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श्रीबाबू की तुलना लालू यादव से करना शर्मनाक, कांग्रेसियों ने हद कर दी: विवेक ठाकुर

पटना : बीते दिनों कांग्रेस कार्यालय में हुई श्रीबाबू की जयंती समारोह में लालू यादव को सम्मानित करके उनकी तुलना बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह से की गई थी। इसपर भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि इससे हास्यास्पद बिहार की राजनीति में शायद कुछ हो ही नहीं सकता।

विवेक ठाकुर ने कहा लालू यादव जैसे विनाश पुरुष जिसका आधा जीवन भ्रष्ट्राचार के आरोप में जेल में रहा तथा सामाजिक विध्वंश फैलाने वाली महागठबंधन की सरकार के किरदार जिसने बिहार में सबकुछ बर्बाद किया उसकी तुलना श्रीबाबू जैसे विकास पुरुष से करना एक संकुचित, चापलूसी और न्यूनतम कोटि की राजनीति की मानसिकता के पराकाष्ठा का उदाहरण है। 

कहा कि चाहे सोने का मुकुट पहना दो या इंग्लैंड के महारानी के मुकुट में लगा कोहिनूर पहना दो, सच्चाई बदल नहीं सकती। इस तरह की बेतुकी तुलनात्मक चर्चा को तुरंत बंद कर दें ताकि श्रीबाबू की आत्मा को कष्ट न पहुंचे।

विवेक ठाकुर ने कहा निजी स्वार्थ और निजी महत्वकांक्षाओं को पाने के लिए विषय को निजता के दायरे में ही रखे, सामाजिक प्रचार का विषय न बनाएं।

विवेक ठाकुर ने कहा बिहार केसरी के कार्यों के पसबा में भी तदोपरांत एक भी मुख्यमंत्री बिहार को नहीं मिला। श्रीबाबू ने बिहार का चहुंमुखी विकास किया चाहे उद्योग लगाना हो, किसान कल्याण हो, शिक्षा हो या सामाजिक न्याय। श्रीबाबू ने देवघर मंदिर में दलितों का प्रवेश दिलाकर जो मिसाल पेश किया, ऐसा सामाजिक न्याय का उदाहरण किसी मुख्यमंत्री ने नहीं दिया।

विवेक ठाकुर ने कहा जिस तरह भारत अपनी खोई हुई गरिमा को पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना। उसी प्रकार बिहार को दूसरे श्रीकृष्ण सिंह की जरूरत है, जो श्रीबाबू के कार्यकाल के गौरव को बिहार पुनः प्राप्त कर सके।

पटना से मनीष प्रसाद

दो दिवसीय कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया का कॉन्फ्रेंस कार्डिगन 2023 का हुआ समापन, अगले साल फिर पटना में ही आयोजित होगा कॉन्फ्रेंस

पटना – राजधानी पटना में चल रहे दो दिवसीय CARDICON-2023 का आज समापन हो गया। कॉन्फ्रेस के अंतिम दिन आज भी कई वैज्ञानिक सत्र हुए और देश के कई हिस्सों से आए कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियक सर्जन ने विभिन्न विषयों पर विमर्श किया और विस्तार से हुए मंथन से कई बातें निकलकर सामने आई. 

पहले सत्र में बिहार के कार्डियोलॉजिस्ट ने Cath Lab में जटिल Angiography या एंजियोप्लास्टी का वीडियो दिखाए. इसमें डॉक्टर प्रमोद कुमार डॉ बीबी भारती, डॉ अनुपम भमबानी, डॉ अरविंद कुमार, डॉ शमशाद अहमद इत्यादि शामिल रहे. बाद में हैदराबाद से आए डॉ Ashish Sapre ने बच्चों में हृदय में छेद को बिना मेजर सर्जरी के यानी बिना चिरफाड किए हुए डिवाइस से कैसे बंद किया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताया. अपने अध्यक्ष जी ओरेशन presidential oration में CSI बिहार चैप्टर अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने खून में फैट यानि वासा के स्तर को कैसे नियंत्रण रखा जाए इसकी नवीनतम जानकारी दी. 

प्रेसीडेंशियल oration में डॉ ए एन राय, डॉ SK Didwania, डॉ एके झा डॉ निशांत त्रिपाठी मौजूद रहे. और इन्होंने प्रतीक चिन्ह देखकर डॉक्टर अरविंद कुमार को सम्मानित किया. हार्ट रोग के साथ-साथ अगर किडनी में भी समस्या हो जाए और डायबिटीज हो या फिर कैंसर हो जाए इन के इलाज कैसे होते हैं इसके बारे में प्रसिद्ध डायबिटिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर अजय कुमार ने नई खोज के बारे में जानकारी दी. 

बाद में concluding session में cardiological सोसाइटी ऑफ इंडिया बिहार चैप्टर की आम बैठक हुई जिसमें सदस्यों ने कॉन्फ्रेंस की सफलता पर एक दूसरे को बधाई दी. आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर KK Barun ने सारे delegates और बाहर से आए जो विशेषज्ञ थे उनका आभार व्यक्त किया. 

इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार ने कार्डियोलॉजी के विकास और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को हर संभव सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा का स्वागत किया. एम्स पटना के कार्डियक सर्जरी के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि post Covid era में पूरी दुनिया में cardiomyopathy, Heart attack और sudden Cardiac death की संख्या में वृद्धि हुई है और इसके कारणों को जानने के लिए और रिसर्च की आवश्यकता है, अगले वर्ष कॉन्फ्रेंस का आयोजन पटना में करने का प्रयास किया जाएगा. 

CARDICON-2023 के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ अनूप सिंह ने बताया कि इस तरह के कॉन्फ्रेंस से युवा डॉक्टर और practising physicians को देश विदेश में हो रहे हैं नवीनतम तकनीक और उपलब्धि के बारे में जानकारी मिलती है और यह मेडिकल ट्रेनिंग का एक अभिन्न अंग है और इसकी सफलता पर खुशी व्यक्त की, valedictory Function में Cardiologists गर्मजोशी से एक दूसरे से मिले और CSI Bihar Chapter को देश के सबसे अच्छा शाखा बनाने का संकल्प लिया.

छठ पर्व को लेकर पटना आयुक्त के साथ जिला अधिकारी ने घाटों का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

बिहार के सबसे बड़े लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी शुरु कर दी गई है। इसी कड़ी में आज पटना आयुक्त एवं जिलाधिकारी ने घाटों का निरीक्षण किया। 

पटना :- बिहार के लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासन अभी से तैयारी में जुट गया है। इसे लेकर आज पटना आयुक्त के साथ जिला अधिकारी के नेतृत्व में जिला प्रशासन एवं पटना नगर निगम के अधिकारियों ने छठ घाटों का निरीक्षण किया। पटना के दीघा घाट से पटना सिटी के कंगन घाटों तक निरीक्षण किया। 

इस दौरान आयुक्त कुमार रवि ने कहा इस बार गंगा नदी के जल स्तर पहले की अपेक्षा 2 सेंटीमीटर कम है। घाटों की संख्या इस बार अधिक होगी। 

उन्होंने कहा कि घाटों का निरीक्षण किया जा रहा है कि कौन सा घाट खतरनाक है कौन सा घाट सम्मान है। उसे चिंहित किया जा रहा ताकी घाटों को सही तरीके से बनाया जाए। जिससे वर्तियो को कोई परेशानी न हो।

पटना से मनीष प्रसाद

छपरा में मूर्ति विसर्जन दौरान हुए पथराव में जदयू नेता का नाम सामने आने के बाद बीजेपी हमलावर, सीएम से किया यह सवाल

पटना – दुर्गा पूजा का मूर्तिवसर्जन के दौरान छपरा में पथराव की घटना के बाद तनाव का माहौल पैदा हो गया था। वहीं जांच के दौरान यह बात सामने आई कि घटना में एक जदयू नेता का हाथ था। अब इस मामले को लेकर भाजपा जदयू पर हमलावर हो गई है। 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर झा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी आपके राज में क्या हो रहा है पहले बेगूसराय और औरंगाबाद अब छपरा में आपके मुस्लिम तुष्टिकरण का जलवा दिखने लगा है। अगर सनातनियों का गुस्सा भी प्रवण चढ़ा और वह भी सड़क उतर गए तो क्या होगा? 

प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि छपरा में शोभायात्रा पर जदयू के नेता घर से पत्थर बाजी हुई है। जो कुछ और कहानी कहती है। सनातनियों के धर्म के परीक्षा ना ले। यह स्पष्ट हो गया है बिहार जितनी भी घटना हो रही है उसके लिए आप और मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति जिम्मेवार है।

पटना से मनीष प्रसाद

मेरा देश मेरी माटी अमृत कलश यात्रा, बिहार के सभी जिलों के शहीदों की मिट्टी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता द्वारा दिल्ली के लिए हुए रवाना


 

मेरा देश मेरी माटी अमृत कलश यात्रा को आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा दिल्ली के लिए रवाना किया अमृत कलश यात्रा स्पेशल ट्रेन में बिहार के सभी जिलों के शहीदों की मिट्टी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता दिल्ली के लिए रवाना हुए इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश से शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजयभर से शहीदों की मिट्टी को संकलित किया गया है और इसे दिल्ली भेजा जा रहा है यह देशभर का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है 

वही विपक्षों के द्वारा कार्यक्रम पर सवाल खड़ा करने पर कहा कि वह लोग आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले लोग है

ब्रेन स्ट्रोक होने पर इलाज में देरी से हो जाती है मरीज की मौत : डॉ. दीपा


पटना। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। यदि इसके लक्षण दिखें तो साढ़े चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचना और इलाज शुरू हो जाना जरूरी होता है। विलंब होने पर मरीज की जान बचानी मुश्किल हो जाती है। ये बातें मीडिया से बातचीत में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटना के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दीपा ने कही।

उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक आने पर “FAST” फॉर्मूला अपनाया जाता है। इसे अपनाने से जान बच सकती है। जिसमें F से फेस या चेहरा को देखा जाता है वहीं A से आर्म या दोनो हाथों को देखा जाता है। S से स्पीच या बोलने में लड़खड़ाहट आदि को देखा जाता है और T से टाइम या समय का पालन जरुरी होता है। इस फार्मूले को अपनाने से विकलांगता की संभावना कम रहती है और स्ट्रोक होने के बाद भी मरीज आत्मनिर्भर रह सकता है। साथ ही इस फार्मूले को अपनाने से जल्द से जल्द स्ट्रोक के लक्षणों को पहचाना जा सकता है।

मेदांता पटना के न्यूरो सर्जन और मेदांता इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंसेज के निदेशक डॉ. मुकुंद प्रसाद ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन के अंदर अचानक होने वाला अटैक है। यह दो प्रकार से होता है – इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक। 80 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक होते है। इसमें ब्रेन की नसों में ब्लॉकेज हो जाता है जिससे मस्तिष्क में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। 20 प्रतिशत स्ट्रोक हेमरेजिक होते है। जिसमें मस्तिष्क की नस फट जाती है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों में अचानक से आवाज गायब हो जाना, हाथ - पैर और चेहरे में सुन्नता या कमजोरी महसूस होना, पैरालिसिस की स्थिति आदि शामिल है।

ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए यह करें

डॉ दीपा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण डायबिटीज, हाइपर टेंशन, मोटापा, हार्ट डिजीज, अल्कोहल और स्मोकिंग, खराब जीवन शैली, अनुवांशिकता और स्ट्रेस आदि। ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए नियमित व्यायाम करें, अच्छा पोषणयुक्त आहार लें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं। कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और बीपी पर नियंत्रण रखें। अल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें। अल्कोहल और स्मोकिंग इसके खतरे को बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के मरीजों के ठीक होने के बाद समान्य जीवन जीना इस बात पर निर्भर करता है कि स्ट्रोक कितना था और कितना जल्दी उसे इलाज मिल पाया। स्ट्रोक के बाद साढ़े चार घंटे के अंदर इलाज होने से मस्तिष्क टिश्यू की अधिक क्षति होने से रोका जा सकता है।

मेदांता पटना में है ब्रेन स्ट्रोक का बेहतर इलाज 

डॉ. दीपा ने बताया कि मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना में ब्रेन स्ट्रोक से लेकर सभी प्रकार की मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था है। यहां सिटी स्कैन से लेकर एमआरआई जांच तक एक ही छत के नीचे मौजूद है। यहां इसका इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा आधुनिक तकनीक से किया जाता है।

मेदांता अस्पताल पटना में मेकेनिकल थ्रोमबेक्टोमी की आधुनिक सुविधा भी उपलब्ध है। जिसमें 24 घंटे तक स्ट्रोक के मरीज में तार से ब्रेन से क्लोट को निकाला जा सकता है।

मेरा माटी मेरा देश के तहत अमृत कलश यात्रा का हुआ शुभारंभ, पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में अपने-अपने जिले से कलश लेकर पहुंचेंगे कार्यकर्ता

पटना ; मेरा माटी मेरा देश के तहत अमृत कलश यात्रा की शुरुआत हो रही है। ऐसे में बिहार भर से युवा अपने-अपने जिले से माटी कलश में लेकर पटना के कार्यालय पहुंचेंगे। 

सम्राट चौधरी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन और भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह ने इसकी शुरुआत की दीप प्रचलित कर की।  

देश भक्ति गीतों के साथ इसकी शुरुआत हुई। वहीं पूरे पटना में यह कलश यात्रा घुमाया जाएगा और उसके बाद शाम के वक्त स्पेशल ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा। 31 तारीख को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अमृत वाटिका बनाने का काम किया जाएगा। जिसमें इस माटी का इस्तेमाल होगा। 

पटना से मनीष प्रसाद

बीपीएससी द्वारा जारी टीचर रिजल्ट में हुई है भारी धांधली, सीएम अभी नहीं बांटे नियुक्ति पत्र : जीतन राम मांझी

बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली का परिणाम जारी किये जाने के बाद से इसपर बवाल जारी है। कई अभ्यर्थियों और विपक्षी दलों द्वारा इसमें धांधली का आरोप लगाया है। वहीं अब पूर्व सीएम मांझी ने इसकी सीएम से जांच कराने की मांग करते हुए नियुक्ति पत्र नहीं बांटने की मांग की है। 

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री व हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली रिजल्ट में भारी धांधली का आरोप लगाते हुए सीएम से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। 

मांझी ने कहा है कि बीपीएससी के शिक्षक रिजल्ट में भारी धांधली हुई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे हालात में अभी गांधी मैदान में शिक्षक नियुक्ति पत्र नहीं देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इसके कई प्रमाण हमारे पास हैं कि बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती को लेकर जो रिजल्ट जारी किया है उसमें भारी धांधली की गई है। इसको लेकर हम बीपीएससी को भी पत्र लिख रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से भी मांग करेंगे कि इसकी जांच होनी चाहिए।

पटना से मनीष प्रसाद

राजधानी पटना के एशियन सिटी अस्पताल में मुफ्त ओपीडी सेवा की हुई शुरुआत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने किया उद्घाटन

पटना के बेहतर निजी अस्पताल में शुमार एशियन सिटी अस्पताल में अब मरीजों को मुफ्त परामर्श मिलेगा। इसे लेकर अस्पताल की ओर से मुफ्त ओपीड़ी सेवा का शुभारंभ किया गया है। 

पटना : राजधानी पटनावासियों के लिए एक खुशखबरी है। अब उन्हें पटना के जाने-माने प्राइवेट अस्पताल एशियन सिटी हॉस्पिटल में मुफ्त में डॉक्टरी परामर्श मिलेगा। 

बीते शनिवार को एशियन सिटी हॉस्पिटल पटना द्वारा इसे लेकर मुफ्त ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने अस्पातल में अपना रेगुलर ब्लड और बीपी का जांच कराया। 

उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि बिहार में एशियन हॉस्पिटल एक सस्ता और अच्छा हॉस्पिटल है इसके बारे में हम बहुत सुने थे आज देखने का अवसर भी मिला। कहा कि सस्ती कीमत में मरीज यहां अपना इलाज करवा सकते है।  

वहीं उद्घाटन के अवसर पर हॉस्पिटल के बिहार हेड मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि आज से ओपीडी फ्री रहेगा और जांच भी सस्ते दाम में होगा। यहां गरीब मरीज को मुख्यमंत्री निधि से इलाज की भी सुविधा उपलब्ध है।

स्वामी विवेकानंद’ को साक्षात देख अभिभूत हुए राजधानी के दर्शक

पटना: विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है।

मंच पर प्रकाश आते ही मंच पर स्वामी विवेकानंद के दर्शन होते हैं ऐसा लगा कि विवेकानंद ही मंच पर आ गये। पद्मश्री शेखर सेन ने युगपुरुष नाट्य महोत्सव में स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर अपने एकल अभिनय और भावपूर्ण गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस एकल नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत श्लोक ‘सर्वे भवन्तु सुखिन’ से हुआ। ‘अगले पचास साल तक अपने देवी देवता को उठा कर ताक पर रख दो हमारा राष्ट्र ही हमारा देवता है। पूजा करें हम अपनी मातृभूमि की, सेवा करें अपने देशवासियों की’। "उठो जागो और तब तक कर्म करो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो" । ये इस नाटक के संवाद थे जो दर्शकों को झकझोर गये । बिहार आर्ट थियेटर के अध्यक्ष आर के सिन्हा जी की ओर से आयोजित युगपुरुष नाट्योत्सव के दूसरे दिन एकल अभिनय सम्राट पद्मश्री शेखर सेनजी ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी को बड़े ही रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। इस एकल नाट्य प्रस्तुति में संगीत प्रकाश और वेश भूषा के साथ भावप्रवण अभिनय ने राजधानी पटना के रंगकर्मियों और दर्शकों को प्रायोगिक नाटक के कई आयाम दिखाया। ‘डम डम डमरू बजावेला हमार जोगिया’ जैसे छोटे छोटे पदों के गायन और संगीत की धुन पर लोग झूमने पर मजबूर हुए।

पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है कि पहले किसी भी युगपुरुष को जानना,उन पर नाटक लिखना और उसे आज के दर्शकों के हिसाब से तैयार कर प्रस्तुति देना राष्ट्र के प्रति समर्पण को दर्शाता है,पद्मश्री शेखर सेन का यह अभियान सदा चलते रहे इसकी हम सब कामना करते हैं। शेखर सेन एक ऐसी सर्वमान्य विरल विभूति हैं जिन्होंने कला की रंगभूमि पर अपनी विलक्षण प्रयोगधर्मिता और नवाचार की मिसाल क़ायम की है। लगभग चार दशकों की रंगयात्रा में शेखर ने सिद्धि और प्रसिद्धि के उन शिखरों को छुआ है जहाँ वे मनुष्यता के लिए आदर्श मूल्यों की तलाश करते हैं। और इस तरह एक सभ्य, सुसंस्कृत, अनुशासित और मर्यादित समाज का सपना देखते हैं। एक सांस्कृतिक अभियान पर निकल पड़े है।

संगीतकार, अभिनेता, लेखक तथा संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री शेखर सेन कहते हैं कि कलाकार का चुंबकत्व होता है जो दर्शकों को जोड़े रखता है। जैसे कोई माँ अपने बच्चे को कोई पाठ याद कराती है और फिर उससे पूछती है कि तो बच्चा माँ के सिखाए पाठ को ही ज्यों का त्यों दोहराता है, तब वह यह नहीं सोचता कि माँ को तो सब पता है, उसी ने तो बताया, तो मैं क्यों बताऊँ। इसी तरह कबीर, तुलसी, सूर या स्वामी विवेकानंद के बारे में सबको पता है लेकिन उसे किस रोचकता से पेश किया जा रहा है, यह अहम है। मैं जब कोई भी पात्र करता हूँ तो उसका विवेचन करता हूँ। स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरणादायी हैं। स्वामी जी कहते हैं कि मंदिर के ईश्वर को देखने से कोई लाभ नहीं है, राष्ट्र ही मंदिर है। अब इसे सुनना, गुनना और विश्लेषण करना होगा तभी तो आप उसके मर्म तक पहुँच पाएँगे। हमारे यहाँ शब्द को ब्रह्म कहा गया है, स्वर ब्रह्म कहा गया है और किसी अन्य संस्कृति में शब्दों को या स्वर लहरियों को ब्रह्म नहीं कहा गया है। इनकी साधना करने वाले साधक हैं। उन्हें हिमालय में जाकर तपस्या करने की जरुरत नहीं है, वे कला कर्म करते हुए ही योगी हैं।स्वामी विवेकानंद शास्त्रीय संगीत जानते थे तो उनकी जीवनी को प्रस्तुत करते हुए नाटक स्वामी विवेकानंद में ध्रुपद में स्वामीजी को चौताल में गाता हुआ दिखाता हूँ।

स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को जिस रोचक संवाद, कुशल अभिनय, ध्वनि और प्रकाश के साथ ही संगीत की स्वरलहरियों और भजनों की गूँज से प्रस्तुत किया उससे ऐसा लगा मानों हाल में बैठे सभी दर्शक स्वामी विवेकानंद से ही संवाद कर रहे हों। दर्शकों और कलाकार के बीच ऐसा नाट्य आस्वाद दुर्लभ ही होता है। शेखर सेन की एक और खूबी यह है कि वे अपने किरदार का मेक-अप खुद ही करते हैं, किसी मेकअप कलाकार की सेवा नहीं लेते। लेखक, निर्देशक, गायक, संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन हर बार एक नए रूप में दर्शकों के सामने आते हैं। शेखर सेन दुनिया भर में अपने एकल नाटकों की 1000 से अधिक प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं। स्वामी विवेकानंद के विराट व्यक्तित्व के जीवन के अनगिनत जाने-अनजाने पहलुओं को दो घंटे के नाटक में रंजकता व निर्देशकीय कुशलता से प्रस्तुत करना कोई आसान काम नहीं, लेकिन शेखर सेन ने इस प्रस्तुति के माध्यम से विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद के प्रोफेसर, पिता विश्वनाथ दत्त, माँ भुवनेशवरी, माँ शारदादेवी, रामकृष्ण परमहंस को निभाते हुए इस शेखरजी ने अकेले ही दर्शकों को पूरे दो घंटे तक बांधे रखा।

शेखर जी ने बहुत ही खूबसूरती से दर्शकों से संवाद करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद उस दौर में पैदा हुए थे जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था और स्वामी जी भारत को इस गुलामी से मुक्ति देना चाहते थे। स्वामी विवेकानंद द्वारा ब्राह्मो समाज में शामिल होना, विवेकानंद जब कोलकोता के स्कोटिश चर्च कॉलेज में पढ़ रहे थे तो उनके अंग्रेज प्रिंसिपल विलियम हैस्टी ने कैसे विवेकानंद की प्रतिभा को पहचान और उन्हें समाधि और ईश्वर के बारे में जानने व समझने से लिए रामकृष्ण परमहंस के पास जाने की सलाह दी। शेखर सेन ने इस घटना को अद्भुत कौशल और रंजकता के साथ प्रस्तुत किया। पिता की मृत्यु के बाद घर में घोर गरीबी का सामना करते हुए रामकृष्ण परमहंस से ये कहना कि माँ काली से कह कर मुझे गरीबी से मुक्ति दिलवाने में मदद दिलवाएँ, और फिर रामकृष्ण परमहंस द्वारा विवेकानंद को कहना कि तुम खुद ही माँ से जाकर माँग लो । विवेकानंद तीन बार माँ काली के पास जाकर बजाय गरीबी से मुक्ति के, ज्ञान, वैराग्य, ध्यान और समाधि माँग लेते हैं, इन दृश्यों को जिस जीवंतता और कल्पनाशीलता व भावुक कर देने वाले संवादों से शेखरसेन ने प्रस्तुत किया उसकी गहरी अनूभूति श्रोताओं के दिल और दिमाग में उतर रही थी। मंच सज्जा - नीतेश शुक्ला , प्रकाश संयोजन - पंकज मंग , ध्वनि संचालन - अशोक पवार , संगीत संचालन - विजय सरोज एवं निर्माण सहायक – सौरभ थे।

इस अवसर पर राजधानी के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार और नाटक प्रेमियों ने भाव सम्प्रेषण,संवाद अदायगी और गायन का जम कर लुत्फ़ उठाया।

आर के सिन्हा ने कहा यह नई पीढ़ी के लिए बहुत ज्ञानवर्धन हैक्योंकि सभी ने विवेकानंद जी को पढ़ा है और सेन जी की प्रस्तुति में जीवंत तरीके से आप उनको अच्छे तरह से जान सकेगा।आपको लगेगा की आपके सामने साक्षात स्वामी विवेकानंद खड़े है। उन्होंने कल अंतिम दिन गोस्वामी तुलसीदास देखने के लिए लोगो को रविंद्र भवन में समय आने का आमंत्रण दिया।

 इस मौके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी , विधायक अरुण सिन्हा,डा शंकर दयाल जी के साथ कई कॉलेजों के छात्र छात्रा ने नाटक देखा।

पटना से मनीष