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राजीव गांधी के 79वीं जयंती "सद्भावना दिवस, काँग्रेस कार्यालय में किया गया आयोजन

आज दिनांक 20/08/2023 को जिला काँग्रेस कार्यालय काँग्रेस आश्रम बंजरिया पंडाल में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी जी के 79वीं जयंती "सद्भावना दिवस" जिला काँग्रेस अध्यक्ष ई० शशिभूषण राय ऊर्फ गप्पु राय के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस मौके पर जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया जिसमें बिनती शर्मा, मोहन भगत,जितन बैठा,बिक्रम पासवान, अवधकिशोर मिश्रा,किरण देवी,राजु कुमार, सुशीला देवी सहित सैकड़ों संख्या में लोगों ने काँग्रेस पार्टी 

उक्त कार्यक्रम को सम्बोधित करतें हुये जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारत रत्न स्व० राजीव गांधी ने आधुनिक भारत का निर्माण कियें।पुरे देश में दुर संचार क्रांति,नई शिक्षा निती, गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए नवोदय विद्यालय की स्थापना किया।

आगे जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने भारत में दूरसंचार क्रांति लाई.आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा है, उसकी संकल्पना राजीव गांधी अपने जमाने में कर चुके थे. उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है. राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर पार डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स(C-DOT)की स्थापना हुई. इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ. जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे. जिससे गांव की जनता भी संचार के मामले में देश-दुनिया से जुड़ सकी. फिर 1986 में राजीव की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई.

वही पहले देश में वोट देने की उम्रसीमा 21 वर्ष थी. मगर युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में यह उम्रसीमा गलत थी. उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार तथा सशक्त बनाने की पहल की. 1989 में संविधान के 61 वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्रसीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई. इस प्रकार अब 18 वर्ष के करोड़ों युवा भी अपना सांसद, विधायक से लेकर अन्य निकायों के जनप्रतिनिधियों को चुन सकते थे।

देश में पहले कंप्यूटर आम जन की पहुंच से दूर थे. मगर राजीव गांधी ने अपने वैज्ञानिक मित्र सैम पित्रोदा के साथ मिलकर देश में कंप्यूटर क्रांति लाने की दिशा में काम किया. राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता.उन्होंने कंप्यूटर तक आम जन की पहुंच को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटना की पहल की.

 भारतीय रेलवे में टिकट जारी होने की कंप्यूटरीकृत व्यवस्था भी इन्हीं पहलों की देन रही. हालांकि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 1970 में देश में पब्लिक सेक्टर में कंप्यूटर डिविजन शुरू करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स की शुरुआत हो गई थी. 1978 तक आईबीएम पहली कंपनी थी, बाद में दूसरी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने कंप्यूटर निर्माण शुरू किया.  

श्रीराय ने कहा कि पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सबल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता. उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार कराया. 21 मई 1991 को हुई हत्या के एक साल बाद राजीव गांधी की सोच को तब साकार किया गया, जब 1992 में 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतीराज व्यवस्था का उदय हुआ. राजीव गांधी की सरकार की ओर से तैयार 64 वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर नरसिम्हा राव सरकार ने 73 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया. 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई. जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा. पंचायतीराज व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण रहा.

वही राजीव गांधी ने मौजूदा समय देश में खुले 551 नवोदय विद्यालयों में 1.80 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. गांवों के बच्चों को भी उत्कृष्ट शिक्षा मिले, इस सोच के साथ राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डाली थी. 

ये आवासीय विद्यालय होते हैं. प्रवेश परीक्षा में सफल मेधावी बच्चों को इन स्कूलों में प्रवेश मिलता है. बच्चों को छह से 12 वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है. राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी क्रांतिकारी उपाय किए. उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति(NPE) की घोषणा की.इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार हुआ।

वही पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ल ने कहा कि हम राजीव गांधी जी के योगदानों को भुला नही पायेंगे।

उक्त मौके पर कांग्रेस नेता अखिलेश्वर प्रसाद यादव ऊर्फ भाई जी,विजयशंकर पाण्डेय, विजय कांत मणी त्रिपाठी, मुमताज अहमद, डॉ० मनीष कुमार,डॉ० कुमकुम सिन्हा,जागाराम शास्त्री, टुन्नी सिंह, जीप सदस्य किरण कुसवाहा, ऋषि सिंह, मुनमुन जयसवाल, अरूण प्रकाश पाण्डेय, शैलेंद्र सिंह, अफरोज आलम,आबिद हुसैन,श्रीकांत तिवारी,सतेन्द्र नाथ तिवारी,बिट्टू यादव,रोहित सिंह,पवन सिंह, आलोक चन्द्र,तहसीन खाँसहित हजारों लोग उपस्थित रहें।

मोतिहारी में सुबह-सुबह ठेकेदार की गोली मारकर हत्या, थाने से महज चंद कदम की दूरी पर घटना को दिया अंजाम


मोतिहारी : पूर्वी चंपारण में बेखौफ अपराधियों ने एक ठेकेदार को गोली मारकर हत्या कर दिया है। घटना चकिया थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर घटित हुई है घटना के बाद बेखौफ अपराधियों ने हथियार लहराते मुजफ्फरपुर की ओर भाग निकले हैं। 

आज सुबह 8 बजे हुई घटना के बाद बाजार में अफरा तफरी मच गई अपराधियों ने ठेकेदार को दो गोली सीने में मारी है। जिसके बाद आनन-फानन में लोगों ने ठेकेदार राजीव कुमार को मोतिहारी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पहुंचते हैं डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया है। घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश बना हुआ है। 

बताया जाता है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राजीव चकिया अपने घर पर आकर ठेकेदारी और जमीन की दलाली का काम किया करता था। चकिया निवासी जगदीश प्रसाद यादव के पुत्र राजीव कुमार प्रतिदिन की भांति आज भी सुबह अखबार पढ़ने और सब्जी लेने चकिया थाना चौक पहुंचे थे। जहां अपाची मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधियों ने पहले नाम पूछ कर कंफर्म हुए और गोली मारकर दिया। अपराधियों ने राजीव को दो गोली मारी जो उसके सीने में लगी है। 

घटना के तत्काल बाद मौके पर पहुंची चकिया थाना पुलिस ने घटनास्थल से दो खोखा को बरामद किया है। वही बताया जाता है कि पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। जिसके सहारे पुलिस अपराधियों की पहचान और फिर गिरफ्तारी करने में जुटी हुई है। इधर मोतिहारी के निजी अस्पताल में डॉक्टर के मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और समाचार संकलन करने गए पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया है। 

वही घटना के पीछे तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण जेल में बंद अपराधियों के गंगवार की भनक मिल रही है। मौके पर मौजूद स्थानीय मुकेश कुमार ने बताया कि अपराधी राजीव भाई को पहचानते भी नही थे। पहले नाम और घर उन्ही से पूछा कन्फर्म होने के बाद पहले एक गोली मारा जब राजीव अपराधी को पकड़ना चाहे तबतक दूसरी गोली मार कर भाग निकला और राजीव वही गिर पड़े।

मोतिहारी: जिला शिक्षा विभाग के तत्वाधान में जिले भर के कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित

मोतिहारी: आज दिनांक 19 अगस्त 2023 को जिलाधिकारी, मोतिहारी की अध्यक्षता में जिला शिक्षा विभाग के तत्वाधान में जिलेभर के कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।

समीक्षा के क्रम में बताया गया कि सभी कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग के द्वारा सूचीबद्ध तथा वाणिज्य कर विभाग के द्वारा निबंधित होना आवश्यक है ।

शिक्षा विभाग द्वारा प्राय: यह पाया गया है कि कोचिंग संस्थानों की कक्षाओं का समय वही होता है जो हमारे विद्यालयों का है ।

 हमारे विद्यालय सुबह 9:00 बजे से खुलकर संध्या 4:00 बजे तक चलते हैं किंतु इसी अवधि में कोचिंग संस्थान भी चलते रहते हैं ,इससे हमारे (छात्र चाहे वह किसी भी कक्षा के हो) कोचिंग संस्थानों में जाने के फलस्वरूप विद्यालय में उपस्थिति कम रहता है ।यह बात कक्षा 9 से 12 तक के छात्र पर विशेष रूप से लागू होती है । कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षक भी विद्यालय के समय के दौरान ही जाकर पढ़ाते हैं ,कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन में भी हमारे सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की भी प्रत्यक्ष/ परोक्ष भूमिका है ।

विद्यालय अनुश्रवरण व्यवस्था के स्थायित्व के साथ-साथ कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति पर भी जोर लगाना होगा । 

विशेषकर कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के लिए । विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इस आशय का एक नीतिगत निर्णय लिया गया है और सूचना भी प्रकाशित की गई है , कि जो छात्र 75% से कम उपस्थिति रखेंगे ,उन्हें बोर्ड की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा कि जिले की कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर भी नियंत्रण करना आवश्यक है ,क्योंकि कोचिंग संस्थानों की समानांतर समय सारणी के चलते विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में आवश्यक सुधार नहीं हो पा रहा है ।

कोचिंग संस्थान के संचालक द्वारा नियम का पालन नहीं करने वाले संचालकों पर कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अथवा इन्हें दंडित करने के लिए अथवा इनका निबंधन रद्द करने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ।

कोचिंग संस्थान के संचालक विद्यालय अवधि यानी सुबह 9:00 बजे से पूर्व एवं संध्या 4:00 बजे के बीच ना चलाएं ।

 वे विद्यालय अवधि के पहले या बाद में अपनी कक्षाएं चलाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगे ।

कोचिंग संस्थानों पर सघन निरीक्षण हेतु दण्डाधिकारियों के प्रतिनियुक्ती सुनिश्चित की जाएगी ।

 इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा, सहित संबंधित कोचिंग संस्थान के संचालकगण उपस्थित थे ।

बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-2008 के तहत श्रमिक की मौत पर अनुदान की राशि सौंपी गई

मोतिहारी: आंध्रप्रदेश के अनंतपुर कादरी जिले में हुए हादसे में पूर्वी चंपारण जिलान्तर्गत रामगढ़वा प्रखंड के एक श्रमिक की मृत्युपरांत जिलाधिकारी, मोतिहारी के निदेशानुसार श्रम संसाधन विभाग द्वारा यथाशीघ्र कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के अंदर श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनान्तर्गत बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-2008 के तहत अनुदान की राशि रुपए दो लाख भुगतान हेतु आज श्रम संसाधन विभाग के पदाधिकारी द्वारा उक्त स्वीकृतादेश की प्रति को स्वर्गीय होरिल यादव की आश्रित पत्नी ,आरती कुमारी को सौंपा गया , ताकि मृत श्रमिक के परिवार वाले असहाय महसूस न करें । 

साथ ही बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-2008 के अंतर्गत किसी भी प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु, पूर्ण स्थायी अपंगता एवं स्थायी आंशिकअपंगता की स्थिति में इस योजना अंतर्गत अच्छादित किया जाता है । 

श्रम अधीक्षक, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी द्वारा बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में श्रमिकों के हितार्थ के लिए श्रम संसाधन विभाग हमेशा कटिबद्ध है ।

 उन्होंने कहा कि जिले के ऐसे संवेदक हैं जो बिना अनुज्ञप्ति धारण किए ही श्रमिकों के बिहार राज्य से अन्य राज्यों में ले जाया जा रहा है, जिसकी जांच पड़ताल की प्रक्रिया चालू कर दी गई है जो भी संवेदक अगर पकड़े जाते हैं तो श्रम संसाधन विभाग की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

देश के अधिकांश राज्यों में फिर एक्टिव हुआ मॉनसून, झमाझम बारिश से मौसम सुहाना, आईएमडी ने हिमाचल समेत इन राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट

#imdalertforallindiarainforecas

देश में मानसून फिर से एक्टिव हो गया है। कई राज्यों में बारिश की वजह से मौसम सुहावना बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में शनिवार की शुरूआत बारिश के साथ हुई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश से चारों ओर तबाही का मंजर पसरा हुआ है। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि पूर्वी और मध्य भारत में 19-20 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 20 अगस्त से नॉर्थईस्ट इंडिया में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है।

आईएमडी ने किया अलर्ट

मौसम विभाग ने पूर्वी भारत के लिए अनुमान लगाते हुए कहा है कि ओडिशा में आज 19 अगस्त को बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 19 अगस्त, बिहार और सब सिक्किम में 22 अगस्त तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पटना,समस्तीपुर, खगरिया जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य भारत की बात करें तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 19 और 20 अगस्त को तेज बारिश के लेकर अलर्ट जरी किया गया है। पूर्वोतर भारत की बात करें तो असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश में 19 से 22 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने बताया है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 23 अगस्त तक भारी बारिश होगी, जबकि यूपी में 19 और 22 अगस्त, हिमाचल प्रदेश में 22 अगस्त तक तेज बरसात होने वाली है। दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कल 19 अगस्त को भारी बरसात देखने को मिल सकती है।

हिमाचल प्रदेश में 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बारिश ने तबाही मचाकर रखी है। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाए काफी बढ़ गई हैं। वहीं इस बीच मौसम विभाग ने 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि हिमाचल में शुक्रवार को 65 मकान ढह गए और 271 क्षतिग्रस्त हुए। 875 सड़कें बंद हैं. कई गांवों में बिजली गुल है।

उत्तराखंड में भी भारी बारिश से तबाही मची हुई है। उधमसिंह नगर में कल तीन मकान भरभराकर गिर पड़े। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति है। भूस्खलन की भी कई खबरें सामने आ रहे हैं।

राजस्थान में आज से 21 अगस्त तक अलग अलग इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर और अजमेर के कुछ-कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 21 अगस्त को धौलपुर, भरतपुर और जयपुर हल्की बारिश हो सकती है।

वहीं, अगर देश में पिछले 24 घंटों के मौसम की बात की जाए तो ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी स्तर की बारिश हुई। वहीं झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बरसात हुई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, दक्षिण और मध्य उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के उत्तरी तट पर हुई मानसूनी बारिश ने भी लोगों को खूब भिगोया।

जिला प्रशासन ने लगाया जनता दरबार, बड़ी संख्या मे पहुंचे फरियादी

मोतिहारी : आज डॉ राधाकृष्णन सभागार, मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम जनता के दरबार में जिला प्रशासन द्वारा जिलेभर के विभिन्न प्रखंडों से आए 77 आवेदन कर्ताओं की समस्याओं पर सुनवाई की गई।

प्राप्त शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही समस्या का विधिसंगत निदान सुनिश्चित किया जाएगा।

स्वास्थ्य, शिक्षा, आपूर्ति, पंचायती राज विभाग, भूमि विवाद, अतिक्रमण वाद, राजस्व आदि विभाग के आवेदन को शीघ्र निष्पादन हेतु उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 इस अवसर पर डीपीओ आईसीडीएस नोडल पदाधिकारी जनता दरबार , जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर राहुल आदि उपस्थित थे।

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

#mehbooba_mufti_taunts_ghulam_nabi_azad_hindu_ancestors_statement

कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

*साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

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पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।