*पाप और अनाचार बढ़ने पर भक्तों के कल्याण के लिए अवतरित होते हैं श्रीहरि: पं. सुमित्रानंदन*
रमेश दूबे
संतकबीरनगर। जनपद के खलीलाबाद विकासखंड के टुम्पार में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वाचक आचार्य पंडित सुमित्रानंदन जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वाचन किया। कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर पाप, अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं।
उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया, तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान आचार्य श्री ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। जिनमें नंद घर जन्में कन्हैया..., कान्हा अब तो ले लो अवतार बृज में..., में तो नंद भवन में जाऊंगी..., यशोदा जायो ललना..., श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा राम भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो थिरकने को मजबूर हो गए।
इस दौरान आचार्य श्री ने कहा कि आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत: उसे भोगना पड़ता है। मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कलां सिखाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है। इस अवसर पर विरेन्द्र पाण्डेय,निशू पाण्डेय, अभिजीत पाण्डेय, मारुति नंदन चतुर्वेदी, दुर्गा प्रसाद , गुलाब पाण्डेय ,शुभम पाण्डेय, क्षेत्र पंचायत सदस्य गोल्डी पाण्डेय हरगोबिन्द जायसवाल , पिंटू शुक्ल , नीलेश आदि मौजूद रहे।
Oct 31 2023, 14:16