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*डीएम और एसपी ने किया दिव्यांग स्वयं सहायता समूह के द्वारा संचालित प्रेरणा कैंटीन का उद्घाटन*

संभल- जिले के चंदौसी तहसील परिसर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, सम्भल के सहयोग से दिव्यांग स्वयं सहायता समूह के द्वारा संचालित प्रेरणा कैंटीन का उद्घाटन जिलाधिकारी मनीष बंसल व पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत ने किया गया।

इसके बाद तहसील चन्दौसी में महिला और बाल विकास मंत्रालय सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह (01 से 30 सितम्बर तक) मनाये जाने के क्रम में राष्ट्रीय पोषण माह-2023 पोषण रैली का उद्घाटन व शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर किया गया। जिसका उद्देश्य "सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत" पर केंद्रित विषय के माध्यम से देश में पोषण संबंधी समझ को बढ़ावा देना है।

*संभल के नवनिर्वाचित भाजपा जिला अध्यक्ष का कार्यकर्ताओं ने फूलमालाओं के साथ किया स्वागत*

संभल- कल भाजपा प्रदेश कार्यालय से नव निर्वाचित जिला अध्यक्षों की सूची जारी की गई। जिसमें संभल के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष ओमवीर सिंह खड़गवंशी को हटाकर पिछले विधानसभा चुनाव में असमोली विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे हरेंद्र सिंह उर्फ रिंकू को जिला अध्यक्ष घोषित किया गया है।

जब इस बात की जानकारी उनके समर्थकों को हुई उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। इस खबर के बाद जब हरेंद्र सिंह रात्रि में संभल पहुंचे तो उनके समर्थक ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।

जिला अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद पहली बार जनपद पहुंचे हरेंद्र सिंह उर्फ रिंकू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपने समर्थकों के सारे 2023 का लोकसभा चुनाव जीतने का दमखम रखते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके ऊपर जो विश्वास जताया है वह उसके ऊपर पूरा खड़ा करने का प्रयास करेंगे।

*चंदौसी में एडी स्वास्थ्य ने संयुक्त चिकित्सालय का किया निरीक्षण*

सम्भल। जनपद संभल की चंदौसी में स्थित संयुक्त चिकित्सालय में आज एडी स्वास्थ्य रेखा रानी औचक निरीक्षण करने पहुंची। एडी स्वास्थ्य ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सभी अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति चेक की साथ ही उन्होंने दवाइयों के स्टॉक, डेंटल ओपीडी,डिलीवरी वार्ड व एनआरसी का भी निरीक्षण किया।

इस निरीक्षण के विषय में जानकारी देते हुए एडी हेल्थ ने बताया कि आज उनके द्वारा संयुक्त चिकित्सालय चंदौसी के निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया गया और यहां पर सब कुछ ठीक मिला साथ ही डॉक्टर की कमी पर कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि नरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की संख्या ज्यादा है उन्हें यहां पर अटैच कराने की व्यवस्था की जाएगी।

*जनपद के बीएमजी इंटर कॉलेज में स्वच्छता पखवाड़ा का हुआ समापन, छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर किया गया सम्मानित*

सम्भल। केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर से 15 सितंबर तक देशभर में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

जनपद संभल की चंदौसी में स्थित बीएमजी इंटर कॉलेज की छात्राओं के द्वारा इस दौरान विभिन्न रैलियों का आयोजन किया गया तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया।

आज स्वच्छता पखवाड़ा के समापन के अवसर पर विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और इस दौरान अच्छे कार्य करने वाली छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर सम्मानित भी किया गया। इस विषय में जानकारी देते हुए अभिषेक कुमार मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा 1 से 15 सितंबर तक देशभर में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया गया आज इसके समापन के अवसर पर अच्छा कार्य करने वाली छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर सम्मानित करने के साथ स्वच्छता की शपथ भी दिलाई गई।

*किसानों की पंचायत में आवारा पशुओं, स्वास्थ्य विभाग, चकबंदी विभाग का गूंजा मुद्दा, 17 सितंबर को चंदौसी पहुंचने की अपील*

सम्भल। शुक्रवार को तहसील गुन्नौर ब्लॉक जूनावई के ग्राम रजमाना मे संगठन विस्तार व 18 सितम्बर को इको गार्डन लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी को लेकर पंचायत हुई.पंचायत का संचालन के पी यादव जिला मुख्य मीडिया प्रभारी ने किया व पंचायत कि अध्यक्षता मंडल सांगठन् मंत्री जवर सिंह यादव ने कि. पंचायत में आवारा पशुओ, स्वास्थ्य विभाग, चकबंदी विभाग, शिक्षा आदि को लेकर किसानो में रोष ये पंचायत मे निम्न मुद्दा छाया रहा।

आज की पंचायत के मुख्य अतिथि भारतीय किसान यूनियन टिकैत उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रमुख महासचिव/प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश विजेंद्र यादव रहे। काशीमपुर ललरोई मे संगठन के प्रति लगाव है। जनपद सम्भल मे 18 सितंबर को लखनऊ इको गार्डन महापंचायत की सफलता के लिए पुरी ताकत झोंक दी है, जनपद से हजारों की संख्या में कुछ करेंगे,आज जूनवई ब्लॉक के अनेको गाँव मे महापंचायत की सफलता के लिए नुककड़ सभा की।

राजमान ग्राम के किसानों ने पंचायत में भारी उत्साह दिखाया

आज ग्राम रजमाना में जो पंचायत हुई उसमें प्रदेश प्रमुख महासचिव प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश विजेंद्र यादव जी का नोटों का हार पहना कर भव्य स्वागत किया। प्रदेश प्रमुख महासचिव विजेंद्र यादव जी ने किसानो को सम्बोधित करते हुए कहा, इस समय भारतीय किसान यूनियन टिकैत संगठन ही एकलौता संगठन है जो किसानो का हित सोच रहा है और किसानो के हित मे काम कर रहा है अन्य संगठन सरकार की चमचा गिरी करने मे लगे हुए है. टिकैत संगठन को छोड कर बाकि संगठन सरकार के इशारे पर चल रहे है।

मुझे संगठन में 35 साल हो गए आज तक किसानों के लिए संघर्ष किया है आगे भी समर्पित रहूंगा

इस समय जो सरकार है वो किसानो का भला नहीं सोच रही है. इस सरकार की करनी और कथनी मे अंतर है, कहती कुछ है और करती कुछ है, इस सरकार ने किसानो से वादा किया था पूर्व आंदोलन चला था जब गाजीपुर बॉर्डर पर तो किसानो से वादा किया था की आप आंदोलन वापस लो हम एमएसपी पर क़ानून बनायंगे परन्तु सरकार ने किसानो के साथ वादा खिलाफ़ी की और गन्ना का मूल्य 450 रुपय प्रति कुंतल हो, आवारा पशुओ के द्वारा किसानो की फसल को बर्वाद कर दिया जाता है आवरा पशुओ का पुख्ता इंतजाम किया जाए जिससे किसानो को निजात मिल सके. किसानो आवारा गौ वंश से परेशान है. बिजली के मूल्य दिन रात बढ़ोतरी हो रही है, परन्तु किसानो को जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है. इन्हीं सब बातो को लेकर 18 सितम्बर को इको गार्डन लखनऊ मे किसान महापंचायत है।

आगे श्री यादव ने कहा की. अभी तक किसानो का गन्ना भुगतान नहीं हुआ है लेकिन सरकार ने कहा था की किसानो को 14 दिन मे किसानो के गन्ना का भुगतान मिल जायेगा परन्तु सरकार ऐसा करने मे असफल रही. चुनाब के दौरान सरकार ने किसानो से वादा किया था की निजी नलकूप की बिजली को माफ किया जायेगा. परन्तु सरकार ने किसानो को निजीनलकुपो की बिजली को मुफ्त नहीं किया है. ग्राम रजमाना के किसानो ने पूर्ण रूप से अश्वत किया की महापंचायत मे अधिक से अधिक संख्या मे भाग लेंगे।

आगे श्री यादव ने कहा. एकता मे ही बल है सभी किसान एकजुट हो जाए और किसान मसीहा चौधरी राकेश टिकैत जी के हाथो को मजबूत करे। सभी लोग अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से 17 सितंबर को चंदौसी पहुंचे। सभी किसान चंदौसी एकत्रित होकर चंदौसी रेलवे स्टेशन से किसान पैदल मार्च निकालेंगे और किसानो कि समस्याओ के सम्बन्ध मे अधिकारी को ज्ञापन देंगे। रजमना निवासी देवेंद्र यादव को जूनावई ब्लॉक का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया, इस वक़्त मौजूद रहे, मंडल महासचिव मुकेश यादव, युवा जिलाध्यक्ष दिनेश यादव तहसील अध्यक्ष अमर सिंह यादव ब्लॉक अध्यक्ष नेत्रपल सिंह, युवा ब्लॉक अध्यक्ष जगदीश यादव देवेंद्र सिंह पंकज संजय राजेश मौर्य महावीर सिंह ओमप्रकाश काले प्रेमपाल आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे। दूसरी पंचायत जूनावई ब्लॉक के ग्राम परतापुर मे हुई, इस पंचायत मे भी किसानो ने अधिक से अधिक संख्या मे लखनऊ चलने का आश्वासन दिया।

*आतंकी हमले पर रोष व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित की*

सम्भल । आज ब्राह्मण शक्ति संघ ने भगत सिंह मूर्ति पर जम्मू कश्मीर के अंनतनाग जिले में हुए आतंकी हमले पर रोष व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि में नगर अध्यक्ष निशान्त शर्मा ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि

केंद्र सरकार को इस प्रकार की घटना पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए एवम आतंकियो को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए ऐसी आंतकी घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बक्शा नही जाना चाहिए एवम शहीदों के घर में एक नौकरी और आर्थिक मदद दी जानी चाहिए

श्रद्धांजलि में विवेक मिश्रा ,अभिनव शर्मा , विवेक शर्मा गुमथल , शिवराम वत्स , विभोर भारद्वाज, अविरल शर्मा , प्रशांत वशिष्ठ , आचार्य ऋतुपर्ण शर्मा , राहुल शर्मा , अनुभव उपाध्याय , ओम शर्मा , आर्यन शर्मा , तरुण शर्मा , हिमांशु शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।

*पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खां के नेतृत्व में सपाइयों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, जानिए क्यों*

सम्भल । संभल की मुख्य पहचान चक्की के पाट के स्थान की जर्जर स्थिति को ठीक करने के लिए उपजिलाधिकारी संभल सदर को सम्भल सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फिरोज़ खाँ के नेतृत्व में सपाइयों ने दिया ज्ञापन ।

सम्भल शहर एक ऐतिहासिक नगर है अब यह ज़िला भी है सम्भल नगर में अनेकों ऐतिहासिक स्थल है जैसे तोता मेना की कब्र घंटा घर चाकी का पाठ एवं अन्य केई धार्मिक स्थल ऐतिहासिक है सम्भल में एक प्रमुख स्थान चाकी का पाठ है जिसकों देखने लोग बडी बडी दूर से आते है। आज उसकी हालत बहुत ही खस्ता एवं जर्जर हालात में है यह स्थान सम्भल मुख्य बाजार में होने के कारण यहां कभी भी दीवार गिरने से कोई भी बड़ी घटना घट सकती हैं ।

जानी व माली नुकसान भी हो सकता है उपजिलाधिकारी सम्भल से मांग की गई है की तत्काल संबंधित विभाग को आदेशित कर सम्भल की पहचान चाकी के पाठ के स्थल की मरम्मत का कार्य कराकर इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा की जाये। ज्ञापन देने वालो में आरिफ खाँ राहुल यादव अक़ील खाँ जबर सिंह यादव गुलाम मुस्तुफा राजेश यादव वीरेश यादव मोनिस क़ुरैशी वहिज़ खाँ सलीम अंसारी आदि रहे।

*सम्भल में मकान की छत गिरने से तीन लोगों की मौत, महिला गंभीर रूप से घायल*


सम्भल । जनपद संभल में मकान की छत गिरने से दबकर तीन लोगों की हुई मौत, महिला हुई गंभीर रूप से घायल। मौत से परिवार में कोहराम मच गया। हादसे के बाद ग्रामीण पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। मलबे में दबे लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

लगातार हो रही बारिश से मकानों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, ऐसा ही एक मामला जनपद संभल की गुन्नौर तहसील क्षेत्र के जुनाबई थाना क्षेत्र के गांव घोसली से सामने आया है जहां पर मकान की  छत गिरने से मलबे में दंपति समेत दो मासूम बच्चे दब गए ।जिससे पिता समेत दो मासूमों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

घटना की जानकारी देते हुए मृतक महावीर के चाचा ने बताया कि रात्रि में मकान की छत गिरने से चार लोग दब गए जिसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि महिला को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
*सोलो डांस प्रतियोगिता में एबीसी किड्स मोंटसरी स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया*

सम्भल । जन्माष्टमी के अवसर पर सनातन पंजाबी मंदिर द्वारा आयोजित सोलो डांस प्रतियोगिता में एबीसी किड्स मोंटसरी स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । मंदिर में आयोजित डांस प्रतियोगिता में पीहू परिधि संवि आयशा भाविका नियति और कनिका ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । जिसमें पीहू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया पीहू ने काली के रूप में अपने अद्भुत नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।

संवि ने नित्य प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया सानवि द्वारा मां दुर्गे का रूद्र रूप धारण कर अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया गया इसी के साथ आयशा अली द्वारा राधा के रूप कृष्ण की भक्ति में ली एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें संपूर्ण वातावरण कृष्ण भक्ति में लीन हो गया । इसी के साथ विद्यालय के अन्य बच्चों परिधि द्वारा एक साध्वी के रूप में सत्यम शिवम सुंदरम के रूप में सुंदर प्रस्तुति दी गई ।

भाविका नियति व कनिका द्वारा भी एक राधा कृष्ण लीला प्रस्तुत की गई संचालिका संगीता भार्गव जी ने बताया कि हर साल हमारा स्कूल शहर में होने वाली सभी प्रतियोगिता में वजन कर भाग लेता है तथा स्कूल के बच्चे अपने अद्भुत प्रदर्शन द्वारा स्कूल का नाम भी रोशन करते हैं इसी के साथ संचालिका जी ने बच्चों को बधाई दी और उनका मनोबल बढ़ाया।

*डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे : फिरोज खान*

सम्भल । मौहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानीप्रबंधक-मदरसा मौलाना मौहम्मद अली जौहर ने अपने मदरसे के छात्रों को बताया कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म चैन्नई (मद्रास) से 40-किलोमीटर तमिलनाडु में आंध्रप्रदेश से सटे तिरुतनी नामक स्थान पर 5 सितम्बर 1888 को एक साधारण परिवार में हुआ था । वे प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5-सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने विश्वविद्यालय शिक्षा के विभिन्न पक्षों का अध्ययन किया। डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल शैक्षिक सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया बल्कि उसे वास्तविक शैक्षिक परिस्थितियों व्यवहृत भी किया। उन्होंने व्यवहारिक परिस्थितियों में शिक्षण करके अपने शैक्षिक विचारों का निर्माण किया l

राधाकृष्णन को 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया, और भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) के रूप में चुना गया। राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि कांग्रेस पार्टी की नहीं थी, न ही वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे। वह छायावादी राजनीतिज्ञ थे।

1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। इसके बजाय, उन्होंने समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति। वह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है। करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परंपराओं का विकास भी शिक्षा के उद्देश्य हैं।

आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है. वे दर्शनशास्त्र का भी बहुत ज्ञान रखते थे, उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुवात की थी. राधाकृष्णन प्रसिद्ध शिक्षक भी थे, यही वजह है, उनकी याद में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, बीसवीं सदी के विद्वानों में उनका नाम सबसे उपर है, वे पश्चिमी सभ्यता से अलग, हिंदुत्व को देश में फैलाना चाहते थे, राधाकृष्णन जी ने हिंदू धर्म को भारत और पश्चिम दोनों में फ़ैलाने का प्रयास किया, वे दोनों सभ्यताओं को मिलाना चाहते थे, उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाहिए क्यूँकि देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है ।

उन्होंने कॉलेज में कनिष्ठ व्याख्याता के तौर पर दर्शन शास्त्र पढ़ाना प्रारम्भ किया। यह उनका परम सौभाग्य था कि उनको अपनी प्रकृति के अनुकूल आजीविका प्राप्त हुई थी। यहाँ उन्होंने 7 वर्ष तक न केवल अध्यापन कार्य किया अपितु स्वयं भी भारतीय दर्शन और भारतीय धर्म का गहराई से अध्ययन किया। उन दिनों व्याख्याता के लिये यह आवश्यक था कि अध्यापन हेतु वह शिक्षण का प्रशिक्षण भी प्राप्त करे। इसी कारण 1910 में राधाकृष्णन ने शिक्षण का प्रशिक्षण मद्रास में लेना आरम्भ कर दिया। इस समय इनका वेतन मात्र 37 रुपये था। दर्शन शास्त्र विभाग के तत्कालीन प्रोफ़ेसर राधाकृष्णन के दर्शन शास्त्रीय ज्ञान से अत्यन्त अभिभूत हुए। उन्होंने उन्हें दर्शन शास्त्र की कक्षाओं से अनुपस्थित रहने की अनुमति प्रदान कर दी। लेकिन इसके बदले में यह शर्त रखी कि वह उनके स्थान पर दर्शनशास्त्र की कक्षाओं में पढ़ा दें।

तब राधाकृष्ण ने अपने कक्षा साथियों को तेरह ऐसे प्रभावशाली व्याख्यान दिये, जिनसे वे शिक्षार्थी भी चकित रह गये। इसका कारण यह था कि उनकी विषय पर गहरी पकड़ थी, दर्शन शास्त्र के सम्बन्ध में दृष्टिकोण स्पष्ट था और व्याख्यान देते समय उन्होंने उपयुक्त शब्दों का चयन भी किया था। 1912 में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की "मनोविज्ञान के आवश्यक तत्व" शीर्षक से एक लघु पुस्तिका भी प्रकाशित हुई जो कक्षा में दिये गये उनके व्याख्यानों का संग्रह था। इस पुस्तिका के द्वारा उनकी यह योग्यता प्रमाणित हुई कि"प्रत्येक पद की व्याख्या करने के लिये उनके पास शब्दों का अतुल भण्डार तो है ही, उनकी स्मरण शक्ति भी अत्यन्त विलक्षण है।"

सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने ऐसा ही किया और ठीक रात्रि 12 बजे अपने सम्बोधन को विराम दिया। पण्डित नेहरू और राधाकृष्णन के अलावा किसी अन्य को इसकी जानकारी नहीं थी। आज़ादी के बाद उनसे आग्रह किया गया कि वह मातृभूमि की सेवा के लिये विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों की पूर्ति करें। इस प्रकार विजयलक्ष्मी पंडित का इन्हें नया उत्तराधिकारी चुना गया। पण्डित नेहरू के इस चयन पर कई व्यक्तियों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक दर्शनशास्त्री को राजनयिक सेवाओं के लिए क्यों चुना गया? उन्हें यह सन्देह था कि डॉक्टर राधाकृष्णन की योग्यताएँ सौंपी गई ज़िम्मेदारी के अनुकूल नहीं हैं। लेकिन बाद में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि मॉस्को में नियुक्त भारतीय राजनयिकों में वे सबसे बेहतर थे। वे एक गैर परम्परावादी राजनयिक थे।

जो मन्त्रणाएँ देर रात्रि होती थीं, वे उनमें रात्रि 10 बजे तक ही भाग लेते थे, क्योंकि उसके बाद उनके शयन का समय हो जाता था। जब राधाकृष्णन एक शिक्षक थे, तब भी वे नियमों के दायरों में नहीं बँधे थे। कक्षा में यह 20 मिनट देरी से आते थे और दस मिनट पूर्व ही चले जाते थे।उनका कहना था कि कक्षा में उन्हें जो व्याख्यान देना होता है, वह 20 मिनट के पर्याप्त समय में सम्पन्न हो जाता है। इसके उपरान्त भी वह विद्यार्थियों के प्रिय एवं आदरणीय शिक्षक बने रहे।उनका मानना था कि किसी विद्यालय की महानता या गरिमा का निर्धारण उसकी ईमारतों या उपकरणों से नहीं होता बल्कि कार्यरत अध्यापकों की विद्वता व चरित्र निर्धारण से होता है।