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World Anaesthesia Day: एनेस्थीसिया क्या है और कब दिया जाता है? जानें इसके बारे में कुछ जरूरी बातें

डेस्क: एनेस्थीसिया के बारे में आपने खूब सुना होगा। जैसे कि सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया लगाया गया । एनेस्थीसिया लगाने के बाद कुछ महसूस नहीं हुआ और व्यक्ति सो गया। ये सब एनेस्थीसिया से जुड़ी बातें जबकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में सही जानकारी ही नहीं होती। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि ये है क्या। डॉक्टर इसका इस्तेमाल कब और क्यों करते हैं। शरीर पर एनेस्थीसिया के उपयोग का क्या प्रभाव पड़ता है। आइए, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से। साथ ही जानेंगे एनेस्थीसिया के प्रकार।

एनेस्थीसिया क्या है-

एनेस्थीसिया एक ऐसी दवा है जिसे मरीज को दर्द से बचाने के लिए दिया जाता है। हर सर्जरी पहले मरीज को ये दिया जाता है ताकि उसे मालूम ही न पड़े कि सर्जरी के दौरान उसके साथ क्या हुआ। एनेस्थीसिया से रोगी गहरी नींद में चला जाता है। इससे शरीर की संवेदानाएं सुन्न हो जाती हैं और किसी चीज का अहसास नहीं हो पाता है। एनेस्थीसिया के लिए जिन दवाओं का उपयोग किया जाता है उन दवाओं को एनेस्थेटिक कहा जाता है। इनमें शामिल हो सकते हैं 

-गैस एनेस्थीसिया

-इंजेक्शन 

-त्वचा या आंखों पर लगाने वाले टॉपिकल एनेस्थीसिया। 

एनेस्थीसिया कब दिया जाता है-

आमतौर पर एनेस्थीसिया का इस्तेमाल सभी सर्जरी के दौरान किया जाता है। सिर, छाती और पेट के हिस्से की सर्जरी में मुख्य रूप से इस्तेमाल तकिया जाता है क्योंकि इन हिस्सों में सर्जरी बड़ी और दर्दनाक हो सकती है। इसके अलावा कहीं पर टांके लगाने और खोलने के दौरान भी डॉक्टर एनेस्थीसिया देता है। इसके अलावा वो तमाम चीजें जिनमें शरीर और नसों के बीच दर्द को सर्कुलेट हो सकता है, एनेस्थीसिया देकर ब्रेन से शरीर का कनेक्शन काट दिया जाता है ताकि व्यक्ति को कुछ महसूस न हो।

एनेस्थीसिया के प्रकार-

एनेस्थीसिया मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। 

1. लोकल एनेस्थीसिया-

इसके जरिए शरीर के बस एक छोटे से हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है। ये मोतियाबिंद सर्जरी, डेंटल सर्जरी या स्किन बायोप्सी के दौरान दिया जाता है। 

2. जेनेरल एनेस्थीसिया-

लंबी और बड़ी सर्जरी के दौरान ये वाला एनेस्थीसिया दिया जाता है। ये सर्जरी किसी भी अंग की हो सकती है।

3. रीजनल एनेस्थीसिया-

रीजनल एनेस्थीसिया शरीर के हिस्से में दर्द को रोकने के लिए दिया जाता है। जैसे बच्चे के जन्म के दर्द को कम करने के लिए या सी-सेक्शन के दौरान, घुटने की सर्जरी के दौरान, हाथों और कूल्हों की सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया दिया जाता है। 

एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट क्या होते हैं

एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट हर किसी पर अलग हो सकते हैं। जैसे कि 

-मतली और उल्टी

-पीठ दर्द या मांसपेशियों में दर्द

-थकान और कमजोरी

-खुजली

-चक्कर आना

 बता दें कि एनेस्थीसिया लगने के बहाद इसका असर लगभग 12 से 18 घंटे रह सकता है। इसका अनुभव हर किसी के लिए अलग हो सकता है। इसलिए इस दौरान डॉक्टर की निगरानी में रहना और उन्हीं की बात मानना सबसे सही सुझाव है।

AAP नेता राघव चड्ढा की सदस्यता रद्द करने का मामला, राज्यसभा सचिवालय को 'सुप्रीम' नोटिस, 30 अक्टूबर को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आज सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया और इस मुद्दे पर निर्णय लेने में अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चड्ढा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी और वकील शादान फरासत की दलीलों पर ध्यान दिया कि निलंबन उस विशेष सत्र से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है, जिसके दौरान सदस्य को निलंबित करने का निर्णय लिया गया था।।

शीर्ष अदालत ने केवल उस याचिका पर राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया जिस पर 30 अक्टूबर को सुनवाई होगी। चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय के अलावा सदन के अध्यक्ष और विशेषाधिकार समिति को अपनी याचिका में पक्षकार बनाया था। द्विवेदी ने कहा कि वह फिलहाल याचिका में कोई अंतरिम राहत नहीं मांग रहे हैं। 

राज्यसभा ने 11 अगस्त को एक प्रस्ताव पारित किया था। सदन का नेतृत्व करने वाले पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव में AAP (आम आदमी पार्टी) नेता के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया था। AAP नेता ने कुछ राज्यसभा सदस्यों के नाम उनकी अनुमति के बिना प्रस्तावित समिति में शामिल कर दिये थे। यह समिति राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 की समीक्षा करने के लिए थी। चड्ढा को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक "नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, उद्दंड रवैया और अवमाननापूर्ण आचरण" के लिए मानसून सत्र के आखिरी दिन निलंबित कर दिया गया था।

पूरे 128 साल बाद ओलिंपिक में लौटा क्रिकेट, पढ़िए, इन चार अन्य खेलों को भी मिली मंजूरी

 क्रिकेट ने 128 साल बाद ओलंपिक में वापसी की है, जबकि फ़्लैग फ़ुटबॉल 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में ओलंपिक में अपनी शुरुआत करने के लिए तैयार है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, लैक्रोस और स्क्वैश के साथ इन खेलों को इवेंट लाइनअप में शामिल करने की मंजूरी दे दी।

लॉस एंजिल्स के अधिकारियों द्वारा खेलों का प्रस्ताव रखने के बाद ये बदलाव हुए और IOC कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें शामिल करने की सिफारिश की। भारत के मुंबई में IOC की पूर्ण सदस्यता बैठक के दौरान, लगभग 90 IOC सदस्यों के केवल दो "नहीं" वोटों के साथ, इन खेलों को सामूहिक रूप से अनुमोदित किया गया था। क्रिकेट का समावेश विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 1900 के बाद से ओलंपिक का हिस्सा नहीं रहा है। इस निर्णय से भारत में IOC के प्रसारण अधिकारों के मूल्य में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों टीमें गतिशील टी 20 प्रारूप खेल रही हैं।

फ़्लैग फ़ुटबॉल और बेसबॉल-सॉफ़्टबॉल से NFL और MLB खिलाड़ियों को ओलंपिक चरण में लाने की उम्मीद है। पूर्ण-संपर्क फ़ुटबॉल पहले 1932 के ओलंपिक में एक प्रदर्शन खेल था। लॉस एंजिल्स आयोजन समिति के अध्यक्ष केसी वासरमैन ने इन खेलों को 2028 लॉस एंजिल्स खेलों के लिए स्प्रिंगबोर्ड के रूप में काम करने की इच्छा व्यक्त की। लैक्रोस, जो पहले ओलंपिक में खेलता था लेकिन 1908 के बाद से नहीं, सिक्स-ए-साइड प्रारूप में वापसी करेगा, जबकि स्क्वैश ओलंपिक में पदार्पण करेगा। हालांकि अगले साल पेरिस ओलंपिक में पदार्पण के लिए तैयार ब्रेकडांसिंग ने 2028 के खेलों में स्थान सुरक्षित नहीं किया।

पूरे 128 साल बाद ओलिंपिक में लौटा क्रिकेट, पढ़िए, इन चार अन्य खेलों को भी मिली मंजूरी

 क्रिकेट ने 128 साल बाद ओलंपिक में वापसी की है, जबकि फ़्लैग फ़ुटबॉल 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में ओलंपिक में अपनी शुरुआत करने के लिए तैयार है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, लैक्रोस और स्क्वैश के साथ इन खेलों को इवेंट लाइनअप में शामिल करने की मंजूरी दे दी।

लॉस एंजिल्स के अधिकारियों द्वारा खेलों का प्रस्ताव रखने के बाद ये बदलाव हुए और IOC कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें शामिल करने की सिफारिश की। भारत के मुंबई में IOC की पूर्ण सदस्यता बैठक के दौरान, लगभग 90 IOC सदस्यों के केवल दो "नहीं" वोटों के साथ, इन खेलों को सामूहिक रूप से अनुमोदित किया गया था। क्रिकेट का समावेश विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 1900 के बाद से ओलंपिक का हिस्सा नहीं रहा है। इस निर्णय से भारत में IOC के प्रसारण अधिकारों के मूल्य में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों टीमें गतिशील टी 20 प्रारूप खेल रही हैं।

फ़्लैग फ़ुटबॉल और बेसबॉल-सॉफ़्टबॉल से NFL और MLB खिलाड़ियों को ओलंपिक चरण में लाने की उम्मीद है। पूर्ण-संपर्क फ़ुटबॉल पहले 1932 के ओलंपिक में एक प्रदर्शन खेल था। लॉस एंजिल्स आयोजन समिति के अध्यक्ष केसी वासरमैन ने इन खेलों को 2028 लॉस एंजिल्स खेलों के लिए स्प्रिंगबोर्ड के रूप में काम करने की इच्छा व्यक्त की। लैक्रोस, जो पहले ओलंपिक में खेलता था लेकिन 1908 के बाद से नहीं, सिक्स-ए-साइड प्रारूप में वापसी करेगा, जबकि स्क्वैश ओलंपिक में पदार्पण करेगा। हालांकि अगले साल पेरिस ओलंपिक में पदार्पण के लिए तैयार ब्रेकडांसिंग ने 2028 के खेलों में स्थान सुरक्षित नहीं किया।

जितनी आमदनी, उससे कहीं अधिक संपत्ति ! कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले पर सुनवाई की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उनकी संपत्ति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उनसे जांच करना चाहती है। हालाँकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जाँच को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इस फैसले को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है। 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI ने दलील दी कि हाई कोर्ट का फैसला गलत जानकारी पर आधारित था। इसके बाद शीर्ष अदालत ने शिवकुमार और मामले से जुड़े अन्य लोगों से जवाब देने को कहा है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना हाई कोर्ट के आदेश को तुरंत पलटने से इनकार कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट दूसरे पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इस मामले की 'जांच होनी चाहिए या नहीं' इसपर फैसला देगी। 

बता दें कि, मामला डीके शिवकुमार के पास ऐसी संपत्ति होने के आरोपों के बारे में है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से काफी अधिक है। राज्य सरकार की अनुमति से CBI ने 2019 में इस मामले की जांच शुरू की थी। 2017 में आयकर छापे और उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के बाद जांच शुरू हुई। 2020 में, CBI ने शिवकुमार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

शिवकुमार ने इसे कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने अस्थायी तौर पर सीबीआई की जांच रोक दी। अब, CBI इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले आई है, जिसने नोटिस जारी किया है और मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस बात पर गौर कर रहा है कि क्या कर्नाटक हाई कोर्ट की अस्थायी रोक के बावजूद डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI अपनी जांच जारी रख सकती है।

महाराष्ट्र में तेज हुआ मराठा वर्सेस ओबीसी विवाद, बीजेपी और कांग्रेस की आज बड़ी बैठकें

डेस्क: महाराष्ट्र में ओबीसी बनाम मराठा आरक्षण विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सरकार इस मसले को सुलझाने के लिए कई बिअथ्कें कर चुकी है लेकिन मामला सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है। वहीं मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने शनिवार को जालना जिले में एक रैली का आयोजन करते हुए शिंदे सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस रैली में उन्होंने ऐलान किया था कि 10 दिन बाद या तो विजय जुलूस निकलेगा या फिर मेरी अंतिम यात्रा।

 

अब इस अल्टीमेटम के 2 दिन बीत चुके हैं और केवल आठ दिन ही शेष हैं। मराठाओं को कुणबी मराठा का दर्जा देकर ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने की मांग कर रहें मनोज जरांगे पाटिल के अल्टीमेटम के बाद ओबीसी वर्ग में हडकंप मच गया है। ओबीसी वर्ग का आरक्षण कोटा कम होने की आशंका के बाद सभी ओबीसी संगठन एकजुट होने लगे है। इसी क्रम में आज सोमवार को मुंबई में कांग्रेस और बीजेपी ने ओबीसी सेल की बैठक बुलाई है। 

आज मुंबई में बीजेपी कांग्रेस की बड़ी बैठक 

दोपहर 12 बजे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में नाना पटोले कांग्रेस ओबीसी सेल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। वहीं मुंबई बीजेपी कार्यालय में आज 12 बजे महाराष्ट्र बीजेपी ओबीसी सेल की बैठक है। इस बैठक को प्रदेशअध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले संबोधित करेंगे। जहां केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के विकास के लिए जो योजनाएं शुरु की गई है, उसके लाभार्थियों की संख्या महाराष्ट्र में कैसे बढ़ाए जाए इसपर चर्चा होगी। साथ ही में ओबीसी आरक्षण, मनोज जरांगे पाटिल के अल्टीमेटम पर भी इस बैठक में चर्चा होने की संभावना है।

बीजेपी पूरे महाराष्ट्र में ओबीसी जागर यात्रा निकाल रही 

बता दें कि बीजेपी पूरे महाराष्ट्र में ओबीसी जागर यात्रा निकाल रही है। इस यात्रा का समापन दिसंबर महीने में होने वाला है। महाराष्ट्र बीजेपी इस बात की योजना बना रही है की जागर यात्रा के समापन के वक्त ओबीसी महाकुंभ का आयोजन किया जाए और इस महाकुंभ में बीजेपी के बड़े ओबीसी नेताओं को आमंत्रित किया जाए। इसके अलावा अलग-अलग ओबीसी संगठन भी एकजुट हो रहें है और आरक्षण को बचाने के लिए भव्य रैली निकालने पर विचार कर रहें है।

उत्तराखंड में पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर हुई जमकर बर्फबारी, ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी

 उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। पहाड़ से लेकर मैदान तक धूप और बादलों की आंख-मिचौली जारी है। इस बीच बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब समेत तमाम चोटियों पर सीजन का दूसरा हिमपात हुआ। जिससे आसपास के क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। निचले इलाकों में भी पारे में गिरावट दर्ज की जा रही है।

मौसम विभाग की ओर से आज गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान चोटियों पर हिमपात की आशंका है। जिससे समूचे प्रदेश में ठंड में इजाफा हो सकता है। प्रदेश में रविवार को सुबह से बादल मंडराते रहे। देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक से लेकर आमतौर पर बादल छाये रहने से वर्षा की आशंका बनी रही और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक चोटियों पर हल्के से मध्यम हिमपात हुआ। कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ ही हल्की बूंदाबांदी भी दर्ज की गई। पहाड़ों में तापमान में गिरावट आने से मौसम सर्द हो गया। केदारनाथ धाम में सुबह से ही मौसम ठंडा बना हुआ था और दोपहर बाद जोरदार बर्फबारी शुरू हो गई।

तीर्थयात्रियों ने इस बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। दोपहर बाद बदरीनाथ और हेमकुंड में बर्फबारी हुई। चमोली में निचले स्थानों पर तेज आंधी-तूफान के साथ रुक-रुक कर वर्षा हुई।

गोपेश्वर-चोपता मोटर मार्ग पर सगर गांव के समीप एक पेड़ टूट कर मोटर मार्ग पर आ गिरा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। यातायात पुलिस ने पेड़ हटाकर हटाकर यातायात सुचारू किया। उत्तरकाशी के नौगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंगुणी के खाला नामे तोक में रविवार की शाम को तूफान से एक भवन क्षतिग्रस्त हो गया।

हिमपात और ओलावृष्टि के हैं आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ गई है। जिससे हिमालयी क्षेत्रों में बादल विकसित होने के कारण हिमपात और ओलावृष्टि के आसार बने हुए हैं। सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कहीं-कहीं हल्की वर्षा और चोटियों में बर्फबारी के आसार हैं।

दो घंटे अवरुद्ध रहा गंगोत्री राजमार्ग

रविवार की दोपहर को उत्तरकाशी में मौसम ने करवट ली। तेज हवा के साथ उत्तरकाशी सहित आसपास के क्षेत्र में वर्षा शुरू हुई। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भटवाड़ी के पास एक पेड़ गिरने से राजमार्ग अवरुद्ध हुआ। इस दौरान घटना स्थल पर दुकानदारों और राहगीरों की जान बाल-बाल बची। जिस स्थान पर राजमार्ग करीब दो घंटे तक अवरुद्ध रहा। राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस की टीम ने राजमार्ग को सुचारू किया। वहीं जनपद में वर्षा होने के कारण तापमान में गिरावट आई है और ठंड भी बढ़ने लगी है।

जान लीजिए, इस दिन बंद होंगे केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट, सामने आई तारीख

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में प्रतिदिन एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। मानसून समाप्त होने के पश्चात् एक बार फिर से यहां भक्तों के आंकड़े में वृद्धि हो गई है तो वहीं अब चारधाम यात्रा में चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि का एक-एक कर ऐलान आरम्भ हो गया है। 15 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री धाम तथा केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 6 माह के लिए बंद हो जाएंगे। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट एक दिन पहले 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे। 

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्‍वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्‍वर मंदिर, उखीमठ में एवं तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी। इसके साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में निर्धारित की जाएगी। कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने के लिए श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

 श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल और धर्माधिकारी पंचांग गणना के पश्चात कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त का ऐलान किया जाएगा। इस मौके पर BKTC उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह समेत अन्‍य अफसर एवं कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। BKTC के मीडिया प्रभारी डॉ। हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में यात्रा साल 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी। इस बार चारधाम यात्रा के लिए बड़े आंकड़े में भक्त पहुंच रहे हैं। हालांकि मानसून में हुई वर्षा के चलते कई बार यात्रा को रोकना भी पड़ा था।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की उम्मीदवारों की लिस्ट आते ही मचा सियासी घमासान, जानिए, इस नेता ने दिया पद से इस्तीफा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों का तापमान चढ़ गया है। रविवार को नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने चिट्ठी लिखकर पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय का आरोप लगाया है।

उन्होंने PCC प्रमुख कमलनाथ को चिठ्ठी भी लिखा है तथा पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि अजय खरगापुर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे, मगर यहां से किसी और को टिकट दे दिया गया है, जिससे नाराज होकर यादव ने इस्तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश भाजपा ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि उम्मीदवारों की सूची आते ही कांग्रेस में आक्रोश। पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने दिया इस्तीफा। जन आक्रोश एवं कार्यकर्ताओं का आक्रोश कांग्रेस की हार सुनिश्चित करेगा।

X पर पोस्ट करते हुए भाजपा नेता आशीष अग्रवाल ने लिखा है कि सूची आते ही विरोध के गूंजे स्वर, इस्तीफों ने पकड़ी रफ्तार, कांग्रेस की होगी करारी हार…पहले पवई में कांग्रेसियों ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश नायक के पुतले फूंके तो अब वहीं टीकमगढ़ जिले के नेता और कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का इल्जाम लगाते हुए इस्तीफा दिया।

उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी को किया बरी, पहले मिली थी मौत की सजा

डेस्क: निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। इस निर्मम हत्याकांड मामले में आज सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और उसके सह-आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में निर्दोष पाया। जानकारी दे दें कि इन मामलों के लिए उसे पहले मौत की सजा दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने पंढेर को भी 2 मामलों में निर्दोष पाया गया, जिसमें उसे मौत की सजा दी गई थी।

सबसे चर्चित हत्याकांड 

जानकारी दे दें कि निठारी हत्याकांड दिल्ली एनसीआर का सबसे चर्चित हत्याकांड रहा है। ये हत्याकांड नोएडा की सबसे कुख्यात घटनाओं में से एक है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इससे पहले गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने कोली और पंढेर को 2005 और 2006 के बीच कई बच्चियों के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था।

नाले में पाए गए थे कंकाल

यह घटना दिसंबर 2006 में सामने आई जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल पाए गए। जांच करने पर, कोली और उसके नियोक्ता पंढेर को पीड़ितों में से एक के लापता होने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया। कोली के कबूलनामे के बाद, पुलिस ने आस-पास की ज़मीन की खुदाई शुरू की और बच्चों के शव खोजे।

दो पुलिसकर्मियों हुए थे निलंबित

मामला जल्द ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया - जिसने 16 मामले दर्ज किए, उनमें से सभी में हत्या, अपहरण और बलात्कार के अलावा सबूतों को नष्ट करने के लिए सुरिंदर कोली और एक में अनैतिक तस्करी के लिए पंढेर पर चार्जशीट दायर किया। कई बच्चों के लापता होने की सूचना मिलने के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने पर दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया था।