बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामाधार सिंह अपनी ही पार्टी के सांसद के खिलाफ खोला मोर्चा, सुशील सिंह पर लगाए कई गंभीर आरोप
औरंगाबाद - भाजपा के सीनियर लीडर और पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने बिहार-झारखंड के चार जिलों के 1 लाख 11 हजार 521 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए लाइफलाईन बनने वाली उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इसे लेकर उन्होने बिहार सरकार और अपनी ही पार्टी के औरंगाबाद से सांसद सुशील कुमार सिंह पर भी बड़ा हमला बोला है।
श्री सिंह ने सोमवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तर कोयल नहर परियोजना के अधूरे कार्यों को पूरा कराने के लिए बिहार सरकार के जिस प्रस्ताव पर 2,430.76 करोड़ की स्वीकृति दी है, उस प्रस्ताव पर काम होने से सौ साल में भी किसानों के खेतों तक पानी नही पहुंचेगा। कहा कि परियोजना के प्रस्ताव में गड़बड़ी के लिए बिहार सरकार और औरंगाबाद के सांसद दोषी है।
उन्होने आरोप लगाया कि सांसद सुशील सिंह ने राज्य सरकार के प्रस्ताव की अनदेखी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरें में खड़ा कराने का काम किया है। वें प्रधानमंत्री को बदनाम करना चाहते है ताकि भाजपा से टिकट कटने पर आरजेडी से टिकट ले सके। इसके लिए वें किसी माध्यम से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के संपर्क में है।
पूर्व मंत्री ने बिहार सरकार के प्रस्ताव की एक-एक कर खामियां गिनाते हुए कहा कि खेतों की पर्याप्त सिंचाई के लक्ष्य को पाने के लिए उत्तर कोयल परियोजना के उद्गम स्थल कुटकु डैम से 4,400 क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज का प्रावधान होना चाहिए था लेकिन इस प्रस्ताव में मात्र 3 हजार क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज की चर्चा है। प्रस्ताव के तहत उतर कोयल प्रोजेक्ट से झारखंड को 300 क्यूसेक ही पानी लेना है लेकिन झारखंड अभी 1300 क्यूसेक पानी ले रहा है। वर्तमान प्रोजेक्ट के अनुसार परियोजना के मोहम्मदगंज बराज पर 2700 क्यूसेक पानी मिलेगा लेकिन इतनी मात्रा में पानी को आगे ले जाने में बराज से 0 आरडी पर निकलने वाला बटाने लेफ्ट और राइट कैनाल सक्षम नही है। इसे सक्षम बनाने के लिए दोनो कैनाल का चौड़ीकरण जरूरी है, जिसकी प्रस्ताव में कोई चर्चा नही है। इस स्थिति में 2700 क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज के दबाव को कम चौड़ा कैनाल झेल नही पाएंगा और नहर बार-बार टूटेगी।
मोहम्मदगंज से आगे 103 आरडी से नबीनगर डिविजन, 144 आरडी से अम्बा डिविजन, 211 आरडी से औरंगाबाद डिविजन और उससे आगे मदनपुर डिविजन शुरू होता है। इसी के बीच से कोटवारा माइनर निकलता है, जिसकी चर्चा प्रस्ताव में नही है। बलहाबार से 259 आरडी शुरू होता है। 259 आरडी से आगे 266 आरडी यानी आंजन गांव से पूरब छेछानी जाने वाले रोड में अभी 8 फीट चौड़ा नहर खोदना बाकी है, जो सिंचाई में नही है। इसके बावजूद वहां नहर पर पुल बना दिया गया है। इसका भी जिक्र बिहार सरकार के प्रस्ताव में नही है। इसके आगे बरहा माइनर है, जिसके लिए अभी भूमि अधिग्रहण भी नही हुआ है। यह भी प्रस्ताव में शामिल नही है। इसके आगे एकौना माइनर, सिमरा माइनर, चतरा माइनर, कपसिया माइनर, पांडेयपुर माइनर एवं अन्य उप वितरणियों की कोई चर्चा राज्य सरकार के प्रस्ताव में नही है। इस प्रस्ताव पर काम होने से तीन-तीन पीढ़िया पार लग जाएगी। सौ साल पार हो जाएंगे। फिर भी उत्तर कोयल नहर का पानी गुरुआ तक नही पहुंचेगा।
कहा कि त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव के लिए सांसद और बिहार सरकार दोषी है। सांसद ने यदि राज्य सरकार का प्रस्ताव देखा होता तो ऐसी नौबत नही आती। कहा कि राज्य सरकार ने जान बूझकर त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव भेजा है ताकि केंद्र सरकार की बदनामी हो और परियोजना पूरा न हो। कहा कि इसमें सांसद की भी भूमिका संदिग्ध है, क्योकि वें टिकट कटने की संभावना को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के संपर्क में है। पूर्व मंत्री ने सांसद पर व्यक्तिगत हमले भी किए। कहा कि सांसद जिस दल में होते है, उसमें भीतरघात करते है। इसके लिए जदयू में रहते अपने बड़े भाई सुनील सिंह को औरंगाबाद से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ाया। सांसद को कुछ उदाहरण देकर डरपोक भी कहा। सांसद व उनके परिवार को दलेलचक बघौरा तथा दरमियां नरसंहार कराने वाला भी करार दिया।
यह भी आरोप लगाया कि सांसद ने चुनाव जीतने के लिए नक्सली कमांडर संदीप यादव को 6 करोड़ दिए। गुरुआ में भाजपा कैंडिडेट राजीव रंजन दांगी को विधानसभा चुनाव हराने के लिए आरसीसी के कमांडर मरांडी को एक करोड़ देकर विधानसभा चुनाव लड़वाया, जिससे दांगी 6 हजार वोट से चुनाव हार गए। इसी सदमें में ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत भी हो गई। कहा कि मुझे भी सांसद ने दो करोड़ खर्च कर विधानसभा चुनाव हराया। औरंगाबाद के सभी 6 विधानसभा सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को हराने का काम किया।
कहा कि इन्ही सब वजहों से वे पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व से सुशील सिंह का लोकसभा टिकट काटने की मांग करते है।इसके बावजूद पार्टी ने उन्हे टिकट दिया तो लोकसभा चुनाव में घुम घुमकर सुशील सिंह को वैसे ही हराने का काम करेंगे, जैसे उन्हे हराने का काम उन्होने किया। इसके लिए पार्टी मुझे निकाल भी दे तो कोई गम नही होगा। इतना ही होगा कि मरने पर मैं पूर्व मंत्री होने के नाते तिरंगे में तो लिपटा जरूर जाउंगा लेकन पार्टी के झंडें में लिपटने की मेरी तमन्ना पूरी नही हो पाएंगी। यह भी कहा कि सांसद ने अकूत संपत्ति बना रखी है, जिसका मेरे पास साक्ष्य नही है। इसके बावजूद वें ईडी से सांसद की संपत्ति की जांच कराए जाने की मांग कर रहे है।
प्रेसवार्ता में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दशरथ मेहता, रामकेवल सिंह एवं संत सिंह आदि मौजूद रहे।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Oct 17 2023, 20:02