एलआईसी के स्वर्ण जयंती सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा-सरकार द्वारा परिसंपत्तियों को बेचने के कारण जबरदस्त असंतोष है
जमशेदपुर: आज देश में हर तरफ हर वर्ग में चाहे वह मजदूर वर्ग हो चाहे किसान, छात्र नौजवान व गृहिणी जबर्दस्त असंतोष का माहौल है ।
अपने मुनाफे की हवस की पूर्ति के लिए पूंजीपति वर्ग द्वारा मेंहनतकशों के खिलाफ वर्गीय हमलों को लगातार तेज किया जा रहा है । इससे सामान्य लोगों के जीवन में गरीबी, बेरोजगारी, असमानता और बदहाली में भारी वृद्धि हुई है।
परिसंपतियों को बेचने के जरिये रेलमार्ग, स्टेशन, हवाई अड्डे " केंद्र सरकार ने जो सीमित खर्च किए भी हैं तो उसके लिए भी धन राजकीय जुटाया गया है । राष्ट्रीय मौद्रिकीकरण के जरिये 6 लाख करोड़ रुपये की जमीन, बन्दरगाह ईंधन पाईप लाइन तथा सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य परिसंपातियाँ बेची " जाएंगी ।
सरकार पूंजी जुटाने के लिए अमीरों पर कर लगाने के बजाए इन्हीं साधनों का सहारा ले रही हैं सरकार उठ रहे हर सवाल को राष्ट्रवाद पर हमला करार देकर इसे छिपाने में लगी है ।
नव उदारवाद की उपज के रूप में बड़े ' पैमाने पर उपभोक्तावाद, बढ़ता लालच छल और धोखाधड़ी लोगों को और अधिक दुखी कर रहा है क्योंकि लोगों को अपने स्वयं के अस्तित्व के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है ।
1 राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग, चाहे वह एलआईसी हो या साधारण बीमा की सार्वजनिक कंपनियाँ इन नीतियों की मार से अछूती नहीं हैं ।
कड़े प्रतिरोध के बाबजूद भी आईपीओ के जरिये एलआईसी का विनिवेश किया गया, जो कहीं से भी देश के हित में हैं । एलआईसी आम जनता की छोटी घरेलू बचतों का संग्रहण कर एक ओर जहां आम जन को बीमा की सुरक्षा मुहैया कराती है, वहीं दूसरी ओर इस धन का इस्तेमाल देश के ढांचा गत विकास में किया जाता है । एलआईसी को सिर्फ एक व्यावसायिक नजर से देखना न्यायोचित नहीं है क्योंकि एलआईसी सिर्फ एक व्यावसायिक संस्था नहीं है, यह एक कल्याणकारी संस्था भी है ।
" आज महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है । सांप्रदायिक विभाजन के जरिये समाज में उन्माद और हिंसा को प्रोत्साहित किया जा रहा है । लगभग सभी संवैधानिक संस्थाएं विवादों में हैं ।
मेहनतकश वर्ग के द्वारा लंबे संघर्ष से प्राप्त अधिकार भी छीने जा रहें हैं । इसके खिलाफ देश के मजदूर किसान खेत मजदूर और मेहनतकश जनता का संग्राम ही इसका विकल्प । व्यापक एकता की शक्ति ही निजीकरण, उदारीकरण तथा कार्पोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ की इस लूट के खेल के विरुद्ध जनपक्षीय विकल्प की दिशा तय कर सकती है और जनता को पीड़ा से राहत दे सकती है | एक बेहतर कल के निर्माण के लिए एकजुट संघर्ष ही मजदूर वर्ग एवं गरीब और आम जनता के पास उपलब्ध एकमात्र विकल्प है। 1
बीमा कर्मचारी संघ जमशेदपुर मण्डल अपने अखिल भारतीय संगठन ऑल इंडिया इन्श्युरेंस इम्प्लाईज़ एसोसियशन के नेतृत्व में सदैव वर्गीय एकता को बढ़ावा देता रहा है और समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर मेहनतकश जनता के हक के लिए लड़ता रहा है।
आज जब हम अपना स्वर्ण जयंती सम्मेलन कर रहे हैं, तो इसी उम्मीद के साथ कि यह एकता और सहयोग हमें आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए बल प्रदान करेगा ।
Oct 08 2023, 10:06