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भारत मंडपम के बाद ‘यशोभूमि’, दुनिया के सबसे बड़े एग्जिबिशन सेंटर में शामिल, पीएम नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को देश को करेंगे समर्पित

#pmmoditoinaugurateyashobhoomi

हाल ही में भारत ने जी20 का सफल आयोजन किया है। जी20 समिट का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में बने ‘भारत मंडपम’में हुई। इस समिट में अमेरिका समेत दुनिया के टॉप लीडर्स इसमें शामिल हुए थे। जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में देखने को मिली है।अब दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) का निर्माण भी किया जा रहा है जिसे ‘यशोभूमि’ नाम दिया गया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 'यशोभूमि' राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यशोभूमि विश्व स्तरीय एक्सपो सेंटर है।

विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पीएम मोदी द्वारका जाएंगे और 11 बजे इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर से योजना की शुरुआत करेंगे। इसके लिए मोदी सरकार के तमाम मंत्री देश के सभी छोटे बड़े शहरों में मौजुद रहेंगे।पीएम मोदी की ही पहल पर द्वारका में मोदी सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर बनाया है। देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना मोदी का दृष्टिकोण है। अधिकारियों ने कहा कि द्वारका में यशोभूमि के संचालन से इस अभ्यास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा

8.9 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैला सेंटर

यह सेंटर विश्व स्तर की सुविधाओं से लैस होगा। ‘यशोभूमि’ तैयार होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी। ‘यशोभूमि’ का निर्माण कुल 8.9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जा रहा है, इसमें 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।

11,000 प्रतिनिधियों की है क्षमता

73,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष सहित 15 सम्मेलन कक्ष शामिल हैं। जिसमें एक साथ कुल 11,000 प्रतिनिधी इकठ्ठे हो सकते हैं।मुख्य सभागार कन्वेंशन सेंटर के लिए हॉल है और इस हॉल में एक साथ लगभग 6,000 मेहमान की बैठ सकते हैं। अनोखी पंखुड़ी वाली छत वाला भव्य बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है। इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है।

भारतीय वायु सेना की और बढ़ेगी ताकत, रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई-30 एमकेआई की खरीद को दी मंजूरी


भारत के पड़ोसियों की नापाक नजर उसकी सीमा पर लगी हुई है। भारत संग चीन के सीमा विवाद की जानकारी तो आम है। भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव के हालात। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी हर रोज देश को कमजोर करने की साजिशें रची जा रही है। हालांकि, भारत अपने दोस्त और दुश्मनों में पहचान करना अच्छी तरह जानता है। यही वजह है भारत लगातार रक्षा के क्षेत्र में अपनी ताकतों में इजाफा कर रहा है। इसी क्रम में रक्षा मंत्रालय ने आज 12 सुखोई 30MKI लड़ाकू विमान खरीदने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद भारतीय वायुसेना के लिए ये 12 लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। खास बात यह है कि इन सभी विमानों को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि इनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा।

11,000 करोड़ रुपये की परियोजना

रक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 11,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विमान और संबंधित ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे। विमान में आवश्यकता के अनुसार 60 स्वदेशी से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी। उन्होंने बताया कि ये भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिक सुखोई-30 एमकेआई विमान होंगे जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे।

एसयु-30 एमकेआई क्या है खास

एसयु-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर विमान माना जाता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय एसयु-30 एमकेआई हैं, इस विमान में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है। सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज़ गति के लिये जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।

गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति न दी जाए..', पढ़िए, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश

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 कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ ने आज यानी शुक्रवार (15 सितंबर) को हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह पर रोक लगाने की मांग करने वाली अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका के बाद हिंदू समर्थक संगठनों ने गणेश चतुर्थी मनाने देने की अनुमति की मांग करते हुए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।

उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने लोगों को मिठाइयां बांटीं। प्रमोद मुथालिक ने एक बयान में कहा कि 'अंजुमन-ए-इस्लाम का गणेश चतुर्थी समारोह को रोकने के लिए अदालत जाना सही नहीं है। हमें 11 दिनों तक त्योहार मनाने के लिए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका से अनुमति की आवश्यकता है।' बता दें कि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अदालत में एक याचिका दायर होने के बाद पिछले साल हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत दे दी थी।

 BBMP और कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड के बीच चल रहे संपत्ति विवाद के कारण बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत नहीं दी गई थी। बता दें कि, कर्नाटक का वक़्फ़ बोर्ड फ़िलहाल बी ज़ेड ज़मीर खान के अधीन है, जो कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री हैं। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में कहा था कि, ईदगाह मैदान HDMC की संपत्ति है और मुसलमानों के लिए साल में दो बार नमाज अदा करने के अलावा मैदान का इस्तेमाल किसी अन्य वैध उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, इसके बाद HDMC ने पिछले साल मैदान में गणेश मूर्ति की स्थापना की अनुमति दे दी थी। लेकिन, इस साल राज्य में सरकार बदलने के बाद अंजुमन-ए-इस्लाम समिति ने फिर से विरोध करना शुरू किया, हालाँकि, हाई कोर्ट में उनकी याचिका ख़ारिज हो गई है।

धरती के कारण चंद्रमा पर बन रहा है पानी, चंद्रयान-1 के डेटा स्टडी के बाद वैज्ञानिकों का दावा

#chandrayaan_1_data_suggests_electrons_from_earth_forming_water_on_moon

15 साल पहले लॉन्‍च हुए भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी का पता लगाया था। यह मिशन आज भी वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बना हुआ है। चंद्रयान-1 की ओर से भेजे गए डेटा की स्टडी के बाद अब खुलासा हो रहा है कि धरती की वजह से ही चांद पर पानी बन रहा है। चंद्रयान-1 के डेटा की स्टडी कर रहे अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने दावा किया है कि पृथ्वी के हाई एनर्जी इलेक्ट्रॉन चांद पर पानी बना रहे हैं। ये इलेक्ट्रॉन्स पृथ्वी की प्लाज्मा शीट में हैं, जो मौसमी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है, यानी इनके होने से ही पृथ्वी के मौसम में बदलाव होता है।

अमेरिका के मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय (यूएच) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व वाली टीम ने चंद्रयान-1 के रिमोट सेंसिंग डेटा का एनालिसिस किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि पृथ्वी की प्लाज्मा शीट में इलेक्ट्रॉन चंद्रमा की सतह पर अपक्षय प्रक्रियाओं यानी चट्टानों और खनिजों के टूटने या घुलने में मदद कर रहे हैं। नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में इसे लेकर एक शोध प्रकाशित किया गया है। इस शोध में पाया गया कि इलेक्ट्रॉन चंद्र पिंड पर पानी का निर्माण करने में मदद किए होंगे। 

इस स्टडी में कहा गया है कि भले ही चंद्रमा पर तेजी से पानी के उत्पादन के प्रमुख स्रोत के रूप में सोलर विंड के महत्व की पुष्टि की गई है, मगर धरती के प्लाज्मा शीट के अब तक नहीं देखे गए गुण भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। साइंटिस्टों ने कहा कि चंद्रमा पर पानी के जमाव और वितरण को जानना इसके गठन और विकास को समझने और भविष्य में मानव खोजों के लिए जल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर स्थायी रूप से छाया में रहने वाले क्षेत्रों में पहले तलाशी गई बर्फ की उत्पत्ति को समझने के लिए चंद्रयान -1 मिशन के डेटा का उपयोग किया है। रिसर्चर्स ने पिछली रिसर्च पर और काम किया। इसमें पता चला कि पृथ्वी के मैग्नेटोटेल में ऑक्सीजन की वजह से चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में लोहे को जंग लगा रही है। साथ ही चंद्रमा के पृथ्वी के मैग्नेटोटेल से गुजरने पर सतह के मौसम में बदलाव की जांच करने का निर्णय लिया। ली शुआई जो इस रिसर्च में शामिल थे उन्‍होंने बताया, यह चंद्रमा की सतह पर पानी के गठन की प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए एक नैचुरल लैब मुहैया कराता है। जब चंद्रमा मैग्नेटोटेल के बाहर होता है तो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा की वजह से बमबारी होती है। मैग्नेटोटेल के अंदर सौर हवा के प्रोटॉन लगभग न के बराबर होते हैं। ऐसे में पानी के निर्माण की उम्‍मीद जीरो थी।

आसान शब्दों में हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि चांद पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। यानी 14 दिन ही यहां पर सूरज की रोशनी होती है। जब यहां सूरज की रोशनी नहीं होती तो सोलर विंड की बौछार होती है। इसी दौरान पानी बनने का दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि नई खोज पहले खोजी गई पानी की बर्फ की उत्पत्ति को समझाने में भी मददगार हो सकती है।

 मालूम हो कि चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 का सफल लॉन्च किया था। चंद्रयान-1 ने आठ महीने में चांद के 3,000 चक्कर लगाए और 70 हजार से ज्यादा तस्वीरें भेजीं। इनमें चांद पर बने पहाड़ों और क्रेटर को भी दिखाया गया था। चांद के ध्रुवीय क्षेत्रों में अंधेरे इलाके के फोटो भी इसने भेजे। इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी चांद पर पानी के होने की पुष्टि थी।

Asia Cup 2023: क्या किंग कोहली का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे हिटमैन शर्मा ? आज बांग्लादेश के खिलाफ सुनहरा मौका

भारत और श्रीलंका एशिया कप 2023 के फाइनलिस्ट हैं और रविवार (17 सितंबर) को एक-दूसरे से भिड़ेंगे। उससे पहले, भारत आज शुक्रवार (15 सितंबर) को उसी स्थान पर बांग्लादेश से एक अहम मुकाबले में भिड़ेगा। बता दें कि, बांग्लादेश पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है और आज उसे अपने अनुभवी खिलाड़ी मुश्फिकुर रहीम की कमी भी खलेगी।

इस बीच टीम इंडिया के पास अपने मुख्य खिलाड़ियों को आराम देने के साथ-साथ अपनी बेंच स्ट्रेंथ को परखने का भी मौका है। यह देखने वाली बात होगी कि कप्तान रोहित शर्मा इस मैच में मैदान पर उतरते हैं या नहीं और यदि उतरते हैं तो इस क्रिकेटर की नजर एक बड़े रिकॉर्ड पर होगी। इस साल रोहित के लिए यह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला टूर्नामेंट रहा है, उन्होंने पिछले गेम में पहले ही 10000 रन का आंकड़ा पार कर लिया था, साथ ही ओपनर के रूप में 8000 रन भी पूरे किए और इस उपलब्धि तक पहुंचने में सबसे तेज रहे थे।

अब उनके पास बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनने का मौका है। विराट कोहली वर्तमान में 15 मैचों में 67.25 की औसत से चार अर्द्धशतक और तीन शतक के साथ 807 रन बनाकर शीर्ष पर हैं। रोहित शर्मा उनसे ठीक नीचे हैं जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 15 मैचों में तीन अर्धशतक और इतने ही शतक के साथ 738 रन बनाए हैं। उन्हें कोहली से आगे निकलने और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में शीर्ष पर पहुंचने के लिए केवल 70 रनों की जरूरत है।

दिलचस्प बात यह है कि यह देखना भी अहम होगा कि क्या कोहली खुद प्लेइंग इलेवन में रहते हैं या नहीं। अगर उन्हें आराम दिया जाता है तो रोहित के पास इस मामले में अपने साथी खिलाड़ी से आगे निकलने का शानदार मौका होगा। भारत बनाम बांग्लादेश वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।

Asia Cup 2023: क्या किंग कोहली का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे हिटमैन शर्मा ? आज बांग्लादेश के खिलाफ सुनहरा मौका

भारत और श्रीलंका एशिया कप 2023 के फाइनलिस्ट हैं और रविवार (17 सितंबर) को एक-दूसरे से भिड़ेंगे। उससे पहले, भारत आज शुक्रवार (15 सितंबर) को उसी स्थान पर बांग्लादेश से एक अहम मुकाबले में भिड़ेगा। बता दें कि, बांग्लादेश पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है और आज उसे अपने अनुभवी खिलाड़ी मुश्फिकुर रहीम की कमी भी खलेगी।

इस बीच टीम इंडिया के पास अपने मुख्य खिलाड़ियों को आराम देने के साथ-साथ अपनी बेंच स्ट्रेंथ को परखने का भी मौका है। यह देखने वाली बात होगी कि कप्तान रोहित शर्मा इस मैच में मैदान पर उतरते हैं या नहीं और यदि उतरते हैं तो इस क्रिकेटर की नजर एक बड़े रिकॉर्ड पर होगी। इस साल रोहित के लिए यह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला टूर्नामेंट रहा है, उन्होंने पिछले गेम में पहले ही 10000 रन का आंकड़ा पार कर लिया था, साथ ही ओपनर के रूप में 8000 रन भी पूरे किए और इस उपलब्धि तक पहुंचने में सबसे तेज रहे थे।

अब उनके पास बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनने का मौका है। विराट कोहली वर्तमान में 15 मैचों में 67.25 की औसत से चार अर्द्धशतक और तीन शतक के साथ 807 रन बनाकर शीर्ष पर हैं। रोहित शर्मा उनसे ठीक नीचे हैं जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 15 मैचों में तीन अर्धशतक और इतने ही शतक के साथ 738 रन बनाए हैं। उन्हें कोहली से आगे निकलने और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में शीर्ष पर पहुंचने के लिए केवल 70 रनों की जरूरत है।

दिलचस्प बात यह है कि यह देखना भी अहम होगा कि क्या कोहली खुद प्लेइंग इलेवन में रहते हैं या नहीं। अगर उन्हें आराम दिया जाता है तो रोहित के पास इस मामले में अपने साथी खिलाड़ी से आगे निकलने का शानदार मौका होगा। भारत बनाम बांग्लादेश वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।

फारूक अब्दुल्ला से सवाल कर रही थी महिला रिपोर्टर, हाथ पकड़ करने लगे बेतुके सवाल
#farooq_abdullah_ask_personal_questions_to_a_female_journalist फारूक अब्दुल्ला से सवाल कर रही थी महिला रिपोर्टर, हाथ पकड़ करने लगे बेतुके सवाल विपक्षी गठबंधन के प्रमुख घटक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। फारूख अब्दुल्ला एक महिला पत्रकार के साथ अपने व्यवहार को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक महिला पत्रकार का हाथ पकड़ते हुए और निजी सवाल करते हुए सुने और देखे जा सकते हैं।वीडियो में महिला रिपोर्टर बार-बार उनसे राजनीतिक सवाल करना चाह रही है पर फारूक उनसे पर्सनल लाइफ के बारे में सवाल करते हैं। अब उनके इस स्वाभाव की चारो ओर आलोचना हो रही है। वीडियो में फारूक महिला रिपोर्टर का हाथ पकड़कर कहते हैं कि तुम शादी कब करोगी? क्या अपने लिए पति खुद चुनोगी? तुम अपने लिए पति खुद चुनोागी या तुम्हारे माता-पिता चुनेंगे?वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि फारूक महिला पत्रकार का मजाक बना रहे हैं। फारूक इस पर चुप नहीं रहते हैं और आगे कहते है कि तुम्हारे हाथ पर ये मेहंदी क्यों है? इस पर पत्रकार जवाब देते हुए कहती है कि उसके बड़े भाई की शादी थी।फारूक यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे पूछ लिया कि क्या उसकी पत्नी उसके साथ कुछ दिन रहेगी या छोड़कर चली जाएगी? इतना कहकर वह हंस पड़े। रूक ने आगे पूछा कि क्या तुम्हारी शादी हुई है? इस पर महिला पत्रकार जवाब देते हुए कहती है कि सर मैं अभी बहुत यंग हूं। इस पर वह कहते हैं कि जिससे भी शादी करना संभलकर करना। कौन जानता है वह दूसरी महिला के साथ घूम रहा हो और तुम्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता हो। वीडियो में यह साफतौर पर दिखाया गया कि महिला रिपोर्टर बार-बार उनके राजनीतिक सवाल करना चाह रही है। वह बार-बार सवाल करने की कोशिश भी करती है पर फारूक उनके सवालों का जवाब देने के बजाय न केवल बचते हैं, बल्कि महिला रिपोर्टर की निजी जिंदगी के बारे में सवाल करने लगते हैं। भाजपा के कई नेताओं ने वीडियो शेयर करते हुए फारूक अब्दुल्ला के इस रवैये की निंदा की है।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी अब्दुल्ला के इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि बातचीत न केवल गैर-पेशेवर थी, बल्कि अत्यधिक स्त्रीद्वेषपूर्ण और बेहद घृणित थी। शहजाद पूनावाला ने इसे इंडिया ब्लॉक की ओर से पत्रकारों के एक समूह के बहिष्कार के आह्वान से जोड़ते हुए कहा, ‘लेकिन ऐसे गठबंधन से आश्चर्य की बात नहीं है जो सवाल पूछने वाले पत्रकारों का बहिष्कार करता है और उनके साथ इस तरह का व्यवहार करता है। आपको बता दें कि ‘इंडिया ब्लॉक’ ने गुरुवार को 14 टेलीविजन पत्रकारों की एक सूची जारी की जिनका विपक्षी गठबंधन के नेता बहिष्कार करेंगे। इस सूची में अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्नब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा शामिल हैं। पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘क्या आईएनडीआई गठबंधन और विशेष रूप से कांग्रेस के बड़बोले प्रचारक अब एक युवा महिला के साथ इस खौफनाक व्यवहार का सार्वजनिक रूप से बचाव करेंगे? कम से कम उन्हें इस कृत्य और इसे करने वाले का बहिष्कार करना चाहिए।

#farooq_abdullah_ask_personal_questions_to_a_female_journalist फारूक अब्दुल्ला से सवाल कर रही थी महिला रिपोर्टर, हाथ पकड़ करने लगे बेतुके सवाल विपक्षी गठबंधन के प्रमुख घटक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता

उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन ईमारत में लिफ्ट गिरने से हुआ बड़ा हादसा, 4 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आज यानी शुक्रवार (15 सितंबर) को एक दुखद हादसा हो गया है। यहाँ एक निर्माणाधीन इमारत की लिफ्ट गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, गौर सिटी में एक मूर्ति के पास लिफ्ट गिरने से यह हादसा हुआ। खबरों के मुताबिक इस इलाके में आम्रपाली बिल्डर्स की एक बिल्डिंग निर्माणाधीन थी, जहां यह हादसा हुआ। दुर्घटनास्थल बिसरख पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है।

बता दें कि, यह पहली बार नहीं है कि नोएडा में लिफ्ट गिरने की घटना हुई है। ठीक एक महीने पहले सेक्टर 137 में एक ऊंची इमारत से लिफ्ट से गिरने के बाद 73 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा था कि घटना के वक्त बुजुर्ग महिला लिफ्ट में अकेली थी, लेकिन बिल्डिंग के निवासियों का कहना था कि लिफ्ट में उनके साथ एक बच्चा भी मौजूद था। यह हादसा पारस टिएरिया सोसायटी में हुआ था, जो 24 मंजिल की है। महिला अपने बेटे और बहू के साथ बिल्डिंग की 8वीं मंजिल पर रहती थी।

देश की प्रगति की रीढ़..', पीएम मोदी ने इंजीनियर्स दिवस पर दी शुभकामनाएं, सर विश्वेश्वरैया को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की प्रगति में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए इंजीनियर्स दिवस पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उन्होंने इंजीनियरों की नवीन सोच और अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसे उन्होंने भारत की उन्नति का आधार बताया। अपने आधिकारिक हैंडल से, पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि, "#EngineersDay पर हम दूरदर्शी इंजीनियर और राजनेता सर एम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देते हैं। वह पीढ़ियों को नवप्रवर्तन और राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। यहां चिक्काबल्लापुरा की झलकियां हैं, जहां मैंने इस साल की शुरुआत में अपनी यात्रा के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।'' इसके साथ पीएम मोदी ने कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की हैं।

बता दें कि, भारत में इंजीनियर्स दिवस का बहुत महत्व है, क्योंकि यह देश के सबसे सम्मानित इंजीनियरों में से एक, सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती पर मनाया जाता है। यह दिन इंजीनियरिंग और राष्ट्र निर्माण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है। विश्वेश्वरैया, जिन्हें अक्सर एक दूरदर्शी इंजीनियर और राजनेता के रूप में पहचाना जाता है, ने देश के विकास पर एक अमिट छाप छोड़ी है। प्रधान मंत्री मोदी ने भावी पीढ़ियों के लिए नवाचार और राष्ट्र की सेवा करने की प्रेरणा के रूप में विश्वेश्वरैया के स्थायी प्रभाव पर प्रकाश डाला। उनकी विरासत न केवल उनकी अग्रणी इंजीनियरिंग उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि समग्र रूप से समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए उनके समर्पण को भी दर्शाती है।

इंजीनियर भारत के बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और समग्र प्रगति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के डिजाइन और निर्माण, अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने और दैनिक जीवन के हर पहलू को प्रभावित करने वाली जटिल समस्याओं को हल करने में सहायक हैं। इंजीनियर्स दिवस उनके योगदान को पहचानने और जश्न मनाने का एक क्षण है, जो उन्हें देश की भलाई के लिए अपने आवश्यक कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।

केरल में 'निपाह वायरस' का कहर, दो की हो चुकी मौत, जान लीजिए, अभी तक नहीं है कोई इलाज, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

केरल में निपाह वायरस के कुल छह मामले सामने आए हैं। इन छह में से दो लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी चार का इलाज चल रहा है। केरल के कोझिकोड में गुरुवार और शुक्रवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। 706 लोग संपर्क सूची में हैं, जिनमें से 77 उच्च जोखिम श्रेणी में हैं, जबकि 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि उच्च जोखिम श्रेणी में किसी में भी फिलहाल लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। दूषित भोजन और किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से मानव-से-मानव में प्रसार हो सकता है। यह सूअरों में बीमारी का कारण भी बन सकता है। यह वायरस हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और यहां तक कि कुछ मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है। यह पहली बार 1999 में सूअरों और लोगों में फैलने के बाद खोजा गया था।

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस के लक्षणों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

स्पर्शोन्मुख संक्रमण

तीव्र श्वसन संक्रमण

घातक एन्सेफलाइटिस

प्रारंभ में, संक्रमित व्यक्तियों को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश का अनुभव होता है। इनके बाद, संक्रमण चक्कर आना, उनींदापन, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और परिवर्तित चेतना जैसे लक्षण पैदा करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कुछ लोगों को गंभीर श्वसन समस्याओं और असामान्य निमोनिया का भी अनुभव हो सकता है। गंभीर मामलों में, एन्सेफलाइटिस और दौरे पड़ सकते हैं, जो कोमा में बदल सकते हैं। संक्रमित होने के 4 से 14 दिन बाद लक्षणों की शुरुआत हो सकती है। कुछ मामलों में, ऊष्मायन अवधि 45 दिनों तक भी लंबी हो सकती है। बता दें कि, ऊष्मायन अवधि (incubation period) किसी रोगजनक जीव, रसायन या विकिरण (रेडियेशन) से सम्पर्क होने और इस सम्पर्क के कारणवश रोग के प्रथम लक्षण व चिह्न स्पष्ट होने के बीच की अवधि होती है। संक्रमण की स्थिति में इस अवधि में रोगजनक जीव अपनी संख्या बढ़ाकर उस स्तर तक पहुँचता है कि रोगी के शरीर में रोग के लक्षण (मसलन ज्वर, दर्द, सूजन, उल्टी होना, इत्यादि) दिखने लगते हैं। 

निपाह वायरस का इलाज

WHO के अनुसार, वर्तमान में निपाह वायरस के खिलाफ कोई टीका नहीं है। ऐसी कोई विशिष्ट दवाएँ भी नहीं हैं जो उपचार के लिए निर्धारित हों। शोधकर्ता अभी तक निपाह वायरस का टीका विकसित नहीं कर पाए हैं।

निपाह वायरस से बचाव

प्रकोप के दौरान, व्यक्तियों को निम्नलिखित निवारक कदमों का पालन करना चाहिए

बीमार सूअरों और चमगादड़ों के संपर्क से बचें

अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं

ऐसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें जो दूषित हो सकते हैं

संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क से बचें

संक्रमित व्यक्ति के रक्त और शरीर के तरल पदार्थ के साथ किसी भी तरह के संपर्क से सख्ती से बचना चाहिए

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और लोगों से शांत रहने का आग्रह किया है।