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हीरानंदानी के एफिडेविट पर महुआ मोइत्रा का पलटवार, बोलीं- 'पीएमओ ने दर्शन को दस्तखत करने के लिए किया मजबूर'

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रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर पलटवार किया है। इस पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कई बड़े दावे किए हैं और पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।गुरूवार को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने आरोपों को लेकर एक कबूलनामा जारी किया। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने भी जवाबी हमला बोला है। 

लेटरहेड को लेकर उठाए सवाल

खुद पर लगे बड़े आरोपों का जवाब देने के लिए महुआ ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने आधिकारिक लेटरहेड की गैरमौजूदगी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। महुआ ने कहा कि ऐसा लगता है कि दर्शन हीरानंदानी पर दबाव बनाकर इस हलफनामे पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हलफनामा एक सफ़ेद कागज पर है। उन्होंने कहा कि इस देश का एक पढ़ा-लिखा और सम्मानित कारोबारी ऐसे किसी सफ़ेद कागज पर हस्ताक्षर क्यों करेगा? जब तक उसके सिर पर किसी ने बंदूक ना रखी हो। सांसद ने कारोबारी के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी ने नहीं बुलाया। जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो यह हलफनामा किसे दिया गया। 

जो लिखा गया है, वह एक मजाक-मोइत्रा

मोइत्रा के अनुसार, पत्र में जो लिखा गया है, वह एक मजाक है। यह साफ है कि इसे पीएमओ में किसी के द्वारा लिखा गया है। मेरे कथित भ्रष्टाचार में हर विरोधी का नाम है। शार्दुल श्रॉफ, सिरिल श्रॉफ का भाई है और दोनों का बिजनेस के बंटवारे को लेकर झगड़ा है। सिरिल श्रॉफ, गौतम अदाणी का समधी है। राहुल गांधी और शशि थरूर दोनों लगातार सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। सुचेता दलाल एक खोजी पत्रकार हैं और वह भी सरकार को हमेशा कटघरे में खड़ा करती रहती हैं। साफ है कि किसी ने कहा होगा कि 'सब का नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।

हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया-मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिस व्यापारी की सीधी पहुंच प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर तमाम मंत्रियों के कार्यालयों तक हो, वह किसी पहले बार के सांसद को उपहार और पैसे क्यों देगा? यह पूरी तरह से समझ के बाहर और तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि यह हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया है ना कि दर्शन हीरानंदानी की तरफ से। महुआ ने कहा कि मैंने व्यापारी से किसी भी तरह के नकद और उपहार नहीं लिए हैं। 

दर्शन ने लगाए थे महुआ पर आरोप

बता दें कि गुरुवार को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए। हलफनामे में दर्शन ने लिखा कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का हमास के साथ पुतिन पर हमला, बोले-दोनों ही लोकतंत्र के दुश्मन, ऐसे अत्याचारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते

#american_president_joe_biden_attack_on_russia_putin_and_hamas

इजराइल और हमास के बीच दो हफ्तों से जंग जारी है। इस दौरान अमेरिका लगातार इजराइल के साथ खड़ा है और हमास को आतंकवादी करार दे रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल भी पहुंचे। अपनी यात्रा से लौटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। 

राष्ट्र के नाम संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में, मेरे लिए बंधक बने अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है। इजराइल में, मैंने ऐसे लोगों को देखा जो मजबूत, दृढ़, लचीले और गुस्से में भी हैं, सदमे में हैं और गहरे दर्द में हैं। मैंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति अब्बास से भी बात की और दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका फिलिस्तीनी लोगों के सम्मान और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है। कई अन्य लोगों की तरह, मैं फिलिस्तीनी जीवन की दुखद हानि से दुखी हूं। इसमें गाजा के अस्पताल में विस्फोट भी शामिल है, जो इजराइलियों द्वारा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि हम हर निर्दोष की जान जाने पर शोक मनाते हैं। हम निर्दोष फिलिस्तीनियों की मानवता को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते जो केवल शांति से रहना चाहते हैं और एक अवसर चाहते हैं।

अपने संबोधन में बाइडन ने कहा कि हमास और रूस दोनों लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुले हैं। साथ ही उन्होंने यूक्रेन और इस्राइल को अमेरिका के हितों के लिए महत्वपूर्ण बताया और दोनों देशों को सहायता देने पर बात की। बाइडन ने कहा, हमास और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलग-अलग खतरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उनकी मंशा एक जैसी है- दोनों अपने पड़ोसी लोकतंत्र को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं। बाइडन ने कहा कि अमेरिका एक महान राष्ट्र के रूप में अपनी जिम्मेदारी के तौर पर इस तरफ के पक्षपातपूर्ण हिंसक राजनीति को बढ़ने नहीं दे सकता है। हम हमास जैसे आतंकवादियों और पुतिन जैसे तानाशाहों को जीतने नहीं दे सकते और न ही ऐसा होने देंगे। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान यूक्रेन में रूस का समर्थन कर रहा है। साथ ही मध्य पूर्व क्षेत्र में हमास और अन्य आतंकवादी समूहों को ईरान का समर्थन हासिल है। इसलिए उसे जवाबदेह ठहराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और क्षेत्र में हमारे साझेदार देश मध्य पूर्व के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ताकि मध्य पूर्व अधिक स्थिर हो सके और अपने पड़ोसियों से बेहतर तरीके से जुड़े। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप रेल कॉरिडोर जैसी नवीन परियोजनाओं के माध्यम से इस दिशा में काम कर रहा हो। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और इजराइल की मदद के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग वाली बात पर कहा कि यह वैश्विक नेता के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के भविष्य के लिए एक निवेश है, जो कई पीढ़ियों तक अमेरिकी सुरक्षा को लाभ देगा। अमेरिकी नेतृत्व ही दुनिया को एक साथ रखता है। अमेरिकी मूल्य हमें एक ऐसा भागीदार बनाते हैं जिसके साथ अन्य देश काम करना चाहते हैं।

देश को आज मिलने जा रही है पहली रैपिडेक्स ट्रेन, पीएम नरेंद्री मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जानें क्या है खासियतें

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देश की पहली नमो भारत रैपिड एक्स ट्रेन की शुरुआत आज से होने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस रैपिडेक्स का आज उद्घाटन करेंगे। वहीं, ये ट्रेन स्पीड के मामले में देश की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को टक्कर देगी।सुरक्षा कारणों से पहले दिन आम लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। रूट डायवर्जन की वजह से शुक्रवार को गाजियाबाद में 12वीं तक के स्कूल भी बंद रखे जाएंगे। पढ़ाई ऑनलाइन होगी।

यह ट्रेन दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के रूट पर चलेगी, लेकिन पीएम मोदी आज इसके पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। जहां यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर का सफ़र तय करेगी। आम यात्रियों के लिए यह 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। 

ट्रेन की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा

यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। पिछले दिनों जब इसका ट्रायल किया गया था तब ट्रेन की अधिकतम गति 146 किमी प्रति घंटा थी। इस हाई-स्पीड आरआरटीएस ट्रेन में झुकने वाली सीटें और बड़ी खिड़कियों के अलावा, हाई-टेक कोचों में डिजिटल स्क्रीन भी दी जाएगी, जो यात्रियों को किसी भी समय ट्रेन का रूट,स्पीड दिखाएगी।  

स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच

रैपिडएक्स ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच लगाए गए हैं। कुल छह कोच की प्रत्येक ट्रेन में एक कोच प्रीमियम श्रेणी का होगा। वहीं रैपिडएक्स के स्टेशनों पर मेट्रो स्टेशन से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। 

न्यूनतम किराया 50 रुपये

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने साहिबाबाद से दुहाई तक का किराया स्टैंडर्ड क्लास में 50 रुपये और प्रीमियम में 100 रुपये रखा है। जून, 2025 तक पूरे कॉरिडोर पर सफर शुरू होगा। प्राथमिकता खंड पर ट्रेन की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा होगी। बाद में, 160 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

इजरायल पहुंचे ब्रिटेन के पीएम सुनक का हमास को बड़ा संदेश, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद बोले- आज और हमेशा आपके साथ खड़ा हूं

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ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक गुरुवार को इजरायल पहुंचे हैं। ऋषि सुनक ने इजरायल पहुंचने के बाद कहा कि मैं यहां आया हूं क्योंकि इस देश ने एक बड़े हमले का सामना किया है। यहां के लोग शोक में हैं। मैं इजरायल के लोगों को बताना चाहता हूं कि दुख की इस घड़ी में आपके साथ हूं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ खड़ा हूं। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध से दुनिया के अलग-अलग देश भी चिंतित है। यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को इजरायल पहुंचे थे। अब आज यानी गुरुवार को यूके के पीएम ऋषि सुनक भी इजरायल पहुंचे। जो बाइडेन के बाद ऋषि सुनक की इस इजरायल यात्रा का बेहद खास माना जा रहा है।

इजराइल और हमास का भीषण युद्ध जारी है। हजारों जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इजराइल के तेल अवीव पहुंचे और उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया है। इस दौरान ऋषि सुनक ने कहा, पिछले दो हफ़्तों में यह(इज़रायल) देश कुछ ऐसे दौर से गुज़रा है, जिसे किसी भी देश नहीं सहना चाहिए। ऋषि सुनक ने नेतन्याहू से कहा कि मुझे पता है कि हमास के आतंकवादियों के बिल्कुल विपरीत आप नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए हर सावधानी बरत रहे हैं। मैं आपको उस समर्थन के लिए भी धन्यवाद देना चाहता हूं जो आपकी सरकार ने इस भयावहता में फंसे ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को दिया है, जिसमें बंधकों को रिहा करने, उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के आपके प्रयास भी शामिल हैं। मैं यह भी कह सकता हूं कि हमने पिछले दिनों ऐसे दृश्य देखे हैं, जिन्होंने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है, खासकर अस्पताल में मारे गए लोग और उसके अलावा मारे गए हर निर्दोष व्यक्ति, हर धर्म के नागरिकों, हर राष्ट्रीयता के नागरिकों की मौत पर हम संवेदना व्यक्त करते हैं।

फ़िलिस्तीनी लोग भी हमास के पीड़ित-सुनक

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यह मानते हैं कि सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि फ़िलिस्तीनी लोग भी हमास के पीड़ित हैं। इसीलिए मैं कल आपके उस फैसले का स्वागत करता हूं जो आपने यह सुनिश्चित करने के लिए लिया कि गाजा में मानवीय सहायता के प्रवेश के लिए रास्ते खोले जाएंगे। सुनक ने कहा कि मुझे इज़रायल के सबसे बुरे समय में आपके साथ यहां खड़े होने पर गर्व है। हम आपके लोगों के साथ खड़े रहेंगे और हम यह भी चाहते हैं कि आप जीतें।

बाइडेन भी गए थे इजरायल

बता दें कि इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को इजरायल पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए पीएम नेतन्याहू खुद एयरपोर्ट पर मौजूद थे। जो बाइडेन ने पीएम नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हमास को एक क्रूर आतंकी संगठन बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि हमास इजरायल पर जिस तरह से हमला किया वो मानवता के खिलाफ है।

इजरायल-गाजा की लड़ाई का भारत की सियासत पर जोरदार असर, शरद पवार के बयान पर मचा भूचाल

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इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध का असर भारत की राजनीति पर भी देखा जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर देश में जमकर सियासत हो रही है। देश में इस मसले पर दो पक्ष हो गए हैं। पीएम मोदी ने हमास द्वारा इजरायल पर किए गए आतंकी हमले और सामूहिक नरसंहार की निंदा की थी और इस मुश्किल वक्त में इजरायल को समर्थन दिया था। तो वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों के कई नेता फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े हो गए हैं। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी फिलिस्तीन को समर्थन दिया है। जिसके बाद सियासी बवाल बढ़ गया है।

फडणवीस ने दी वोट-बैंक की राजनीति से दूर रहने की सलाह

इजरायल-फिलिस्तीन पर शरद पवार के बयान के बाद बीजेपी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इजराइल और हमास के युद्ध को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधा है।फडणवीस ने इजराइल और फिलिस्तीन के विवाद पर कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाए आतंकवाद की कड़ी निंदा करना चाहिए।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण युद्ध के समय वोट-बैंक की राजनीति से दूर रहना चाहिए।

पीयूष गोयल ने दिया जवाब

शरद पवार द्वारा फिलिस्तीन को समर्थन दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल बुरी तरह से भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत की निंदा पर बेतुका बयान देते हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के खतरे की सभी रूपों में निंदा की जानी चाहिए। गोयल ने कहा कि एक व्यक्ति जो भारत का रक्षा मंत्री और कई बार मुख्यमंत्री रहा है, वह आतंक से संबंधित मुद्दों पर इतना अनौपचारिक दृष्टिकोण रखता है। गोयल ने ये तक कह दिया कि शरद पवार उसी सरकार का हिस्सा थे जिसने बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाये और भारत की धरती पर आतंकी हमले होते हुए भी सोते रहे। गोयल ने आगे कहा कि इस मानसिकता को रोकना होगा। मुझे उम्मीद है कि पवार जी कम से कम अब पहले राष्ट्र के बारे में सोचेंगे।

क्या कहा था शरद पवार ने?

दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने जंग पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक... देखें तो भारत की भूमिका हमेशा फिलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं। पवार ने कहा कि भारत आसपास के देशों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी की ही बात नहीं है। इंदिरा गांधी के जमाने से भारत सरकार की भूमिका फ़िलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन इस मामले में पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय दोनों के बयान अलग हैं। मुझे इसपर हैरानी है।

हमास को मिल रहा किम जोंग का समर्थन? इजराइल पर हमले के लिए उपलब्ध कराए हथियार

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इजराइल हमास की जंग में अब उत्तर कोरिया की भी एंट्री हो गई है। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर तीन ओर से खतरनाक हमले किए थे। बड़ी संख्या में सैकड़ों रॉकेट लॉन्चर दागकर इजराइल में हाहाकार मचा दिया था। हमास के हमले में बड़ी संख्या इजराइली नागरिकों की मौत हो गई। अब खबर मिल रही है कि इस हमले में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया, वह किस देश का था। इसमें उत्तर कोरिया का नाम सामने आ रहा है।सबूतों के आधार पर दक्षिण कोरिया के एक्सपर्ट ने यह दावा किया है।

उत्तर कोरिया के हथियारों पर नजर रखने वाले दक्षिण कोरिया के दो एक्सपर्ट के हवाले से एपी ने ये रिपोर्ट की है। दावा है कि हमास ने 7 अक्टूबर के हमले के लिए उत्तर कोरिया के एफ-7 रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और कंधों पर रखकर चलाने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया था।दावा है कि उत्तर कोरिया ने एफ-7 रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड सीरिया, इराक, लेबनान और गाजा पट्टी को सप्लाई किए हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि उत्तर कोरिया हमेशा से फिलिस्तीनी समूहों का समर्थन किया है। स्मॉल आर्म्स सर्वे के एक वरिष्ठ शोधकर्ता मैट श्रोएडर ने कहा कि हमास ने रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड और लॉन्चर के साथ अपने लड़ाकों की तस्वीरें शेयर की हैं, जिसके वारहेड पर एक लाल पट्टी नजर आता है। यह ठीक एफ-7 जैसा ही है।

इस हथियार का इस्तेमाल बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ किया जाता है। यह साक्ष्य अवैध हथियारों के लेन देन पर प्रकाश डालता है, जिसका उपयोग प्रतिबंधों से जूझ रहा उत्तर कोरिया अपने हथियार कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने के तरीके के रूप में करता है।

उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई एक्सपर्ट्स दावों को खारिज किया है. उत्तर कोरिया प्रशासन ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार बताया जो उसके खिलाफ “झूठ और अफवाह” फैला रहा है। उत्तर कोरिया ने हमास को सिर्फ रॉकेट ही नहीं भेजे, बल्कि एक्सपर्ट की मानें तो हमास ने उत्तर कोरिया की टाइप 58 सेल्फ-लोडिंग राइफल का भी इस्तेमाल किया, जो कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल का ही एक रूप है। इनके अलावा हमास लड़ाकों के प्रमोश्नल वीडियो में वे उत्तर कोरिया के बुल्सए गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल के साथ देखा गया था।

हम हिंदू सबका सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे मंदिर..', छत्तीसगढ़ में बोले सीएम सरमा- हमें धर्मनिरपेक्षता मत सिखाइए

असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (18 अक्टूबर) को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी भाजपा को धर्मनिरपेक्षता नहीं सिखानी चाहिए। चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ के कवर्धा विधानसभा में रैली को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। उन्होंने कहा कि, 'हिंदू सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन हम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किसी बाबर को हमारे मंदिर पर कब्जा नहीं करने देंगे। भारत हिंदू राष्ट्र था और हिंदू राष्ट्र रहेगा।'

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। असम के सीएम ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में लव जिहाद, धर्मांतरण और हिंदुओं की हत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापस लाया गया तो ऐसे मुद्दे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि, 'देश में लव जिहाद की शुरुआत कांग्रेस शासन के दौरान हुई। असम और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को प्रतिदिन धर्म परिवर्तन (ईसाई धर्म अपनाने) के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जब लोग (छत्तीसगढ़ में) अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो भूपेश बघेल कहते हैं कि वह धर्मनिरपेक्ष हैं।'

सीएम सरमा ने सवालिया लहजे में कहा कि, 'क्या हिंदुओं को मारना आपकी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा है? यह देश हिंदुओं का है और हिंदुओं का ही रहेगा। हमें धर्मनिरपेक्षता की भाषा मत सिखाइये. राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाने को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है।' उन्होंने कहा कि, धर्म परिवर्तन को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है। माता कौशल्या की भूमि अकबर को सौंपना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। हमारी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा बाबा साहेब अम्बेडकर और हमारी हिंदू संस्कृति द्वारा दी गई है। हम इसकी अवधारणा जानते हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब लव जिहाद नहीं है।''

सरमा ने कहा कि, वह असम में मुसलमानों को अपने ही समुदाय के लोगों से शादी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि अगर वे हिंदू महिलाओं से शादी करेंगे तो मुस्लिम महिलाओं का क्या होगा? कांग्रेस के सांप्रदायिक पूर्वाग्रह पर जोर देते हुए, असम के सीएम ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राजस्थान में कहा था कि अशोक गहलोत सरकार ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद कुछ नहीं किया और यदि पूर्वी राज्य (असम) में ऐसा कुछ हुआ होता, तो "पांच मिनट के भीतर जवाबी कार्रवाई" हो गई होती।

हिमंता सरमा ने कहा कि, 'अगर इसी तरह की घटना भाजपा शासित किसी भी राज्य में हुई होती, तो संबंधित सरकार पांच मिनट के भीतर कार्रवाई करती। लेकिन कांग्रेस कुछ नहीं करती और धर्मनिरपेक्षता का राग अलापती रहती है। क्या धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं को लूटने के लिए है?'' बाबर की पूजा (मुस्लिम आक्रमणकारियों का संदर्भ) और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए, हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, “हमने कहा था कि हम सत्ता में आने के बाद (केंद्र में) राम मंदिर का निर्माण करेंगे और जनवरी में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा। कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए कुछ नहीं किया क्योंकि वे हमेशा बाबर की पूजा करते थे।'

असम के सीएम ने कहा कि, 'ये लोग बाबर के हैं, भगवान श्री राम के नहीं। जो प्रभु श्री राम के होते हैं, वे वचन निभाते हैं। मोदी ने जनता से किए सभी वादे पूरे किये।' सरमा ने लोगों से भाजपा उम्मीदवार विजय शर्मा को वोट देने और छत्तीसगढ़ को लव जिहाद और धर्मांतरण से बचाने के लिए अकबर को अलविदा कहने का आग्रह किया। गौरतलब है कि यह रैली कवर्धा में बीजेपी उम्मीदवार विजय शर्मा के नामांकन दाखिल करने से पहले आयोजित की गई थी । कांग्रेस ने कवर्धा सीट से अपने वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री मोहम्मद अकबर को फिर से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

आपको तेलंगाना की चिंता करने की जरूरत नहीं..', कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीएम केसीआर की बेटी कविता ने साधा निशाना

भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधायक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए दावा किया कि राज्य देश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष स्थान पर है। नसीहत देते हुए कहा कि, "राहुल गांधी को तेलंगाना के लोगों की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।"

कविता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुमराह किया जा रहा है। "राहुल ने तेलंगाना सरकार पर कुछ परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पटकथा लेखक उन्हें (राहुल को) गुमराह कर रहे हैं। हम जानते हैं कि अपना राज्य कैसे चलाना है। हम प्रति व्यक्ति आय, धान उत्पादन और सिंचाई परियोजना के मामले में देश में नंबर एक राज्य हैं।" इस बीच, तेलंगाना के भूपालपल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने KCR के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार पर "भ्रष्टाचार" का आरोप लगाया। 

राहुल ने कहा कि, "आपने एक ऐसे तेलंगाना का सपना देखा था, जहां के लोग शासन करेंगे, लेकिन पिछले दस वर्षों में, आपके सीएम केसीआर ने खुद को लोगों से दूर कर लिया और केवल उनका परिवार राज्य पर शासन कर रहा है, जिससे आपका सपना चकनाचूर हो गया। तेलंगाना में भारत में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, जो तेलंगाना के युवाओं और महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।" राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाहती है कि BRS राज्य चुनाव जीते। राहुल ने कहा कि, "भाजपा, BRS और AIMIM सहयोग कर रहे हैं, ये सभी पार्टियां कांग्रेस पर हमला कर रही हैं। भाजपा विपक्षी दलों की आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज कर रही है, फिर भी KCR के खिलाफ कोई मामला नहीं है। सीएम केसीआर के खिलाफ CBI और ED का मामला न होना सवाल उठाता है।'

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने 9 अक्टूबर को ऐलान किया कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को होंगे। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में, BRS 119 में से 88 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और उसका वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था। कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। उसका वोट शेयर 28.7 फीसदी था।

चुनावों से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन में लगातार बढ़ रही दरार, अब अखिलेश यादव ने कांग्रेस को दिखाई आंख

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पार्टी के रवैये पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर चिंता जताई और इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन राष्ट्रीय स्तर (लोकसभा चुनाव) तक ही सीमित है और इसका विस्तार राज्य स्तर तक नहीं है। शुरुआत में इसकी जानकारी समाजवादी पार्टी को नहीं दी गई थी।

 अखिलेश यादव ने कहा कि, 'अगर मुझे शुरू से पता होता कि गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए है और इसमें राज्य विधानसभा स्तर के लोग शामिल नहीं हैं, तो हमारी पार्टी के सदस्य कांग्रेस के साथ चर्चा में शामिल नहीं होते, न ही अपने उम्मीदवारों की सूची साझा करते। यदि गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए है, तो हम विचार कर सकते हैं।'

अखिलेश ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो वे कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकों में शामिल नहीं होते और न ही उनके कॉल का जवाब देते। उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में उनके प्रदर्शन के बारे में समाजवादी पार्टी से विवरण मांगा था, जिसमें यह जानकारी भी शामिल थी कि उनके विधायकों ने कहां जीत हासिल की और वे कहां दूसरे स्थान पर रहे। अखिलेश ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि, "उन्होंने हमें रात भर कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा में बैठाया, लेकिन जब अंततः उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, तो समाजवादी पार्टी का एक भी उम्मीदवार शामिल नहीं था।"

गठबंधन के भविष्य के बारे में अखिलेश ने कहा कि, "हम स्वीकार करते हैं कि राज्य विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है। अगर गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए है, तो हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं।" समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की, जिसमें 22 उम्मीदवार शामिल हैं। उम्मीदवारों में रामनारायण सकवार को मुरैना की दिमनी सीट से मैदान में उतारा गया है, जहां से भाजपा की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सूची में अन्य उम्मीदवारों में भोपाल की नरेला सीट से शमसुल हसन, भोपाल मध्य से शमा तनवीर, भोपाल की हुजूर सीट से राहुल मारन (रावत), छिंदवाड़ा की चौरई से विपिन वर्मा, कटनी की बड़वारा से कुंती कौल, ओमप्रकाश शामिल हैं।

इशारों-इशारों में अशोक गहलोत ने सीएम पद के लिए ठोक दिया दावा, बोले- सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन पद मुझे नहीं छोड़ रहा

#ashok_gehlot_says_i_want_to_leave_cm_post_but_post_not_leaving_me

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।टिकट बंटवारे पर मचे घमासान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सीएम पद पर अपना दावा ठोक दिया है।उन्होंने कहा है कि वो सीएम का पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन पद उनको नहीं छोड़ता।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार सीएम बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, " मैंने पहले भी कहा था....मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है।हालांकि, बाद में वो अपनी बात को संभालते हुए सफाई देते दिखे कि उनका मतलब गांधी परिवार के भरोसे से था। यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा। गहलोत ने आगे कहा कि मुझे सोनिया गांधी ने सीएम बनाया था। कांग्रेस में जो सीएम पद का उम्मीदवार बनता है, वो कभी सीएम नहीं बनता।सोनिया गांधी ने मुझे सीएम पद के लिए चुना था। उसके बाद अगले चुनाव में सोनिया गांधी ने खूब कैम्पन किया, लेकिन हम चुनाव हार गए, इसके कई कारण थे।

टिकट बंटवारे और मौजूदा विधायकों के टिकट काटने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी नहीं है। मतलब गहलोत अपने समर्थक ज्यादातर विधायकों के टिकट नहीं काटने देना चाहते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब देते हुए विपक्ष पर महौल बनाने की बात कही। उनहोंने कहा 'पहली बात तो टिकट तब कटता है जब वहां विकल्प हो। विपक्ष का काम है, करप्शन हुआ है, एंटी इनकमबेंसी बताता है। लेकिन यहां तो चुनी हुई सरकार को होर्स टेडिंग कर गिराने का काम हुआ। मेरे विधायकों को 10 करोड़ का ऑफर था लेकिन फिर भी उन्होंने साथ निभाया। जनता ने फोन कर विधायकों को, मुझे फोन कर कहा चाहे होटल में 40 दिन रुके रहो लेकिन सरकार गिरनी नहीं चाहिए। यदि विधायक करप्ट होते तो 10 करोड़ रुपए बहुत होते हैं, सरकार गिर जाती हमारी।

गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। लेकिन, कांग्रेस में टिकटों का मसला उलझ गया है। हालांकि पार्टी ने एक सप्ताह पहले ही तय कर लिया था कि 18 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद टिकटों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से भेजी गई करीब 100 सीटों पर सिंगल नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। करीब एक दर्जन सीटों पर केंद्रीय चुनाव समिति ने आपत्ति जताई है।