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नक्सली संघटन के सब्जोनल कमांडर लातेहार के जंगल से गिरफ्तार

लातेहार: जेजेएमपी का सब्जोनल कमांडर सुशील उरांव एके 47 और 82 गोली के साथ लातेहार जिले के हेरहंज के सिकीद जंगल से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उसके एक सहयोगी अमरेश उरांव को भी एक देशी कट्टा के साथ पकड़ा है. सुशील पांच लाख का इनामी भी है.

ईडी ने किया शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार,उस पर 40 करोड़ के मनी लाउंड्रिंग का है आरोप


(झारखंड डेस्क)

रांची: झारखंड में हुए शराब घोटाले में करीब 40 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को गुरुवार देर शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। 

योगेंद्र पर ईडी के अधिकारियों की जासूसी कराये जाने का भी आरोप है। ईडी 20 अक्तूबर को योगेंद्र को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश करेगी। इसके साथ ही आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने के लिए आवेदन देगी। ईडी वर्ष 2022-23 में शराब के कारोबार से जुड़े मामलों की भी जांच साथ-साथ कर रही है। 

2022-23 में छत्तीसगढ़ की कंपनियों को सलाहकार बनाया गया था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार के लिए होलोग्राम छापनेवाली कंपनी को ही झारखंड में भी काम दिया गया था। ईडी छत्तीसगढ़ में भी शराब घोटाले की जांच कर रही है। योगेंद्र तिवारी प्रेम प्रकाश का भी करीबी है। प्रेम प्रकाश अभी जेल में है।

 पूछताछ के लिए बुलाया गया था योगेंद्र तिवारी को

ईडी ने शराब घोटाले में पूछताछ के लिए योगेंद्र तिवारी को बुलाया था. ईडी के समन के आलोक में वह दिन के करीब 11:00 बजे रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा। दिनभर चली गहन पूछताछ के बाद ईडी ने शाम करीब 7:00 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान योगेंद्र तिवारी द्वारा 40 करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग के सबूत जुटाये हैं। योगेंद्र तिवारी और उनसे संबंधित लोगों द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में शराब के व्यापार में इस राशि का निवेश किया गया था। यह रकम बालू, जमीन सहित अन्य कारोबार से अवैध तरीके से जुटाये गये थे। इसमें से करीब छह-सात करोड़ का निवेश योगेंद्र और उनसे जुड़ी कंपनियों में किया गया था, जबकि शेष रकम को कोलकाता की शेल कंपनियों के माध्यम से शराब के ठेके से जुड़ी कंपनियों में निवेश किया गया था।

योगेंद्र तिवारी का 19 जिलों में शराब के व्यापार पर था एकाधिकार

योगेंद्र तिवारी ने अपनी कंपनियों व दूसरी कंपनियों के साथ मिल कर एक ग्रुप बनाया था। साथ ही इन्हीं कंपनियों के सहारे राज्य के 19 जिलों में शराब के व्यापार पर एकाधिकार कायम कर लिया था। इन सभी कंपनियों के लिए बैंक ड्राफ्ट एक ही जिले और बैंक की शाखा से बनाये गये थे। पूछताछ के दौरान योगेंद्र तिवारी एक जगह से बैंक ड्राफ्ट बनाने के कारणों का कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। साथ ही ड्राफ्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किये गये रुपयों के वैध स्रोत की जानकारी नहीं दे सके। शराब घोटाले की जांच के दौरान इडी इससे पहले योगेंद्र तिवारी और उसके भाई अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ कर चुका है। इडी ने शराब कारोबार से जुड़े 50 से अधिक लोगों से पूछताछ और मिले साक्ष्यों के आधार पर योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया है। 

ईडी ने की थी इस कारोबार से जुड़े 33 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी

ईडी ने शराब घोटाले की जांच के लिए राज्य के विभिन्न जिलों के शराब, बालू, जमीन आदि के मामले में गड़बड़ी के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इसीआइआर दर्ज की थी। इसीआइआर दर्ज करने के बाद इडी ने 23 अगस्त 2023 को राज्य योगेंद्र तिवारी सहित शराब के कारोबार से जुड़े कुल 33 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। इसी क्रम में इडी ने राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के घर पर भी छापा मारा था। मंत्री के घर पर छापामारी के लिए उनके पुत्र रोहित उरांव द्वारा शराब के व्यापार में पैसा निवेश करने और मंत्री के साथ ही रहने का आधार बनाया गया था।

थोक व्यापार में शामिल कंपनियां और ड्राफ्ट बनाने का ब्योरा

थोक व्यापार की कंपनी---किस जिले का ठेका---खाता---बैंक

आनंद ट्रेडर्स---कोडरमा---35485090053---स्टेट बैंक, मिहिजाम

रूपचक इंटरप्राइजेज---गढ़वा---38241395480---स्टेट बैंक, मिहिजाम

रूपचक इंटरप्राइजेज---लातेहार---38241395480---स्टेट बैंक, मिहिजाम

वैधनाथ इंटरप्राइजेज---धनबाद---36240592405---स्टेट बैंक, मिहिजाम

गुप्ता ट्रेडर्स---बोकारो---36485278490---स्टेट बैंक, मिहिजाम

मैहर डेवलपर्स---दुमका---36484757756---स्टेट बैंक, मिहिजाम

मैहर डेवलपर्स---पूर्वी सिंहभूम---3648757756---स्टेट बैंक, मिहिजाम

राजमहल ट्रेडर्स---रामगढ़---39377001676---स्टेट बैंक, मिहिजाम

सारण अलकोहल---देवघर---35042556039---स्टेट बैंक, मिहिजाम

संजीत हेंब्रम---साहिबगंज---37874637134---स्टेट बैंक, मिहिजाम

अमरेंद्र तिवारी---जामताड़ा---35048121989---स्टेट बैंक, मिहिजाम

कल्याणेश्वरी इंटरप्राइजेज---रांची---672900100001071---पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा

जमानी इंटरप्राइजेज---सरायेकाला---672900100000997---पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा

जमानी इंटरप्राइजेज---गुमला---6729002100000997---पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा

विश्व इंटरप्राइजेज---पलामू---6729002100001099---पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा

विश्व इंटर प्राइजेज---खूंटी---4492002100002729---पंजाब नेशनल बैंक, दुमका

बासुकीनाथ इंटरप्राइजेज---हजारीबग---4492002100002002---पंजाब नेशनल बैंक, दुमका

सभी जिलों के उप-निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ सीईओ ने की समीक्षा बैठक

रांची : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने मतदाता सूची के ड्राफ्ट प्रकाशन एवं अन्य संबंधित विषयों को लेकर राज्य के सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की तथा सभी अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

इस बैठक में उन्होंने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2024 से जुड़े विषयों को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया।

मतदाताओं के यहां घर-घर सर्वेक्षण को लेकर अब दूसरे चरण का अभियान 27 अक्टूबर से 9 दिसंबर तक चलाया जाना है। इस अभियान के दौरान सभी बूथों के बीएलओ घर-घर जाकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर ढूंढ निकालने का काम करेंगे जो पात्र होने के बावजूद भी किसी कारण से अब तक मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो पाए हैं। इस अभियान के दौरान मृत या स्थाई रूप से अन्यत्र शिफ्ट हो चुके मतदाताओं का नियमानुसार नाम हटाने, ब्लैक एंड व्हाइट फोटो युक्त या कटे-फटे पुराने पहचान पत्रों को बदलने के लिए भी काम किया जायेगा।

आगामी 27 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर 1 घंटे का विशेष अभियान

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा कि पूरी निर्वाचन प्रणाली में हमारे बीएलओ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके कार्य को समुचित सम्मान देने व उनका उत्साहवर्धन करने के लिए आगामी 27 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11:00 बजे से 12:00 बजे के बीच 1 घंटे तक सोशल मीडिया पर हैश टैग अभियान चलाया जाना है। बताया कि 27 अक्टूबर को सभी बूथों के बीएलओ अपने-अपने बूथ पर मौजूद रहेंगे ऐसे में राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों, मतदाताओं, विभिन्न वर्गों के सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं, छात्र-छात्राओं से अपील की जा रही है कि वे अपने बूथ पर मौजूद अपने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के साथ सेल्फी लेकर सुबह 11 से 12 बजे के बीच अपने-अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपरोक्त हैशटैग के साथ पोस्ट करें। उन्होंने कहा कि उक्त अभियान न केवल मतदाता जागरूकता के लिए सहयोगी साबित होगा बल्कि पूरे निष्ठा से कार्य कर रहे सभी बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के मनोबल को बढ़ाने वाला भी होगा।

रांची स्मार्ट सिटी के एरिया में अपोलो अस्पताल के निर्माण के लिए रांची नगर निगम और अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई के बीच सब लीज पर हुआ हस्ताक्षर

राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है, ताकि आम जनता को बेहतर और आधुनिक चिकित्सीय सुविधाएं मिल सके। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में रांची स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट क्षेत्र में अपोलो मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए रांची नगर निगम और अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड, चेन्नई के बीच सब लीज डीड पर हस्ताक्षर किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत बेहतर नहीं रही है। ऐसे में वर्ष 2019 में सरकार के गठन के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में लगातार काम हो रहा है । इस कड़ी में सरकारी अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। जांच और इलाज की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्तियां हो रही है। वहीं, निजी क्षेत्र के अस्पताल यहां स्थापित हों, इसके लिए भी लगातार प्रयास हो रहे हैं, ताकि लोगों को बेहतर इलाज के लिए राज्य के बाहर और बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़े।

मुख्यमंत्री ने अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड, चेन्नई प्रबंधन से कहा कि वह इस अपोलो मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को जल्द से जल्द शुरू करें। इस मौके पर उन्होंने अस्पताल का भूमि पूजन 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर करने का निर्देश दिया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री को बताया कि जल्द ही 250 बेड के अस्पताल निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। पहले चरण में यहां ओपीडी की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा । सामान्य चिकित्सक और पारा मेडिकल कमी भी झारखंड के होंगे , जबकि विभिन्न विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ यह समझौता विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा। इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दे सकेंगे। इससे यहां रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

गौरतलब है कि रांची के घाघरा में अपोलो हॉस्पिटल के निर्माण के लिए रांची नगर निगम के द्वारा अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज के साथ 4 सितंबर 2014 को एकरारनामा किया गया था। लेकिन, उक्त भूमि के विषय पर विवाद के वजह से स्थल परिवर्तन करते हुए रांची स्मार्ट सिटी क्षेत्र में अपोलो अस्पताल के लिए भूमि उपलब्ध करने का निर्णय लिया गया । यहां लगभग 2.75 एकड़ भूमि पर हॉस्पिटल निर्माण होगा। इसके लिए जमीन का सब लीज फिलहाल 45 वर्षों के लिया किया जा रहा है, जो भविष्य में कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए विस्तारित किया जा सकेगा। इस स्थान पर 250 बेड वाले मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा। यहां विशेष रूप से कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपोडिक, गायनोकॉलोजी, जेनरल सर्जरी, जेनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, ईएनटी सेवा प्रदान की जायेगी।

डोरंडा श्रम विभाग के कर्मचारीयो को वेतन नहीं मिलने पर विभाग के बाहर कर्मचारी बैठे हड़ताल में

रांची : डोरंडा स्थित श्रम विभाग के सैकड़ो की संख्या में कर्मचारियों ने विभाग के बाहर हड़ताल पर बैठ गए। इस हरताल में स्थाई और अस्थाई दोनो कर्मचारी सम्मिलित थे।

कर्मचारियों ने अपने मांगो को रखते हुए बताया कि पिछले 2 महीना से उन्हे वेतन नही मिला है। ना एरियर दिया गया है। साथ ही बोनस पिछले एक वर्ष से नही मिला है। उन्होंने कहा कि इस पर्व त्यौहार के मौके पर बिना वेतन का हमलोग दुर्गा पूजा कैसे मनाएंगे यह विभाग को समझना चाहिए। आखिर हम लोगों का पैसा क्यों रोका गया है।

जब विभाग से हमने जानकारी ली तो इन सब मुद्दों को लेकर लेबर कमिश्नर ने कहा ढाई सौ कर्मचारी हड़ताल पर है इनका मैनेजमेंट एक बार मिलने आया है वेतन को लेकर ना बात करने को आया है 18 तारीख को हम लोगों ने वेतन निर्गत करने के लिए भेजा है विभाग को जल्द ही जारी किया जाएगा साथ में जो कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं उनके मैनेजमेंट पर भी हम लोग न्यायालय में केस दाखिल करेंगे।

फर्जी तरीके से कागजात बनाकर रैयतों को जमीन से बेदखल करने पर कांग्रेस पार्टी हमेशा से आवाज उठाती आ रही है:- बंधु तिर्की

रांची: झारखंड अलग होने के बाद जिस तरह से प्रदेश में जमीन खरीद बिक्री का गोरख कारोबार फल फूल रहा है। इस तरह के गंभीर मुद्दों को लेकर झारखंड कांग्रेस भवन, में कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने संवाददाता सम्मेलन किया। इस मौके पर उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला

अध्यक्ष बन्धु तिर्की ने कहा कि भाजपा और इसके नेताओं की संकुचित मानसिकता और उसका जगजाहिर होना, इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य गठन के बाद पिछले 23 साल के दौरान झारखण्ड और यहाँ के लोगों की ऐसी स्थिति क्यों है? यदि भाजपा और इसके नेताओं के मन में झारखण्ड के हित में थोड़ी-सी भी सकारात्मक भावना बची हो तो वो अपनी संकुचित मानसिकता के दायरे से बाहर निकले। मेरा स्पष्ट मानना है कि झारखण्ड में जल, जंगल और जमीन की लूट मची है।

आज झारखण्ड में ऐसी स्थिति है जहाँ फर्जी तरीके से जमीन की जमाबंदी कर रयतो को जमीन से बेदखल किया जा रहा है। जमीन की बिकाई और जंगल की कटाई जैसे धंधे चमक रहे हैं। अपनी इसी बात को उन्होंने जब एक विज्ञप्ति के माध्यम से अखबारों के लिये कहा और कुछ न्यूज चैनल्स पर इंटरव्यू दिये तो यहाँ के भाजपा नेताओं की बेचैनी बहुत ज्यादा बढ़ गयी जबकि उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया था। मैंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वैसे लोग प्रत्येक राजनीतिक दल में हैं। भाजपा नेता और माननीय राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू द्वारा इस संबंध में कही गयी बातें इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि भाजपा में वैसे नेताओं की संख्या कहीं ज्यादा है जिनकी जमीन मामलों में संलिप्तता है और वे जमीन के वैसे अवैध कारोबार में संलिप्त हैं।

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की ने कहा कि राजनीतिक दृष्टिकोण से हटकर राजहित में जब से झारखंड बना तब से लेकर अब तक जमीन में हुई भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर बीजेपी आमने-सामने चर्चा करें।

राजनीति में रहने का यह मतलब नहीं है कि प्रत्येक मुद्दे को राजनीति के चश्मे से ही देखा जाये। अपनी मानसिकता के अनुसार मेरा मानना है कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो या उसका नेता-कार्यकर्ता लेकिन उसका उद्देश्य जनहित में आम लोगों की भलाई और कल्याण के लिये काम करना है। इसके लिये सत्ता एक माध्यम बनकर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

बंधु तिर्की ने कई ऐसे खाता नंबर एवं प्लॉट नंबर बताया जो भू माफियाओं द्वारा दखल कर लिया गया है। रांची जिलान्तर्गत हेहल अंचल के खाता सं.-113, रकबा-7.8 एकड पर जेपी उद्यान हुआ करता था, जिसे भू-माफियाओं और भ्रष्ट अंचलकर्मियों के मिलीभगत से गायब कर दिया गया।

खूंटी जिला के कर्रा थाना अंतर्गत खाता नंबर-1, प्लॉट नंबर-113, 122 रकबा-1.46 एकड जमीन भू-माफियाओं और भ्रष्ट पदाधिकारियों के मिलीभगत से गैर आदिवासियों को बेच दिया गया।

कांके अंचल अंतर्गत मौजा सुकुरहुटू खाता नंबर-453, प्लॉट नंबर-63, रकबा-4.68 एकड़ हरिजन कॉलोनी, मुरली टोंगरी को अवैध तरीके से खाली कराकर एक भू-माफिया द्वारा जमाबन्दी कर लिया गया।

रांची जिला अंतर्गत मौजा-अरगोड़ा खाता नंबर-148, प्लॉट नंबर-1089, 1090, 1091, 1092 रकबा 1.19 एकड जमीन न्यायालय ने खतियानी रैयत के पक्ष में फैसला सुनाया, आजतक रैयत के कब्जे में जमीन नही आई, बिल्डर द्वारा निर्माण कार्य जारी है। नामकोम अंचल के मौजा-टोन्को, खाता सं-55 प्लॉट सं-131 रकबा-22.25 एकड़ लोहरा खतियानी रैयत का नाम में छेड़छाड़ कर कोटवारी जमीन को लोहरा खतियान कर अवैध तरीके से बेच दिया गया। रातु अंचल के मौजा-सिमलिया खाता-194, प्लॉट संख्या-3399, रकबा-25 एकड गैर मजरूआ जमीन जिस पर वर्षाे से ग्रामीण जतरा/मेला का आयोजन करते आ रहे हैं, जिसे बिना ग्रामसभा के सहमति से नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य चल रहा है।

सदा बहार चौक नामकोम, दुर्गा मन्दिर के पीछे थाना- नामकोम जिला-राची के नाम बन्दोबस्ती जमीन खाता संख्या- 87 / 125 प्लॉट संख्या- 1265 रकबा - 15 डीसमील परती जमीन हैं अवैध रूप से मकान का निर्माण कर रहा है

इस तरह की तमाम जमीन लूट में बंधु तिर्की ने भाजपा के नेताओं की संलिप्तता बताई है। सरकार से इसकी जांच की भी मांग की है।

*झारखंड सरकार ने कई आईएएस अधिकारियों का किया तबादला, कुछ को दिया गया अतरिक्त प्रभार*

रांची : झारखंड सरकार ने कई आईएएस का तबादला कर दिया है। इस क्रम में कई शहरों के अनुमंडल पदाधिकारी को बदल दिया गया है। कुछ को अतिरिक्‍त प्रभार भी सौंपा गया है। इसका आदेश कार्मिक विभाग ने जारी कर दिया।

बदले गए अधिकारियों के सूची इस प्रकार

झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद, रांची में प्रबंध निदेशक के पद पर पदस्थापित कमलेश्वर प्रसाद सिंह को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग में विशेष सचिव के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है। सिंह अगले आदेश तक अपने कार्यों के साथ प्रबंध निदेशक, झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।

चास नगर निगम, चास (बोकारो) में अपर नगर आयुक्त के पद पर पदस्थापित अनिल कुमार सिंह को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, रांची में विशेष सचिव के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे अनिल कुमार को अगले आदेश तक खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग, रांची में अपर सचिव के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

गोड्डा के महागामा में अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित सौरभ कुमार भुवानिया को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक चास नगर निगम, चास (बोकारो) में अपर नगर आयुक्त के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

रामगढ़ में अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित मो जावेद हुसैन को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक मेदिनीनगर नगर निगम, मेदिनीनगर (पलामू) में नगर आयुक्त के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

श्री बंशीधर नगर, गढ़वा में अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित आलोक कुमार को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक अपर नगर आयुक्त, आदित्यपुर नगर निगम ( सरायकेला-खरसावां) के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

गुमला में अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित रवि जैन को स्थानान्तरित करते हुए अगले आदेश तक अनुमंडल पदाधिकारी, साहि‍बगंज के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है।

एक मज़दूर के रूप में जीवन की शुरुआत करने वाले रघुवर दास के मुख्यमंन्त्री और गवर्नर बनने तक का जानिए उनके संघर्षगाथा को...!


(झारखंड डेस्क)

उनका बचपन अभावों में गुजरा,साधारण स्कूल में शिक्षा ग्रहण की और अपनी जिंदगी की शुरआत एक मजदूर के रूप में की, इसी दौरान वे मज़दूरों के हक के लिए संघर्ष किया, मज़दूर नेता से सफर की शुरुआत कर वे झारखंड के मुख्य मंत्री बने और केंद्र सरकार ने एक नई जिम्मेदारी देकर उन्हें उड़ीसा के राज्यपाल बना दिया।जानिए एक मज़दूर से मुख्यमंत्री और गवर्नर बनने वाले रघुवर दास का जीवन परिचय...?

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता रघुवर दास को मोदी सरकार ने एक नई जिम्मेवारी दी है।वे अब ओड़िशा के राज्यपाल बनाये गए हैं। 

बुधवार की देर रात जब गवर्नर की लिस्ट जारी हुई, तो कई जानकार दंग रह गये। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे रघुबर को 2024 के चुनाव में फायरब्रांड नेता के रूप में उनके समर्थक देख रहे थे, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने रघुबर के लिए अलग-अलग प्लान बना रखा था। 

फिर बुधवार की रात वो घड़ी भी आ गयी, जब केंद्र सरकार ने पत्ते खोलते हुए रघुबर दास तो राज्यपाल के रूप में एक नयी जिम्मेदारी सौंप दी।

वैसे राज्यपाल की जिम्मेदारी तो किसी नेता को सक्रिय राजनीति से दूर होने के जैसा देखा जाता है। लेकिन सच यह भी है कि यह राजनीति की ये सुखद मंजिल भी समझा जाता है। राज्यपाल बनने के बाद फिर रघुवर दास चर्चा में आ गए है।कल रात से ट्वीटर पर उन्हें बधाई देने वालों की भीड़ से लग गयी है।साथ ही अधिक से अधिक लोग उन्हें और ज्यादा जानना चाहता है। आइये उनके जिंदगी, संघर्ष और इस मुकाम पर पहुंचने की कई अनटोल्ड स्टोरी है जिससे आप को रूबरू कराना चाह रहा हूँ।

रघुबर दास अपने जीवन में संघर्ष और निष्ठा के साथ आगे बढ़ते रहे कई विषम परिस्थितयों से वे गुजरे फिर भी अपनी दृढ़ इक्षा शक्ति से राजनीति में डटे रहे और आगे बढ़ते रहे। वे 40 सालों तक राजनीति में सक्रिय रहे।एक रोलिंग मिल के मजदूर से उन्होंने अपने जीवन के सफर की शुरुआत की। उनका बचपन बेहद अभावों में गुजरा। लेकिन उस अभाव में भी वे अपनी क्षमता और इक्षा शक्ति से आगे बढ़ते रहे।

 रघुवर दास का जन्म 3 मई 1955 को जमशेदपुर में हुआ था। उन्होने जमशेदपुर की टाटा स्टील रोलिंग मिल में मजदूर के रूप में अपना सफर शुरु किया। टाटा स्टील में नौकरी करने के दौरान रघुवर दास श्रमिकों के नेता बन गए। उसी दौरान जेपी आंदोलन हुआ और वे राजनीति में आ गए। इमरजेंसी के दौरान रघुवर दास को जेल भी जाना पड़ा।

उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भालूबासा हरिजन विद्यालय में हुई। यहीं से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से बीएससी और विधि स्नातक की परीक्षा पास की। रघुवर दास के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं, हालांकि उनकी पुत्री की शादी हो चुकी है। सीएम रघुवर दास के पिताजी चवन दास मूल रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले के रहने वाले थे। वे मजदूरी करने टाटानगर आए और 1979 में वहीं बस गए।

रघुवर दास को झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री होने का गौरव है। रघुवर दास वर्ष 1977 में जनता पार्टी के सदस्य बने। वर्ष 1980 में बीजेपी की स्थापना के साथ ही वह सक्रिय राजनीति में आए। उन्होंने वर्ष 1995 में पहली बार जमशेदपुर पूर्व से विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक बने। तब से लगातार पांचवीं बार उन्होंने इसी क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता है।  तत्कालीन बिहार के जमशेदपुर पूर्व से वर्ष 1995 में उनका टिकट बीजेपी के प्रसिद्ध विचारक गोविंदाचार्य ने तय किया था।

दास पंद्रह नवंबर, 2000 से 17 मार्च, 2003 तक राज्य के श्रम मंत्री रहे, फिर मार्च 2003 से 14 जुलाई, 2004 तक वह भवन निर्माण और 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर, 2006 तक झारखंड के वित्त, वाणिज्य और नगर विकास मंत्री रहे। इसके अलावा दास 2009 से 30 मई, 2010 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ बनी बीजेपी की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री, वित्त, वाणिज्य, कर, ऊर्जा, नगर विकास, आवास और संसदीय कार्य मंत्री भी रहे।

रघुवर दास ने 15 नवंबर, 2000 में बने झारखंड राज्य के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ आज ली। राज्य बनने के चौदह वर्ष बाद वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो गैर आदिवासी हैं। दास के साथ आज चार अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है। राज्य में नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में पहली बार 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगी आज्सू को 42 सीटें जीतने में सफलता मिली है जिससे बहुमत की स्थिर सरकार की स्थापना हुई है।

दास 15 नवंबर, 2000 से 17 मार्च, 2003 तक राज्य के श्रम मंत्री रहे, फिर मार्च 2003 से 14 जुलाई, 2004 तक वह भवन निर्माण तथा 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर, 2006 तक झारखंड के वित्त, वाणिज्य और नगर विकास मंत्री रहे। इस बीच जुलाई, 2004 से मई, 2005 तक वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और बाद में 19 जनवरी, 2009 से 25 सितंबर, 2010 तक वह एक बार फिर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। दास 30 दिसंबर, 2009 से 30 मई, 2010 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ बनी भाजपा की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री, वित्त, वाणिज्य, कर, ऊर्जा, नगर विकास, आवास और संसदीय कार्य मंत्री रहे। हाल में 16 अगस्त, 2014 को अमित शाह की अध्यक्षता में बनी टीम में वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये गये।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल बनाये गए।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बना दिया गया उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति भवन ने की है जमशेदपुर पूर्वी के विधायक के तौर पर रघुवर दास ने 20 साल तक रहे जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर वे कद्दावर नेता रहे साथ ही साथ में कहीं अहम पदों पर भी रहे और अभी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे.

राज्यपाल बनने के फैसले से झारखंड की राजनीतिक मैं सनसनी फैल गई है एक तरफ से माना जाए तो झारखंड की राजनीतिक से रघुवर दास जी कोदर किनार कर दिया गया है क्योंकि राज्यपाल गरिमा में पद होता है जिसमें राज्यपाल राजनीतिक अवसान को बताता है.

भारत सरकार के गृह सचिव की ओर से वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के जरिये किये गये कार्यों की हुई सराहना


सरायकेला : भारत सरकार के गृह सचिव की ओर से वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में झारखंड के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के जरिये किये गये कार्यों की सराहना की गयी है। 

झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में नक्सलियों के विरुद्ध चौतरफा संयुक्त अभियान झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर के साथ चलाया जा रहा है।

 

वर्ष 2022 और 2023 में सुरक्षा बलों की ओर से कुल 745 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य, एक रिजनल कमिटी के सदस्य, 10 जोनल कमांडर, 16 सब जोनल कमांडर और 25 एरिया कमांडर शामिल थे।जबकि पुलिस मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गए। चतरा जिला पुलिस के जरिये सबसे अधिक भाकपा माओवादी नक्सली को मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

 इनमें भाकपा माओवादी के 25 लाख के इनामी नक्सली सैक सदस्य गौतम पासवान, अजीत उरांव और पांच लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमांडर अमर गंझू और सब जोनल कमांडर अजय यादव (कुल 60 लाख के इनामी माओवादी एक साथ पुलिस मुठभेड़ में मारे गये) शामिल थे। इसके अलावा गुमला जिले में नक्सली सब जोनल कमांडर लाजिम अंसारी (5 लाख का इनामी) पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। वर्ष 2022-23 में 38 नक्सलियों ने पुलिस के बढ़ते दबिश एवं राज्य सरकार की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। 

इनमें स्पेशल एरिया कमिटी के एक सदस्य विमल यादव, रिजनल कमिटी के तीन सदस्य अमन गंझू, दुर्योधन महतो व इंदल गंझू, चार जोनल कमांडर, नौ सब जोनल कमांडर और 10 एरिया कमांडर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान में सुरक्षा बलों के जरिये नक्सलियों से लेवी के रूप में वसूले गये। 1.10 करोड़ रुपये बरामद किये गये। साथ ही अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा इस अवधि में कुल 26 नये कैंप स्थापित किये गये, जिससे इस इलाकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।

पिछले पांच वर्षों में पहली बार एक साथ मारे गए पांच बड़े नक्सली राज्य के लगभग सभी इलाकों में नक्सलियों पर काबू पा लिया गया है। अब इनकी गतिविधि केवल कोल्हान में सीमित रह गई है।

 उल्लेखनीय है कि चतरा जिला में इस साल अप्रैल महीने में पुलिस मुठभेड़ में पांच शीर्ष माओवादी मारे गये थे। पिछले वर्षों में इस प्रकार की यह पहली घटना है, जहां पांच माओवादी एक साथ पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे। इस घटना ने नक्सल कैडर को पूरी तरह से हतोत्साहित कर दिया, जो चकरबंधा से आकर इस इलाके में शरण लिऐ हुये थे। भाकपा माओवादी संगठन को पारसनाथ के पहाड़ी इलाकों (गिरिडीह) और लुगु झुमरा पहाड़ी क्षेत्र (बोकारो, हजारीबाग) में शीर्ष उग्रवादी नेताओं की गिरफ्तारी एवं आत्मसमर्पण से बड़ा झटका लगा है। 

भाकपा माओवादी के आखिरी गढ़ कोल्हान में सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य में क्रियाशील अन्य उग्रवादी संगठनों पर भी प्रभावी कार्रवाई की गयी है और परिणामस्वरूप पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ कुलदीप की गिरफ्तारी भी एनआईए के जरिये की जा चुकी है। 

नक्सली काण्डों में तार्किक निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं यूएपीए के तहत नक्सलियों के खिलाफ समयबद्ध तरीके से अभियोजन चलाने सहित यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि आत्मसमर्पित नक्सली पुनः अपने संगठन में नहीं लौट सके ।