकारी है।

सभी बंधकों की वापसी और आतंकियों का विनाश, युद्ध नहीं रुकेगा..', इजराइल का स्पष्ट रुख, इधर, संघर्षविराम बढ़ाने के लिए गिड़गिड़ा रहा 'हमास'

करीब डेढ़ महीने तक चले इजराइल-हमास संघर्ष पर कुछ दिनों का विराम लगा है, जिसमे दोनों तरफ से बंधक रिहा किए जा रहे हैं। इस दौरान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के शासन वाली गाजा पट्टी का दौरा किया और इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष विराम के बावजूद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा। बता दें कि, इज़राइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच युद्धविराम समझौता 24 नवंबर, 2023 को शुरू हुआ। पहले दिन, हमास ने 24 बंधकों को रिहा कर दिया, जिनमें 13 इज़राइली, 10 थाईलैंड से और एक फिलीपींस से था।

तीसरे दिन, अतिरिक्त 17 लोगों को हमास द्वारा रिहा किया गया, जिनमें 14 इज़रायली और 3 थाई नागरिक थे। बंधकों को गाजा अस्पताल में रेड क्रॉस इंटरनेशनल सोसाइटी के स्वयंसेवकों को सौंप दिया गया, जिन्होंने फिर उन्हें इजरायली सुरक्षा बलों (IDF) को सौंप दिया। कतर ने इस युद्धविराम में मध्यस्थता की अहम भूमिका निभाई है, जिसके परिणामस्वरूप हमास द्वारा 50 बंधकों को रिहा किया गया, वहीं इजराइल की तरफ से 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया। कुछ लोगों के घर लौटने के बावजूद, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि 183 व्यक्तियों को अभी भी हमास ने बंदी बना रखा है, जिनमें 18 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं।

बता दें कि, फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने 26 नवंबर, 2023 को युद्धविराम आगे बढ़ाने की मांग की थी, मगर इज़राइल ने हमास पर 10 बंधकों की दैनिक रिहाई पर स्वीकृति की शर्त रखी। इस बीच, प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने गाजा पट्टी का दौरा किया और इजरायल के नियंत्रण पर जोर दिया और कहा कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता तब तक युद्ध जारी रहेगा। सैनिकों को संबोधित करते हुए, नेतन्याहू ने युद्ध में तीन लक्ष्यों को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि, सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी, हमास का विनाश, और यह सुनिश्चित करना कि गाजा से इज़राइल को कोई और खतरा न हो। उन्होंने इज़राइल के दृढ़ संकल्प पर जोर देते हुए कहा कि, "हमें कोई नहीं रोक सकता। हमारे पास ताकत है, और हम अपने लक्ष्य हासिल करेंगे।" चार दिवसीय युद्धविराम के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि इज़राइल हमास के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा, जैसा कि नेतन्याहू की आतंकवादी संगठन के खिलाफ चल रहे संघर्ष के प्रति प्रतिबद्धता से संकेत मिलता है।