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निठारी कांड का आरोपी मोनिंदर पंढेर जेल से हुआ रिहा, जानें कोर्ट ने क्यों किया बरी

#nithari_case_accused_maninder_pandher_released

दिल्ली से सटे नोएडा में हुआ निठारी हत्याकांड एक ऐसा आपराधिक मामला था जिसनें क़रीब 17 साल पहले पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया था। महीनों तक यह मामला सुर्ख़ियों में छाया रहा था। इस मामले में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद मोनिंदर सिंह पंढेर आज शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इससे पहले सोमवार 16 अक्टूबर को जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निठारी हत्याकांड से सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया तो ये एक चौंकाने वाली ख़बर थी। हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर को यह कहते हुए बरी कर दिया कि प्रॉसिक्यूशन या अभियोजन पक्ष इन दोनों का अपराध साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट के आदेश के बाद आज मोनिंदर पंढेर जेल से बाहर आ गया।

कोर्ट ने कहा-पुलिस आरोपी साबित करने में विफल रही

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी नरसंहार में सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करार दिया था। कोर्ट ने कहा, पुलिस दोनों के खिलाफ आरोपी साबित करने में विफल रही। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने जांच पर नाखुशी जताते हुए कहा, जांच बेहद खराब थी सबूत जुटाने की मौलिक प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। जांच एजेंसियों की नाकामी जनता के विश्वास से धोखाधड़ी है।हाईकोर्ट ने कहा, जांच एजेंसियों ने अंग व्यापार के गंभीर पहलुओं की जांच किए बिना एक गरीब नौकर को खलनायक की तरह पेश कर उसे फंसाने का आसान तरीका चुना। ऐसी गंभीर चूक के कारण मिलीभगत सहित कई तरह के निष्कर्ष संभव हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी अपीलकर्ताओं की निचली अदालत से स्पष्ट रूप से निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला।

18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप

सीबीआई की विशेष अदालत ने 13 फरवरी 2009 को दोनों को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई थी। पंढेर और कोली पर 18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप था। इस मामले अदालत में पहला केस 8 फरवरी, 2005 को दर्ज किया गया था। 

जानिए कौन हैं मोनिंदर पंढ़ेर और सुरेंद्र कोली

मोनिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला था और साल 2000 में दिल्‍ली आया था। वहीं, सुरेंद्र कोली, जो उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक गांव का रहने वाला था दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। कहा जाता है कि कोली खाना बेहतरीन बनाता था। साल 2003 में वह पंढे़र से मिला और उसके घर पर नौकर बनकर का काम करने लगा। सुरेंद्र कोली के आने के बाद मोनिंदर सिंह की फैमिली उसे छोड़कर पंजाब चली गई। तब से वह कोली के साथ रहने लगा। 

बता दें कि नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी गांव निवासियों के बच्चे वर्ष 2004 से लापता हो रहे थे। इसी क्रम में सेक्टर-19 निवासी नंदलाल ने सेक्टर-31 स्थित डी-5 नंबर की कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर पर बेटी के अपहरण का शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की। इसी दौरान हुए जांट पड़ताल में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से बच्चों और महिलाओं के दर्जनों कंकाल बरामद किए गए थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया था।

एमपी विधानसभा चुनाव, 'अरे भाई छोड़ो अखिलेश-वखिलेश...', कांग्रेस और सपा के घमासान पर बोले कमलनाथ

लोकसभा चुनाव के लिए बना विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA’ प्रदेशों के चुनाव में बिखरा दिखाई दे रहा है। सपा के प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज हो गए हैं। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सीट की चाहत थी, जो पूरी नहीं हुई। इसके साथ ही यह भी बोल रहे हैं कि गठबंधन के रूपरेखा को वह ‘शायद समझ नहीं पाए.’ पिछले दिनों उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को निशाने पर लेते हुए ‘चिरकुट नेता’ बोल दिया। अब मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे कमलनाथ ने भी अखिलेश को इसी लहजे में जवाब दिया तथा पत्रकारों के सवाल को अनसुना करते हुए कहा, “छोड़िए अखिलेश, वखिलेश…”

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। तीन दिवसीय प्रवास पर छिंदवाड़ा पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने पर सभी कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है तथा हमें जितनी उम्मीद थी उससे भी कहीं अधिक सीटों पर हम चुनाव जीतेंगे। इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं होने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नाराजगी के सवाल पूछने पर कमलनाथ ने कहा, “छोड़िए अखिलेश, वखिलेश…”

आपको बता दें कि 3 दिवसीय प्रवास के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिले भर में विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। इसके साथ ही पहली सूची में गोटेगांव से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए शेखर चौधरी का नाम कट गया है। दूसरी लिस्ट में नाम कट जाने से नाराज शेखर चौधरी आज शाम को छिंदवाड़ा पहुंचकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात भी कर सकते हैं।

क्या चीन भी कर रहा है युद्ध की तैयारी? गुपचुप तरीके से बढ़ा रहा परमाणु हथियारों की संख्या, जानें 2030 तक बनाएगा न्यूक्लियर बम?

#pentagon_latest_report_on_china_nuclear_bombs

एक तरफ इजराइल-हमास के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है, इसके पहले से रूस-युक्रेन के बीच जंग जारी ही है। इन हालातों में चीन खुद को परमाणु हथियारों में मजबूत कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के परमाणु हथियार भंडार में तेजी से बढ़ोतरी पर नई रिपोर्ट जारी की है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध से सबक

पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी मिलिट्री पावर बढ़ा रहा है। इसके साथ ही वह लगातार अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से चीन सीख रहा है, ताकि वह समझ सके कि ताइवान का संघर्ष कैसा हो सकता है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि चीन एक नई अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल प्रणाली विकसित कर सकता है, जिसमें पारंपरिक हथियारों का ही इस्तेमाल होगा। 

अब तक 500 से ज्यादा परमाणु बमों का निर्माण

रिपोर्ट के मुताबिक अपने विरोधियों से निपटने के लिए चीन तेजी से अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार को बढ़ा रहा है और अब तक वह 500 से ज्यादा परमाणु बमों का निर्माण कर चुका है।रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक वह एक हजार से ज्यादा परमाणु हथियार बना लेगा।

इंटरकांटिनेंटल मिसाइल भी तैयार कर रहा चीन

गुरुवार को सार्वजनिक हुई रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि चीन नई इंटरकांटिनेंटल मिसाइल भी तैयार कर रहा है जिनसे वह परमाणु हथियारों का ज्यादा सटीक प्रहार कर सके। चीन ये मिसाइल अमेरिका पर हमले के लिए बना रहा है। यह रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से प्रस्तावित मुलाकात से एक महीने पहले आई है।

यह रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से प्रस्तावित मुलाकात से एक महीने पहले आई है। यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में होने वाली एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग समिट में होगी।

'मेरी वजह से वसुंधरा राजे को दंड न दे भाजपा..', अशोक गहलोत के बयान से राजस्थान की सियासत में मची हलचल

 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के बारे में व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए सुझाव दिया कि उन्हें (पार्टी को) अपनी पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे को उनके (गहलोत के) कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। गहलोत ने 2020 में उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों का समर्थन नहीं करने में राजे की रचनात्मक भूमिका को स्वीकार करते हुए अपने पिछले बयानों का उल्लेख किया।

बता दें कि, मई में, गहलोत ने धौलपुर में कहा था कि वह 2020 में कांग्रेस विधायकों के विद्रोह से बच गए, क्योंकि भाजपा नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से उनकी (गहलोत की) सरकार को "गिराने की साजिश" का समर्थन नहीं किया था। भाजपा में राजे को कथित तौर पर दरकिनार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, गहलोत ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

 कहा कि, "लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि मेरी वजह से उन्हें (राजे को) सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह उनके साथ अन्याय होगा। मैं एक घटना बताना चाहूंगा, जब मेरी सरकार संकट का सामना कर रही थी। जब मैं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, तत्कालीन सीएम भैरों सिंह शेखावत बाईपास सर्जरी के लिए विदेश में अमेरिका में थे और उनके अपने लोग सरकार गिराने की फिराक में थे। राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में, मैंने इसका विरोध किया और कहा कि यह उचित नहीं था।''

अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने सरकार गिराने को गलत बताते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और राज्यपाल बाली राम भगत के समक्ष अपनी असहमति व्यक्त की थी। उन्होंने आगे कहा कि कैलाश मेघवाल ने यह विचार तब साझा किया जब उनकी सरकार पर संकट था, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह से सरकारों को अस्थिर करने की कोई परंपरा नहीं है। गहलोत ने वसुंधरा राजे के साथ जुड़े विधायकों के साथ अपनी बातचीत का भी उल्लेख किया और स्वीकार किया कि वह कैलाश मेघवाल के समान राय रखती हैं। वहीं, धौलपुर में गहलोत की टिप्पणी के जवाब में, वसुंधरा राजे ने उनकी आलोचना की और कहा कि उनकी प्रशंसा में सद्भावना की कमी है और यह "द्वेष" से प्रेरित है।

हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

भारत के अल्टीमेटम के बाद बैकफुट पर कनाडा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, सितम्बर से जारी है तनाव

 खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर बढ़े राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने कहा कि उसने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। बता दें कि जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ विस्फोटक आरोपों के बाद सितंबर से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनाव में हैं।

एक प्रेस वार्ता में कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि भारत ने शुक्रवार तक कनाडा के 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर सभी के लिए राजनयिक छूट रद्द करने की अपनी योजना बता दी है, जिससे ओटावा को अन्य को बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, 'हमने भारत से उनके सुरक्षित प्रस्थान की सुविधा प्रदान की है। इसका मतलब है कि हमारे राजनयिक और उनके परिवार अब चले गए हैं। हमें चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं पर रोक लगानी होगी।'

उन्होंने आगे कहा कि 41 राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करना अभूतपूर्व है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि कनाडा जवाबी कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा है, ताकि "स्थिति न बिगड़े"। उन्होंने कहा कि, "कनाडा अंतरराष्ट्रीय कानून का बचाव करना जारी रखेगा, जो सभी देशों पर लागू होता है और भारत के साथ जुड़ना जारी रखेगा।"

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में क्यों आई दरार?

बता दें कि, 18 सितंबर को, जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि उनके पास हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता का "विश्वसनीय आरोप" है। भारत में वांछित आतंकवादियों में से एक निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडाई राष्ट्रपति के विस्फोटक आरोपों पर भारत से तीखी प्रतिक्रिया हुई और उन्हें "बेतुका" और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निलंबित कर दिया। भारत ने कहा कि कनाडा के आरोप वहां खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत पर आरोप के बाद ट्रूडो का यू-टर्न

जैसे ही उनके विस्फोटक आरोपों के कारण राजनयिक तनाव बढ़ा, जस्टिन ट्रूडो नाराज भारत को शांत करते दिखे। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि वह घनिष्ठ संबंध रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ओटावा नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ "रचनात्मक संबंध" जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा भारत के साथ "बेहद चुनौतीपूर्ण समय" से गुजर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश नई दिल्ली के साथ "जिम्मेदारी और रचनात्मक रूप से" जुड़ना जारी रखेगा।

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या ? भारत के 'वर्ल्ड कप' अभियान को लगा बड़ा झटका

भारत के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या 22 अक्टूबर, रविवार को धर्मशाला में होने वाले न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से लगभग बाहर हो गए हैं। दरअसल, बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान पंड्या के बाएं टखने में चोट लग गई थी। खेल का अपना पहला ओवर फेंकते समय, पांड्या फिसल गए थे और वे पिच के पास जा गिरे थे। हार्दिक अपने बाएं पैर पर दबाव नहीं बना सके और भारतीय सहयोगी स्टाफ ने उन्हें मैदान से बाहर जाने में मदद की। पंड्या मैदान से बाहर चले गए और खेल में आगे हिस्सा नहीं लिया।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खेल के दौरान बताया कि पंड्या को खेल के दौरान स्कैन के लिए भेजा जा रहा है और वह भारत बनाम बांग्लादेश में आगे हिस्सा नहीं लेंगे। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि, पांड्या हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की यात्रा नहीं करेंगे और इसके बजाय चिकित्सा सहायता के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) जाएंगे। बता दें कि, भारत वनडे विश्व कप के अपने पांचवें मैच में न्यूजीलैंड से खेलने के लिए तैयार है और इस मैच में पंड्या से अहम भूमिका निभाने की उम्मीद थी।

धर्मशाला में हुए अधिकांश मैचों में तेज गेंदबाजों को मदद मिली है, ऐसे में हार्दिक पंड्या का बाहर होना भारतीय ड्रेसिंग रूम पर बड़ा प्रभाव छोड़ेगा। पांड्या ने विश्व कप में गेंदबाजी विभाग में पहले बदलाव के रूप में काम किया था और पाकिस्तान और अफगानिस्तान के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन दर्ज किया था। बता दें कि, भारत और न्यूजीलैंड विश्व कप 2023 में अब तक केवल दो अजेय टीमें हैं और वे ग्रुप तालिका में शीर्ष स्थान के लिए धर्मशाला में प्रतिस्पर्धा करेंगे। हल्की बारिश से मैच प्रभावित होने की आशंका है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है।

हीरानंदानी के एफिडेविट पर महुआ मोइत्रा का पलटवार, बोलीं- 'पीएमओ ने दर्शन को दस्तखत करने के लिए किया मजबूर'

#mahua_moitra_claim_on_allegation_after_darshan_hiranandani

रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर पलटवार किया है। इस पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कई बड़े दावे किए हैं और पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।गुरूवार को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने आरोपों को लेकर एक कबूलनामा जारी किया। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने भी जवाबी हमला बोला है। 

लेटरहेड को लेकर उठाए सवाल

खुद पर लगे बड़े आरोपों का जवाब देने के लिए महुआ ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने आधिकारिक लेटरहेड की गैरमौजूदगी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। महुआ ने कहा कि ऐसा लगता है कि दर्शन हीरानंदानी पर दबाव बनाकर इस हलफनामे पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हलफनामा एक सफ़ेद कागज पर है। उन्होंने कहा कि इस देश का एक पढ़ा-लिखा और सम्मानित कारोबारी ऐसे किसी सफ़ेद कागज पर हस्ताक्षर क्यों करेगा? जब तक उसके सिर पर किसी ने बंदूक ना रखी हो। सांसद ने कारोबारी के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी ने नहीं बुलाया। जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो यह हलफनामा किसे दिया गया। 

जो लिखा गया है, वह एक मजाक-मोइत्रा

मोइत्रा के अनुसार, पत्र में जो लिखा गया है, वह एक मजाक है। यह साफ है कि इसे पीएमओ में किसी के द्वारा लिखा गया है। मेरे कथित भ्रष्टाचार में हर विरोधी का नाम है। शार्दुल श्रॉफ, सिरिल श्रॉफ का भाई है और दोनों का बिजनेस के बंटवारे को लेकर झगड़ा है। सिरिल श्रॉफ, गौतम अदाणी का समधी है। राहुल गांधी और शशि थरूर दोनों लगातार सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। सुचेता दलाल एक खोजी पत्रकार हैं और वह भी सरकार को हमेशा कटघरे में खड़ा करती रहती हैं। साफ है कि किसी ने कहा होगा कि 'सब का नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।

हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया-मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिस व्यापारी की सीधी पहुंच प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर तमाम मंत्रियों के कार्यालयों तक हो, वह किसी पहले बार के सांसद को उपहार और पैसे क्यों देगा? यह पूरी तरह से समझ के बाहर और तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि यह हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया है ना कि दर्शन हीरानंदानी की तरफ से। महुआ ने कहा कि मैंने व्यापारी से किसी भी तरह के नकद और उपहार नहीं लिए हैं। 

दर्शन ने लगाए थे महुआ पर आरोप

बता दें कि गुरुवार को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए। हलफनामे में दर्शन ने लिखा कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का हमास के साथ पुतिन पर हमला, बोले-दोनों ही लोकतंत्र के दुश्मन, ऐसे अत्याचारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते

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इजराइल और हमास के बीच दो हफ्तों से जंग जारी है। इस दौरान अमेरिका लगातार इजराइल के साथ खड़ा है और हमास को आतंकवादी करार दे रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल भी पहुंचे। अपनी यात्रा से लौटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। 

राष्ट्र के नाम संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में, मेरे लिए बंधक बने अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है। इजराइल में, मैंने ऐसे लोगों को देखा जो मजबूत, दृढ़, लचीले और गुस्से में भी हैं, सदमे में हैं और गहरे दर्द में हैं। मैंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति अब्बास से भी बात की और दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका फिलिस्तीनी लोगों के सम्मान और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है। कई अन्य लोगों की तरह, मैं फिलिस्तीनी जीवन की दुखद हानि से दुखी हूं। इसमें गाजा के अस्पताल में विस्फोट भी शामिल है, जो इजराइलियों द्वारा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि हम हर निर्दोष की जान जाने पर शोक मनाते हैं। हम निर्दोष फिलिस्तीनियों की मानवता को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते जो केवल शांति से रहना चाहते हैं और एक अवसर चाहते हैं।

अपने संबोधन में बाइडन ने कहा कि हमास और रूस दोनों लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुले हैं। साथ ही उन्होंने यूक्रेन और इस्राइल को अमेरिका के हितों के लिए महत्वपूर्ण बताया और दोनों देशों को सहायता देने पर बात की। बाइडन ने कहा, हमास और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलग-अलग खतरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उनकी मंशा एक जैसी है- दोनों अपने पड़ोसी लोकतंत्र को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं। बाइडन ने कहा कि अमेरिका एक महान राष्ट्र के रूप में अपनी जिम्मेदारी के तौर पर इस तरफ के पक्षपातपूर्ण हिंसक राजनीति को बढ़ने नहीं दे सकता है। हम हमास जैसे आतंकवादियों और पुतिन जैसे तानाशाहों को जीतने नहीं दे सकते और न ही ऐसा होने देंगे। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान यूक्रेन में रूस का समर्थन कर रहा है। साथ ही मध्य पूर्व क्षेत्र में हमास और अन्य आतंकवादी समूहों को ईरान का समर्थन हासिल है। इसलिए उसे जवाबदेह ठहराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और क्षेत्र में हमारे साझेदार देश मध्य पूर्व के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ताकि मध्य पूर्व अधिक स्थिर हो सके और अपने पड़ोसियों से बेहतर तरीके से जुड़े। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप रेल कॉरिडोर जैसी नवीन परियोजनाओं के माध्यम से इस दिशा में काम कर रहा हो। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और इजराइल की मदद के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग वाली बात पर कहा कि यह वैश्विक नेता के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के भविष्य के लिए एक निवेश है, जो कई पीढ़ियों तक अमेरिकी सुरक्षा को लाभ देगा। अमेरिकी नेतृत्व ही दुनिया को एक साथ रखता है। अमेरिकी मूल्य हमें एक ऐसा भागीदार बनाते हैं जिसके साथ अन्य देश काम करना चाहते हैं।