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गिरफ्तार होते ही तबियत बिगड़ी ! कोर्ट में बेहोश हुए ममता के मंत्री ज्योतिप्रिय, राशन घोटाले में ED ने किया है अरेस्ट

 बंगाल के कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी है। दरअसल, केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के बाद मलिक को यहां की एक अदालत ने 10 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया था। मंत्री यहां कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए शहर के एक अस्पताल ले जाया गया था। बता दें कि, ये अक्सर देखा जाता है कि, जब भी कोई नेता भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होते हैं, तो वे ख़राब तबियत का बहाना बनाकर कानून से छूट का लाभ या जमानत लेने की कोशिश करते हैं। 

अस्पताल में मलिक की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मीडिया को बताया है कि, "मंत्री को रात में अच्छी नींद आई। उन्होंने बेचैनी की कोई शिकायत नहीं की।" अस्पताल ने शुक्रवार रात एक बुलेटिन में कहा, "मलिक को हाइपरग्लाइकेमिया, गुर्दे की हानि, डिसइलेक्ट्रोलाइटिमिया और टी2डीएम की पृष्ठभूमि के साथ प्री-सिंकोप और उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक निदान के साथ भर्ती कराया गया है।" डॉक्टरों ने कहा कि मलिक का सीटी स्कैन, एमआरआई और रक्त परीक्षण किया गया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, कलकत्ता तनुमोय करमाकर ने शुक्रवार को मंत्री की हिरासत के लिए ED की याचिका मंजूर कर ली और उन्हें 5 नवंबर तक 10 दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।

ED ने कहा कि उसे कथित राशन घोटाले के संबंध में पूछताछ करने के लिए मलिक को हिरासत में लेने की जरूरत है, उन्होंने दावा किया कि उन्हें बकीबुर रहमान नामक व्यक्ति के साथ उसके संबंध मिले हैं, जिसे इस मामले में लगभग एक पखवाड़े पहले गिरफ्तार किया गया था। चूंकि मंत्री अदालत कक्ष में बीमार पड़ गए, इसलिए अदालत ने उनकी पसंद के निजी अस्पताल में उनके इलाज की अनुमति दी, जिसके बाद आवश्यकता पड़ने पर उन्हें शहर के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता था। ED ने पहले मंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले बकीबुर को गिरफ्तार किया था, जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म हो रही है।

गाजा में शांति के लिए भारत ने नहीं किया वोट तो भड़कीं प्रियंका, आखिर इंसानियत कब जागेगी?

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गाजा में युद्धविराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग से भारत ने परहेज किया।भारत की अनुपस्थित पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने नाराजगी जताई है।यूएन में भारत के रुख पर प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि वह हैरान हैं। भारत ने गाजा में सीजफायर लागू करने पर हुई वोटिंग से परहेज किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, और इन सिद्धांतों का समर्थन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।

गांधी ने कहा कि गाजा में सात हजार लोगों की हत्या के बाद भी हिंसा का दौर थमा नहीं है। इन मरने वालों में से तीन हजार मासूम बच्चे थे। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, जिसे कुचला न गया हो। कोई ऐसी मर्यादा नहीं, जिसे तार-तार न किया गया हो। कोई ऐसा कायदा नहीं, जिसकी धज्जियां न उड़ी हों। आगे कहा कि लोगों की सामूहिक चेतना आखिर और कितनी जानें जाने के बाद जागेगी या ऐसी कोई चेतना अब बची ही नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि जब मानवता के हर कानून को ध्वस्त कर दिया गया है, तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है। 

प्रियंका ने महात्मा गांधी के उस कथन का भी उल्लेख किया कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है। उन्होंने कहा, मैं हैरान और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी। इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है।

बता दें कि इजराइल हमास युद्ध के बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्षविराम के लिए जॉर्डन की तरफ से पेश प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया है। यूएनजीए ने प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया है। प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट पड़े थे, जबकि विरोध में 14 वोट पड़े। वहीं 45 देशों ने मतदान से खुद को अलग रखा था। प्रस्ताव में इजराइल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया गया है। साथ ही यह बिना किसी रुकावट के गाजा तक मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान करता है, जिसमें पानी, बिजली और वस्तुओं के वितरण को फिर से शुरू करना शामिल है।

जापान ने बना ली बिजली से चलने वाली दुनिया की पहली गन मशीन, इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेलगन की टेस्टिंग सफल

दुनिया के ज्यादातर देश अब रक्षा के क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। जापान भी इसी राह पर चल पड़ा है। अब इजराइल और हमास की जंग के बीच जापान ने बिजली से चलने वाली गन मशीन बनाने की घोषणा की है। जापानी नौसेना ने डिफेंस एजेंसी ALTA के साथ मिलकर इसकी टेस्टिंग की है जो सफल रही है। एजेंसी ने दावा किया है कि देश में पहली बार इस रेलगन की टेस्टिंग की गई है। समुद्री जहाज से होने वाली इस टेस्टिंग का वीडियो ALTA ने ट्विटर पर पोस्ट किया है। जापान का मानना है कि इसे जमीन और समुद्र दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन एक एडवांस्ड हथियार है जो जापान की नेवी को पावरफुल बनाएगा। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन में कई खूबियां हैं। यह रेलगन एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार है। जिस गति से किसी ध्वनि की आवाज हमारे कानों तक पहुंचती है उससे भी 07 गुना तेज स्पीड से यह काम करती है। खास बात है यह गन टार्गेट को तबाह करने के लिए बिजली का इस्तेमाल करती है। यूरोटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के इस 16 एमएम वाली रेलगन के प्रोजेक्ट की शुरुआत 1990 में यहां की एजेंसी ग्राउंड सिस्टम्स रिसर्च सेंटर ने की थी। 2016 में इस एजेंसी ने इसका एक प्रोटोटाइप तैयार किया। 2018 में पहली बार वीडियो फुटेज के जरिए यह पुष्टि हुई कि जापान रेलगन को बनाने की तैयारी कर रहा है। ALTA ने इसके प्रमाण भी दिए। रेलगन प्रोजेक्ट की शुरुआत में जिस तरह का हथियार बनाने की योजना बनाई गई थी नया हथियार उससे कहीं ज्यादा एडवांस्ड है। डिफेंस एजेंसी ALTA के मुताबिक यह 2230m/s की स्पीड से टार्गेट पर हमला करती है। हालांकि इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक रेलगन कितनी रफ्तार के साथ अपने टार्गेट को ध्वस्त करेगी। इसे तय किया जा सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक ALTA प्लान कर रहा है कि इन रेलगन को खास तरह के ट्रक में लगाया जाएगा। दिखने में ठीक वैसे ही लगेगा जैसा हायपर सोनिक मिसाइलों को तैयार किया जाता है। दिलचस्प बात है कि रेलगन के इस प्रोजेक्ट को जापान की सरकार ने 2020 में खारिज कर दिया था। जापान के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को ध्यान में रखते हुए वापस इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया। अब जापान लम्बी रेंज वाली मिसाइलों पर काम करने की तैयारी करने के बारे में सोच रहा है। हालांकि अमेरिका अब तक रेलगन नहीं बना पाया है। लेकिन जापान ने ऐसा करके चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे दुश्मन देशों की नींद जरूर उड़ा दी है।

वोटरों को खरीदने की कोशिश ! आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजस्थान में पकड़ी गई 200 करोड़ की चुनावी रेवड़ियां


9 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से राजस्थान पुलिस ने नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और आभूषण सहित 200 करोड़ रुपये की चुनावी "मुफ्त वस्तुएं" जब्त की हैं। 12 अधिकारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हुए, पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने राज्य भर में कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक 'स्टॉर्म क्लब' का गठन किया है कि 25 नवंबर के चुनाव प्रचार के दौरान मतदाता अवैध रूप से उम्मीदवारों से प्रभावित न हों।

2004 बैच के IPS अधिकारी विकास कुमार ने कहा है कि, "अब तक, हमने 214 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसमें 25 करोड़ रुपये नकद, 20 करोड़ रुपये की शराब और 20 करोड़ रुपये के आभूषण और सोना शामिल हैं।" अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 60 करोड़ रुपये की दवाएं, पेट्रोल, डीजल और अवैध रूप से संग्रहीत उर्वरक भी जिलों में जब्त किए गए। उन्होंने 'स्टॉर्म क्लब' के वॉर रूम में काम करने वाले अधिकारियों को श्रेय दिया, जो सुपरविजन, ट्रैकिंग, ऑपरेशन, रिकॉर्डकीपिंग, मॉनिटरिंग, कंट्रोल एंड कमांड, लाइजन और यूनिफाइड बेस का संक्षिप्त रूप है।

उन्होंने कहा, "यह पूरा काम ऑपरेशन मोनाको (कोडेड ऑपरेशन के साथ संवर्धित नाकों की निगरानी) के तहत किया जा रहा है। पूरे राज्य में अद्वितीय कोड और निगरानी के साथ 650 चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं और वॉर रूम में लगातार निगरानी की जा रही है।" अधिकारी, जिन्हें राजस्थान में अंडरवर्ल्ड गतिविधियों की जांच के दौरान जम्मू-कश्मीर में फर्जी हथियार लाइसेंसिंग घोटाले का खुलासा करने का श्रेय दिया जाता है, ने कहा कि 9 अक्टूबर से निगरानी के दौरान अवैध हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।

विकास कुमार, जो वर्तमान में व्यय निगरानी के लिए चुनाव आयोग में राजस्थान पुलिस के नोडल अधिकारी हैं, ने कहा कि विभाग ने जब्ती के लिए अधिकारियों या नाका पार्टी को पुरस्कृत करने के लिए कुछ योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा, ''हमने जब्ती के लिए कई मामले दर्ज किए हैं क्योंकि ये सभी राज्य में चुनाव प्रचार के लिए थे।'' बता दें कि, राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा। पिछले चुनाव के दौरान "मुफ्त" की जब्ती 65 करोड़ रुपये की थी।

PM मोदी ने रोजगार मेले में 51 हजार युवाओं को सौंपें नियुक्ति पत्र, कहा, अब सरकार केवल घोषणा नहीं करती, पूरा करती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रोजगार मेले के तहत 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार केवल घोषणा ही नहीं करती काम भी करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में काफी तेजी से देश आगे बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार मेला की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और अब तक लाखों युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। आज 50,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। दिवाली में अभी वक्त है, लेकिन 50,000 नियुक्ति पत्र पाने वालों के परिवारों के लिए यह मौका दिवाली से कम नहीं है।

पीएम द्वारा युवाओं को सौंपे गए नियुक्ति पत्र विभिन्न विभागों से हैं। देश भर से चुने गए ये कर्मचारी गृह मंत्रालय, राजस्व विभाग, रेल मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा, साक्षरता विभाग और मंत्रालय सहित सरकार के विभिन्न विभागों में शामिल होंगे।

दो दिवसीय दौरे पर आज उत्तराखंड पहुंचेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जोशीमठ में छात्र-छात्राओं से करेंगी संवाद, जाएंगी बदरीनाथ और माणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दो दिवसीय दौरे पर आज उत्तराखंड पहुंचेंगी। आज वह जोशीमठ में श्री बदरीनाथ वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद करेंगी।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि वित्त मंत्री दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर हेलीकॉप्टर से जोशीमठ पहुंचेंगी। वे दोपहर दो महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद करेंगी।

इसके बाद साढ़े तीन बजे जोशीमठ से सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगी। रविवार को वित्त मंत्री बदरीनाथ धाम के दर्शनों के बाद सुबह सवा नौ बजे देश के प्रथम गांव माणा पहुंचेंगी। यहां वे एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगी। करीब एक घंटे यहां रुकने के बाद दोपहर साढ़े ग्यारह बजे वित्त मंत्री हेलीकॉप्टर से देहरादून के लिए रवाना होंगी।

महुआ मोइत्रा ने माना हीरानंदानी को दिया था लॉग-इन पासवर्ड, जानें बाकी आरोपों पर क्या बोलीं

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पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का बड़ा बयान सामने आया है। लोकसभा सांसद मोइत्रा ने शुक्रवार को दिए एक इंटरव्यू में कैश फॉर क्वेरी मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। हां, मोइत्रा ने ये कबूल किया कि उन्होंने हीरानंदानी को अपना लॉगिन और पासवर्ड दिया था। हालांकि, उन्होंने कमेटी से यह भी कहा कि उन्होंने इसके लिए उनसे कैश या महंगे तोहफे नहीं लिए।

एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में महुआ मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसके पास लॉगिन हो सकता है, कौन कर सकता है और कौन नहीं। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सांसद खुद सवाल नहीं पूछता है। लॉगिन और पासवर्ड उनकी टीम के पास रहते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन एक ओटीपी आता है, जो केवल मेरे फोन पर आता है। यह दर्शन के फोन पर नहीं जाता है। ऐसे में ये सवाल नहीं उठता कि दर्शन या फिर कोई और मेरी जानकारी के बिना सवाल अपलोड कर सकते थे।

हालांकि, इसका खंडन करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एनआईसी द्वारा निर्दिष्ट नियम और एक फॉर्म पोस्ट किया, जिसे भरना प्रत्येक सांसद के लिए बाध्य है। इनमें क्रेडेंशियल्स को निजी और गोपनीय रखने और किसी भी वैकल्पिक उपयोगकर्ता के बारे में एनआईसी को सूचित करने के निर्देश शामिल हैं, क्योंकि किसी भी उल्लंघन से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

हीरानंदानी को अपना करीबी दोस्त मानती थीं

महुआ मोइत्रा ने कहा कि उन्‍होंने दर्शन हीरानंदानी से चीजें लीं, क्‍योंकि उन्‍हें वह अपना करीबी दोस्त मानती थीं। हीरानंदानी ने उन्‍हें उनके जन्मदिन के तोहफे के रूप में स्कार्फ, लिपस्टिक और मेकअप का सामान दिया था। उन्होंने बताया कि उनके लिए मेकअप प्रोडक्ट्स दुबई के ड्यूटी-फ्री स्टोर से लाए गए थे। महुआ यह भी कहा कि उन्होंने अपने घर के इंटीरियर को बदलने के लिए हीरानंदानी से सलाह ली थी और उन्होंने उन्हें नए प्‍लान और ड्राइंग दिए थे, लेकिन इसका खर्च सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था जो सरकार के अंतर्गत आता है।

झारखंडी पिटबुल नहीं रोक सकते मुझे

महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘उन्होंने धमकाने के लिए गलत व्यक्ति को चुना है। उन्होंने सच में ऐसा किया है। मैंने यहां बैठने के लिए अपने जीवन में सब कुछ छोड़ दिया है। कुछ छोटे झारखंडी पिटबुल सबकुछ खत्म नहीं कर सकते हैं। मैं सच के लिए लड़ना जारी रखूंगी और आप देखेंगे कि 2024 में क्या होता है।’

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से 'कैश और महंगे तोहफ़ों को लेकर' संसद में सवाल पूछती हैं।

उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से महुआ मोइत्रा को निलंबित करने की मांग की। इस मामले को लेकर संसद की एथिक्स कमिटी जांच कर रही है।

इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान, जानिए भारत ने वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

#india_abstained_from_voting_on_israel_in_un_hamas_attack

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को गाजा में इजरायली सेना और हमास आतंकवादियों के बीच संघर्ष पर एक प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव का मकसद गाजा में "तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम" का आह्वान करना था। इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन, चर्चा के दौरान भारत ने खुलकर इजरायल का पक्ष लिया और आतंकवाद की जमकर आलोचना की।

भारत, ब्रिटेन समेत 45 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया

इजराइल-हमास के बीच जारी जंग का आज 22वां दिन है। इजरायल ने गाजा में बमबारी तेज कर दी है। इजरायली सेना ने बताया कि उसकी एयर फोर्स और ग्राउंड फोर्स गाजा पट्टी में अपने ऑपरेशन को बढ़ा रही है। इधर, इजरायल-फिलिस्तीन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया गया है। इसी सत्र में सीजफायर के लिए जॉर्डन की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसपर वोटिंग हुई। पक्ष में 120 वोट पड़े, जबकि विरोध में सिर्फ 14 वोट पड़े। ऐसे में इजरायल-हमास में सीजफायर का प्रस्ताव यूएन में पास हो गया। हालांकि, भारत, ब्रिटेन समेत 45 देशों ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। इस प्रस्ताव में हमास के हमले का जिक्र नहीं था। कनाडा ने प्रस्ताव संशोधित कर पास कराने की मांग की लेकिन ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका।

भारत ने इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पर क्या कहा

भारत ने जॉर्डन के पेश किए गए इजरायल-फिलिस्तीन प्रस्ताव पर दूरी जरूर बनाए रखी पर आतंकवाद को लेकर हमास पर जमकर निशाना साधा। भारत ने कहा कि वह इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष को दूर करने के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप दूत योजना पटेल ने इजरायल में हुए हमास के आतंकी हमले पर दुख जताया और इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया और गाजा में चिंताजनक मानवीय स्थिति पर भी दुख जताया। उन्होंने कहा कि भारत तनाव कम करने के प्रयासों का समर्थन करता है और फिलिस्तीन की मदद के लिए हमेशा तैयार है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को मिली धमकी, ई-मेल पर कहा- 20 करोड़ नहीं देने पर जान से मार देंगे

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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को जान से मारने की धमकी मिली है। अंबानी को एक धमकी भरा ईमेल मिला है। इसमें 20 करोड़ रुपये की मांग की गई है। जिसमें कहा है कि कहा है कि पैसे नहीं देने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा।

पुलिस के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कंपनी की ईमेल आईडी पर एक अज्ञात शख्स ने धमकी भरा ईमेल भेजा है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 27 अक्टूबर को मुकेश अंबानी को उनकी ईमेल आईडी पर इनबॉक्स में एक ईमेल आया। इस ईमेल में इंग्लिश में लिखा था कि अगर मुकेश अंबानी उस अज्ञात शख्स को 20 करोड़ रुपये नहीं देंगे तो वह उन्हें जान से मार देगा। इमेल में यह भी लिखा है कि शख्स के पास भारत के सबसे बेस्ट शूटर्स हैं। 

इसकी सूचना मुकेश अंबानी के सिक्योरिटी इंचार्ज ने पुलिस से की है।न्यूज एजेंसी एएनआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मामले में गमदेवी पुलिस स्टेशन मुंबई में केस दर्ज किया गया है। सेक्शन 387 और सेक्शन 506 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

बता दें कि इससे पहले भी मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। इससे पहले 6 अक्टूबर 2022 को उन्हें धमकी देने वाला एक शख्स बिहार से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की पहचान 30 साल के राकेश कुमार मिश्रा के रूप में हुई थी।

2021 में मिली थी विस्फोटकों से लदी एसयूवी

वहीं, साल 2021 के फरवरी महीने में मुकेश अंबानी के घर के पास एक लावारिस एसयूवी मिली थी। इस एसयूवी में करीब 20 जिलेटिन की छड़ें ओर एक चिट्ठी मिली थी।चिट्ठी में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को धमकी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था।

पीएम मोदी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए मिले न्योते से खुश नहीं हैं जमीयत, जानें मौलाना महमूद मदनी ने क्या कहा?

#maulana_madani_says_pm_modi_should_not_participate_in_inauguration_ram_mandir

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए मिले न्योते का विरोध जताया है।मदनी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए। बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रित किया हा। जिसके बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का ये बयान आया है।

मौलाना महमूद मदनी ने बयान जारी कर कहा, ये बात कही जाती है कि अयोध्या में मस्जिद बनाई जा रही है, वहां हमारे प्रधानमंत्री जाकर उद्घाटन करेंगे। हम दो बातें कहना चाहते हैं। पहला कि हम अयोध्या पर जो कोर्ट का फैसला आया है उसे सही नहीं मानते हैं। हमारा मानना है कि वो फैसला गलत माहौल में, गलत तरीके से, गलत बुनियादों पर किया गया है।

उन्होंने कहा, दूसरी बात ये है कि मुल्क के वजीरे आजम को न किसी मंदिर... किसी इबादतगाह के बुनियाद के लिए बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। इससे अपने आप को दूर रखना चाहिए। मजहब का मामला आवाम का मामला है। मैं जमीयत के लोगों से कहना चाहता हूं कि वो अगर इस तरह के कार्यक्रम में किसी भी तरह हिस्सा लेंगे, जुबानी ही क्यों नहीं हो... उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मौलाना मदनी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कुछ मुस्लिम नेताओं की ओर से अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की नींव रखने के लिए प्रधानमंत्री से अपील करने पर तीखी आलोचना की है। मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के जो निर्णय किया था, हम उसको सही नहीं मानते हैं। इसलिए मस्जिद बनाने के लिए खैरात में दी गई जमीन को भी कबूल नहीं किया जा सकता।