/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1628610434568556.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1628610434568556.png StreetBuzz *साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार? Jehanabad
*साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

*मौसम अलर्ट : प्रदेश के पांच जिलों में हो सकती है भारी, राजधानी पटना समेत इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना*

डेस्क : प्रदेश के पांच जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं पटना समेत राज्य के उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य भाग के जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, गया और किशनगंज में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रदेश के उत्तर मध्य भाग को छोड़कर सभी जिलों में वज्रपात के आसार हैं। मानसून की द्रोणी रेखा का पश्चिम छोर हिमालय की तलहटी में है। वहीं पूर्वी छोर बाराबंकी, डेहरी, रांची और दीघा से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है। इससे राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश के अलावा मेघ गर्जन व वज्रपात की आशंका है।

बीते गुरुवार को प्रदेश के अररिया में अति भारी बारिश हुई। वहीं भारी बारिश पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, बांका और भागलपुर जिले के कुछ स्थानों पर हुई। इसके अलावा हल्की से मध्यम स्तर की बारिश प्रदेश के दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व भाग के अधिकतर जगहों पर व उत्तरी भाग के अनेक स्थानों में हुई। 

मौसम विभाग के अनुसार अररिया के फारबिसगंज में 117.4, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 75.2, गया के खीरसराय में 74.8 मिमी, बांका के बोसी में 74.2 मिमी, पश्चिम चंपारण के लौरिया नंदनगढ़ में 68.4 मिमी, भागलपुर में 67.2 मिमी, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 62.8 मिमी, खगड़िया के बेलदौर में 60.4 मिमी, सुपौल में 56.6 मिमी, जहानाबाद के मखदुमपुर में 54.4 मिमी, किशनगंज के टेढ़ागाछ में 52.8 मिमी बारिश हुई।

ग्राम पतिआवाॅ में उप विकास आयुक्त परितोष कुमार ने विकास कार्य का रखा आधार शिला

जहानाबाद : जिले के रतनी प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पतिआवाॅ में सूर्य मंदिर के पास तालाब की सौ॑दिकरण तथा जीर्णोद्वार का आधार शीला उप विकास आयुक्त परितोष कुमार द्वारा रखा गया।

वही उप विकास आयुक्त,डी पी आर ओ, सहित जिले तथा प्रखंड के पदाधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। 

उप विकास आयुक्त परितोष कुमार ने उपस्थित लोगों को विकास के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि सरकार द्वारा मनरेगा योजना से चाहे,वो कृषि का क्षेत्र हो, आवागमन, ब्यवसायी से सम्बंधित मछली पालन हेतु निजी जमीन में तालाब निर्माण कार्य, पर्यावरण को बढ़ावा को लेकर पौधारोपण हो। 

सरकार कार्य को लेकर सक्षम है,आप सभी सरकारी कार्य में विकास की गती में बढ़ाने में सहयोग करें। 

उन्होंने कहा कि गांव के विकास से ही जिले का नाम रौशन होता है। 

वही कार्यक्रम में डीपीआरओ जहानाबाद, मनरेगा पीओ, कार्यपालक अभियंता कनिय अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

वही शिलान्यास पर नारायणपुर के पत्रकार सह ग्रामीण मनोहर सिंह, उदय मिस्री,गिरीश दास, बालेश्वर यादव, ईश्वर राम सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

जहानाबाद से बरुण कुमार

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।

स्वतंत्रता सेनानी सह प्रथम विधायक स्व शिवभजन बाबू की मनाई गई 30वीं पुण्य-तिथि

जहानाबाद : जिले के एक निजी हॉल में अजादी के लड़ाई के सूत्रधार, गरीब,किसान मजदूर के मसीहा स्वतंत्रता सेनानी, जहानाबाद के प्रथम विधायक स्व० शिवभजन सिंह जी के 30 वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए।जिसका अध्यक्षता शिवनारायण कुशवाहा ने किया। 

इस अवसर पर स्व० शिवभजन सिंह का भारत के अजादी के लड़ाई में योगदान विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम के अध्यक्षता के रूप में बोलते हुए शिवभजन सिंह स्मृति विचार मंच जहानाबाद के अध्यक्ष सह समाजवादी चिंतक शिवनारायण कुशवाहा ने कहा कि-" स्व० शिवभजन सिंह " जी ने राममनोहर लोहिया को न सिर्फ विचारों से बल्कि कर्म से भी अपने जीवन के साथ समाहित किया। 

कहा कि सही मायने में स्व० शिवभजन सिंह एक सच्चे देश भक्त के साथ ही साथ समाजवादी नेता रूप में कार्य  किये थे। वे जनता के बीच के आदमी थे।वे गुलाम देश में पैदा हुए। जहाँ अजादी की लड़ाई में उनके गांव बभना अनेकों बार अंग्रेजो के दांत खट्टा किए थे ,अपने गांव में गुप्त बैठक कर लड़ाई का अलख जगाने में लगे रहते थे,साथ ही साथ पत्र , पत्रिका गुप्त रूप से बटवाते थे इसी क्रम में हजारीबाग जेल जाना पड़ा था।तब जाकर अजादी का सफलता मिला।  

उसके बाद पहले 1952आम चुनाव में भाग लिये जिसमे कांग्रेसी नेता फिदा हुसैन साहब को हराकर बिहार विधान सभा पटना पहुंचे ।वहाँ जाकर सदन में जनहित मुद्दे को लेकर हमेशा आवाज उठाते रहे। अपने कार्य काल में सदन में विधायक ,मंत्री का वेतन बढ़ाए जाने का विरोध भी किये थे ,तब भी लोगों ने कहा था कि ये नेता हमेशा देश हित, किसान मजदूर हित में ही कार्य करते रहे ।यही उनका जीवन का पहचान रहा। 

इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, सेवानिवृत प्राचार्य प्रो० चंद्रशेखर प्रसाद सिंह,अखिल भारतीय मौर्य शिक्षक मंच सह शिक्षा के प्रदेश प्रवक्ता राजऋषि बाबू, प्रदेश उपाअध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह कांग्रेस जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, अनुसूचित प्रकोस्ट के जिला अध्यक्ष अशोक प्रियदर्शी , पूर्व वार्ड पार्षद उदय पासवान, जेडीयू के जिला प्रवक्ता अमित कुमार पम्मू, मौर्य शिक्षक संघ के नेता सत्येंद्र कुमार नेहरा, सतेंद्र कुमार भारती, सीपीआई नेता सह मजदूर नेता अनिल कुमार यादव, मुखिया नरेंद्र पासवान , समेत दर्जनों बुद्धिजीवी समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

जहानाबाद से बरुण कुमार

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं

#vasundhara_raje_name_missing_from_bjp_election_committee_and_manifesto_committe_for_rajasthan

राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी बीच राजस्थान बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर संकल्प पत्र और प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी है। यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर हुई है। इसमें बड़ी बात यह है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया गया है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों में कुल 46 नेताओं को जगह दी गई। चुनाव प्रबंध समिति का संयोजक पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। वहीं संकल्प पत्र समिति के संयोजन का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को दिया गया। 

प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह

प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह दी गई है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक औऱ 14 सदस्य बनाए गए हैं। इसमें नारायण पंचारिया को संयोजक, पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को सह संयोजक बनाया गया है।

प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को किया शामिल

विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक और 17 सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल संभालेंगे। उन्हें संयोजक बनाया गया है।

वहीं, उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को कमेटी में सह-संयोजक बनाया गया है।

क्या तीसरी कमेटी में मिलेगी जगह?

दोनों ही अहम समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं शामिल किया गया। प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में शामिल वसुंधरा के नाम को शामिल नहीं किए जाने पर अब सियासी हलकों में चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है। वसुंधरा राजे की चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्तमान में पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पिछले महीने ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की नई टीम में भी उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया था। हालांकि तब भी चर्चाएं हो रही थी कि चुनावी साल में वसुंधरा को केंद्रीय टीम की बजाय प्रदेश में भूमिका क्यों नहीं दी जा रही?

ईडी तय करती है कौन किस पार्टी में जाएगा और कौन मंत्री बनेग”, शरद पवार के इन आरोपों को संजय राउत ने बताया बेहद गंभीर

#sanjay_raut_says_misuse_of_election_commission_and_all_central_agencies

मुंबई में शिवसेना यूबीटी (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर एक बार फिर करारा हमला बोला है। संजय राउत ने कहा है कि चुनाव आयोग और सभी केंद्रीय एजेंसियों का इस मोदी सरकार में जमकर दुरुपयोग हो रहा है।

 संजय राउत ने शरद पवार ने ईडी के इस्तेमाल को लेकर दिए गए बयान का हवाला देते हुए निशाना साधा। संजय राउत ने यह भी कहा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उन्हें बताया है कि केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी तय करती है कि कौन किस पार्टी में जाएगा? कौन मंत्री बनेगा यह भी ईडी तय करती है। यह पवार साहब का बहुत गंभीर बयान है।

संजय राउत ने पत्रकारों ने बातचीत में कहा- शरद पवार ने कल बताया कि कैसे शिवसेना को तोड़ा गया और पार्टी का चिन्ह और नाम भी उन्हें दे दिया गया। अब एनसीपी के साथ भी ठीक उसी तरह से हो सकता है। संजय राउत ने कहा कि चुनाव आयोग का अब यही काम रह गया है और इसी शर्त पर पार्टियां तोड़ी जा रही हैं।

संजय राउत ने कहा कि जिस पार्टी को बालासाहेब ठाकरे ने बनाया उस पार्टी का अधिकार आपने (चुनाव आयोग) किसी और (शिन्दे) को दे दिया। अब जिस एनसीपी को शरद पवार ने बनाया, उनके रहते उसका अधिकार आप किसी और को दे रहे हो। यह कौन सा न्याय या कानून है? जिस पार्टी को बालासाहेब ने बनाया उनके बेटे उद्धव के रहते वो पार्टी किसी ऐरे-ग़ैरे (शिंदे) को दे रहे हैं।

संजय राउत ने कहा कि शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके रहते उनके सामने उनकी ही पार्टी किसी और को सौंप रहे हैं। यह इस देश में हो रहा है। चुनाव आयोग समेत सभी सेंट्रल एंजेसियों का मिसयूज किया जा रहा है। 

बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार को लेकर भी राज्य की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। क्या शरद पवार महाविकास अघाड़ी को बाय-बाय कहने वाले हैं? क्या वो बीजेपी में जाने वाले हैं? चाचा-भतीजे के बीच आखिर क्या खिचड़ी पक रही है? इसे लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन में हलटल मची हुई है।

चीन ने अमेरिका को दिखाई आंख, ताइवान मुद्दे पर आग से ना खेलने के लिए किया आगाह

#chinaagainthreatensusontaiwansaysdonotplaywith_fire

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तल्खियां लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई ने अमेरिका का दौरा किया था। इसे लेकर चीन नाराज है और वह लगातार अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है।अब चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमेरिका को आगाह किया है।चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान को लेकर आप आग से खेल रहे हैं।

ताइवान आंतरिक मामला, बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं- ली शांगफू

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने रूस की धरती से अमेरिका और ताइवान को चेतावनी दी गई है।दरअसल, ली शांगफू ने रूस के मॉस्को में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि ताइवान का इस्तेमाल करके चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश विफल होगी। ली शांगफू ने ये भी कहा कि ताइवान का चीन की मुख्य भूमि से मिलना अपरिहार्य है और इसे टाला नहीं जा सकता। चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है।

चीन को काबू करने की कोशिश असफल होगी- ली शांगफू

ली शांगफू ने अपने बयान में कहा कि 'ताइवान को लेकर आग से खेलना और ताइवान की मदद से चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश निसंदेह असफल होगी।

बता दें कि चीन ताइवान को अपने देश का हिस्‍सा बताता रहा है। वहीं, ताइवान का मानना है कि वो एक आजाद मुल्‍क है। इस मुद्दे पर चीन पहले भी कई मौकों पर तल्‍ख तेवर दिखाता रहा है।2022 अगस्त में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर भी दोनों देशों के बीच तनाव का पारा और चढ़ गया था।

गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान, कहा-हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना, सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे

#ghulamnabiazadvideoviralonsocial_media

वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने इस्लाम और कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है।इस वीडियो में गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के लोगों से कह रहे हैं कि हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना है और सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे।

कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्टेड-आजाद

ये वीडियो जम्मू कश्मीर के डोडा में एक पब्लिक मीटिंग का है। गुलाम नबी आजाद 9 अगस्त को यहां भाषण देने पहुंचे थे। इस दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्ट होकर मुस्लिम बने हैं। आजाद ने कहा कि बाहर से चंद लोग ही आए होंगे, बाकी सब हिंदू ही हैं। खासकर कश्मीर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में तो आज से 600 साल पहले कोई मुसलमान नहीं था। यहां केवल कश्मीरी पंडित थे, सब कन्वर्ट होकर मुसलमान बन गए। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम बाहर से नहीं आए हैं, हम इसी मिट्टी की पैदावार हैं हमें इसी मिट्टी में खत्म होना है।

भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे-आजाद

वीडियो में आजाद यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे। जो बाद में कनवर्ट हो गए।वीडियो में आजाद कहते हैं, हमने हिंदू-मुसलमान मिल के राज्य को ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी को जब मिल के सबने इस घर को बनाना है, ये हमारा घर है, यहां कोई बाहर से नहीं आया। यही इसी मिट्टी की पैदावार, इसी मिट्टी में खत्म होना है। 

भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह

इस दौरान आजाद ने लोगों से भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। लोगों को धर्म के नाम पर वोट नहीं देना चाहिए।

पिछले साल बनाई थी नई पार्टी

बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे। वह लंबे समय तक कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे। केंद्र सरकार में मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली। गुलाम नबी जम्मू-कश्मीर के सीएम और राज्यसभा सांसद भी रहे। गुलाम नबी के राज्यसभा से रिटायर होते वक्त उनकी तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक तक हो गए थे। पिछले साल अगस्त में उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी बना ली थी।

चांद पर कदम रखने से बस एक कदम दूर है चंद्रयान 3, आज अलग होंगे लैंडर-प्रोपल्शन मॉड्यूल

#chandrayaan3settopropulsionandlandermoduleseparation

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिसन मून यानी चंद्रयान-3 पर पूरे देश की ही नहीं दुनियाभर की निगाहें लगी हुई हैं। चंद्रयान 3 अब अपनी अंतिम छलांग लगाने को तैयार है। 17 अगस्त यानी आज से इसकी लैंडिंग से जुड़ी प्रक्रिया शुरू होगी।आज एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। जी हां, अपने चंद्रयान-3 से प्रॉपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा। वे आगे की यात्रा अलग-अलग करेंगे। प्रॉपल्शन मॉड्यूल चांद की कक्षा में रहेगा। आगे अपना लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कदम बढ़ाएगा।

इंजन फेल होने पर भी होगी लैंडिंग

इसरो द्वारा कहा गया है कि आज यानी 17 अगस्त को लैंडिंग माड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग हो जाएंगे। इसके बाद लैंडर-रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अगर इसका इंजन फेल भी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी

23 अगस्त को आएगी खुशखबरी

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। 23 अगस्त को निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग का उद्देश्य लैंडर और रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थापित करना है।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।