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निक्की हेली और विवेक रामास्वामी, भारतीय मूल के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दावेदार

डेस्क: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में अब ज्यादा वक्त शेष नहीं रह गया है। वर्ष 2024 में अमेरिका में नया राष्ट्रपति चुना जाना है। ऐसे में चुनावी गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। मगर इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा भारत की चर्चा है। इसकी वजह ये है कि भारतीय मूल के दो प्रमुख लोग इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मजबूत दावेदारों में हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की होड़ में भारतवंशी निक्की हेली और विवेक रामास्वामी एक-दूसरे के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।

 

इन दोनों नेताओं के बीच तनाव भी इस वजह से बढ़ रहा है। जब वे आखिरी बार बहस के मंच पर आमने-सामने थे, तब उनके इस तनाव को नजरअंदाज करना मुश्किल था। बहस के दौरान हेली ने रामास्वामी से कहा, ‘‘हर बार जब मैं आपको सुनती हूं, तो आपकी बातों से थोड़ी बेवकूफी झलकती है।’’ 

इस पर रामास्वामी ने कहा, ‘‘अगर हम यहां बैठकर व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी न करें, तो रिपब्लिकन पार्टी में हमारी बेहतर सेवा होगी।’’ बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह हेली के लिए अगली बार आसान विषय रखेंगे, ताकि उन्हें अपनी राय जाहिर करने में दिक्कत न हो। दोनों बुधवार को पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर तीसरी बहस के लिए फिर से आमने-सामने होंगे।

 

डोनॉल्ड ट्रंप से अभी पीछे हैं रामास्वामी और हेली

अगले साल रिपब्लिकन पार्टी में प्राइमरी चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले बड़े दर्शकों के सामने अपना पक्ष रखने के यह उनके पास अंतिम अवसरों में से एक होगा। हेली और रामास्वामी 2024 के लिए नामांकन की दौड़ में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत पीछे हैं, लेकिन दोनों नेता भारतीय मूल के अमेरिकियों के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय प्रवासियों के भिन्न विचारों की याद दिलाते हैं। हेली और रामास्वामी भारतीय-अमेरिकियों के बीच विचारों की विविधता का उदाहरण हैं।

संयुक्त राष्ट्र की राजदूत रह चुकी हैं हेली

दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर और बाद में संयुक्त राष्ट्र की राजदूत रह चुकीं हेली आम तौर पर पार्टी के पारंपरिक रुख के साथ जुड़ी दिखती हैं, खासकर जब विदेश नीति की बात आती है। हेली (51) ने रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के लिए निरंतर समर्थन का आह्वान किया है और रामास्वामी (38) को विश्व मामलों में गैर-अनुभवी करार दिया है। वहीं, बायोटेक उद्यमी रामास्वामी ने रिपब्लिकन पार्टी के रुख आलोचना की है और यूक्रेन को समर्थन जारी रखने की आवश्यकता पर सवाल उठाया है। ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि 68 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी पंजीकृत मतदाताओं की पहचान डेमोक्रेट के रूप में और 29 प्रतिशत की पहचान रिपब्लिकन के रूप में हुई है।

 

हो सकता है कि रिपब्लिकन अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के बीच जीत हासिल करने की कगार पर न हों, लेकिन करीबी मुकाबले वाले राज्यों में मामूली लाभ भी उल्लेखनीय हो सकता है। प्रवासी भारतीयों के कई ऐसे वर्ग हैं, जो अभी भी भारतीय राजनीति से संबंधित समर्थन, वित्तपोषण और वकालत में लगे हुए हैं। अमेरिकन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल सर्विस की स्कॉलर-इन-स्कॉलर मैना चावला सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि, ज्यादातर भारतीय-अमेरिकियों के लिए राज्य के मुद्दे ज्यादा मायने रखते हैं।’’ ​

*किशोरी के सुसाइड मामले में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, आरोपी जोहिद अख्तर की दुकान पर चला बुलडोजर*

डेस्क: यूपी के लखीमपुर खीरी में किशोरी के सुसाइड मामले में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। आरोपी जोहिद अख्तर की दुकान पर बुलडोजर चला है। संपूर्ण नगर थाना क्षेत्र में स्थित आरोपी युवक की दुकान पर बुलडोजर चला है। ये दुकान पीडब्ल्यूडी की जमीन पर अवैध तरीके से बनी थी। कल पीड़िता की बहन और मां ने बुलडोजर चलाने की मांग की थी।

क्या है पूरा मामला?

जिले के संपूर्णा नगर थाना क्षेत्र में बीते दिन घर में एक किशोरी का शव बरामद किया गया था। इस मामले में पोस्टमार्टम के बाद शव वापस आने पर परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था। इसके बाद पुलिस ने लाठी फटकारना शुरू किया तो आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ ने दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया। मामले में स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी।

वहीं सूचना मिलते ही आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा परिजनों व ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था। मृतका के परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी फांसी की मांग और घर पर बुलडोजर चलाने की मांग करते नजर आ रहे थे। एसडीएम कार्तिकेय सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। 

आरोप था कि दूसरे समुदाय के युवकों ने किशोरी का आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया

दरअसल परिजनों का आरोप था कि दूसरे समुदाय के युवकों के द्वारा किशोरी का आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया गया था। किशोरी को आरोपी युवक के द्वारा बार-बार ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसके बाद प्रशासन के द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद परिजनों ने जाम खोला था। वहीं किशोरी के शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग बताया गया था।

*रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों की लगी लॉटरी, झटके में हो गई 36 हजार करोड़ की कमाई, जानें कैसे*


डेस्क: लंबे समय बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों की लॉटरी लगी है। दरअसल, रिलायंस के शेयरों में काफी समय बाद तेजी दर्ज की गई है। इससे रिलायंस के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा हुआ है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 97,463.46 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। इसके चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 36,399.36 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 15,68,995.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसका फायदा निवेशकों को मिला है। एक झटके में निवेशकों को 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो गई। 

सिर्फ बजाज फाइनेंस ने निवेशकों को किया निराश 

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 580.98 अंक या 0.91 प्रतिशत के लाभ में रहा। सप्ताह के दौरान बजाज फाइनेंस को छोड़कर शीर्ष 10 में अन्य कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में उछाल आया। समीक्षाधीन सप्ताह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 15,305.71 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,15,976.44 करोड़ रुपये रही। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 14,749.52 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,54,042.46 करोड़ रुपये पर और एचडीएफसी बैंक का 11,657.11 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 11,25,842.89 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 9,352.15 करोड़ रुपये बढ़कर 5,23,087.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 6,320.4 करोड़ रुपये के लाभ से 5,89,418.46 करोड़ रुपये रहा। 

इन्फोसिस से लेकर टीसीएस ने कराई कमाई 

इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में 3,507.08 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 5,76,529.86 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की बाजार हैसियत 109.77 करोड़ रुपये बढ़कर 12,26,093.23 करोड़ रुपये पर और आईटीसी की 62.36 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 5,40,699.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस रुख के उलट बजाज फाइनेंस का बाजार मूल्यांकन 5,210.91 करोड़ रुपये घटकर 4,49,604.04 करोड़ रुपये रह गया।

भारत में कब से चलेगी हाई-स्पीड ‘हाइपरलूप’ ट्रेन? नीति आयोग ने साझा की यह अहम जानकारी

डेस्क: भारत के लोगों के लिए बुलेट ट्रेन का सपना जल्द पूरा होने वाला है। इसके बाद ‘हाइपरलूप’ ट्रेन की उम्मीद की जा रही है। आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन के मुकाबले ‘हाइपरलूप’ ट्रेन की स्पीड दोगुनी से भी अधिक होती है। आमतौर पर हाइपरलूप ट्रेन की रफ्तार 1,000-1,300 किलोमीटर प्रति घंटा मानी जाती है। अगर यह ट्रेन भारत में चलना शुरू हो तो आप कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर सिर्फ दो घंटे में पूरा कर लेंगे। यानी हवाई जहाज की जरूरत ही नहीं होगी। आसान शब्दों में कहें तो हाइपरलूप एक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो एक ट्यूब में चलती है। ऐसे में क्या आने वाले दिनों में हम सभी को ‘हाइपरलूप’ ट्रेन का सफर करने का मौका मिल सकता है। इस पर नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा निकट भविष्य में अत्यधिक द्रुत गति की ट्रेन के लिए हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को अपनाने की संभावना नहीं है। यानी ‘हाइपरलूप’ ट्रेन का सपना जल्द पूरा होने की उम्मीद बिल्कुल नहीं है। 

टेक्नोलॉजी में बहुत ​कुछ किया जाना 

नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने रविवार को कहा कि अभी ‘हाइपरलूप’ ट्रेन टेक्नोलॉजी परिपक्वता से काफी दूर है। फिलहाल यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी नहीं है। सारस्वत वर्जिन हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की तकनीकी और व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित एक समिति की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी कंपनियों ने भारत में यह प्रौद्योगिकी लाने में रुचि दिखाई है। सारस्वत ने कहा, जहां तक ​​हमारा सवाल है, हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के बारे में हमने पाया कि विदेशों से जो प्रस्ताव आए थे, वे बहुत व्यवहार्य विकल्प नहीं हैं। वे प्रौद्योगिकी की परिपक्वता के बहुत निचले स्तर पर हैं।

आम ट्रेन से ‘हाइपरलूप’ ट्रेन कैसे अलग 

हाइपरलूप एक ‘हाई-स्पीड’ ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम में चलती है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और अंतरिक्ष परिवहन कंपनी स्पेसएक्स का स्वामित्व रखने वाले एलन मस्क द्वारा प्रस्तावित है। सारस्वत ने कहा कि इसलिए हमने आज की तारीख तक इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया है। यह सिर्फ एक अध्ययन कार्यक्रम है। मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में हाइपरलूप प्रौद्योगिकी हमारे परिवहन ढांचे में शामिल होगी। वर्जिन हाइपरलूप का परीक्षण नौ नवंबर, 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ आयोजित किया गया था। इसमें एक भारतीय और अन्य यात्री सवार थे। इसकी रफ्तार 161 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक थी। सारस्वत के मुताबिक, अभी तक जो पेशकश आई हैं, उनमें प्रौद्योगिकी की परिपक्वता का स्तर काफी कम है। हम इस तरह की प्रौद्योगिकी में निवेश नहीं कर सकते। वर्जिन हाइपरलूप उन मुट्ठी भर कंपनियों में से है जो यात्री परिवहन के लिए ऐसी प्रणाली बनाने की कोशिश कर रही हैं। 

लिथियम के लिए चीन पर निर्भरता कम होगी 

चीन से लिथियम आयात पर भारत की निर्भरता संबंधी सवाल पर सारस्वत ने कहा कि आज की तारीख में भारत में लिथियम आयन बैटरी का उत्पादन बहुत कम है, इसलिए हम इसके लिए चीन और अन्य स्रोतों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी ज्यादा निर्भरता चीन पर है, क्योंकि चीन की बैटरियां सस्ती हैं। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि भारत ने देश में बैटरी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दिया है। सारस्वत ने कहा कि उम्मीद है कि अगले साल आपके पास कुछ कारोबारी घराने होंगे जो देश में बड़े पैमान पर लिथियम-आयन बैटरी का निर्माण करने के लिए आगे आएंगे।

75 प्रतिशत आयात चीन से अभी 

लिथियम-आयन का लगभग 75 प्रतिशत आयात चीन से होता है। लिथियम खनन के लिए भारत द्वारा चिली और बोलिविया से बात करने की खबरों पर सारस्वत ने कहा कि एक सुझाव था कि भारत को चिली, अर्जेंटीना और अन्य स्थानों में कुछ खनन सुविधाओं के अधिग्रहण के लिए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हुआ यह है कि सरकार इन देशों में खानों के अधिग्रहण के लिए जाती, उससे पहले ही हमारे निजी क्षेत्र ने इन देशों की कंपनियों से करार कर लिया। उन्होंने इन देशों से लिथियम के लिए के लिए आपूर्ति श्रृंखला का करार पहले ही कर लिया है।

मिजोरम वो पहला पूर्वोत्तर राज्य होगा, जहां 2014 के बाद कांग्रेस जीतेगी,शशि थरूर का दावा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी मिजोरम में अगली सरकार बनाएगी। आइजोल में एक प्रेस वार्ता में केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद ने कहा कि मिजोरम पूर्वोत्तर का पहला राज्य होगा जहां 2014 के बाद भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटेगी।

बता दें कि, 2018 के विधानसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के हाथों सत्ता गंवाने से पहले मिजोरम पूर्वोत्तर में आखिरी कांग्रेस शासित राज्य था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की विविधता और ताकत का जश्न मनाती है, कमजोरियों का नहीं। 'कांग्रेस एक राष्ट्र, एक भाषा, एक कोड और एक संस्कृति का विरोध करेगी। हम एकरूपता के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि हम अपनी विविधता बनाए रखते हुए भी एकजुट रह सकते हैं।'

भाजपा के बारे में बोलते हुए, शशि थरूर ने कहा कि, 'भाजपा 2014 के बाद से अपने वादों को पूरा करने में कुख्यात रूप से विफल रही है - चाहे वह बैंक खातों में 15 लाख रुपये हो या 2 करोड़ नौकरियां।" बाद में, युवा पेशेवरों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी वर्तमान में राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। उन्होंने दावा किया कि नौकरी की तलाश कर रहे मिजोरम के 23 प्रतिशत से अधिक युवा बेरोजगार हैं।

शशि थरूर ने MNF सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर रोजगार पैदा करने के अपने चुनाव पूर्व वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एमएनएफ सरकार ने पिछले पांच वर्षों में केवल 2,200 नौकरियां पैदा की हैं। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि अकेले राज्य पुलिस में 4,100 से अधिक रिक्तियां हैं। 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को एक ही चरण में होंगे और डाले गए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

छापेमारी से डरकर कांग्रेस कार्यकर्ता घर में नहीं बैठेंगे..', एमपी के बालाघाट से केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियों की हालिया छापेमारी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव जीतेगी।

बता दें कि, खड़गे मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के कटंगी कस्बे में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'मैं कल (शुक्रवार) छत्तीसगढ़ में था और मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और शाह (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) की फोर्स भी वहां थी। ED, CBI और IT छापों के माध्यम से वे हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आतंकित करना चाहते हैं ताकि वे अपने घरों में बैठ जाएं।' कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि, 'वे सोच रहे हैं कि इन छापों के कारण कांग्रेस कार्यकर्ता घर बैठ जाएंगे और हतोत्साहित हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीतेगी।'

कांग्रेस, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विभिन्न छापों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर (IT) को हथियार बनाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने एक बार ग्रामीण नौकरी गारंटी पहल "नरेगा योजना" की कड़ी आलोचना की थी, लेकिन उसी कार्यक्रम ने सरकार को COVID-19 महामारी के दौरान रोजगार प्रदान करने में मदद की। खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी 'हरित क्रांति' लेकर आई, जिसने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि उत्पादकता को बढ़ाया, और दावा किया कि वर्तमान सरकार उसी के कारण लाखों लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करने में सक्षम है। 

उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों लोग जिस मोबाइल फोन और कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की दूरदर्शिता के कारण संभव हुआ। खड़गे ने देश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को भी याद किया और इस मुद्दे पर कांग्रेस पर सवाल उठाने के लिए मोदी की आलोचना की।

केरल में हादसे का शिकार हुआ भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर, एक अफसर का दुखद निधन

केरल में शनिवार को दुखद हादसा हो गया। राज्य के कोच्ची में शनिवार दोपहर चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रनवे पर मौजूद नौसेना अधिकारी की हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड की चपेट में आने से मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना यहां नौसेना मुख्यालय में INS गरुड़ रनवे पर हुई। शुरुआती रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर के पायलट समेत दो लोग घायल हो गए। दोनों का नौसेना मुख्यालय के संजीवनी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे नियमित प्रशिक्षण के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय नौसेना की ओर से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। हादसे के बाद कोच्चि हार्बर पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

कांग्रेस मतलब- भ्रष्टाचार, कमीशन और सांप्रदायिक दंगे..', मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान, उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की और उस पर भ्रष्टाचार, कमीशन, सांप्रदायिक दंगों और आपराधिक राजनीति वाले "4-सी फॉर्मूला" का पालन करने का आरोप लगाया। उन्होंने "डबल इंजन सरकार" की उपलब्धियों पर जोर देते हुए मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने का आग्रह किया, जिसने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य (अविकसित राज्यों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) से एक समृद्ध राज्य में बदल दिया।

अमित शाह ने कमल नाथ पर भी निशाना साधा और सुझाव दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लाडली बहना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को बंद करके लोक कल्याण पर स्व-हित को प्राथमिकता देगी। उन्होंने विकास और सुशासन के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। शाह ने कमल नाथ को 2002 में अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के बजट की तुलना वर्तमान बजट से करने की चुनौती दी, जो भाजपा सरकार के तहत महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत की सराहना की और ऐतिहासिक रूप से उनकी उपेक्षा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की, उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने दलितों और आदिवासियों के लिए बजट में लगातार वृद्धि की है।

अमित शाह ने कमल नाथ की संभावित वापसी के बारे में चिंता व्यक्त की, जिन पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और गरीबों के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार के कल्याण कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था। शाह ने चेतावनी दी कि अगर कमल नाथ सत्ता संभालते हैं तो लाडली बहना योजना और किसानों के लिए वित्तीय सहायता जैसी योजनाएं बंद की जा सकती हैं। गृह मंत्री ने मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने और मध्य प्रदेश में हासिल की गई विकास गति को बनाए रखने का आग्रह किया।

यह देश बाबर का नही, रघुवर का है, चादर और फादर के निकट न जाएं लोग, देहरादून में बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को देहरादून पहुंचे। परेड ग्राउंड के खेल मैदान में उनका दिव्य दरबार लगा। उन्होंने एक बार फिर भारत को हिन्दू राष्ट्र की मांग दोहराई। हर बार की तरह ही उन्होंने लोगों के पर्चे खोले ओर उनकी समस्या के बारे में बात की। उनके दरबार को लेकर भक्तों में खासा उत्साह दिखा।

शनिवार को परेड ग्राउंड के खेल मैदान में पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा। रात 8:20 बजे धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री ने मंच को प्रणाम करते हुए हनुमान जी के चरणों मे शीश नवाया। मंच पर सबसे पहले संतो ने सनातन की हुंकार भरी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देवभूमि में कण कण में भगवान का वास है।

सौभाग्य है कि आप लोगों को देवभूमि में जन्म मिला। अब हर घर से एक बच्चा सनातन का कफ़न बांधकर निकलेगा। दुनिया की कोई भी शक्ति हनुमान जी के सामने टिक नहीं सकती। जब शरीर दूसरा खून स्वीकार नहीं कर सकता, तो हम दूसरे मजहब को क्यो स्वीकार करें। यह देश बाबर का नही, रघुवर का है।

पहले जमीनों पर कब्जा कर चादर डाल देते थे, अब जरूरत है बाबर को बेघर कर रघुवर का नाम बढ़ाया जाए। उत्तराखंड में यह काम होते दिख रहा है। जब उन्हें बागेश्वर नाम सुनाएंगे तो कोई चादर व फादर के निकट नहीं आएगा। यह उद्गार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने व्यक्त किए।

श्री पशुपतिनाथ मंदिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस दिव्य दरबार को शाम चार बजे से शुरू होना था, लेकिन मुंबई से दून पहुंचने के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विमान को दो बार इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। लिहाजा वह रात आठ बजकर 21 मिनट पर परेड मैदान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देरी से आने का कारण बताया और इंतजार के लिए खेद भी व्यक्त किया।

यहां सनातन और सनातन राष्ट्र

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड भारत का शीश है। जिस तरह से सनातन का सिर ऊंचा होगा, उसमें उत्तराखंड ऊपर रहेगा। हमें उत्तराखंड में आकर सिर्फ सनातन और सनातन राष्ट्र दिख रहा है। यहां जन्म लेने वाले सौभाग्शाली हैं कि उन्हें देवताओं की भूमि मिली है। उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ों पर मस्जिद नहीं, राम मंदिर निर्माण का आह्वान भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दरबार में पहुंचकर आशीर्वाद लिया।

देहरादून में जल्द पांच दिन लगाएंगे दरबार

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज एक दिन का दरबार लगा। यह समय देहरादून के लिए कम है। हम जल्द ही देहरादून में पांच दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे और देहरादून के पागलों का दम पिएंगे। इसके लिए बात हो गई है जल्द ही दरबार लगाया जाएगा। इस अवसर पर आयोजक निवृति यादव, अमित त्यागी मौजूद रहे।

पहले मेरी शादी कराओ तब चुनाव ड्यूटी में भेजो, मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए ड्यूटी में भेजने से पहले एक शिक्षक ने रखी ये शर्त

मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बीच 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। इसे लेकर सरकार की तरफ से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। लेकिन एक संस्कृत के टीचर ट्रेनिंग में नहीं गए। जब उनसे इसका जवाब मांगा गया तब वो शादी कराने की मांग करने लगे। जी हां... टीचर ने पत्र लिखकर शादी कराने और दहेज की मांग की है।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टीचर का नाम अखिलेश कुमार मिश्रा (35) है। वो सतना जिले के अमरपाटन में एक सरकारी स्कूल में संस्कृत के टीचर हैं। उन्हें 16-17 अक्टूबर को चुनाव में ड्यूटी के ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था। उनके ट्रेनिंग में शामिल नहीं होने पर 27 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में टीचर से पूछा गया कि इस लापरवाही के लिए उन्हें सस्पेंड क्यों न किया जाए?

और कर दी शादी की मांग

नोटिस का जवाब देते हुए टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा ने लिखा, 'मेरी पूरी जिंदगी पत्नी के बगैर कटी है। अब तक की सारी रातें बर्बाद हो गई हैं। सबसे पहले मेरी शादी कराओ।' लेटर में अखिलेश ने साढ़े तीन लाख रुपए दहेज की भी मांग की है। साथ ही एक फ्लैट खरीदने के लिए लोन की मंजूरी कराने की भी बात कही है। लेटर के अंत में उन्होंने लिखा कि 'मैं क्या करूं? मेरे पास शब्द नहीं हैं। आप ज्ञान के सागर हैं।'

टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा के इस जवाब के बाद जिला कलेक्टर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनके साथ काम करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि वो कुछ सालों से तनाव में हैं, नहीं तो इस तरह का लेटर कौन लिखता है। उनके सहकर्मियों ने बताया कि पिछले एक साल से वो फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं।