अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर अरुणाचल और अक्साई चिन पर जताया हक, नया मैप जारी कर किया दावा
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चीन अपनी चालबाजियों से अक्सर अपने पड़ोसियों के लिए नई परेशानियां पैदा करता रहा है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत पड़ोसी देशों की सीमाओं को नजरें गड़ाए रहता है। ड्रैगन की इन हरकतों ने भारत के लिए हमेसा से परेशानियां खड़ी की है। इसी बीच चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपने 'मानक मानचित्र' के 2023 संस्करण को जारी किया जिसमें उसने भारत के दो राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र पर अपना दावा किया है। इतना ही नहीं, चीन ने अपने मानक मानचित्र में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर भी दावा किया है।
चीन के सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर नया मैप पोस्ट किया है। ग्लोबल टाइम्स ने एक्स पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।’’
प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की ओर से होस्ट की जाने वाली स्टैंडर्ड मैप सर्विस की वेबसाइट पर भी नया मैप लॉन्च किया गया है। यह मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की सीमाओं की ड्रॉइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है।जिसमें चीन के सभी हिस्सों को दर्शाया गया है। इस मैप पर भारत के दो राज्यों को भी चीन के मैप में दिखाया गया है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक सोमवार को चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने 11 नाम बदले जाने को मंजूरी दे दी। यह सभी इलाके जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 4 रिहायशी इलाके हैं। इनमें से एक इलाका अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के बेहद करीब है। 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियां हैं। चीन ने इन इलाकों के नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे हैं।
पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह से नक्शा जारी कर इन हिस्सों पर अपना अधिकार जताया है। वह पहले भी इस तरह से नक्शा जारी कर चुका है। इससे पहले चीन ने इसी साल अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम ही बदल दिए थे। चीन ने पिछले पांच साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे। हर बार भारत की तरफ से उसके सामने विरोध दर्ज कराया गया है।
Aug 29 2023, 10:52