मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया रियासतकालीन मंदिर में जन्माष्टमी पर 125 करोड़ रुपए के गहनों से भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार, सुरक्षा में तैन
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया रियासतकालीन मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर 125 करोड़ रुपए के गहनों से भगवान राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी प्रभु श्री कृष्ण के जन्मदिन पर SBI बैंक से ट्रिपल लेयर की सुरक्षा के बीच सोने-चांदी के गहनों को गोपाल मंदिर में लाया गया। ग्वालियर का मशहूर 102 साल पुराना ऐतिहासिक गोपाल मंदिर फूलबाग उद्यान के बीच स्थित है। इस मंदिर का सिंधिया राजघराने ने निर्माण कराया था। पोशाक से लेकर प्रभु के आभूषण सोने चांदी से बने हैं। इनमें हीरे-जवाहरात पन्ना, माणिक्य जड़े हुए हैं। यही नहीं, राधा-कृष्ण के मुकुट, बांसुरी समेत पूजा सामग्री के दीप, छत्र, थाल, भोग की कटोरियां भी कीमती धातुओं की हैं। यह गहनें वर्षभर में सिर्फ कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही मंदिर लाए जाते हैं।
वही गहनों की कीमत बहुत अधिक होने के कारण इनको नजदीक जयेंद्रगंज इलाके स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लॉकर्स में बंद कर रखा जाता है। फिर जन्माष्टमी के दिन भारी सुरक्षाबबलों के बीच ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी के बीच आभूषण मंदिर लाए जाते हैं। बैंक से लेकर मंदिर तक भारी फोर्स के बीच सायरन बजाता हुआ पुलिस वाहनों का काफिला गहनों को लेकर आता है तथा फिर अगले दिन सुरक्षा के बीच बैंक में जमा करा दिए जाते हैं। लगभग डेढ़ दशक पहले बीजेपी के महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने लॉकर्स से निकालकर गहनों को मंदिर लाने की इस परिपाटी को पुनः आरम्भ किया गया तथा इस शर्त के साथ कि यह प्रक्रिया सिर्फ वर्ष में एक दिन ही कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए की जाएगी तथा फिर सभी गहनों को सील पैक करके बैंक लॉकर में नगर निगम की तरफ से जमा करा दिया जाएगा। तब से यह आयोजन बखूबी चलता आ रहा है।
जन्माष्टमी के दिन ग्वालियर में पुलिस के लिए बड़ी ही मुश्किल परीक्षा का दिन होता है। एक तरफ तो भक्तों की भारी भीड़ को संभालना तथा फिर दूसरी ओर गहनों की सुरक्षा करना। इसके लिए पुलिस अब कई सालों से CCTV कैमरों का सहारा भी लेती है। एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाकर पूरी व्यवस्था को हैंडल करती है। इस पूरी व्यवस्था में एक 200 से अधिक जवानों को लगाया जाता है। जिनके ऊपर पूरे 24 घंटे के लिए एक DSP स्तर का अफसर उपस्थित रहता है। बीच-बीच में SSP एवं ASP सहित तमाम पुलिस अफसर आते-जाते रहते हैं। मतलब मंदिर को एक रात के लिए Bigg Boss का घर बना दिया जाता है। ध्यान हो कि 'बिग बॉस' एक टीवी रियलिटी शो है। इसमें तमाम प्रतियोगी एक मकसद से तय समय सीमा के लिए एक घर में रहते हैं। साथ ही बिग बॉस के घर में कंटेस्टेंट की हर एक गतिविधि पर कैमरों तथा वॉइस रिकॉर्डर से नजर रखी जाती है।
Sep 08 2023, 15:04