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*आतंकी हमले पर रोष व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित की*

सम्भल । आज ब्राह्मण शक्ति संघ ने भगत सिंह मूर्ति पर जम्मू कश्मीर के अंनतनाग जिले में हुए आतंकी हमले पर रोष व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि में नगर अध्यक्ष निशान्त शर्मा ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि

केंद्र सरकार को इस प्रकार की घटना पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए एवम आतंकियो को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए ऐसी आंतकी घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बक्शा नही जाना चाहिए एवम शहीदों के घर में एक नौकरी और आर्थिक मदद दी जानी चाहिए

श्रद्धांजलि में विवेक मिश्रा ,अभिनव शर्मा , विवेक शर्मा गुमथल , शिवराम वत्स , विभोर भारद्वाज, अविरल शर्मा , प्रशांत वशिष्ठ , आचार्य ऋतुपर्ण शर्मा , राहुल शर्मा , अनुभव उपाध्याय , ओम शर्मा , आर्यन शर्मा , तरुण शर्मा , हिमांशु शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।

*पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खां के नेतृत्व में सपाइयों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, जानिए क्यों*

सम्भल । संभल की मुख्य पहचान चक्की के पाट के स्थान की जर्जर स्थिति को ठीक करने के लिए उपजिलाधिकारी संभल सदर को सम्भल सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फिरोज़ खाँ के नेतृत्व में सपाइयों ने दिया ज्ञापन ।

सम्भल शहर एक ऐतिहासिक नगर है अब यह ज़िला भी है सम्भल नगर में अनेकों ऐतिहासिक स्थल है जैसे तोता मेना की कब्र घंटा घर चाकी का पाठ एवं अन्य केई धार्मिक स्थल ऐतिहासिक है सम्भल में एक प्रमुख स्थान चाकी का पाठ है जिसकों देखने लोग बडी बडी दूर से आते है। आज उसकी हालत बहुत ही खस्ता एवं जर्जर हालात में है यह स्थान सम्भल मुख्य बाजार में होने के कारण यहां कभी भी दीवार गिरने से कोई भी बड़ी घटना घट सकती हैं ।

जानी व माली नुकसान भी हो सकता है उपजिलाधिकारी सम्भल से मांग की गई है की तत्काल संबंधित विभाग को आदेशित कर सम्भल की पहचान चाकी के पाठ के स्थल की मरम्मत का कार्य कराकर इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा की जाये। ज्ञापन देने वालो में आरिफ खाँ राहुल यादव अक़ील खाँ जबर सिंह यादव गुलाम मुस्तुफा राजेश यादव वीरेश यादव मोनिस क़ुरैशी वहिज़ खाँ सलीम अंसारी आदि रहे।

*सम्भल में मकान की छत गिरने से तीन लोगों की मौत, महिला गंभीर रूप से घायल*


सम्भल । जनपद संभल में मकान की छत गिरने से दबकर तीन लोगों की हुई मौत, महिला हुई गंभीर रूप से घायल। मौत से परिवार में कोहराम मच गया। हादसे के बाद ग्रामीण पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। मलबे में दबे लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

लगातार हो रही बारिश से मकानों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, ऐसा ही एक मामला जनपद संभल की गुन्नौर तहसील क्षेत्र के जुनाबई थाना क्षेत्र के गांव घोसली से सामने आया है जहां पर मकान की  छत गिरने से मलबे में दंपति समेत दो मासूम बच्चे दब गए ।जिससे पिता समेत दो मासूमों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

घटना की जानकारी देते हुए मृतक महावीर के चाचा ने बताया कि रात्रि में मकान की छत गिरने से चार लोग दब गए जिसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि महिला को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
*सोलो डांस प्रतियोगिता में एबीसी किड्स मोंटसरी स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया*

सम्भल । जन्माष्टमी के अवसर पर सनातन पंजाबी मंदिर द्वारा आयोजित सोलो डांस प्रतियोगिता में एबीसी किड्स मोंटसरी स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । मंदिर में आयोजित डांस प्रतियोगिता में पीहू परिधि संवि आयशा भाविका नियति और कनिका ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । जिसमें पीहू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया पीहू ने काली के रूप में अपने अद्भुत नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।

संवि ने नित्य प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया सानवि द्वारा मां दुर्गे का रूद्र रूप धारण कर अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया गया इसी के साथ आयशा अली द्वारा राधा के रूप कृष्ण की भक्ति में ली एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें संपूर्ण वातावरण कृष्ण भक्ति में लीन हो गया । इसी के साथ विद्यालय के अन्य बच्चों परिधि द्वारा एक साध्वी के रूप में सत्यम शिवम सुंदरम के रूप में सुंदर प्रस्तुति दी गई ।

भाविका नियति व कनिका द्वारा भी एक राधा कृष्ण लीला प्रस्तुत की गई संचालिका संगीता भार्गव जी ने बताया कि हर साल हमारा स्कूल शहर में होने वाली सभी प्रतियोगिता में वजन कर भाग लेता है तथा स्कूल के बच्चे अपने अद्भुत प्रदर्शन द्वारा स्कूल का नाम भी रोशन करते हैं इसी के साथ संचालिका जी ने बच्चों को बधाई दी और उनका मनोबल बढ़ाया।

*डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे : फिरोज खान*

सम्भल । मौहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानीप्रबंधक-मदरसा मौलाना मौहम्मद अली जौहर ने अपने मदरसे के छात्रों को बताया कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म चैन्नई (मद्रास) से 40-किलोमीटर तमिलनाडु में आंध्रप्रदेश से सटे तिरुतनी नामक स्थान पर 5 सितम्बर 1888 को एक साधारण परिवार में हुआ था । वे प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5-सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने विश्वविद्यालय शिक्षा के विभिन्न पक्षों का अध्ययन किया। डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल शैक्षिक सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया बल्कि उसे वास्तविक शैक्षिक परिस्थितियों व्यवहृत भी किया। उन्होंने व्यवहारिक परिस्थितियों में शिक्षण करके अपने शैक्षिक विचारों का निर्माण किया l

राधाकृष्णन को 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया, और भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) के रूप में चुना गया। राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि कांग्रेस पार्टी की नहीं थी, न ही वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे। वह छायावादी राजनीतिज्ञ थे।

1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। इसके बजाय, उन्होंने समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति। वह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है। करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परंपराओं का विकास भी शिक्षा के उद्देश्य हैं।

आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है. वे दर्शनशास्त्र का भी बहुत ज्ञान रखते थे, उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुवात की थी. राधाकृष्णन प्रसिद्ध शिक्षक भी थे, यही वजह है, उनकी याद में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, बीसवीं सदी के विद्वानों में उनका नाम सबसे उपर है, वे पश्चिमी सभ्यता से अलग, हिंदुत्व को देश में फैलाना चाहते थे, राधाकृष्णन जी ने हिंदू धर्म को भारत और पश्चिम दोनों में फ़ैलाने का प्रयास किया, वे दोनों सभ्यताओं को मिलाना चाहते थे, उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाहिए क्यूँकि देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है ।

उन्होंने कॉलेज में कनिष्ठ व्याख्याता के तौर पर दर्शन शास्त्र पढ़ाना प्रारम्भ किया। यह उनका परम सौभाग्य था कि उनको अपनी प्रकृति के अनुकूल आजीविका प्राप्त हुई थी। यहाँ उन्होंने 7 वर्ष तक न केवल अध्यापन कार्य किया अपितु स्वयं भी भारतीय दर्शन और भारतीय धर्म का गहराई से अध्ययन किया। उन दिनों व्याख्याता के लिये यह आवश्यक था कि अध्यापन हेतु वह शिक्षण का प्रशिक्षण भी प्राप्त करे। इसी कारण 1910 में राधाकृष्णन ने शिक्षण का प्रशिक्षण मद्रास में लेना आरम्भ कर दिया। इस समय इनका वेतन मात्र 37 रुपये था। दर्शन शास्त्र विभाग के तत्कालीन प्रोफ़ेसर राधाकृष्णन के दर्शन शास्त्रीय ज्ञान से अत्यन्त अभिभूत हुए। उन्होंने उन्हें दर्शन शास्त्र की कक्षाओं से अनुपस्थित रहने की अनुमति प्रदान कर दी। लेकिन इसके बदले में यह शर्त रखी कि वह उनके स्थान पर दर्शनशास्त्र की कक्षाओं में पढ़ा दें।

तब राधाकृष्ण ने अपने कक्षा साथियों को तेरह ऐसे प्रभावशाली व्याख्यान दिये, जिनसे वे शिक्षार्थी भी चकित रह गये। इसका कारण यह था कि उनकी विषय पर गहरी पकड़ थी, दर्शन शास्त्र के सम्बन्ध में दृष्टिकोण स्पष्ट था और व्याख्यान देते समय उन्होंने उपयुक्त शब्दों का चयन भी किया था। 1912 में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की "मनोविज्ञान के आवश्यक तत्व" शीर्षक से एक लघु पुस्तिका भी प्रकाशित हुई जो कक्षा में दिये गये उनके व्याख्यानों का संग्रह था। इस पुस्तिका के द्वारा उनकी यह योग्यता प्रमाणित हुई कि"प्रत्येक पद की व्याख्या करने के लिये उनके पास शब्दों का अतुल भण्डार तो है ही, उनकी स्मरण शक्ति भी अत्यन्त विलक्षण है।"

सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने ऐसा ही किया और ठीक रात्रि 12 बजे अपने सम्बोधन को विराम दिया। पण्डित नेहरू और राधाकृष्णन के अलावा किसी अन्य को इसकी जानकारी नहीं थी। आज़ादी के बाद उनसे आग्रह किया गया कि वह मातृभूमि की सेवा के लिये विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों की पूर्ति करें। इस प्रकार विजयलक्ष्मी पंडित का इन्हें नया उत्तराधिकारी चुना गया। पण्डित नेहरू के इस चयन पर कई व्यक्तियों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक दर्शनशास्त्री को राजनयिक सेवाओं के लिए क्यों चुना गया? उन्हें यह सन्देह था कि डॉक्टर राधाकृष्णन की योग्यताएँ सौंपी गई ज़िम्मेदारी के अनुकूल नहीं हैं। लेकिन बाद में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि मॉस्को में नियुक्त भारतीय राजनयिकों में वे सबसे बेहतर थे। वे एक गैर परम्परावादी राजनयिक थे।

जो मन्त्रणाएँ देर रात्रि होती थीं, वे उनमें रात्रि 10 बजे तक ही भाग लेते थे, क्योंकि उसके बाद उनके शयन का समय हो जाता था। जब राधाकृष्णन एक शिक्षक थे, तब भी वे नियमों के दायरों में नहीं बँधे थे। कक्षा में यह 20 मिनट देरी से आते थे और दस मिनट पूर्व ही चले जाते थे।उनका कहना था कि कक्षा में उन्हें जो व्याख्यान देना होता है, वह 20 मिनट के पर्याप्त समय में सम्पन्न हो जाता है। इसके उपरान्त भी वह विद्यार्थियों के प्रिय एवं आदरणीय शिक्षक बने रहे।उनका मानना था कि किसी विद्यालय की महानता या गरिमा का निर्धारण उसकी ईमारतों या उपकरणों से नहीं होता बल्कि कार्यरत अध्यापकों की विद्वता व चरित्र निर्धारण से होता है।

*इंश्योरेंस कंपनी की मांग को जिला उपभोक्ता आयोग ने किया खारिज, नॉमिनी को 20 लाख रुपए ब्याज सहित अदा करने के दिए आदेश*

संभल- दुर्घटना के मामले में एफआईआर व पोस्टमार्टम की आवश्यकता नहीं हैं और ना ही प्रत्येक मामले एफ आई आर व पोस्टमार्टम बीमा कम्पनी को माँगने चाहिए बीमा कम्पनी के अनावश्यक दस्तावेजों की मांग को जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने निरस्त करते हुए एस.बी.आई.लाइफ इन्शारेंस कम्पनी को आदेश दिया कि वह नॉमिनी को बीमा धनराशि 20 लाख व उस पर 7 प्रतिशत ब्याज सहित घनराशि अदा करें।

संभल तहसील के गांव भारतल सिरसी निवासनी सुखवीरी पत्नी महेंन्द्र सिंह के पुत्र हरवेंद्र सिंह ने 17 सितम्बर,2020 को एस बी आई लाइफ इन्शारेंस कम्पनी से एक पर्सनल एक्सीडेंट बीमा पॉलिसी खरीदी थी। 1जून 2021 को वादनी के पुत्र को बिजली ने पकड़ लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी।वादनी ने नॉमिनी होने के कारण घटना की सूचना तुरंत थाना नखासा पुलिस व बीमा कम्पनी को दी तथा अंतिम संस्कार उपरान्त क्लेम दर्ज कराकर बीमा धनराशि रुपए 20 लाख देने का अनुरोध किया जिस पर बीमा कम्पनी ने वादनी से एफ आई आर व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मांग की और पोस्टमोर्टम रिपोर्ट ना होने के कारण बीमा कम्पनी ने वादनी के बीमा दावे की निरस्त कर दिया।

जिस पर वादनी ने उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय व पारस वार्ष्णेय एडवोकेट के माध्यम के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल मे परिवाद योजित किया।जिसमें बीमा कम्पनी ने जिला उपभोक्ता आयोग को अवगत कराया कि बीमा धारक की दुर्घटनावश मृत्यु को साबित करने का दायित्व वादनी का है नॉमिनी ने एफ आई आर व पोस्ट मोर्टम रिपोर्ट दाखिल नहीं की इसलिये मामला दुर्घटना का नहीं है लेकिन जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने बीमा कम्पनी के तर्कों को नहीं माना और कहा कि प्रश्नगत मामला आपराधिक प्रकृति का नहीं है। इसलिये एफआईआर व पोस्ट मोर्टम रिपोर्ट का कोई महत्व नहीं है और बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि वह रुपए 20 लाख व उस पर वाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत ब्याज सहित धनराशि वादनी को अदा करें साथ ही 20 हजार रुपए क्षिति पूर्ति व 5 हजार वाद व्यय के भी अदा करें।

*पति-पत्नी के मध्य आपसी विवादों का कराया निस्तारण*

सम्भल। पुलिस परिवार परामर्श सुलह समझौता केंद्र की एक मीटिंग आज पुलिस लाइन मंडी समिति बहजोई में पुलिस क्षेत्र अधिकारी दीपक कुमार तिवारी की देखरेख में संपन्न हुई । जहां पति-पत्नी के मध्य हुए आपासी विवादों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करने का प्रयास काउंसलर द्वारा किया गया।

जहां 76 पत्रावली सुनकर आठ परिवारों को मिलाया गया तथा 6 पत्रावली में विधिक कार्यवाही की संतुति की गई एवं छह पत्रावली आवेदक द्वारा बाल न देने तथा न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण बंद की गई कुल 76 पत्रावलियों को सुनकर 20 पत्रावलियों का निस्तारण किया गया ।

इस अवसर पर काउंसलर लव मोहन वार्ष्णेय, संगीता भार्गव, पूनम अरोरा, बबीता शर्मा, श्वेता गुप्ता, कंचन माहेश्वरी तथा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर पूनम आनंद तथा उपनिरीक्षक राधेश्याम शर्मा, मोहम्मद राशिद, सुशील कुमार शर्मा तथा हेडकांस्टेबल योगेंद्र सिंह एवं कांस्टेबल नूतन, उषा आदि लोग सम्मिलित रहे।

*चंद्रयान 3 के बारे में जानने के लिए बच्चों में दिखा काफी उत्साह*

सम्भल/ चंदौसी। एबीसी स्कूल में चंद्रयान 3 के बारे में बताया गया जिसमें बच्चों में खास उत्साह देखने को मिला संचालिका श्रीमती संगीता भार्गव ने बताया कि हमारा ब्रह्मांड किन प्रकार बना है। उन्होंने बताया हमारे ब्रह्मांड में सूर्य के आसपास नौ ग्रह चक्कर लगाते हैं जिसमें चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है चंद्रमा के बारे में और जानकारी पाने के लिए भारत ने अपना चंद्रयान तीन 14 जुलाई को लांच किया था जिसमें 23 अगस्त की शाम सॉफ्ट लैंडिंग की ।

अनुराग भार्गव ने बच्चों को बताया कि किस प्रकार चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच कर भारत ने इतिहास रच दिया है । भारत का पिछला चंद्रयान 2 मिशन असफल रहा लेकिन इसरो ने चंद्रयान 3 की लैंडिंग कराकर इस बार पूरे विश्व में इतिहास रच दिया। चंद्रयान तीन की लैंडिंग के बारे में स्कूल में सुनकर बच्चे में नर्सरी से कक्षा 5 तक के के बच्चों में खास उत्साह व देश भक्ति की भावना देखने को मिली तथा कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों ने चंद्रयान-3 की सुंदर कला बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

बच्चों को बताया कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है और भारत ने पूरे विश्व में अपनी कामयाबी का डंका बजाया है इसी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ कार्यक्रम में दिव्या शालू प्रिया सोनम अंकित काजल मीनू निशा अर्चना सिल्की इशिता नीरज बुशरा रूपाली कोमल अर्शी सोनाली सरिता पारुल तृप्ति नेहा मंतशा हुमा आदि शिक्षिकाएं मौजूद रही।

*देश के वैज्ञानिकों को बधाई,यह कामयाबी भारत की : मौलाना सुलैमान अशरफ हामिदी*

सम्भल । शहर इमाम शाही ईदगाह सम्भल हज़रत मौलाना सुलैमान अशरफ साहब ने भारत के चंद्रयान विक्रम के चांद के दक्षिणी ध्रुव में सफल लैंडिंग करने पर सभी वैज्ञानिकों सहित पूरे देश को बधाई दी । उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का पहला देश बन गया जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की,यह हम सब के लिए खुशी का पल है।

देश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हमारे यहां लोगों में अपार काबलियत है अब दुनिया यूंही हमारी तरफ नहीं ताक रही है ,देश के युवाओं को भी इस कामयाबी ने संदेश दिया है कि हमें फिजूल की बातों को छोड़ कर अपने लक्ष्य की ओर देखना चाहिए क्योंकि असली देशभक्ति यह है कि हम देश के लिए ऐसे काम करें जिससे हमारे भारत का नाम ऊंचा हो।

उन्होंने कहा देश की युवा पीढ़ी को सच्ची देशभक्ति यहां से सीखनी चाहिए और सांझा प्रयास कर देश को सबसे आगे खड़ा करने में योगदान देना चाहिए ,हमारे युवाओं को घिनौनी राजनीति के चक्कर से बाहर आकर सिर्फ भारत के भविष्य को देखना होगा तब वह दिन भी दूर नहीं होगा जा हम ब्रह्माण्ड को नाप लेंगे और हर ग्रह पर हमारा झंडा तिरंगा लहराएगा।हज़रत ने देशवासियों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह खुशी के लम्हें हैं हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत के साथ ईश्वर की कृपा ने इस कामयाबी की भारत के दामन में डाल दिया है सबको मुबारक ।

*किसी भी समाज की तरक्की के लिए शिक्षा अनिवार्य है : वार्ष्णेय सभा के प्रबंधक देवेंद्र वार्ष्णेय*

संभल । वार्ष्णेय समाज के लोग राजनीति मे सक्रियता से भाग ले सामाजिक स्तर सुधारे गरीब की मदद करें तभी समाज अपनी पहचान बना सकता है। वार्ष्णेय समाज की मासिक बैठक में वार्ष्णेय सभा के प्रबंधक देवेंद्र वार्ष्णेय ने सभा के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया।

वार्ष्णेय सभा संभल की बैठक डाकखाना रोड निवासी नवरतन वार्ष्णेय के आवास पर आयोजित हुई। जिसमें वार्ष्णेय सभा के अध्यक्ष जगत आर्य ने कहा कि किसी भी समाज की तरक्की के लिए शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षित बच्चे देश के विकास मे सहायक होते है मंत्री नवरतन वार्ष्णेय ने वार्ष्णेय समाज के लोगों से राजनीति मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की ।

सभा मे निर्णय लिया गया कि आजीवन सदस्यों, व वार्षिक सदस्यों की संख्या बढ़ाने हेतु शीघ्र ही अभियान चलाया जायेगा सभा को सर्वश्री त्रिभुवन सर्राफ, अनुज आर्य, गिर्राज आढ़ती पुनीत सर्राफ, शिवकुमार, सोनू कुमार गुप्ता एडवोकेट,सुमित श्याम, लव कुमार आर्य, मनीष सर्राफ, विष्णु आर्य ने भी सम्बोधित किया, संचालन सुमित श्याम व अध्यक्षता जगत आर्य ने की।