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यूलिया जीटो मेरास स्काई ने यूक्रेन में युद्ध के दौरान मारे गए अपने माता-पिता के आत्मा की शांति के लिए गया मद किया पिंडदान व तर्पण

युद्धग्रस्त यूक्रेन देश की निवासी यूलिया जीटो मेरास स्काई बिहार के गया जी में युद्ध के दौरान मारे गए अपने माता-पिता के आत्मा के शांति के लिए पिंडदान व तर्पण किया। आचार्य लोकनाथ गौड़ ने युवती ययूलिया को विधि विधान से कर्मकांड संपन्न कराया। यूलिया पेशे से साइकोलॉजिस्ट है और यूक्रेन में रहकर ऑनलाइन चीन और दूसरे देश के लिए काम कर रही है। वह बताती हैं कि युद्ध के दौरान रसिया के हमले में उसके माता-पिता सहित परिवार के कई सदस्य मारे गए। वहां पूरी तरह अशांति फैली भी हुई है युद्ध अभी भी जारी है।

कहा कि अविलंब युद्ध बंद कर शांति बहाल होनी चाहिए। वह गया जी में यूक्रेन के लोगों के अलावे रसिया देश में भी मारे गए सभी लोगों के आत्मा के शांति के लिए यहां पिंडदान संपन्न कर रही हैं। वे बताया कि विश्व में कहीं मोक्ष भूमि है तो गया जी हैं। इसकी जानकारी उनके एक धर्मगुरु से मिली कि गयाजी में अपने पितरों व पूर्वजों के आत्मा के शांति के लिए पिंडदान की जाती है। वह दूसरी बार गया जी में पिंडदान कर रही है। पहली बार जब वह आई थी तो उन्हें काफी शांति महसूस हुई थी। अब दूसरी बार युद्ध के दौरान मारे गए अपने माता-पिता वह अन्य परिवारजनों के आत्मा के शांति के लिए पिंडदान संपन्न कर रही है।

भारत इस कठिन समय में इजराइल के साथ..', आतंकी हमले से जूझ रहे यहूदी देश पर पीएम मोदी ने दिया बयान, यहां डिटेल में पढ़िए

 यहूदी देश इजराइल पर आतंकी संगठन हमास के खतरनाक हमले के बाद अब इजराइली वायुसेना ने भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है। इसी बीच भारत ने भी अपने मित्र देश के लिए एक बयान जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल से ट्वीट करते हुए इजराइल के प्रति समर्थन जाहिर किया है। 

उन्होंने लिखा है कि, 'इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम इस कठिन समय में इज़राइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।' बता दें कि, आतंकी संगठन हमास ने इज़राइल पर 5,000 से अधिक रॉकेट दागे थे, जिससे बड़े पैमाने पर लोग हताहत और क्षति हुई। इस हमले के दौरान हमास के आतंकियों ने इजरायली महिलाओं को पकड़ लिया और इस्लामिक नारे 'अल्लाह हू अकबर' के नारों के बीच उनकी नग्न परेड कराई। इसके वीडियो भी सामने आए हैं, जिससे हमास के आतंकियों की दरिंदगी साफ देखी जा सकती है।  

हमास के आतंकवादियों ने हमले के दौरान कई इजरायली नागरिकों और रक्षा कर्मियों को पकड़ लिया है और उन्हें गाजा पट्टी में ले गए हैं। ऐसी कई घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। ऐसे ही एक वीडियो में हमास आतंकियों द्वारा एक इजरायली महिला का अपहरण करते हुए देखा गया था। वे उसे जबरदस्ती जीप के अंदर डाल रहे थे। जीप में और उसके आसपास सभी आतंकवादी 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगा रहे थे जबकि असहाय इजरायली महिला उनकी बंदी बनी हुई थी।

Asian Games 2023: रद्द हो गया मैच, फिर भी टीम इंडिया को मिला गोल्ड मेडल, जानिए क्यों ?

टीम इंडिया शनिवार को हांग्जो एशियाई खेलों के पुरुष क्रिकेट फाइनल में अफगानिस्तान के खिलाफ विजयी घोषित हुई और उसे स्वर्ण पदक मिला। लेकिन, ज्यादा रन बनाने के कारण नहीं। रुतुराज गायकवाड़ की अगुवाई वाली टीम ने शनिवार को हांगझू में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया और अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को अपने प्रभावी स्पैल से नियंत्रण में रखा। हालाँकि, बारिश ने खलल डाला और 19वें ओवर के दौरान मैच रोक दिया गया, जब अफगानिस्तान का स्कोर 112/5 था। आधे घंटे से ज्यादा की देरी के बाद मैच रद्द कर दिया गया और टीम इंडिया को विजेता घोषित कर दिया गया। 

जब मैच पूरा नहीं हुआ, तो भारत को विजेता क्यों घोषित किया गया?

बारिश के कारण मैच रद्द होने के बावजूद टीम इंडिया ने जीत हासिल की और स्वर्ण पदक भी हासिल किया। दरअसल, मौजूदा एशियाई खेलों में भारत को अफगानिस्तान से अधिक वरीयता मिलने के कारण ऐसा हुआ। वरीयता स्थिति के आधार पर भारत विजयी हुआ। वर्तमान में, ICC रैंकिंग के अनुसार, तीनों प्रारूपों में भारत नंबर 1 टीम है। एशियाई खेलों 2023 में यह भारत का 27वां स्वर्ण पदक था, जिससे उनकी कुल पदक संख्या 104 (28 स्वर्ण, 35 रजत, 41 कांस्य) हो गई है।

मैच में पहले, बल्लेबाजी करने उतरी अफगानिस्तान ने 18.2 ओवर में 5 विकेट पर 112 रन बनाए थे, जब लगातार बारिश के कारण झेजियांग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी क्रिकेट फील्ड में कार्यवाही रुक गई और मैच फिर से शुरू नहीं हुआ। अफगानिस्तान की ओर से

 शाहिदुल्लाह कमाल (49) और गुलबदीन नायब (27) क्रीज पर नाबाद रहे। जबकि भारत के लिए अर्शदीप सिंह, शाहबाज़ अहमद, शिवम दुबे और रवि बिश्नोई ने एक-एक विकेट लिया।

गाजियाबाद में जिस शौक़ीन को राखी बांधती थी नाबालिग लड़की, उसी ने बीच सड़क पर तलवार से किए 9 वार, हुआ गिरफ्तार

 उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। गाजियाबाद जिले के मोदीनगर इलाके में शौकीन नाम के एक व्यक्ति ने एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की पर धारदार हथियार से हमला किया। शौकीन के क्रूर हमले में पीड़िता के शरीर पर नौ गंभीर चोटें आई हैं, जिसमें उसके सिर, गर्दन और हाथों पर गंभीर घाव के साथ-साथ कोहनी की हड्डी भी टूट गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अपराधी शौकीन के लड़की के पिता के साथ घनिष्ठ संबंध थे और वह उनके घर के ठीक सामने रहता था। यह घटना 5 अक्टूबर की शाम की है। हमलावर ने लड़की पर तलवार से उस समय कई वार किए, जब वो स्कूल से घर जा रही थी। पड़ोसियों को लड़की की मदद के लिए दौड़ते देख वह तुरंत वहां से फरार हो गया। चश्मदीद गवाहों का दावा है कि हमले के बाद उसने मौके पर हथियार भी लहराया। यूपी पुलिस ने घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और हमलावर को अरेस्ट कर लिया। पीड़िता हिन्दू धर्म से संबंध रखने वाली बताई जा रही है, लेकिन वो सवर्ण है, OBC है, दलित है या आदिवासी है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है, यानी पीड़िता की 'जाति' का पता नहीं चल सका है। 

एक अधिकारी ने बताया है कि, 'क्रोधित स्थानोय लोगों ने पीड़ित पर जानलेवा हमले के लिए हमलावर का विरोध किया। पुलिस तुरंत पहुंची और उसे हिरासत में ले लिया।' उन्होंने आगे बताया कि अपराधी शौकीन ने मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। पुलिस ने बताया कि, 'मौके का फायदा उठाते हुए, उसने मेडिकल जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों पर उनके ही सर्विस हथियार से हमला करने की कोशिश की। उसने भागने की भी कोशिश की। जवाब में मोदीनगर पुलिस ने भी उसके पैर को निशाना बनाकर फायरिंग की और उसे पकड़ लिया। फिलहाल, आरोपी शौकीन अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका उपचार चल रहा है।' घटना को देखने वाले एक पड़ोसी ने बताया है कि आरोपी का पीड़ित लड़की के पिता के साथ घनिष्ठ संबंध था। वे पास-पास रहते हैं और दोस्ताना संबंध साझा करते हैं। लेकिन आज लड़की सह रही है। अपराधी को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मासूम बच्ची पर जघन्य हमले के लिए उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए।' भीम सिंह ने बताया कि, आरोपी ने बच्ची की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद कर दी है, उसकी कोहनी टूट गई है, शरीर पर कई जख्म हैं।

इस बीच, राजबाला नामक एक महिला ने बताया कि आरोपी शौकीन अक्सर पीड़िता के घर पर खाना खाता था। उन्होंने (आरोपी और पीड़िता के पिता) में मजबूत रिश्ता भी था। पिछले दो वर्षों में, आरोपी नियमित रूप से अपने आवास पर साथ भोजन करते थे। कभी-कभी पीड़ित लड़की खुद भी उसे खाना परोसती थी। पीड़िता उसे भाई मानती थी और रक्षाबंधन के दौरान उसकी कलाई पर राखी भी बांधती थी। हालाँकि, यह घटना लड़की के प्रति आरोपी की क्रूर नफरत को उजागर करती है। पीड़िता के पिता ने भी इस मामले में बताया है कि, आरोपी ने स्कूल में लड़की की उपस्थिति का विरोध किया और उस पर स्कूल बदलने का दबाव डाला था। पिता के अनुसार, शौकीन ने लड़की पर अपना स्कूल बदलने का दबाव डाला था। दरअसल, कुछ दिन पहले उसके स्कूल की एक लड़की अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। इसलिए, शौकीन जोर दे रहा था कि हमारी बेटी स्कूल बदल ले। इससे हमारे बीच मामूली तकरार हो गई थी। शौकीन ने हम पर उसकी ट्यूशन बदलने का भी दबाव डाला। उसने पीड़िता को यातनाएं दीं और उसे कभी शांति से नहीं छोड़ा।

कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में मात्र 78 हज़ार का कर्ज, नहीं हुआ माफ ! महिला किसान ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मियों से परेशान होकर की ख़ुदकुशी

 कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में एक महिला किसान ने ऋण चुकाने के लिए माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 64 वर्षीय देवीरम्मा के रूप में हुई है और यह घटना कडुरू तालुक के अंतर्गत आने वाले तंगली गांव की है। 

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने ग्रामीण कूटा फाइनेंस कंपनी से महज 78 हजार रुपये का लोन लिया था। लेकिन, फसल बर्बाद होने के कारण वह संकट में थी, इसलिए वह केवल एक महीने से किस्त नहीं चुका सकी। इसके बाद से कंपनी के कर्मचारी हर हफ्ते उसके घर आ रहे थे और उसे परेशान कर रहे थे और कर्ज चुकाने के लिए दबाव डाल रहे थे। प्रताड़ना बर्दाश्त न कर पाने पर महिला किसान ने अपने घर में ही फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। 

बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, जो इस समय मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनावों में किसानों के कर्जे माफ करने का वादा कर रही है। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, जहाँ पार्टी सत्ता में है, वहां महिला किसान का मात्र 78 हज़ार का कर्ज माफ क्यों नहीं किया गया ? केवल एक महीने की क़िस्त चुकने पर उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि, उन्हें आत्मघाती कदम उठाना पड़ा। 

माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारी शंकर नायक, उषा और रूबीना के खिलाफ कदुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि, राज्य की सिद्धारमैया सरकार ने चिक्कमगलुरु को सूखा प्रभावित जिला घोषित कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूखे की वजह से अब तक तीन किसानों ने आत्महत्या कर ली है।

15 दिनों में ट्रेन हादसा करवाने की रची गई दूसरी साजिश को सतर्क रेलवे कर्मचारियों ने किया विफल, अब पुणे-मुंबई ट्रैक को बनाया गया था निशाना

 महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवड़ में सुरक्षा को लेकर सतर्क रेलवे कर्मचारियों ने कई बड़ी चट्टानों को देखा, जिन्हें जानबूझकर पटरियों पर रखा गया था और एक भयानक त्रासदी को बाल-बाल बचा लिया। यह घटना सिविल इंजीनियरिंग विभाग के रेलवे दल द्वारा नियमित ट्रैक रखरखाव वेल्ड परीक्षण कार्य करते समय शाम लगभग 4:00 बजे की है। रिपोर्ट के अनुसार, पुणे की तरफ जा रही एक उपनगरीय ट्रेन में संदीप भालेराव नाम के एक सतर्क गार्ड ने पत्थरों को देखा, जो बगल की पटरियों पर चल रही थी और उसने चिंचवड़ के स्टेशन मास्टर मैथ्यू जॉर्ज को सतर्क कर दिया। ट्रेन नं. 16352, यूपी नगरकोइल-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) एक्सप्रेस के लोको पायलट, एमवी पावलकर और उसके गार्ड डीके वर्मा को स्टेशन मास्टर ने तुरंत सावधानी से आगे बढ़ने के लिए सूचित किया, जिसके बाद पटरियों पर से पत्थर हटाए गए, और फिर ट्रेन सुरक्षित रूप से गुजरी।

 

रेलवे अधिकारियों के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, 'सिविल इंजीनियरिंग विभाग के हमारे रेलवे कर्मचारी नियमित ट्रैक रखरखाव वेल्ड परीक्षण कार्य के लिए इस खंड में गए थे, कर्मचारियों ने देखा कि यूपी लाइन ट्रैक पर बड़े बोल्डर रखे हुए थे। कर्मचारियों द्वारा इस शरारती गतिविधि का समय पर पता लगने से बड़ी असामान्य घटना की संभावना टल गई।' रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, 'लोनावाला-पुणे उपनगरीय ट्रेन में गार्ड संदीप भालेराव ने निकटवर्ती यूपी ट्रैक पर पत्थरों को देखा और चिंचवाड़ के स्टेशन मास्टर को सूचित किया। स्टेशन मास्टर ने तुरंत यूपी नागरकोइल-मुंबई सीएसएमटी एक्सप्रेस के लोको पायलट से संपर्क किया और बोल्डर हटाए जाने तक ट्रेन को रोक दिया गया।' सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा इस खतरनाक कृत्य में शामिल दोषियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। CPRO सेंट्रल रेलवे शिवाजी मानसपुरे ने घटना के बारे में अतिरिक्त विवरण प्रदान किया और बताया कि एक टीम जो पहले से ही क्षेत्र में गश्त कर रही थी, उसने 10 से 20 मीटर की दूरी पर पटरियों पर पांच अलग-अलग स्थानों पर बड़े पैमाने पर चट्टानें देखीं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह अपराध कथित तौर पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दुर्भावना से किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल ने तेजी से कार्रवाई की और किसी भी संभावित आपदा को रोकने के लिए पत्थरों को हटा दिया। उन्होंने बताया कि जो लोग दोषी हैं उनकी पहचान करने के लिए कोई सुराग या सबूत इकट्ठा करने के लिए तत्काल क्षेत्र की गहन जांच की जा रही है। बता दें कि इस तरह के घृणित प्रयास का यह पहला मामला नहीं है। 2 अक्टूबर को, उदयपुर से जयपुर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के ड्राइवर ने पटरी से उतरने की साजिश को विफल करने के लिए आपातकालीन ब्रेक दबाकर एक विनाशकारी घटना को टाल दिया था। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस के चालक दल ने पाया था कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर, लोहे की रॉड और फिश प्लेटें रखे गए थे। रॉड इस तरह गाड़ी गई थी कि, वहां एक बड़ा हादसा हो सकता था। हालाँकि, इस तरह की घटनाएं एक गंभीर सवाल पैदा कर रहीं हैं कि, आखिर वे कौन लोग हैं, जो भारत की तरक्की से जल रहे हैं और किसी न किसी तरह से देश को क्षति पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए हैं ?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के पहले 53 हुई जिलों की संख्या, बड़ी आबादी को मिलेगा लाभ, सीएम गहलोत ने किया 3 नए जिलों का ऐलान

आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में प्रशासनिक प्रभागों के विस्तार के संबंध में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने राजस्थान में तीन नए जिले मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी बनाने की योजना का अनावरण किया है। 

जनता की मांग एवं उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राजस्थान में तीन नए जिले और बनाए जाएंगे-

1. मालपुरा

2. सुजानगढ़

3. कुचामन सिटी

अब 53 जिलों का होगा राजस्थान

आगे भी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक सीमांकन आदि परेशानियों को दूर किया जाता रहेगा।

बता दें कि, वर्तमान स्थिति के अनुसार, राजस्थान में 50 जिले शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना प्रशासनिक ढांचा है। हालाँकि, इन तीन नए जिलों के जुड़ने से राज्य में जिलों की संख्या बढ़कर 53 हो जाएगी। नए जिले स्थापित करने का यह निर्णय जनता की मांग और एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों दोनों से उपजा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्षेत्रीय जरूरतों को संबोधित करने और सीमांकन और शासन से संबंधित मुद्दों को हल करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए इस फैसले की जानकारी दी है। 

यह कदम राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो साल के अंत में होने वाले हैं। इन नए जिलों का निर्माण प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और राजस्थान की विविध आबादी को बेहतर सेवा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

उत्तराखंड में बनेंगे 3940 नए आंगनबाड़ी केंद्र, धनराशि भी की गई जारी, जल्द ही निर्माण करा जनता को किए जाएंगे समर्पित

उत्तराखंड में नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। इसके तहत 3940 भवनों का निर्माण किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि भवनों के निर्माण के लिए धनराशि भी मिल गई है।

कहा कि बहुत जल्द ही इनका निर्माण कर जनता को समर्पित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि पहाड़ी जनपदों के लिए यह एक बड़ी सौगात है। वहां पर हमारे नौनिहालों को काफी सहुलियत मिलेगी। प्रथम चरण में प्रति भवन के निर्माण के लिए दो लाख व दूसरे चरण में कुल एक लाख 34 हजार 327 प्रति भवन के हिसाब से धनराशि मिली है।

इन जनपदों में इतने आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण

अल्मोड़ा-     330

बागेश्वर-     140

चमोली-      270

चंपावत –     160

देहरादून-     350

हरिद्वार-      550

नैनीताल-     360

पौड़ी गढ़वाल-  385

पिथौरागढ़-    320

रुद्रप्रयाग-     120

टिहरी गढ़वाल- 270

उधमसिंह नगर- 500

उत्तरकाशी-    185

कुल-        3940

भू-धंसाव का दंश झेल रहे उत्तराखंड में जोशीमठ के उपचार के लिए केंद्र ने 1800 करोड़ की योजना को दी मंजूरी, पहले होगा पुनर्वास

उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ के उपचार के साथ ही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 1800 करोड़ रुपये की योजना को केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद अब इसे धरातल पर उतारने की कसरत शुरू हो गई है। इसके तहत प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है।

भू-धंसाव की जद में जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा

सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार प्रभावितों से राय लेकर वे जो भी विकल्प चुनेंगे, उसी के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। जोशीमठ शहर का एक बड़ा हिस्सा भू-धंसाव की जद में आया है। इस वर्ष जनवरी की शुरुआत में भू-धंसाव के चलते भवनों व भूमि में दरारें पड़ने का क्रम तेज होने के बाद सरकार की ओर से तत्काल प्रभावी कदम उठाए गए। साथ ही देश के नामी संस्थानों की आठ एजेंसियों के माध्यम से भू-धंसाव के कारणों और उपचार के दृष्टिगत जांच कराई गई।

केंद्र सरकार ने जोशीमठ के लिए 1800 करोड़ की योजना को दी थी मंजूरी

कुछ समय पहले ही जांच एजेंसियों की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। साथ जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। हाल में ही केंद्र सरकार ने जोशीमठ के लिए 1800 करोड़ रुपये की योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। अब इसे धरातल पर मूर्त रूप देने की दिशा में कसरत प्रारंभ की गई है।

पहले चरण में होना है पुनर्वास

सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास होना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम प्रभावितों के बीच जाकर राय लेंगे। प्रभावित मुआवजा राशि लेना चाहते हैं या भूमि अथवा ये चाहते हैं कि सरकार उन्हें घर बनाकर दे, इनमें से जो भी विकल्प वे चुनेंगे उसी के आधार पर कदम बढ़ाए जाएंगे।

डीपीआर तैयार करने के निर्देश

सचिव डा. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत सभी संबंधित विभागों को शीघ्रता से डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इनसे संबंधित कार्यों की सचिव स्तर पर हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी।

उत्तराखंड के टिहरी जिले में केंद्रीय गृह मंत्री शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक शुरू, सीएम योगी, धामी सहित कई मंत्री शामिल

उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हैं।

मध्य क्षेत्रीय परिषद की यह 24वीं बैठक है। बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के अलावा इन चारों राज्यों के दो-दो मंत्री और केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी भाग ले रहे हैं। बैठक में उत्तराखंड की ओर से दून वैली इको जोन का नोटिफिकेशन रद्द करने और सीमांत क्षेत्र से पलायन और इसके निदान के एजेंडे को चर्चा के लिए रखा जाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हो रही मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के बाद शाम को ही योगी केदारनाथ धाम जाएंगे। वहीं आठ अक्तूबर को बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वह वापस लखनऊ लौट जाएंगे। मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक: गृह मंत्री शाह की अध्यक्षता चर्चा शुरू, सीएम योगी, धामी सहित कई मंत्री शामिल हुए।