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कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर 20 सितंबर से रेल चक्का जाम करेगी


रांची: कुर्मी विकास मोर्चा की ओर से राजधानी रांची में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दे की आगामी 20 सितंबर को कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम करने की बात कही।  

इस समाज के मुताबिक आजादी से पूर्व कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त था, लेकिन 1950 के बाद इस जाति को अनुसूचित जनजाति से अलग कर दिया गया है। पुनः कुर्मी समाज अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रही है। यह समाज आदिवासी में शामिल करने की मांग को लेकर लगातार संघर्षरत रहा है।

 लोकसभा के विशेष सत्र में कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव पारित करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है साथ ही कुरमाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे है।

हेमंत सोरेन को ईडी के समन मामले में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत : हाईकोर्ट जाने को कहा

राँची; सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मनी लांड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिका के मामले में हाईकोर्ट जाने को कहा।

ED के दूसरे समन के बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हम इस पर अभी विचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मुकदमे की शुरुआत पहले हाईकोर्ट से होनी चाहिए थी। लिहाजा आप पहले झारखंड हाईकोर्ट जाइए। 

हेमंत सोरेन के अनुसार, ये समन 'अपमानजनक, अनुचित और अवैध' होने के अलावा, किसी राज्य के मुख्यमंत्री के उच्च पद को कमजोर करने के लिए हैं। समन में कथित तौर पर उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया गया है, न कि व्यक्तिगत क्षमता में।

मार्क्सवादी युवा मोर्चा जिला कमेटी की बैठक संपन्न

 10 अक्टूबर को किसान संग्राम समिति का जिला मुख्यालय में ऐतिहासिक प्रदर्शन : पवन महतो

धनबाद : मार्क्सवादी युवा मोर्चा जिला कमेटी की एक बैठक मासस केंद्रीय कार्यालय टेंपल रोड, पुराना बाजार में संपन्न हुई l बैठक की अध्यक्षता मार्क्सवादी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पवन महतो एवं संचालन जिला सचिव राणा चतराज ने किया l 

बैठक को संबोधित करते हुए मायुमो जिला अध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि झारखंड में औसत से कम बारिश होने कारण किसानों की स्थिति काफी दयनीय है l झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में खुशहाल किसान, खुशहाल झारखंड का नारा दिया था l लेकिन राज्य में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसान दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं l

 जहां मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर हैं l जबकि सरकार किसानों के हितों के लिए 88 योजनाएं चलाई जा रही है l इतनी सारी योजनाओं का संचालन किये जाने के बाद भी राज्य में किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं है l पिछले वर्ष के सुखाड़ से किसान उभर नहीं पाए थे कि इस वर्ष भी किसान सुखाड़ के चपेट में है l ऐसे में किसान कैसे खुशहाल होंगे l आगामी 10 अक्टूबर को किसान संग्राम समिति के बैनर तले विभिन्न जटिल समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा l 

जिसमें मार्क्सवादी युवा मोर्चा जिला कमेटी पूरे जिले में जनसंपर्क अभियान चलाने के साथ-साथ बैठक आयोजित कर प्रदर्शन को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाएगी l बैठक में मुख्य रूप से संतोष रवानी, सुरजीत चंद्रा, विक्की पंडित,मुक्तेश्वर महतो,भगत महतो,सुरेश दास, आशु महतो, राजेश साव, शीतल चन्द्र, किशोर महतो, महादेव महतो, रवि कर्मकार आदि लोग शामिल थे l

झामुमो के नेता हेमलाल मुर्मू ने बजरंगबली को लेकर दिए विवादित बयान : बीजेपी ने की पलटवार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र उदय निधि स्टालिन के सनातन के संबंध में दिए गए विवादित बयान का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि I.N.D.I.A गठबंधन के झामुमो नेता हेमलाल मुर्मू ने एक धर्म विशेष के देवता को लेकर विवादित बयान दिया है। जिसकी खूब आलोचना हो रही है। उन्होंने भगवान बजरंगबली की तुलना आदिवासियों के जमीन हड़पने वाले भूमि अधिग्रहण पदाधिकारी के रूप में कर दी। 

दरसल हेमलाल मुर्मू का यह बयान गोड्डा जिले से आया है, जहां के बोआरीजोर में वे झामुमो कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में हेमलाल मुर्मू, आदिवासियों की जमीन लूटी जाने पर चर्चा कर रहे थे। साहिबगंज जिले के राजमहल अनुमंडल के तालझारी अंचल में 300 एकड़ जमीन को रातों-रात रिफ्यूजी को बंदोबस्त कर दिया गया। इस दौरान उस जमीन पर लैंड एक्यूजिसन ऑफिसर को खड़ा कर दिया गया। फिर उन्होंने आगे कहा कि ये पदाधिकारी जानते है, कौन हैं ? वो बजरंगबली है।

इस बयान के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वर्गीय नेता और पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू ने भगवान हनुमान जी के लिए अब शब्दों का प्रयोग किया है और उनकी तुलना अवैध जमीन पर कब्जा करने वाले अधिकारी से की है। हम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हैं कि अभिलंब इस मुद्दे पर माफी मांगे। भगवान हनुमान आदिवासियों के भी आराध्य देव हैं और उनकी पूजा हर आदिवासी के घर में होती है झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों का भी घोर अपमान किया है

जेटेट पास सहायक अध्यापक अपनी मांगों को लेकर दे रहे हैं राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सह धरना में किया हवन

रांची: पिछले 26 दिनों से जेटेट पास सहायक अध्यापक अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सह धरना कार्यक्रम कर रहे हैं. 

 धरना दे रहे सहायक अध्यापक ने बताया कि सरकार द्वारा वेतनमान पर ठोस पहल नहीं होने के कारण टेट पास सहायक अध्यापकों द्वारा हवन कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में राज्य भर के टेट पास सहायक अध्यापकों ने भाग लिया. सरकार को सद्बुद्धि देने की भगवान से प्रार्थना की है, ताकि सरकार एक मांग वेतनमान पर तत्काल विचार करे. कहा कि कई अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ रही है.

 पर सरकार द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है. धरना में समन्वय समिति के प्रमोद कुमार, सीमांत घोषाल, मुख्तार अंसारी, नफीस अख्तर, गोड्डा यदुवंशी गौरव, कुंदन यादव, राजकुमार पंडित, गुणधार महतो, सुमन सिंह, घनश्याम कुमार चंद्र, जय काली नाथ साहदेव , उमेश यादव, संजय यादव, आशीष पांडे, दुर्गा चरण महतो, सुरेंद्र सिंह,साजिद शेख़, बलराम महतो, उमेश महतो,राजकुमार यादव, नवीन कुमार, संतोष मंडल, हेमलाल राय, सुमन कुमार, संजय कुमार,बिनोद कुमार,सूरज सिंह के साथ हजारों टेट पास पारा शिक्षक उपस्थित रहे.

एचईसी में फंड के साथ वर्क ऑर्डर का संकट: कर्मचारी सड़क पर, राजनीति आसमान पर


1962 में स्थापित रांची के एचईसी में काम करना लोग अपनी शान समझते थे। एचईसी एक ऐसा कारखाना है, जिसने रेल, सेना ही नहीं, एटॉमिक एनर्जी, स्पेस रिसर्च जैसे सेक्टरो में अपनी सहभागिता निभाई है। आज वही एचईसी गौरवशाली संस्थान दम तोड़ रही है। आज यहां रोजी-रोटी और कंपनी को बचाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है। हम यू कह सकते है कि कर्मचारी सड़क पर हैं और राजनीति आसमान पर है। सवाल यह उठता है कि क्या होगा इस एचईसी का?

परिस्थिति ऐसी कि कंपनी के पास कार्यशील पूंजी नहीं है। इस कारण वर्क ऑर्डर नहीं मिल रहे। एचईसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 650 करोड़ का वर्क ऑर्डर हासिल करने की लक्ष्य रखी थी। लेकिन अब तक 5% भी पूरा नहीं हुआ। एचईसी ने पहले और दूसरे क्वार्टर में वर्क ऑर्डर का टारगेट पूरा नहीं कर पाई। अब तीसरे क्वार्टर, यानि अक्टूबर से दिसंबर तक में 230 करोड़ का वर्क ऑर्डर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान समय में कंपनी के पास भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का वर्क ऑर्डर है जिनका निर्माण 75 प्रतिशत तक हो चुका है, मगर वर्किंग कैपिटल समाप्त होने की वजह से काम बंद हो गया। जिम्मेवारों का कहना है कि हर क्षेत्र में कंपनी का परफॉर्मेंस शून्य हो गया है। 20 माह से कंपनी के इंजीनियरों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। इससे घर चलाना भारी पड़ रहा है। स्थिति ऐसी है कि कई इंजीनियर छोटी दुकान चलाने को विवश हैं। हालत दयनीय हो गई है।अब सब्र का बांध टूट रहा है।

बड़ा सवाल है जिम्मेदार कौन? अफसरशाही या राजनीति। कंपनी के पास हजारों एकड़ जमीन कई आवास थे। पैसों के अभाव मे जमीन-आवास बेचा गया, परंतु इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी को कार्यशील करने के बजाय कहा खर्च की गई, पता नहीं। एक पक्ष इसे बंद कराने की साजिश का आरोप लगाता रहा और दूसरा पक्ष चालू कराने का आश्वासन देता रहा। पर, गंभीरता किसी ने नहीं दिखाई। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। नतीजा एचईसी की हालात बत से बत्तर होती गई। 

सही मायने में एचईसी को सुधारना है तो राजनीतिक पार्टियों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। बगैर वेतन के काम कर रहे कर्मचारी की स्थिति को गंभीरता से समझे। अफसर एचईसी की स्थिति बदलने की ईमानदारी से कोशिश करें। ध्यान रखें, एचईसी की हालत सुधरी तो यह झारखंड के विकास में वरदान साबित होगा।

रांची. केंद्रीय विवि झारखंड (सीयूजे) में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में रिक्त स्थानों के दूसरे चरण के तहत नामांकन के लिए आज से रजिस्ट्रेशन

रजिस्ट्रेशन 21 सितंबर तक चलेगा. विद्यार्थी https://cujcuet.samarth.edu.in/pg/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए सामान्य/ ओबीसी/इडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए 800 रुपये, एससी/एसटी कैटेगरी के लिए 400 रुपये तथा महिला व नि:शक्त के लिए 200 रुपये फीस है. 

वैसे विद्यार्थी, जिनका नाम 22 अगस्त को प्रकाशित निबंधित कैंडिडेट लिस्ट में शामिल था, लेकिन किन्हीं कारणवश नामांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाये थे, वे भी रिक्त सीटों के विरुद्ध दूसरे राउंड की काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं.

जमीन विवाद को लेकर लालपुर चौक में दो पक्षों के बीच मारपीट, चार लोग घायल


रांची: रांची के लालपुर थाना क्षेत्र के करमटोली अहीर टोली में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट हुई. तलवार, कुदाली से एक दूसरे पर वार किया गया. 

जिसमें चार लोग घायल हो गये है. इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर सिटी डीएसपी दीपक कुमार पहुंचे और छानबीन कर दोनों पक्षों के आठ लोगों को थाना लाया गया. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.

रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कारोबारी विष्णु अग्रवाल के स्वास्थ्य की आज होगी समीक्षा

रांची. रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कारोबारी विष्णु अग्रवाल के स्वास्थ्य की शनिवार को समीक्षा की जायेगी. चिकित्सीय परामर्श के बाद आवश्यक जांच के लिए सैंपल भेजा जायेगा. रिपोर्ट आने के बाद सभी बिंदुओं पर विचार कर आगे इलाज पर निर्णय लिया जायेगा. 

गौरतलब है कि एक महीना पहले तबीयत बिगड़ने के बाद विष्णु अग्रवाल को बिरसा मुंडा कारागार से रिम्स में भर्ती कराया गया था. अभी उन्हें यूरिन में संक्रमण की दवाइयां दी जा रही है.

रांची की प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर की पुरानी समित को भंग कर नई समिति का गठन के विरोध में निकला आक्रोश जुलूस


रांची: झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पहाड़ी मंदिर की पुरानी प्रबंधन समिति को भंग कर मंदिर की नई प्रबंधन समिति की घोषणा की है।

 रांची में धार्मिक न्यास बोर्ड समिति द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में आज आक्रोश जुलूस निकाला गया। मंदिर के सदस्यों का कहना है कि इस तरह का फैसला राजनीतिक कारण के तहत लिया गया है। जिसे लेकर सनातन धर्म लंबियों के द्वारा आंतरिक जन आक्रोश फुटकर सामने आता दिखा। 

रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर से लेकर हृदयस्थली अल्बर्ट एक्का चौक तक सनातन धर्मावलंबी के द्वारा भारी संख्या में जन आक्रोश रैली निकाली गई। इस जन आक्रोश रैली में लोगो ने हाथों में मशाल लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

इसमें शामिल धर्म प्रेमी का कहना है कि मंदिरों में किसी राजनीतिक पार्टी के लोगों को न लाकर मंदिर को सार्वजनिक रूप से स्वतंत्र छोड़ देनी चाहिए। वही सनातन धर्म से संबंधित आचार्य का कहना है कि इस प्रकार का फैसला सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं के विरुद्ध में आता है। अन्य धर्म से जुड़े विषयों पर इस प्रकार का फैसला थोपा नहीं जाता, जिसका हम विरोध करते है। हमारे आंदोलन का यह प्रथम चरण है यदि इस प्रकार का फैसला को वापस नहीं लिया गया तो हम सब सनातन धर्म प्रेमी एक होकर चरण बध उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे।