हाल-ए- बयां डुमरी:दोनों गठबंधन में मची है धमा चौकड़ी,राजनीतिक दलों के दिग्गजों के लगे जमावड़े
झारखण्ड की राजनीति का केंद्र बना डुमरी
गिरिडीह:डुमरी उपचुनाव को लेकर आईएनडीआईए और एनडीए गठबंधन दलों के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा डुमरी में लगा हुआ है।होटल एवं रेस्टोरेंट में अब जगह नहीं मिल पा रहे हैं।कुछ ने तो चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि तक के लिए पूरे होटल तथा रेस्टोरेंट को ही बुक कर लिया है।खाना पीना,रहना, सोना,बैठना,खबरनवीशों की खातिरदारी के लिए एयरकंडीशन कांफ्रेंस हॉल जहां चाय पानी,लजीज नाश्ते,भोजन आदि के प्रबंध किए जा सकें।कुल मिलाकर एक महापर्व की तरह मेल जोल,मेल मिलाप,उठक बैठक,भाग दौड़ जारी है।कोई अपने राष्ट्रीय नेता, तो कोई अपनी पार्टी की शेखी बघारने में लगा हुआ है।नेताओं के साथ साथ मिडियाकर्मियों के पहिए थम नहीं पा रहे हैं।
राजनीतिक दलों के ऐसे ऐसे चेहरे डुमरी की धरती पर दिख रहे हैं,जिन्हें यहां के मतदाताओं ने कभी देखा भी नहीं होगा। जोड़-तोड़ का दौर जारी है। दोनों गठबंधन के नेता ताल ठोककर जोर अजमाईश करने में लगे हैं। जोर आजमाइश की घड़ी आन पड़ी है, अपनी अपनी गिना रहे हैं, अपना मतदाता प्रेम जता रहे हैं।इनके लिए जैसे कठिन परीक्षा की घड़ी आ गई है। जैसे कि चुनाव में इनके दल की जीत नहीं हुई तो इनका पूरा राजनीतिक कैरियर ही दांव पर लग गया हो।
कोई गांव गांव तो कोई द्वार द्वार,तो कोई घर-घर तो कोई चौक चौराहे पर नुक्कड़ सभाएं करने में मशगूल हैं। मिन्नतों का दौर चल रहा है, बेगानों को अपना बनाने के साथ ही साथ रूठों को मनाने की घड़ी है।देश भर की समस्याओं का गला फाड़ फाड़ कर ऐसे बखान किया जा रहा है,जैसे सम्पूर्ण झारखंड व भारत देश का आज डुमरी केंद्र बिंदु बन गया हो।
इधर सूत्र बताते हैं कि राज्य की राजधानी में भी बैठे नेताओं और मिडियाकारों को भी चैन नहीं है,जैसे जैसे चुनाव की तिथि पांच सितंबर करीब आ रही है,दिलों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं।सभी भूले बिसरों को याद किया जा रहा है।कहीं कोई छूट नहीं जाए।
राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर झारखंड का यह डुमरी सुर्खियां बन चुका है।अब इसे गिरिडीह जिले का डुमरी नहीं ,बल्कि झारखंड प्रदेश का डुमरी कहा जाने लगा है।
सभी बहती गंगा में हाथ धोने को व्याकुल हो रहे हैं।एक राष्ट्रीय पार्टी के जिलाध्यक्ष जी ने तो यहां तक कह दिया कि क्या करें,अपनी पार्टी ने तो इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा है,तो उसी को सपोर्ट कर देते हैं,गांव घर के लड़कन ऐसन टाइम खालिए खाली रहेगा तो ठीक बात नहीं ना है। ऊ लोग भी कुछ कर धर लेगा।
जब स्ट्रीटबज़ के गिरिडीह जिला प्रतिनिधि ने उनसे खटाक से सवाल किया कि आपकी पार्टी ने सपोर्ट किया है ना उनको?
तो लगे दांत निपोरने।कहने लगे क्या भैया,ऐसा काहे कहते हैं,वैसे तो पार्टी तो नहीए किया है,लेकिन पार्टी के लड़कन के लिए कुछ तो करना पड़ेगा, ना।बेचारा हाथ पर हाथ तो धरे नहीं रह सकता है ना,भाई।
Sep 02 2023, 14:51