जीबीएम कॉलेज में हिन्दी पखवाड़ा के तहत हिन्दी दिवस समारोह का हुआ आयोजन, हिन्दी भाषा का वैश्विक स्वरूप विषय पर हुई चर्चा
गया - शहर के सिविल लाइन थाना के समीप स्थित जीबीएम कॉलेज में हिन्दी पखवाड़ा के तहत हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ प्रधानाचार्य प्रो डॉ. जावैद अशरफ़, हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ प्यारे माँझी, मीडिया प्रभारी डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, हिन्दी विभाग के डॉ सुनीता कुमारी, कार्यक्रम संचालिका छात्रा अन्या एवं निधि प्रिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
तत्पश्चात छात्रा चाँदनी बसोया ने "मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम। स्वागतम्, स्वागतम्, स्वागतम्, स्वागतम्" स्वागत गीत की मंत्रमुग्ध कर डालने वाली प्रस्तुति दी। कार्यक्रम समन्वयक हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ प्यारे माँझी ने "हिन्दी भाषा का वैश्विक स्वरूप" विषय पर अपने सारगर्भित विचार रखे।
कहा कि आज हिन्दी विश्व के सवा सौ से अधिक देशों में औपचारिक रूप से बोली, पढ़ी और लिखी जा रही है और इसका भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है। डॉ सुनीता कुमारी ने हिन्दी को भारतीयों के हृदय की भाषा बतलाया।
हिन्दी की महत्ता को मुखरित करती अपनी स्वरचित कविता का पाठ करते हुए अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने कहा कि "हिन्दी को कम कभी न आँकें, यह अद्भुत है, अनुपम है। सरल, सरस, त्रिकालदर्शी, संस्कृतियों का शुभ संगम है। अंग्रेजी भी सीखें, किंतु न जायें अपनी हिन्दी भूल। भारतेन्दु ने कहा, मिटाती निज भाषा ही हिय के शूल।।"
कार्यक्रम में छात्रा रिशु, रानी, जाह्नवी, सुमन भारती, मैना कुमारी, सरिता कुमारी, मुस्कान सिन्हा, सुधा गुप्ता ने सुभद्रा कुमारी चौहान, हरिवंश राय बच्चन, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिली शरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, सुमित्रा नंदन पंत आदि प्रसिद्ध हिन्दी कवियों की रचनाओं का सस्वर पाठ किया। तान्या, लवली, रियाश्री एवं स्तुति ने दुष्यंत कुमार की प्रसिद्ध ग़जलों को गाया।
चाँदनी बसोया के हिन्दी भाषा को समर्पित लोकगीत को सबकी सराहना मिली। छात्रा शैली, दीपशिखा, आशु एवं सविता ने भी हिन्दी की महत्ता को दर्शाता हुआ नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा अन्या एवं निधि प्रिया के खूबसूरत संचालन ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रधानाचार्य प्रो. जावैद अशरफ़ ने कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी छात्राओं व प्रोफेसर्स की हिन्दी भाषा के महत्व पर आधारित प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला से उद्धृत प्रसिद्ध पंक्तियाँ "दर्द नशा है इस मदिरा का, विगत स्मृतियाँ साकी हैं। पीड़ा में आनंद जिसे हो, आए मेरी मधुशाला" गायीं। प्रधानाचार्य ने कहा कि हिन्दी दिवस मनाना तभी सार्थक होगा, जब छात्राएँ हिन्दी की कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित रहना सुनिश्चित करें।
उन्होंने हिन्दी दिवस के मद्देनज़र आयोजित इस सरस और सुंदर कार्यक्रम के आयोजन हेतु डॉ माँझी सहित पूरे हिन्दी विभाग को हार्दिक बधाइयाँ दीं। प्रधानाचार्य प्रो अशरफ़ ने हिन्दी विभाग द्वारा पूर्व में आयोजित कहानी पाठ प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिया।
हिन्दी दिवस समारोह में डॉ प्रियंका कुमारी, प्रीति शेखर, रुखसाना परवीन सहित श्रेया, हर्षिता, श्रुति आदि सौ से अधिक छात्राओं की उपस्थिति रही।
गया से मनीष कुमार
Sep 21 2023, 21:34