गिरिडीह:सीलबंद हुए अस्पताल में चोरी छिपे इलाज के दौरान नवजात की हुई मौत,परिजनों ने काटा बवाल
गिरिडीह:जिले में किस तरह निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।इसका एक ताजा मामला सामने आया है।जहां एक नवजात की जान अनभिज्ञ व अप्रशिक्षित कर्मियों के कारण हो जाने की बात कही जा रही है।
जिले के डुमरी प्रखण्ड में कुकुरमुत्ते की तरह संचालित हो रहे निजी नर्सिंग होम एवं प्रसूति केंद्र में कार्यरत नौसिखिए
स्वास्थ्य कर्मियों एवं तथाकथित स्वयंभू चिकित्सकों की लापरवाही से आये दिन भ्रूणहत्या एवं नवजात की मौत की खबर देखने व सुनने को मिलता रहता है।इसी क्रम में 26 अगस्त शनिवार की संध्या डुमरी पंचायत के घुजाडीह में संचालित बाबा हॉस्पिटल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई।
वहीं घटना के बाद नवजात के परिजनों ने तथाकथित अस्पताल में हो हंगामा किया। हालांकि कुछ देर हंगामा करने के बाद अस्पताल संचालक के साथ शोकाकुल परिजनों का फोन पर क्या मैनेजमेंट हुआ कि परिजन मृत नवजात को लेकर चलते बने।
वहीं अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि लापरवाही से मौत की कीमत डेढ़ लाख रूपये लगायी गई है।आश्चर्य की बात यह है कि इस निजी अस्पताल का संचालन बिना लाइसेंस एवं अन्य वैध कागजात के करने के आरोप में स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते 24 मई 2023 को सील कर दिया गया था। उसके बावजूद हॉस्पिटल का अवैध रूप से संचालन होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पेंक थाना निवासी मो इकलाख ने अपनी गर्भवती पत्नी को 24 अगस्त 2023 की अहले सुबह उक्त अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती कराया था।दो दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 26 अगस्त को अस्पताल में कार्यरत एक तथाकथित नर्स के द्वारा प्रसूता की नॉर्मल डिलेवरी करा दी गई।
डिलेवरी के बाद जब नवजात शिशु की स्थिति बिगड़ने लगी तब आनन फानन में अस्पताल कर्मियों ने ऑक्सीजन लगा कर नवजात को धनबाद के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने बताया कि नवजात की स्थिति बेहद नाजुक है,जैसे ही ऑक्सीजन हटायेंगे वैसे ही नवजात दम तोड़ देगा और हुआ भी ऐसा ही।
इधर नवजात के पिता ने बताया कि धनबाद के चिकित्सक ने बताया कि डिलेवरी कराते वक्त नर्स द्वारा नवजात की सिर में दबाव डाल दिया गया जिससे यह स्थिति बनी।वहीं नवजात के पिता का कहना था कि जब वह अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराये थे तब नर्स द्वारा बताया गया था कि चिकित्सक आ जायेंगे परंतु कोई भी चिकित्सक नहीं आया और नर्स के द्वारा ही जैसे जैसे प्रसव करा दिया गया जिसके बाद शिशु की स्थिति बिगड़ने लगी।
मो इकलाख ने बताया कि मुझे पता नहीं था कि यह अस्पताल सील है,रात्रि के समय होने के कारण वहां उपस्थित नर्स से पूछा कि डॉक्टर कब आएंगे तो उन्होंने कहा कि सुबह डॉक्टर आएंगे लेकिन कोई भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचा और झोलाछाप नर्स के द्वारा प्रसव करवा दिया गया। प्रसव के दौरान नर्स द्वारा इलाज में लापरवाही की गई जिससे बच्चे की मौत हो गई।वहीं पीड़ित परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है।बार-बार परिजनों का यही आरोप था कि अस्पताल के खराब सिस्टम से उनके बच्चे की मौत हुई।
Aug 28 2023, 11:04