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जिहादी विचारधारा रखने वालों को अमेरिका से बाहर निकालेंगे, आतंकी हमास के समर्थकों के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का सख्त सन्देश

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर वादा किया कि अगर वह फिर से US के राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने वाले अप्रवासियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोक देंगे और सार्वजनिक रूप से फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह का समर्थन करने वाले अप्रवासियों को गिरफ्तार करने और निर्वासित करने के लिए हमास समर्थक विरोध प्रदर्शनों में अधिकारियों को भेजेंगे।

आयोवा में एक अभियान के पड़ाव पर, ट्रम्प हमास द्वारा कम से कम 1,300 इजरायलियों की हत्या का जवाब दे रहे थे, जिससे युद्ध शुरू हो गया। इसके बाद फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजरायल ने गाजा में 2,800 से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है। 2017-2021 तक राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यदि वे व्हाइट हाउस के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं, तो वह ऐसे किसी भी व्यक्ति के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा देंगे, जो इज़राइल के अस्तित्व के अधिकार में विश्वास नहीं करता है, और उन विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर देगा, जो "यहूदी विरोधी" हैं।

ट्रम्प ने "आतंकवाद से ग्रस्त देशों" से यात्रा प्रतिबंध बढ़ाने की भी कसम खाई। हालाँकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह अपनी मांगों को कैसे लागू करेंगे, जिसमें आप्रवासियों को इजरायल के अस्तित्व के अधिकार का समर्थन करने की मांग भी शामिल है, जिसे उन्होंने "मजबूत वैचारिक स्क्रीनिंग" कहा है। ट्रम्प की कई आव्रजन नीतियों को उनके राष्ट्रपति पद के दौरान अदालत में चुनौती दी गई थी और उनकी नवीनतम प्रतिज्ञाओं को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

पहले ट्रम्प ने कुछ मुस्लिम-बहुल देशों के अप्रवासियों पर जो प्रतिबंध लगाया था, उसे निचली अदालतों में रद्द कर दिया गया, लेकिन अंततः अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा। लेकिन, बाइडेन ने पदभार ग्रहण करते ही उस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह लीबिया, सोमालिया, सीरिया और यमन या "हमारी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली किसी भी जगह" से आने वाले आप्रवासियों पर प्रतिबंध लगा देंगे। ट्रंप ने एक कविता भी पढ़ी जिसमें उन्होंने आप्रवासियों की तुलना घातक सांपों से की थी। ट्रंप ने कहा कि, "हम जिहादी सहानुभूति रखने वाले विदेशी नागरिकों को आक्रामक तरीके से निर्वासित करेंगे।"

अमेरिकी आव्रजन कानूनों को कड़ा करने का वादा करते हुए, ट्रम्प ने कहा कि, "यदि आप इज़राइल राज्य को खत्म करना चाहते हैं, तो आप अयोग्य हैं, यदि आप हमास या हमास के पीछे की विचारधारा का समर्थन करते हैं, तो आप अयोग्य हैं, और यदि आप कम्युनिस्ट हैं, मार्क्सवादी, या फासीवादी, आप अयोग्य हैं।" ट्रम्प के अधिकांश रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों ने हमास की निंदा की है और गाजा पर संभावित इजरायली आक्रमण के लिए पूर्ण समर्थन की पेशकश की है, लेकिन किसी ने भी लोगों को बाहर रखने और हमास समर्थकों को अमेरिका से बाहर निकालने के लिए प्रस्तावों की इतनी कड़ी श्रृंखला नहीं रखी है।

अमेरिका ने कई अन्य देशों के साथ मिलकर हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए ट्रम्प के रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों में से एक, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने सोमवार को कहा कि वह हमास का समर्थन करने वाले विदेशी छात्रों के निर्वासन के पक्ष में हैं और राष्ट्रपति चुने जाने पर गाजा शरणार्थियों को अमेरिका से बाहर निकाल देंगे।

आज बंद होंगे केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट, अब शीतकालीन पड़ाव गोपीनाथ मंदिर में दर्शन देंगे भगवान

उत्तराखंड में पंचकेदार में चतुर्थ रुद्रनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली भी अपने शीतकालीन पड़ाव गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर के लिए प्रस्थान कर जाएगी। अगले छह माह बाबा यहीं अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम की यात्रा सबसे दुर्गम मानी जाती है

चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम की यात्रा सबसे दुर्गम है। यहां पहुंचने के लिए सगर गांव से 19 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। सगर जिला मुख्यालय गोपेश्वर से तीन किमी की दूरी पर है।

शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी

रुद्रनाथ धाम के पुजारी पं.जनार्द्धन तिवारी ने बताया कि सुबह कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव डोली यात्रा रात्रि विश्राम के लिए मोली खर्क के लिए प्रस्थान करेगी। 19 अक्टूबर को डोली सगर गांव होते हुए गंगोल गांव और 20 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी। बताया कि सोमवार शाम हुई बर्फबारी के कारण रुद्रनाथ धाम में ठंड काफी बढ़ गई है और तीर्थयात्री बर्फबारी का भी आनंद ले रहे हैं।

महुआ मोइत्रा का मामला पहुंचा एथिक्स कमेटी के पास, बीजेपी निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत को गवाही के लिए बुलाया गया

#mahua_moitra_case_goes_to_lok_sabha_ethics_committee

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। बिजनेसमैन से पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने के मामला अब लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास पहुंच गया है।इस मामले में झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को भी बयान देने के लिए बुलाया गया है।मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी 26 अक्टूबर को दुबे को प्रिविलेज कमेटी के सामने पेश होकर अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जय अनंत देहादराई को भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए उसी दिन बुलाया गया है।

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को इस मामले की शिकायत करते हुए महुआ मोइत्रा के संसदीय आचरण की जांच कराने की मांग की थी।निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर और केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखकर मांग की है कि महुआ मोइत्रा के दिए गए लॉग इन आईडी और आईपी एड्रेस की जांच की जाए।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने संसद में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा को गिफ्ट और घूस दिए थे।ओम बिरला को लिखे पत्र में, निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला दिया और कहा कि वकील ने ‘पुख्ता' सबूत साझा किए हैं कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से ‘नकद' और ‘उपहार' के रूप में रिश्वत ली है।

महुआ ने आरोपों को आधारहीन बताया

वहीं महुआ मोइत्रा ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया है और कहा है कि वो किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।महुआ ने आरोपों को आधारहीन बताया और और लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले में जांच समिति गठित करने की मांग खुद भी की। एक दिन पहले मंगलवार को ही महुआ मोइत्रा ने इस मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई को कानूनी नोटिस भी भेजा है।

एथिक्स कमेटी में कौन-कौन हैं और ये कैसे काम करती है?

बीजेपी सांसद विनोद सोनकर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष हैं। एथिक्स कमेटी का काम नैतिक तौर पर किसी भी सांसद पर लगे आचरण से जुड़े आरोप की जांच करना है। इसके पास सभी तरह की ऐसी शिकायत जो लोकसभा स्पीकर द्वारा भेजी जाती है, उसकी जांच करता है। लोकसभा स्पीकर की ओर से जिस भी मामले की शिकायत भेजी जाती है उसकी जांच कमेटी करती है।

*देश में क्यों महंगी हो रही बिजली? राहुल गांधी ने अडानी से जोड़ा कनेक्शन

#rahul_gandhi_attack_adani_group

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर अदाणी समूह पर बड़ा हमला किया है।राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि अडानी ने 32 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है। उन्होंने ये भी कहा कि अडानी की वजह से ही बिजली महंगी मिलती है।

राहुल ने कहा कि गौतम अडानी ने कोयले के कारोबार में बड़ी गड़बड़ी की। उन्होंने इसमें 32000 करोड़ का घोटाला किया। यही कारण है कि बिजली महंगी होती जा रही है। लोगों का बिल बढ़ता जा रहा है। राहुल ने कहा कि बिजली महंगी होने का फायदा अडानी को पहुंचा। मोदी जी अडानी को सीधा फायदा पहुंचा रहे हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए राहुल गांधी ने कहा, लोग जैसे ही बिजली का स्विच ऑन करते हैं, अडानी की जेब में पैसा जाता है। अडानी की रक्षा भारत के पीएम कर रहे हैं। दुनिया के बाकी देशों में जांच हो रही है लेकिन भारत में अडानी को ब्लैंक चेक दिया हुआ है। वो जो मर्जी चाहें कर सकते हैं। 

राहुल ने कहा कि पहले हमलोग 20 हजार करोड़ कह रहे थे लेकिन अब उसमें 12 हजार करोड़ और जोड़ दीजिए जो अब 32 हजार करोड़ हो जाता है। इसका मतलब अडानी ने 32000 करोड़ का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि अडानी ने तकरीबन 12000 करोड़ हिदुस्तान की जनता के पॉकेट से निकाला है। इन पर पीएम मोदी का प्रोट्क्शन है पीएम अडानी की जांच क्यों नहीं करवाते?

बता दें कि राहुल ने फाइनेंशियल टाइम्स के हवाले से अडानी पर यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स को सारे डॉक्यूमेंट्स मिले हैं। कोयले के कारोबार में बड़ा घोटाला हुआ है। ये हम नहीं कह रहे हैं लंदन के अखबार के हवाले से खबर है। मगर उनके खिलाफ जांच नहीं होगी। सवाल उठने पर भी अडानी की जांच नहीं होगी। भारत का पीएम अडानी की रक्षा कर रहा है।

तेलंगाना में कांग्रेस भरेगी हुंकार, विधानसभा चुनाव से पहले राहुल-प्रियंका की बस यात्रा

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तेलंगाना में नवंबर के आखिरी में विधानसभा चुमाव होने हैं।कांग्रेस अब तेलंगना चुनाव को लेकर अपने चुनावी अभियान का आगाज करने वाली है।कांग्रेस पार्टी आज से तेलंगाना में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी आज तेलंगाना पहुंचेंगे। कांग्रेस पार्टी आज से तेलंगाना में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी आज तेलंगाना पहुंचेंगे। दोनों वरिष्ठ नेता अपराह्न चार बजे रामप्पा मंदिर आएंगे और भगवान शिव के दर्शन करेंगे। दर्शन के बाद राहुल और प्रियंका बस यात्रा लॉन्च करेंगे। बाद में वे एक रैली में भी शामिल होंगे और महिलाओं से भी मिलेगें। 

कांग्रेस की "विजय भेरी पदयात्रा"

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के मुताबिक पहले दिन दोनों नेता मुलुगु और भुपालपल्ली इलाके में महिलाओं के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। दूसरे दिन, राहुल गांधी करीमनगर जिले में और उसके अगले दिन निजामाबाद जिले में एक बस यात्रा करेंगे। कांग्रेस के इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए एआईसीसी के तेलंगाना प्रभारी महासचिव माणिकराव ठाकरे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि उद्घाटन के दिन राहुल और प्रियंका गांधी भोपालपल्ली में एक महिला रैली को संबोधित करेंगे। इस यात्रा का नाम "विजय भेरी पदयात्रा" है। महिला रैली की बाद प्रियंका गांधी नई दिल्ली लौट जाएंगी और राहुल गांधी अगले दो दिन तक रैलियों को संबोधित करेंगे।

18 निर्वाचन क्षेत्रों को करेंगे कवर

कांग्रेस अनुसार 18 अक्तूबर से शुरू होने वाले तीन दिनों के इस दौरे में 18 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। राहुल गांधी 19 अक्टूबर को सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और पेद्दापल्ली और करीमनगर के सार्वजनिक बैठकों में शामिल होंगे। 20 अक्टूबर को राहुल जगतियाल में किसानों की एक बैठक में हिस्सा लेंगे और आर्मूर और निजामाबाद सहित अन्य स्थानों पर कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी निजाम चीनी फैक्टरी भी जा सकते हैं, जहां वे मजदूरों से मिलेंगे। 

कांग्रेस ने तेलंगाना में 55 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

बता दें कि कांग्रेस ने रविवार को तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए भी 55 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क तथा कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को कोडंगल विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, विक्रमार्क को मधीरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद उत्तम कुमार रेड्डी को हुजूरनगर से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता अंजन कुमार यादव को मुशीराबाद से टिकट दिया गया है।

गाजा में अस्पताल पर हमले के बाद तनाव के हालात, बाइडन के साथ अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन रद्द

#tension_after_attack_on_gaza_hospital_biden_summit_with_arab_leaders_in_jordan_canceled

इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष को अब 12 दिन हो चुके हैं।इस बीच दोनों पक्षों की ओर से रॉकेट हमलों और गोलीबारी में करीब 5000 की जान जा चुकी है। इस क्रम में मंगलवार को गाजा पट्टी में अल-अहली अरब अस्पताल में कई धमाके हुए। इनमें कम से कम 500 लोगों की मौत हुई है।हमास ने अस्पताल में हमले के पीछे इस्राइली वायुसेना को जिम्मेदार ठहराया है, तो वहीं इस्राइल का कहना है कि इस हमले की वजह फलस्तीन के इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) संगठन की ओर से की गई रॉकेटों की बारिश है, जो उसके अपने ही लोगों को निशाना बना गई। इस हमले के कारण अमेरिका के उन राजनयिक प्रयासों को करारा झटका लगा है, जिसमें वे इजराइल को अपनी रक्षा के अधिकार पर समर्थन जुटाना चाहते थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन रद्द हो गया है। 

जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने घोषणा की कि बुधवार को अम्मान में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ होने वाली शिखर बैठक रद्द कर दी गई है।

व्हाइट हाउस ने भी जॉर्डन में बाइडेन के साथ होने वाले इस शिखर सम्मेलन को रद्द करने की पुष्टि की है।व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन के नेताओं के साथ अम्मान में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करना था, लेकिन अब जॉर्डन ने घोषणा कर दी है कि वह गाजा में अस्पताल पर हुई बमबारी के बाद बैठक को रद्द कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं।

गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए घातक हमले के बाद सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। हमास और इजराइल ने इस हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने भी इजराइल पर गाजा शहर में अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया है। 

नेतन्याहू ने कहा कि पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि गाजा के बर्बर आतंकवादियों ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया था, आईडीएफ ने नहीं। जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या कर दी। गाजा शहर के अल-अहली अरब अस्पताल में मंगलवार को हुए धमाके के तुरंत के बाद हमास ने इजराइली सेना के हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद इजराइली सेना ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि इस्लामिक जिहाद समूह के गलत रॉकेट लॉन्च के कारण विस्फोट हुआ।

सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पांच जजों का अलग-अलग फैसला, डिटेल में पढ़िए खबर


सेम सेक्स मैरिज यानी समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (17 अक्टूबर) सुनवाई हुई। सीजेआई ने अपना फैसला सुनाते हुए समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा कि कोर्ट का मानना है कि संसद को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले में फैसला करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले में 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मामले में CJI ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक लोगों के साथ उनके यौन रुझान के आधार पर भेदभाव न किया जाए।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत के कानून बनाने का अधिकार नहीं है, लेकिन कानून की व्याख्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ चार फैसले हैं।

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणी की

सीजेआई ने कहा,”जीवन साथी चुनना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथी चुनने और उस साथी के साथ जीवन जीने की क्षमता जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार के दायरे में आती है। सभी लोगों को जीवन के अधिकार के अंतर्गत जीवन साथी चुनने का अधिकार है। एलजीबीटी समुदाय समेत सभी व्यक्तियों को साथी चुनने का अधिकार है।”

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये कहना सही नहीं होगा कि सेम सेक्स सिर्फ अर्बन तक ही सीमित है। ऐसा नहीं है कि ये केवल अर्बन एलीट तक सीमित है। यह कोई अंग्रेजी बोलने वाले सफेदपोश आदमी नहीं है, जो समलैंगिक होने का दावा कर सकते हैं। बल्कि गांव में कृषि कार्य में लगी एक महिला भी समलैंगिक होने का दावा कर सकती है। शहरों में रहने वाले सभी लोगों को कुलीन नहीं कहा जा सकता। समलैंगिकता मानसिक बीमारी नहीं है।

सीजेआई ने कहा,”विवाह का रूप बदल गया है। यह चर्चा दर्शाती है कि विवाह का रूप स्थिर नहीं है। सती प्रथा से लेकर बाल विवाह और अंतरजातीय विवाह तक विवाह का रूप बदल चुका है।”

डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि प्रेम मानवता का मूलभूत गुण है। शादी करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

सीजेआई ने कहा,”अगर अदालत LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों को शादी का अधिकार देने के लिए विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 को पढ़ती है या इसमें कुछ शब्द जोड़ती है, तो यह विधायी क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगा।”

उन्होंने कहा,”मनुष्य जटिल समाजों में रहते हैं। एक-दूसरे के साथ प्यार और जुड़ाव महसूस करने की हमारी क्षमता हमें इंसान होने का एहसास कराती है। परिवार का हिस्सा बनने की आवश्यकता मानव गुण का मुख्य हिस्सा है और आत्म विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”

सीजेआई ने कहा,”स्पेशल मैरिज एक्ट (SMA) को सिर्फ इसलिए असंवैधानिक नहीं ठहरा सकते क्योंकि यह समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देता है। क्या एसएमए में बदलाव की जरूरत है, यह संसद को पता लगाना है और अदालत को विधायी क्षेत्र में प्रवेश करने में सावधानी बरतनी चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को दिए ये आदेश

समलैंगिक जोड़ों को पुलिस स्टेशन में बुलाकर या उनके निवास स्थान पर जाकर, केवल उनकी लिंग पहचान या यौन अभिविन्यास के बारे में पूछताछ करके उनका उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

वे यदि समलैंगिक व्यक्ति अपने मूल परिवारों में वापस नहीं लौटना चाहते हैं तो उन्हें अपने मूल परिवारों में लौटने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

जब समलैंगिक व्यक्तियों द्वारा यह आरोप लगाते हुए पुलिस शिकायत दर्ज की जाती है कि उनका परिवार उनकी आवाजाही की स्वतंत्रता को रोक रहा है, तो वे इसकी वास्तविकता की पुष्टि करेंगे। पुलिस यह सुनिश्चित करें कि उनकी स्वतंत्रता कम न हो।

जब पुलिस शिकायत दर्ज की जाती है कि परिवार की ओर से हिंसा की आशंका है क्योंकि शिकायतकर्ता समलैंगिक है, या समलैंगिक रिश्ते में है, तो वे शिकायत की वास्तविकता की पुष्टि करेंगे। पुलिस उनकी उचित सुरक्षा सुनिश्चित करें।

'रास्ते में मस्जिद-चर्च, इसलिए RSS को रुट मार्च की अनुमति नहीं दे सकते..', जानिए, DMK सरकार की दलील पर क्या बोली मद्रास हाई कोर्ट !

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को 22 और 29 अक्टूबर को राज्य भर में 35 स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के रूट मार्च के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने पुलिस द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया। दरअसल, राज्य की एमके स्टालिन सरकार ने कोर्ट में तर्क दिया था कि RSS ने पुलिस को उस रूट मार्च के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी थी, जिसे वे निकालना चाहते थे।

DMK सारकर की तरफ से मुख्य लोक अभियोजक आर शनमुगा सुंदरम ने कोर्ट में कहा कि, 'जिस मार्ग पर रैली के लिए अनुमति मांगी गई है, उसके आसपास मस्जिदें, चर्च और आवास हैं, और अनुमति आवेदन में कहा गया है कि वे (RSS) अखंड भारत का निर्माण करेंगे, और भारत के मानचित्र में मलेशिया और इंडोनेशिया सहित देशों को शामिल किया गया है।' उन्होंने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि खुफिया विभाग ने चेतावनी दी थी कि RSS की रैली से कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है, इसलिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

रैली की इजाजत न देना कोर्ट की अवमानना: RSS

इस बीच, हिंदू समर्थक संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जी राजगोपाल, एमएल राजा और कार्तिकेयन ने अपनी दलील में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार रैली की अनुमति दी थी, लेकिन अब रैली की अनुमति दी जानी चाहिए और यदि अनुमति नहीं दी गई, तो यह सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी।

संविधान रैली आयोजित करने की इजाजत देता है: मद्रास HC

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने कहा कि रूट मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार करने के लिए पुलिस द्वारा दिए गए कारण स्वीकार्य नहीं थे और जिला प्रशासन को मार्च के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है। न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि संविधान ने रैली आयोजित करने की अनुमति दी है, लेकिन इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, और आदेश दिया कि रैली शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की जानी चाहिए और मार्च के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

गाजा के खान यूनिस में इजराइल की भीषण बमबारी, 71 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल, 200 इज़रायली नागरिक अब भी आतंकी हमास के पास बंधक

इजराइल और आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध बीते 10 दिनों से लगातार जारी है। इजराइल के लगभग 200 नागरिक अब भी आतंकी हमास के पास बंधक हैं, साथ ही कुछ ब्रिटिश और अमेरिका के भी नागरिक हैं। इस बीच इजराइल लगातार आम फिलिस्तीनी नागरिकों से गाज़ा पट्टी खाली करने के लिए कह रहा है, ताकि आतंकी हमास, आम लोगों के पीछे छुपकर अपने आप को बचा न सकें। वहीं, मंगलवार (17 अक्टूबर) को इजराइल ने दक्षिणी गाजा पट्टी में राफा और खान यूनिस में कई घरों को निशाना बनाकर बमबारी की, जिसमे कई लोग मारे गए, और कई घायल हो गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ोरोब परिवार के पांच मंजिला घर पर बमबारी में बच्चों और महिलाओं सहित 28 नागरिक मारे गए, जबकि दर्जनों नागरिक घायल हो गए। इजराइल के युद्धक विमानों ने खान यूनिस शहर के पश्चिम में जापानी पड़ोस में एक घर पर भी बमबारी की, जिसमें बच्चों सहित 10 नागरिकों की मौत हो गई, और लक्ष्य के पास एक स्कूल में अन्य विस्थापित लोग घायल हो गए। खान यूनिस के पश्चिम में डच पड़ोस में एक घर पर युद्धक विमानों द्वारा बमबारी के बाद बच्चों सहित कई नागरिक मारे गए और घायल हो गए, और उन्हें खान यूनिस के नासिर अस्पताल में ले जाया गया। बता दें कि, इजराइल केवल और केवल हमास के आतंकियों पर हमला करना चाहता है, जो गाज़ा के विभिन्न इलाकों में छिपे हुए हैं, इसलिए वो लगातार फिलिस्तीन के आम नागरिकों से अपील कर रहा है कि, वे अगले निर्देश तक इलाका खाली कर दें, क्योंकि उसे अपने बंधक छुड़ाने हैं। लेकिन, कुछ फिलिस्तीनी नागरिक, हमास के आतंकियों की बातों में आकर वहीं रुके हुए हैं और इजराइली बमबारी का शिकार बन रहे हैं। 

इसी तरह खान यूनिस के दक्षिण-पूर्व में यूरोपीय पड़ोस में एक घर पर बमबारी में छह नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए। इजराइली युद्धक विमानों ने गाजा शहर के पड़ोस में कई घरों, इमारतों और आवासीय अपार्टमेंटों पर भी बमबारी की, जिसमें कई नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए। गाजा शहर के पश्चिम में अल-नस्र पड़ोस में सियाम परिवार के एक घर पर बमबारी में कई नागरिक भी मारे गए और अन्य घायल हो गए। मध्य गाजा पट्टी के दीर अल-बलाह शहर में अल-ज़्रे परिवार के एक घर पर बमबारी में कई नागरिक मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल द्वारा खान यूनिस पर मंगलवार रात की गई बमबारी में 71 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

लगातार 11वें दिन, गाजा पट्टी के खिलाफ इजरायली आक्रामकता युद्धक विमानों, गनबोटों और तोपखाने से हिंसक बमबारी के साथ जारी है, जिसमें घरों, टावरों और आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया, जिसमें हजारों नागरिक मारे गए और घायल हो गए, और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया है। इजराइल का कहना है कि, आतंकी संगठन हमास के पूर्ण सफाए तक वो हमला रोकने वाला नहीं है, हालाँकि, ये भी एक बड़ा सवाल है कि इजराइल कितनों को मारेगा ? क्योंकि, फिलिस्तीन के जो आम नागरिक हैं, उन्ही में से कुछ आतंक का रास्ता अपना लेते हैं और हमास को फिलिस्तीनियों का पूर्ण समर्थन है, जिस तरह भारत के कश्मीर में कई युवा जिहाद के चक्कर में आतंकवादी बन गए हैं और अपने ही देश के खिलाफ लड़ रहे हैं।

मैं अल्लाह का योद्धा हूँ..', इस्लामिक स्टेट के आतंकी ने की दो स्वीडिश नागरिकों की हत्या, Video में बोला- मुसलमानों का बदला लिया


 बेल्जियम के ब्रुसेल्स में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकवादी ने दो स्वीडिश नागरिकों की हत्या कर एक तीसरे व्यक्ति को घायल कर दिया। अधिकारियों ने इसे आतंकवादी कृत्य घोषित किया है। आतंकी हमले के बीच शहर में खेला जा रहा बेल्जियम-स्वीडन यूरो 2024 क्वालीफायर फुटबॉल मैच रद कर दिया गया। पीड़ितों ने कथित तौर पर स्वीडिश राष्ट्रीय टीम की फुटबॉल शर्ट पहनी हुई थी। घटना के बाद, स्वीडिश फुटबॉलर ने सूचित किया कि वे दूसरा हाफ नहीं खेलना चाहते हैं, जिस पर बेल्जियम की टीम सहमत हो गई।

कुछ समय के लिए, स्टेडियम में मौजूद लगभग 35,000 प्रशंसकों को सुरक्षा के लिए अंदर रहने लिए कहा गया था। बाद में, अधिकारियों ने उन्हें खाली करा लिया। अधिकारियों ने ब्रुसेल्स को आतंकी हमले के हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि आतंकवादी अभी भी एक असॉल्ट राइफल के साथ बड़े पैमाने पर मौजूद है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बयान में कहा, ''यूरोप हिल गया है।'' बेल्जियम के संघीय अभियोजक के प्रवक्ता एरिक वान ड्यूसे ने जनता से घर जाने और जब तक खतरा बना हुआ है, तब तक घर में रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रकाशित किया और कहा कि आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने उसे प्रेरित किया।

अरबी भाषा में वीडियो में खुद को 'अब्देसलेम अल गुइलानी' बताने वाले आतंकवादी ने कहा कि उसने अल्लाह के नाम पर हमला किया और तीन लोगों की हत्या कर दी। आतंकी ने कहा कि, ''अल्लाहु अकबर। मेरा नाम अब्देसलेम अल गुइलानी है और मैं अल्लाह का एक योद्धा हूं। मैं इस्लामिक स्टेट से हूं। हम उससे प्यार करते हैं जो हमसे प्यार करता है, और हम उससे नफरत करते हैं जो हमसे नफरत करता है। हम अपने धर्म के लिए जीते हैं और अपने धर्म के लिए मरते हैं। अल्हम्दुलिल्लाह । तुम्हारे भाई ने मुसलमानों के नाम पर बदला लिया। मैंने अब तक तीन स्वीडनवासियों को मार डाला है, अल्हम्दुलिल्लाह । 3 स्वीडिश, हाँ। जिनके साथ मैंने कुछ ग़लत किया है, वे मुझे क्षमा करें। और मैं सभी को माफ कर देता हूं। सलाम अलेकौम।'

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में फ्लोरोसेंट नारंगी जैकेट पहने एक व्यक्ति को स्कूटर से उतरते हुए, संभवतः एक असॉल्ट राइफल से लैस, और पास की एक इमारत में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। फिर उसने वहां कम से कम एक व्यक्ति को गोली मार दी। पुलिस और आपातकालीन सेवाओं ने इलाके की घेराबंदी कर दी। मेयर फिलिप क्लोज़ ने एक्स पर कहा कि, "ब्रुसेल्स में गोलीबारी के बाद, पुलिस सेवाएं आंतरिक मंत्री के सहयोग से हमारी राजधानी में और उसके आसपास सुरक्षा की गारंटी देने के लिए जुट रही हैं।"  

 

वहीं, बेल्जियम के प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि, "ब्रुसेल्स में स्वीडिश नागरिकों पर आज रात के भयानक हमले के बाद स्वीडिश प्रधान मंत्री के प्रति गंभीर संवेदना। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों और दोस्तों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। करीबी साझेदार के रूप में, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई संयुक्त है।'' यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि उनकी संवेदनाएं "ब्रुसेल्स में घृणित हमले के दो पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं"। उन्होंने आगे कहा, “मैं बेल्जियम पुलिस को अपना हार्दिक समर्थन देती हूं, ताकि वे संदिग्ध को तेजी से पकड़ सकें। हम सब मिलकर आतंक के खिलाफ एकजुट हैं।”

वीडियो के जरिए आतंकवाद पर गर्व करने की घृणित मानसिकता

इस आतंकी के वीडियो ने भारत में भयानक आतंकवादी हमलों की यादें ताजा कर दी हैं। बता दें कि, पुलवामा हमले और हिंदू दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामलों में, आरोपियों ने आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंध का प्रदर्शन करते हुए वीडियो जारी किए थे और हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गर्व जाहिर किया था, जैसे उन्होंने कोई बहुत महान काम किया है। जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादी ने CRPF जवानों पर आत्मघाती हमला करने से पहले अपने कृत्य को सही ठहराते हुए एक वीडियो शूट किया था। पुलवामा हमले के बाद जारी किए गए वीडियो में, आदिल अहमद डार ने भारतीयों को "गाय का पेशाब पीने वाले" कहा था। जैश-ए-मुहम्मद द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों के बारे में शेखी बघारते हुए, आदिल ने कहा कि जो लोग अल्लाह के लिए मरते हैं, उन्हें जन्नत में हूरें मिलती हैं और उसने कहा था कि जब तक यह वीडियो जनता के लिए जारी किया जाएगा, तब तक वह जन्नत में होगा।

 

भारत भी आतंकवाद से पीड़ित

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की जघन्य हत्या से पहले भी आतंकियों ने अपनी करतूत का बखान करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। हत्यारों में से एक, मोहम्मद रियाज़ अख्तरी को यह कहते हुए सुना गया था कि वह उस दिन वीडियो वायरल कर देगा, जिस दिन वह पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वालों का सिर काट देगा। अख्तरी ने आगे कहा कि भले ही वह लोगों का सिर काटने का चलन शुरू कर रहे हैं, लेकिन अन्य मुसलमानों को इसे आगे बढ़ाना चाहिए और पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले अन्य लोगों के सिर काटने चाहिए। हत्या के बाद दोनों आतंकियों का एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया, जिसमें वे खून से सने हथियार दिखा रहे थे। पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करने पर कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। इसी तरह महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की हत्या उसके ही पुराने मुस्लिम मित्र

ने साजिश के तहत करवा दी थी।