*मच्छर ,गंदगी और जानवरों से होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए अभियान शुरू*
बलरामपुर । सूअर-मच्छर-गंदा पानी, दिमागी बुखार की रचे कहानी’ , कचरा कचरे दानी में, सोयें मच्छरदानी में’ आदि स्लोगन के साथ संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान की शुरुआत की गयी । संचारी रोग अभियान एवं दस्तक अभियान के प्रभावी संचालन के लिए जिलाधिकारी द्वारा निरंतर स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों की समीक्षा की गई ,उन्होंने सभी विभागों को माइक्रो प्लान बनाए जाने एवं उसी के अनुसार गतिविधियां संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी द्वारा संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी घरों का विजिट अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी अरविंद सिंह के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अभियान के शुभारंभ पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने , मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से जागरूकता वाहन रैली को हरी झंडी दिखा किया रवाना किया ।
जन समुदाय में संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार की रोकथाम व सही उपचार के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनपद में 3 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का शुभारंभ करते हुये मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील कुमार ने कहा कि आबादी के निकट सुअर बाड़ा, गंदा पानी व मच्छर संचारी रोगों के मुख्य वाहक होते हैं ।
इसके लिए जनपद के 12 विभागों को शामिल कर संचारी रोगों पर नियंत्रण के प्रभावी उपाय के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होने लोगों से शुद्ध पेय जल का उपयोग , मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, हाथों की स्वच्छता के साथ-साथ कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सुझाव दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान दिमागी बुखार, डेंगू, मलेरिया, फाईलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया, टीबी आदि संचारी रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा । साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्षय रोगियों व कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी करेंगे ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न डिजीज डॉ संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान नगर विकास विभाग द्वारा साफ-सफाई और दवाओं का छिड़काव किया जाएगा। पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नालियों की साफ सफाई तथा झाड़ियों की कटाई की जाएगी। साथ ही उथले हैंडपंपों की मरम्मत कर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। पशुपालन विभाग सुकरपालकों को आबादी से दूर सुअर बाड़ा बनाने के लिए संवेदीकरण करेगा । ,उद्यान विभाग द्वारा मच्छर रोधी पौधे लगाए जाएंगे तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र संदर्भित करेगा।
ऐसे होता है दिमागी बुखार –
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जापानीज़ इन्सेफ़्लाइटिस यानि दिमागी बुखार मच्छरों के काटने से होती है । समय से इलाज न होने पर मृत्यु अथवा जीवन भर के लिए विकलांगता हो सकती है। इसकी शुरुआत धान के खेतों से होती है। धान के खेतों के भरे पानी में कीड़े मकौड़े उत्पन्न हो जाते हैं। जिसे सफ़ेद रंग का जल पक्षी खाने पहुंचता है। जिसे मच्छर काट लेते हैं। जल पक्षी में ही जापानीज़ इन्सेफ़्लाइटिस के वायरस पाये जाते हैं जो मच्छरों में प्रवेश कर जाते हैं । इसके बाद यदि कोई व्यक्ति धान के खेत में या आस पास खुले में शौच करने या किसी अन्य काम से पहुंचता है तो उसे यह मच्छर काट लेता है यहीं से जापानीज़ इन्सेफ़्लाइटिस मानव के शरीर में पहुँच जाता है । वहीं जब यह मच्छर सूअर को काट लेता है तो वायरस सूअर के शरीर में तेजी से फैलते हैं ।
इसीलिए सुअर को आबादी से दूर रखने बात की जाती है।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के उद्घाटन के शुभ अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों का कर्मचारियों को जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा द्वारा संचारी रोगों से बचाव हेतु शपथ दिलाया गया इस अवसर पर जिला मलेरिया राजेश कुमार पांडे , मलेरिया इंस्पेक्टर , पाथ संस्था के जिला समन्वयक अखिलेश कुमार श्रीवास्तव तथा यूनिसेफ एवं डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
Oct 03 2023, 17:54