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सुभाष चंद्र बोस के पोते ने भाजपा से क्यों दिया इस्तीफा?*

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। 2016 में बीजेपी में शामिल हुए सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपने रास्ते अलग कर लिए। पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते देखा जा रहा था। बुधवार को पार्टी छोड़ने के दौरान उन्होंने कहा कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ है, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए।

चंद्र कुमार बोस ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी और अपने फैसले की जानकारी दी। जेपी नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने पार्टी छोड़ने को लेकर वजहें भी बताई है। उन्होंने लिखा कि नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देने में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और पश्चिम बंगाल नेतृत्व से समर्थन की कमी है।चंद्र बोस ने कहा कि जब मैं बीजेपी में शामिल हुआ था, उस वक्त मुझसे वादा किया गया था कि मुझे सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को प्रचारित करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस से पोते ने लिखा कि मेरे आदर्श और प्रस्ताव का कोई पालन नहीं किया गया। ऐसे में भाजपा के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है।चंद्र कुमार बोस ने इस्तीफे पर कहा, 2016 में बीजेपी में योगदान किया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में मुझे अच्छा लगा। बीजेपी में शामिल होने के बाद लगा कि ये जो राजनीति करते हैं वो मेरे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श सब धर्म को एकसाथ करने के मुताबिक नहीं है। उन्होंने (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) सांप्रदायिक और विभाजन की राजनीति के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि भाजपा के ढांचे के भीतर एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसका प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देना था।

चंद्र बोस ने इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया। चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की) जरूरत नहीं थी।सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान में अभी भारत के राष्ट्रपति जैसा कोई संवैधानिक पद अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में G-20 के लिए निमंत्रण कैसे जारी कर सकती हैं? असल में यह कोई मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही कहते आए हैं कि इंडिया यानी भारत है।

जी 20 के विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू, जानें कौन कर रहा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से ऋषि सुनक तक की आगवानी

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भारत जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के नेता जुटेंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया समेत 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होंगे। सम्मेलन में शामिल होने के लिए राष्ट्राध्यक्षों के भारत आने का सिलसिला शुरु हो गया है।मॉरीशस के पीएम प्रवीण कुमार जगन्नाथ समेत कई मेहमान गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कल यानी शुक्रवार 8 सितंबर को पहुंचेंगे। इस बीच केंद्र सरकार ने अलग-अलग देशों से आने वाले राष्ट्राध्यक्षों की अगवानी करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्रियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई है। 

केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग केंद्रीय राज्य मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो एयरपोर्ट पर विदेशी राष्ट्राप्रमुखों को रिसीव करेंगे।इसमें सबसे अहम जिम्मेदारी केंद्रीय सड़क परिवहन और नागरिक विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह को दी गई है। वीके सिंह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के पीएम ली कियांग को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचेंगे।, जबकि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का स्वागत अश्विनी चौबे करेंगे।किस मंत्री को किस राष्ट्राध्यक्ष को रिसीव करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है इनकी लिस्ट इस प्रकार हैः

कौन किस राष्ट्राध्यक्ष को करेगा रिसीव

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन- वीके सिंह

इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी- शोभा करांदलाजे

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना- दर्शना जरदोश

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक- अश्विनी चौबे

जापान के पीएम फुमियो किशिदा- अश्विनी चौबे

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल- राजीव चंद्रशेखर

ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज- राजीव चंद्रशेखर

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा- नित्यानंद राय

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों- अनुप्रिया पटेल

जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज- बीएल वर्मा

मॉरीशस के पीएम प्रवीण कुमार जगन्नाथ- श्रीपाद येशो नायक

सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग- एल मुरूगन

यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन- प्रह्लाद सिंह पटेल

स्पेन के राष्ट्रपति- शांतनु ठाकुर

चीन के पीएम ली कियांग- वीके सिंह 

जी-20 में कौन कौन से देश शामिल हैं?

जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस और यूरोपीय यूनियन (27 सदस्य) शामिल है।

सदस्य देशों के अलावा और किन देशों का मिला न्योता

इसके अलावा इस बार जी-20 समिट के लिए नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को मेहमानों के तौर पर बुलाया गया है। यूक्रेन को जी-20 समिट का न्योता नहीं भेजा गया है। 

पीएम मोदी करेंगे तैयारियों की समीक्षा

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के जकार्ता की अपनी यात्रा के समापन के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी जी-20 के मुद्दे पर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की बैठक करेंगे।ये मीटिंग आज रात 8 बजे सुषमा स्वराज भवन में होगी। पीएम इस बैठक में जी20 समिट की की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक प्रगति मैदान के नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ और आमंत्रित अतिथि देशों के शीर्ष अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे, सीएम रुके, मुस्कुराए और आगे बढ़ गए, वीडियो हो रहा वायरल

 6 सितंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने भीलवाड़ा में युवाओं के एक समूह के पास अपना काफिला रोका, लेकिन वहां मौजूद युवाओं ने मोदी-मोदी के नारों के साथ सीएम गहलोत का स्वागत किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन 2030 के लिए नगर पालिका के महाराणा प्रताप सम्मेलन में भाग लेने के लिए गहलोत रात को भीलवाड़ा पहुंचे। इस कार्यक्रम में उनका व्यापार मालिकों से मिलने का कार्यक्रम था।

बैठक के बाद, सीएम अशोक गहलोत रात के लिए सर्किट हाउस के लिए रवाना हुए और सरस्वती सर्कल के पास लोगों के एक समूह को खड़े देखा। उनका काफिला युवाओं के समूह के ठीक बगल में रुका और वह समूह की ओर हाथ हिलाने के लिए वाहन से बाहर आये। हालांकि, सीएम के लिए स्थिति तब अजीब हो गई जब युवक ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर गहलोत मुस्कुराए और तुरंत गाड़ी में वापस बैठ गए। जैसे ही काफिला दोबारा आगे बढ़ा तो युवाओं ने 'जय श्री राम' का नारा लगाना शुरू कर दिया। बता दें कि, यह पहली बार नहीं है, जब गहलोत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। इस साल अप्रैल में, गहलोत ने जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच एक IPL मैच में भाग लिया। उन्हें मैदान पर देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

बता दें कि, राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 के आसपास होने हैं। पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में हुआ था। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को खत्म होगा।

पीएम मोदी ने मंत्रियों को G20 और भारत-INDIA विवाद पर न बोलने की सलाह दी, VVIP कल्चर से दूर रहने को कहा

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। इस शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक तक की व्यवस्था की गयी है। आयोजन स्थल को भव्य रूप दिया गया है। इधर जी20 सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को खास सलाह दी है। उन्हें दिल्ली में ही रहने की सलाह दे दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों द्वारा ‘क्या करें और क्या ना करें’ के बारे में बताया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दो दिवसीय आयोजन के दौरान गणमान्य विदेशी मेहमानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ बैठक में सलाह दे दी है कि जी20 को लेकर कोई भी बयान देने से बचें। उन्होंने कहा, अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई बयान न दें।

 समय का ध्यान रखने की भी सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 के लिए मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा, जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगी है, वो समय का ध्यान दें। उन्होंने सभी मंत्रियों को दिल्ली में ही मौजूद रहने की सलाह दी है।पीएम मोदी ने मंत्रियों को जी-20 इंडिया मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने उनसे जी-20 इंडिया मोबाइल ऐप डाउनलोड करने और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान इसके अनुवाद और अन्य विशेषताओं का बेहतर इस्तेमाल करने को कहा। जी-20 मोबाइल ऐप में सभी भारतीय भाषाओं के साथ ही जी-20 देशों की भाषाओं के हाथों-हाथ अनुवाद करने की विशेषता है।

पीएम मोदी ने भारत-इंडिया विवाद पर न बोलने की सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और 'इंडिया' विवाद पर भी बयान देने से बचने की सलाह दी है। दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से संबोधित किया गया है। इंडिया नाम हटाये जाने को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना की, जबकि बीजेपी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश के लिए हिंदी नाम का इस्तेमाल उसकी ‘सभ्यता की यात्रा’ को रेखांकित करता है।

पीएम मोदी ने VVIP कल्चर को छोड़ने की सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों से VVIP कल्चर को छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा गया है कि वे अपने सरकारी वाहनों को छोड़कर भारत मंडपम और अन्य बैठक स्थलों तक पहुंचने के लिए शटल सेवा का इस्तेमाल करें।

जी20 सम्मेलन में मेहमानों को गीता का ज्ञान देगा खास ऐप

भारत सप्ताह के अंत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी डिजिटल ताकत को प्रदर्शित करेगा जिसमें आधार और यूपीआई जैसे प्रौद्योगिकी मंचों को दर्शाने के साथ ‘गीता’ ऐप के जरिये जीवन को समझने का मौका भी मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत मंडपम में डिजिटल इंडिया का एक अनुभव क्षेत्र भी स्थापित किया है जहां पर पिछले कुछ वर्षों में देश को हासिल प्रौद्योगिकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। यहां पर विदेशी मेहमानों को पवित्र ग्रंथ गीता की शिक्षाओं एवं उसके दर्शन को समझने का मौका एक विशेष ऐप के जरिये मिल सकेगा।

जी20 में कौने-कौन देश शामिल

जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही मध्यप्रदेश भाजपा में बढ़ी बेचैनी, टूट सकती है शिवराज सेना! इस बार सीधे दिल्ली से तय हो रहे MP के प्रत्याशी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही बीजेपी के अंदर बैचेनी बढ़ रही है। कुछ सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित होने के पश्चात् बाकी सीटों के लिए नेताओं की उम्मीदें और प्रयास भी बढ़े हैं, किन्तु मामला केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में होने से राज्य के प्रमुख नेता भी किसी को आश्वस्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में कुछ नेताओं ने पार्टी भी छोड़ी है तथा कुछ दूसरे विकल्पों की ओर देख रहे हैं।

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सबसे पहले प्रत्याशी घोषित करना तो आरम्भ कर दिया, किन्तु इससे चुनाव अभियान को गति मिलने के साथ अंदरूनी परेशानियां भी बढ़ी हैं। बाकी बची सीटों को लेकर कयासबाजी आरम्भ होने के साथ दावेदारों में असमंजस भी बढ़ा है। इसमें मौजूदा विधायक भी सम्मिलित हैं। दरअसल टिकटों का काम केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीधा संभाल लेने से प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने भी हाथ खड़े करना आरम्भ कर दिया है। आम तौर पर प्रत्याशी तय करने के लिए पहले राज्य की चुनाव समिति में चर्चा होती है तथा उसके पश्चात् केंदीय चुनाव समिति फैसला करती है, मगर इस बार मध्य प्रदेश के लिए 39 प्रत्याशियों की जो सूची आई है, उसके लिए राज्य चुनाव समिति की बैठक ही नहीं हुई। प्रदेश के प्रमुख नेताओं से चर्चा के बाद केंद्रीय चुनाव समिति ने पहली सूची जारी कर दी। तत्पश्चात, अभी यह असमंजस भी है कि राज्य चुनाव समिति बनेगी भी या नहीं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने भी दावेदारों से सपष्ट कर दिया है कि बहुत सारी चीजें केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर तय हो रही है। ऐसे में राज्य के तमाम नेता राज्य के लिए तय केंद्रीय चुनाव प्रभारियों तक पहुंच बनाने में जुटे हैं। 

हालांकि वहां से कोई सीधा जवाब या आश्वासन नहीं मिल रहा है। उहापोह में प्रदेश में पहले से चल रही अंदरूनी गुटबाजी भी उभर आई है। ऐसे में कई बड़े नेताओं ने अपनी नाराजगी भी जतानी आरम्भ कर दी है। प्रदेश के पूर्व सीएम स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे पूर्व मंत्री दीपक जोशी पहले ही कांग्रेस में जा चुके थे। वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत व MLA वीरेंद्र रघुवंशी ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पूर्व मंत्री नारायण कुशवाहा व अनूप मिश्रा उहापोह की स्थिति में हैं। अन्य कई नेता भी अगली सूची की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अक्सर विवादों में रहने वाले नारायण त्रिपाठी के सीएम शिवराज सिंह चौहान व कांग्रेस नेता कमलनाथ का एक साथ एक ही पोस्टर में आभार व्यक्त करने का मामला भी ख़बरों में है। प्रदेश में हो रही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्राओं को लेकर भी नाराजगी सामने आई है। पूर्व सीएम उमा भारती व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी अपनी उपेक्षा पर नाराजगी व्यक्त की है।

भारत के बाद जापान का मिशन मून, लॉन्च किया गया एक्स-रे टेलिस्कोप वाला रॉकेट

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भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना मिशन मून लॉन्च कर दिया है। आज सुबह जापान की अतंरिक्ष एजेंसी जापान एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने अपना मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ लॉन्च किया। तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H-IIA रॉकेट के जरिए यह लॉन्चिंग की गई।जापान के स्थानीय समयानुसार सुबह 8.42 बजे यह अंतरिक्ष यान लॉन्च हुआ।जापान की अंतरिक्ष एजेंसी को पिछले महीने एक हफ्ते में तीन बार अपना यह मिशन टालना पड़ा था। इसके पीछे का कारण खराब मौसम था। बार-बार खराब मौसम के चलते जापान को मून मिशन की लॉन्चिंग की तारीख को बदलना पड़ा, लेकिन आखिरकार जापान ऐसा करने में सफल रहा।

चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद

रायटर्स के मुताबिक जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने कहा कि रॉकेट ने योजना के अनुसार दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को सफलतापूर्वक छोड़ा। जापानी एयरोस्पेश एक्सप्लोरेशन एजेंसी द्वारा लॉन्च किया जाने वाले मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा। इसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है। जापानी एजेंसी ने बताया कि लॉन्च के करीब 13 मिनट बाद रॉकेट ने एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन नामक एक उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया, जो आकाशगंगाओं के बीच स्थित चीजों की गति और संरचना को मापेगा। 

ब्रह्मांड की उत्पति की खोज करेगा ये मिशन

जापान ने अपने इस मून मिशन को खास तौर पर ब्रह्मांड के निर्माण की जांच के लिए डिजाइन किया है। एजेंसी ने आगे कहा कि इससे मिली जानकारी यह अध्ययन करने में मदद करेगी कि आकाशीय पिंडों का निर्माण कैसे हुआ। साथ ही उम्मीद है कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ इस रहस्य को सुलझाने में भी मदद मिल सकती है। इसमें एक एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह भी होगा। इसके अलावा एक स्मार्ट लैंडर भी भेजा गया है। यह चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की कोशिश करेगा। जापानी अंतरिक्ष एजेंसी मून स्नाइपर को एच2ए रॉकेट के जरिए चांद पर भेज रही है। मून स्नाइपर में हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगे हुए हैं, जो चांद को समझने के लिए काम करेगा। 

एक लंबा लूपिंग और कम ईंधन खर्च वाला मार्ग अपनाएगा

SLIM एक छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसकी ऊंचाई 2.4 मीटर, लंबाई 2.7 मीटर और चौंड़ाई 1.7 मीटर है। उड़ान भरने के दौरान इसका वजन 700 किग्रा था। लेकिन इसमें वजन का 70 फीसदी हीस्सा ईंधन था। जबकि चंद्रयान तीन मिशन का कुल वजन 3900 किग्रा था। जिसमें 2148 किग्रा प्रोपल्शन मॉड्यूल, 1752 लैंडर और 26 किग्रा का रोवर शामिल था। SLIM चंद्रमा तक एक लंबा लूपिंग और कम ईंधन खर्च करने वाला मार्ग अपनाएगा, जिससे इसे चांद की कक्षा में पहुंचने में तीन से चार महीने लगेंगे।

इसरो ने दी बधाई

वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 'स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून' (SLIM) के सफल लॉन्च पर जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) को गुरुवार को बधाई दी। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के एक और सफल चंद्र मिशन के लिए बहुत-बहुत बधाई।

...तो चांद पर जाने वाला पांचवा देश बन जाएगा जापान

बता दें कि अब तक भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा की सतह पर अपने अंतरिक्ष यान उतारने सक्षम रहे हैं और भारत दक्षिणी ध्रुव पर ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। जापान अगर कामयाब हुआ तो वह चांद पर जाने वाला पांचवा देश बन जाएगा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का विवादित बयान, भाजपा को कह डाला 'नीच'

#karnataka_cm_siddaramaiah_said_centre_bjp_government_neech

देश में नेताओं के विवादित बयानों को लेकर पहले से सियासत गर्म है।इसी कड़ी में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी के खिलाफ अपनी कड़वाहट दिखाई। एक रैली को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की जुबान फिसली और उन्होंने बीजेपी को लेकर विवादित बयान दे दिया। सीएम सिद्धारमैया ने रैली में बीजेपी को नीच कहा है। जाहिर सी बात है, अब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी...।

सीएम सिद्धारमैया अन्न भाग्य योजना के 10 साल पूरे होने पर बुधवार को कर्नाटक के तुमकुरू में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए गरीब विरोधी और पूंजीपतियों की सरकार बताया है। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने राज्य को अतिरिक्त चावल की सप्लाई देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को मुफ्त में चावल मिले, इसीलिए उन्होंने केंद्र सरकार को पैसे देकर चावल की आपूर्ति की मांग की थी। लेकिन सरकार ने नीच हरकत करते हुए चावल देने से मना कर दिया। 

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने अपनी अन्न भाग्य योजना के लिए हर लाभार्थी को अतिरिक्त 5 किलोग्राम चावल देने का एलान किया था। इसी योजना के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से चावल की सप्लाई करने की मांग की थी। 

भाजपा को बताया गरीबों की दुश्मन

सिद्धारमैया ने कहा, क्या बीजेपी वाले गरीबों के हितैषी हैं, नहीं वो नहीं हैं। हमने उनसे चावल मुफ्त में नहीं मांगा, हम उन्हें 36 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैसे दे रहे थे। पहले उन्होंने हां कहा लेकिन लेकिन लास्ट मिनिट में मना कर दिया। आप सबको पता होना चाहिए कि वो कितने नीच हैं, वो गरीबों के दुश्मन हैं, उनमें मानवता नहीं है। केंद्र की सरकार ने एफसीआई को निर्देश दे दिया कि वो हमें चावल नहीं देंगे।

अपने ही फैलाए आतंक के जाल में फंसा पाकिस्तान, कई इलाकों पर तालिबान ने किया कब्ज़ा ! कर डाली 10 सैनिकों की हत्या, कई घायल


 जिन आतंकियों को पाकिस्तान ने भारत में जहर फ़ैलाने के लिए पैदा किया था, वो ही आतंकी अब पाकिस्तान के गले की फांस बन चुके हैं। दरअसल, कट्टरपंथी संगठन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने बुधवार (6 सितंबर) को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ "बड़े पैमाने पर" सैन्य आक्रमण शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सेना पर इस हमले को TTP ने कथित तौर पर 'ऑपरेशन मलकंद' नाम दिया है, और इस अभियान में कई सैन्य चौकियों पर हमला किया गया है, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं। साथ ही TTP आतंकियों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने इलाके के कई गांवों पर कब्जा कर लिया है। 

एक TTP कमांडर ने द खुरासान डायरी को टेलीफोन पर बताया कि हमला दिन के शुरुआती घंटों में शुरू हुआ। उन्होंने कहा, 'TTP द्वारा चित्राल जिले में एक ऑपरेशन शुरू किया गया है और विभिन्न गांवों पर कब्जा कर लिया गया है। इसकी शुरुआत आज सुबह 4 बजे (पाकिस्तान समय) हुई। हम तस्वीरें साझा करेंगे. वर्तमान में, हम ख़राब इंटरनेट समस्याओं से जूझ रहे हैं।' खुरासान डेयरी से बात करते हुए एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने TTP द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया और कहा कि आतंकी संगठन ने किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है। विशेष रूप से, खुरासान डायरी एक गैर-पक्षपातपूर्ण मंच होने का दावा करती है, जो वास्तविक समय की जानकारी और विश्लेषण प्रदान करती है। स्थानीय मीडिया को दिए एक बयान में, TTP के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने स्थानीय नागरिकों से शांत रहने को कहा, क्योंकि उनका "युद्ध" पाकिस्तानी सेना के खिलाफ था, जिसे उन्होंने "हथियाने वाली" और "दमनकारी" सुरक्षा एजेंसियों के रूप में संदर्भित किया। गौरतलब है कि कल 6 सितंबर को पाकिस्तान अपना रक्षा दिवस मना रहा था। इस पर खुरासानी ने कहा कि, ''हम चित्राल के लोगों से कहना चाहते हैं कि आप शांत रहें। तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हमारी लड़ाई अतिक्रमणकारी और दमनकारी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ है।''

इस बीच, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई अपुष्ट वीडियो ऑनलाइन सामने आए हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चित्राल क्षेत्र में 500 TTP आतंकवादियों से लड़ने के लिए पाकिस्तानी SSG कमांड को बुलाया गया है, जिन्होंने कुछ गांवों पर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले प्रमुख पत्रकारों सहित कई सोशल मीडिया हैंडल ने दावा किया है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना और TTP के बीच झड़पें हुईं। इसके परिणामस्वरूप तोरखम सीमा पार करना बंद कर दिया गया। जबकि पाकिस्तानी सेना ने इस बात से इनकार किया है कि उसे कोई नुकसान हुआ है, TTP आतंकवादियों ने दावा किया है कि उन्होंने 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला है और 40 को घायल कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी मीडिया ने रणनीतिक चुप्पी बनाए रखी है और स्पष्ट कारणों से, उसने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ TTP के बड़े हमले को कवर नहीं किया है।

 महत्वपूर्ण है कि TTP जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है, ने नवंबर 2022 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पूर्ण युद्ध का ऐलान कर दिया था। इसने पाकिस्तानी सेना को हराने और काबुल में अफगान तालिबान की तरह पाकिस्तान में शरिया कानून स्थापित करने की कसम खाई थी। हाल के दिनों में, पाकिस्तानी सेना और प्रतिष्ठान-प्रायोजित आतंक उद्योग फिर से उसे परेशान करने लगे हैं। यह उन आतंकी संगठनों द्वारा की गई आतंकवादी गतिविधियों की लहर से प्रभावित हुआ है, जिन्हें वे दशकों से पोषित कर रहे हैं। 

संयुक्त राष्ट्र (UN) की कई रिपोर्टों के अनुसार, TTP को अल-कायदा के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा जाता है और इसे पूरे पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। इससे पहले, 2 सितंबर को TTP के साथ मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी सेना को अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तर-पश्चिमी कबायली जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान ये नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा, दो दिन पहले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में TTP के आत्मघाती हमले में कथित तौर पर नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।

सनातन विवाद पर बेटे उदयनिधि के समर्थन में उतरे सीएम एमके स्टालिन, पीएम मोदी पर साधा निशाना

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तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। उदयनिधि के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मचा हुआ है। सनातन धर्म पर दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद उनके पिता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। एमके स्टालिन ने कहा है कि उदयनिधि ने सनातन धर्म पर अपने विचार रखे हैं, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री का इस पर सीधे जवाब देने का निर्देश देना गलत है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार रखे थे। उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का कभी आह्वान नहीं किया था। यह भाजपा के लोग हैं, जो एक झूठी कहानी फैला रहे हैं। 

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

तमिलनाडु के सीएम ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कहा कि खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उदयनिधि की टिप्पणियों को उनके मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान उचित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनना बहुत निराशाजनक है। प्रधानमंत्री के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं या वह जानबूझकर ऐसा कर रहे?

मोहन भागवत से सलाह लेने की सलाह

इतना ही नहीं एमके स्टालिन ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी ये बयान दिया है कि हमने अपने ही लोगों को सामाजिक सिस्टम में पीछे छोड़ दिया है, हमने 2000 साल तक उनकी कोई परवाह नहीं की। जबतक हम उन्हें बराबरी पर नहीं लाते हैं, तबतक विशेष छूट देनी जरूरी है इन्हीं में से एक आरक्षण भी है। तमिलनाडु के सीएम ने लिखा कि अगर भाजपा ये समझना चाहती है कि उदयनिधि ने आखिर क्या बात की है, उन्हें मोहन भागवत से सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहा था उदयनिधि ने?

उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है। उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा - उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो।

मध्यप्रदेश में पत्रकारों के लिए CM शिवराज ने किए ये बड़े ऐलान, मिलेगा भारी फायदा

मध्य प्रदेश के सीएम ने पत्रकारों के हित में कई अहम ऐलान किए है। पत्रकार भवन के नए स्वरूप में स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ स्टेट मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस के लिए सभागार की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति का गठन जल्द किया जाएगा। पत्रकारों की श्रद्धा निधि में भी बढ़ोतरी की गई है। बीमा प्रीमियम राशि भी पिछले वर्ष के बराबर उपलब्ध कराई जाएगी। राजधानी भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में पत्रकारिता को मजबूती देने और इसे सुदृढ़ करने के लिए पत्रकारों के हित में कई अन्य ऐलान किए है। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी का निर्माण किया जाएगा। पत्रकार भवन का निर्माण कर स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाएगा। आवास कर्ज की सीमा को 30 लाख तक बढ़ाया जाएगा। उनके सम्मान निधि को बढ़ाकर 20000 रुपए किया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा वरिष्ठ पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा की पॉलिसी की राशि सरकार वहन करेगी। मालवीय नगर भोपाल में पत्रकार भवन को नये स्वरूप में बनाएंगे, उसे स्टेट मीडिया सेन्टर के रूप में बनाएंगे। पत्रकार बंधुओ के बैठने एवं चर्चा करने की व्यवस्था, लाइब्रेरी, कैंटीन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए समिति का गठन शीघ्र किया जाएगा। कमेटी में वरिष्ठ पत्रकार सदस्य रहेंगे। कमेटी द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

बड़ी घोषणाएं

बीमा कंपनी द्वारा इस साल प्रीमियम राशि में की गई 27 प्रतिशत की वृद्धि की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार भरेगी।

65 वर्ष से अधिक आयु वाले पत्रकारों एवं उनकी पत्नी के बीमा का पूरा प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।

बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 सितम्बर से बढ़ाकर 25 सितम्बर की गई है।

पत्रकारों और उनके आश्रितों के उपचार हेतु मिलने वाली आर्थिक राशि में बढ़ोतरी की गई है।

सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार की गई है।

गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की गई है।

प्रदेश के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को प्रतिमाह दी जाने वाली सम्मान निधि 10 हजार से बढ़कर 20 हजार की गई है।

सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार के निधन पर उनकी पत्नी को एकमुश्त 8 लाख की सहायता राशि मिलेगी।

भोपाल के मालवीय नगर में पत्रकार भवन, स्टेट मीडिया सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।

पत्रकारों के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी।

अधिमान्य पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना में अधिकतम ऋण राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की जायेगी।

अधिमान्य पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए बैंक लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों के लिए राज्य सरकार भरेगी।

छोटे शहरों एवं कस्बों के पत्रकारों को आवश्यकतानुसार भोपाल में डिजिटल तकनीकी प्रशिक्षण माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से दिलाया जाएगा। इसकी संपूर्ण व्यवस्था जनसंपर्क विभाग द्वारा की जायेगी।

जिला स्तरों पर पत्रकारों की सोसायटी के लिए कॉलेनी हेतु जमीन आवंटन की व्यवस्था करने की दिशा में कार्य किया जायेगा।

पत्रकार सुरक्षा कानून बने इसके लिए हम तत्काल एक कमेटी का गठन करेंगे जिसमें सीनियर पत्रकार होंगे, यह कमेटी जो सुझाव देगी उसके आधार पर यह कानून बनाया जाएगा।

पत्रकारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज की महत्वपूर्ण घोषणाएं, पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी का गठन जल्द, श्रद्धा निधि-सम्मान राशि में वृद्धि, स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण