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पीएम मोदी के 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर, लालू -खड़गे ने यूं किया पलटवार

#kharge-andlaluyadavreplyonpmnarendramodi_statement 

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया।

 इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि अगले 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने रखेंगे।प्रधानमंत्री अपने इस दावे पर घिरते नजर आ रहे हैं।2024 में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने के पीएम मोदी के दावे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने तंज कसा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी इस बयान पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के बयान पर लालू “लाल”

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाल किले से अंतिम बार तिरंगा फहरा रहे हैं, अगली बार हम तिरंगा फहराएंगे।

अगली बार पीएम मोदी तिरंगा अपने घर पर फहराएंगे

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर। खरगे ने कहा कि हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता है। वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं।

लाल किले पर खाली रही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की कुर्सी, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उठे सवाल, तो दिया ये जवाब

#khargeschairseenemptyatred_fort 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में कई दिग्गज और करीब दो हजार तक अतिथि शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान एक कुर्सी खाली दिखाई दी। यह कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कुर्सी इस समारोह के दौरान खाली दिखी। खरगे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके। 

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वह लाल किले पर नहीं पहुंचे। कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया,'खरगे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किला में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वे जाते तो वह घर वहां से जल्दी नहीं निकल सकते। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता, वे कांग्रेस मुख्यालय में समय से ध्वजारोहण नहीं कर पाते। 

लाल किला नहीं पहुंचने पर दी सफाई

लाल किले नहीं जाने का सवाल खरगे से किया गया तो उन्होंने अपनी आंखों की समस्या बताई। दूसरी बात उन्होंने कही कि मुझे घर पर प्रोटोकॉल के तहत झंडा फहराना था। फिर मुझे कांग्रेस ऑफिस आकर झंडा फहराना था। यहां तो मैं पहुंच ही नहीं सकता था। उनकी सिक्योरिटी इतनी टाइट है। पहले प्रधानमंत्री के जाने तक किसी को नहीं छोड़ते। आजकल होम मिनिस्टर के जाने तक नहीं छोड़ते। रक्षा मंत्री, स्पीकर... के बाद हम लोगों का नंबर लगता। इसलिए समय के अभाव और सिक्योरिटी की अड़चन थी। अब जैसा उन्हें छोड़ते हैं वैसा मुझे तो रास्ता नहीं देते।

खरगे का सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश

इस बीच खरगे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो संबोधन जारी किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दीं। कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता प्रतीकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का किया जिक्र

अपने वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे अन्य कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के योगदानों का जिक्र किया। उन्होंने बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। कहा कि हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। 

नाम लिए बिना पीएम पर निशाना

पीएम मोदी का नाम लिए बिना खरगे ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देश पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। लेकिन यह सच नहीं है। जब अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, तो स्थिति ऐसी थी कि देश में एक सूई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू बड़ी पहल की, इस्पात संयंत्र स्थापित किए, बांध बनाए, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए। इंदिरा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री हरित क्रांति लेकर आए, भारत को आत्मनिर्भर बनाया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है, मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।

पीएम मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर किया कड़ा प्रहार, भारत के विकसित देश बनने की राह में बताया सबसे बड़ा रोड़ा

#pmmodiattackedcorruptionfamilialism_polarisation 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के विकास में आने वाली सबसे बड़े रोड़ों का जिक्र किया। लाल किले पर तिरंगा लहराने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं देश के विकास में आ रही बाधा की बात करते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के बहाने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इन तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही।

मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा-पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है।

भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा। जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा।

देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 'लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। 

इनसे लड़ने के लिए संकल्प लेने का आहवान

इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन, किये ये बड़े ऐलान

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देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के लोगों को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले से नई योजनाओं का ऐलान किया, साथ ही कई वादे भी किए।साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन है, ऐसे में इस संबोधन के कई राजनीतिक मायने भी हैं।

-लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया कि वह सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को नई ताकत देने वाले हैं। इसके लिए वह विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे।इसकी शुरुआत 13 से 15 हजार करोड़ रुपये से की जाएगी।

-पीएम मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि देश में अभी तक 10 हजार जन औषधि केंद्र थे, अब हम इस लक्ष्य को 25 हजार जन औषधि केंद्र तक पहुंचा रहे हैं और आने वाले वक्त में इस ओर काम शुरू हो जाएगा।

-पीएम ने ऐलान किया कि मोदी की गारंटी है कि आने वाले पांच साल में देश दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा।

-शहरों में जो लोग किराये पर रहते हैं या जिनके पास अपना घर नहीं है या जो अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं, उनको अपना घर बनाने के लिए बैंक से जो लोन मिलता है, उसके ब्याज में राहत दी जाएगी और इसके लिए जल्द योजना का ऐलान होगा।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा नया लक्ष्य गांव में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, एग्रीकल्चर सेक्टर के जरिए हम वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप की ट्रेनिंग देंगे जिसमें महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। हम गांव में महिलाओं को मजबूत करना चाहते हैं और इस ओर यह कदम अहम है।

पारस एचएमआरआई मे बुजुर्ग महिला का इंडोवस्क्युलर तकनीक से हार्ट का हुआ ऑपरेन, मिला नवजीवन

पटना : पारस एचएमआरआई पटना में बुधवार को 75 वर्षीय एक वृद्ध महिला के हार्ट की महाधमनी (Aorta) के काफी बड़े स्यूडोएन्पूरिज्म का बिना चीड़ा के सफल ऑपरेशन किया गया है।

कार्डियोलोजी विभाग के चीफ डायरेक्टर व एचओडी डॉ नीरज कुमार और कार्डियोलोसिस्ट डॉ सिद्धनाथ सिंह की टीम ने इंडोवस्क्युलर तकनीक से महिला के हार्ट की महाधमनी की सतह को ठीक कर दिया। मरीज ललिता कुमारी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।

पटना जिला की रहने वाली ललिता कुमारी को पिछले तीन-चार महीने से सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी, घबराहट, हिचकी और खांसी की शिकायत थी।

उन्हें दिल्ली और अन्य जगहों पर इलाज से भी आराम नहीं मिला इस के बाद पारस एचएमआरआई पटना में आयी। यहां डॉ सिद्धनाथ सिंह ने इनका उपचार शुरू किया।

इस क्रम में एक्स- रे में हार्ट की बड़ी नस (महाधमनी) के साथ एबनार्मल शेडो (असामान्य छाया) दिखाई दिया। इसके बाद सिटी स्कैन में पता चला कि धमनी की दीवार दो हिस्सों में फट गयी है और वो हिस्सा फैलता जा रहा था।

धमनियों और फेफड़ों पर इससे दवाब बढ़ रहा था। इसके बाद डॉ सिद्धनाथ सिंह ने डॉ नीरज कुमार से चर्चा की तथा सारे एवेलूएशन के बाद मरीज का इंडोवस्क्युलर तकनीक से बिना चीड़ा के सफल ऑपरेशन हुआ।

इसमें कैथेटर से स्टेंटग्राफ्ट लगाकर महाधमनी की सतह को ठीक कर दिया गया। महिला अब स्वस्थ है और डॉक्टरों के प्रयास से मिले नए जीवन से काफी प्रसन्न है।

कार्डियोलॉजी विभाग के चीफ डायरेक्टर व एचओडी डॉ नीरज कुमार ने बताया कि सामान्य रूप से ऐसे केस में बड़े ओपन सर्जरी की जरूरत होती है, लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण इसमें जोखिम बहुत ज्यादा थाI

दिल्ली एंव गुरुग्राम के हास्पिटल के CTVS विभाग में बहुत अधिक रिस्क के बावजूद ही सर्जरी करने की सलाह दी गई थी। सर्जरी न करने से भी जान का खतरा किसी भी वक्त था। इसीलिए इस तकनीक से ऑपरेशन किया गया जो आखिरी उम्मीद थी।

बिहार मे कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में इस तरह का ऑपरेशन सराहनीय शुरुआत है जिस को पारस एचएमआरआई पटना में सफलतापूर्वक किया गया।

पारस हेल्थ के मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ. नीतेश कुमार ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम हृदय रोग के मरीजों का बेहतर इलाज कर रही है। यही कारण है कि पारस एचएमआरआई के प्रति मरीजों का विश्वास और बढ़ा है। कम खर्च में विश्वस्तरीय सुविधा यहां मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है। बिहार में पारस एचएमआरआई हृदय रोगियों के इलाज के लिए बेहतर हॉस्पिटल साबित हो रहा है।

बता दें पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

कृषि मंत्री ने गया जिला में अतरी प्रखंड का औचक निरीक्षण कर आकस्मिक फसल योजना की समीक्षा की

गया: कृषि मंत्री ने गया जिला में अतरी प्रखंड का औचक निरीक्षण कर आकस्मिक फसल योजना की समीक्षा की

आज माननीय मंत्री कृषि विभाग श्री कुमार सर्वजीत द्वारा बीज वितरण से संबंधित शिकायतों के आलोक में गया जिले के अतरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अतरी प्रखण्ड कार्यालय के ई किसान भवन का औचक निरीक्षण किया।

 निरीक्षण के क्रम में आकस्मिक फसलों के बीज वितरण की गहन समीक्षा की। उन्होंने प्रखंड कृषि पदाधिकारी से बीज वितरण की पंजी रजिस्टर तथा किसानों को उपलब्ध कराये गए बीज की मात्रा का मिलन किया। कुछ किसानों से वार्ता की तथा जो किसान बीज ले गए उनसे मोबाइल पर बात किया। 

अतरी के जन प्रतिनिधियों ने माननीय कृषि मंत्री से बीज वितरण की सूचना नहीं दिये जाने की शिकायत की । माननीय कृषि मंत्री ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार को फटकार लगाया और योजना का वृहत प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया।

माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा उन क्षेत्रों में जहां कम वर्षापात के करण धान की रोपनी कम हुए हैं वैसे क्षेत्रों में आकस्मिक फसल योजना अंतर्गत किसानों को निशुल्क संकर मक्का बीज उपलब्ध कराया जा रहा हैं।

उन्होंने प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार को चेताया कि सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ गरीब गुरबा किसानों को मिले, न कि वैसे किसानों को जो बार - बार विभागीय योजनाओं का लाभ लेते हैं।

पटना में अत्याधुनिक सुविधा से युक्त साइकिल के शोरूम का हुआ शुभारंभ, पूर्व एमएलसी डॉ रणवीर नंदन ने किया उद्घाटन

पटना : आज शुक्रवार को राजधानी के कुम्हरार पार्क के सामने रोड मास्टर बाय साइकिल के शोरूम का शुभारंभ हुआ। इस शो-रुम का उद्घाटन पूर्व विधान पार्षद प्रो रणबीर नंदन ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर राजधानी पटना में अत्याधुनिक सुविधा से युक्त साइकिल के शोरूम का शुभारंभ होना एक सुखद संदेश है। 

डॉ. रणवीर नंदन ने कहा कि साइकिल हमें स्वस्थ रखने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी भूमिका निभाता है इसलिए इस जलवायु परिवर्तन की दिशा में साइकिल की महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप का जमाना है और सरकार से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां रोजगार सृजन के क्षेत्र में कम कर रही है इसी का नतीजा है कि आज अत्याधुनिक सुविधा से युक्त साइकिल के शोरूम का पटना में शुभारंभ हो रहा है। 

उन्होंने कहा इस शोरूम के माध्यम से जहां एक और युवाओं में रोजगार सृजन होगा और पर्यावरण व प्रकृति का संरक्षण भी होगा। बिहार के युवा स्पोर्ट्स साइकिल का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बिहार अच्छे रैंक भी ला रहा है। 

डॉ. नंदन ने प्रसन्नता जाहिर की कि इस शोरूम में 8000 से लेकर 40000 तक का साइकिल है। जिससे हर वर्ग के युवा अपनी क्षमता के अनुसार स्पोर्ट साइकिल खरीद कर बिहार का नाम राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रोशन करेंगे। 

मौके पर शोरूम के प्रबंधक संतोष कुमार सिन्हा ने बताया की यह बिहार में पहला ऐसा शोरूम है जहां के साधारण साइकिल से लेकर इलेक्ट्रिक साइकिल तक उचित मूल्य पर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके यहां 4000 से लेकर 40000 तक की अत्याधुनिक सुविधा युक्त साइकिल उपलब्ध है। उन्होंने कहा की यह शोरूम सरकार के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सारथी की भूमिका निभाएगा और उनका प्रयास होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग साइकिल से चलकर आप स्वस्थ रहें और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभायें।

स्व-वित्तपोषित अल्पसंख्यक कॉलेज हैं MACET, एआईसीटीई मान्यता के अनुसार सफलतापूर्वक चला रहा है बी.टेक कोर्स : डॉ. अहमद अब्दुल हई

पटना : MACET के अध्यक्ष डॉ. अहमद अब्दुल हई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि "मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी" की शुरुआत वर्ष 1987 में मिल्लत एजुकेशन सोसाइटी के तहत की गई थी। यह पूरे उत्तर भारत में पहला स्व-वित्तपोषित अल्पसंख्यक कॉलेज हैं। सोसायटी का मुख्य मिशन विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के बीच वैज्ञानिक/व्यावसायिक तकनीकी शिक्षा की स्थापना को बढ़ावा देना था। 

कॉलेज की शुरुआत सबसे पहले अनीसाबाद में हुई थी। इसे वर्ष 1994 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) नई दिल्ली से मान्यता मिली। वर्ष 2000 में, कॉलेज को लगभग 18 एकड़ क्षेत्र में फैले विशाल परिसर में नेओरा में स्थानांतरित कर दिया गया। तब से, यह एआईसीटीई मान्यता के अनुसार इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम में चार साल के बी.टेक पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक चला रहा है। 

स्नातक पाठ्यक्रमों में वार्षिक प्रवेश 330 अर्थात सिविल इंजीनियरिंग का है। - 60, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग। – 30, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग। – 30, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग। – 60, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग। (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग) - 30, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग (डेटा साइंस) - 60 और मैकेनिकल इंजीनियरिंग। - 60

इस वर्ष हमें उल्लिखित पाठ्यक्रमों के तहत मंजूरी मिल गई है:

1. (एमसीए) मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के पीजी कार्यक्रम में, वार्षिक प्रवेश 120 है।

2. डिप्लोमा कोर्स (3 साल का कोर्स) वार्षिक प्रवेश 180 अर्थात सिविल इंजीनियरिंग – 60, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग। - 60 और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग। – 60 हैं।

सभी विभागों में अच्छी तरह से योग्य अनुभवी संकाय और अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएँ हैं। 100 डेस्कटॉप के साथ एक कंप्यूटर केंद्र है जिसमें बड़ी संख्या में एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर हैं और इंटरनेट से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और दो अन्य कंप्यूटर लैब हैं। कुल 340 कंप्यूटर सिस्टम वाली 3 अन्य कंप्यूटर लैब हैं, जो बिहार में सबसे बड़ी में से एक है। हमारे पास ब्रियो इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल 75 इंच वाले दो स्मार्ट क्लास हैं। हमारे पास अच्छी तरह से स्थापित पुस्तकालय है जिसमें लगभग 4500 से अधिक टाइटल्स हैं। विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाले 25000 वोलुमस हैं।

कॉलेज में एक स्थापित प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल भी है जो छात्रों को कैंपस चयन के माध्यम से नौकरी पाने में मदद करता है। इस सेल के माध्यम से बड़ी संख्या में छात्रों को आईबीएम, विप्रो, माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, टीसीई, एनटीपीसी, एनएचपीसी, बीएचईएल, डीआरडीओ, एनएएल आदि जैसे विभिन्न संगठनों में नौकरी मिलती है।

तनिष्क ने पटना के अपने इन दो शो-रुम में फेस्टिवल ऑफ डायमंड किया लांच, दे रहा है इतने प्रतिशत तक की सबसे बड़ा छूट

पटना : ज्वेलरी रिटेल ब्रांड और टाटा समूह का एक हिस्सा, तनिष्क ने अपने डायमंड आभूषणों का आज तक के सबसे विशाल और शानदार शोकेस प्रस्तुत किया है। शोरूम के निदेशक अनिल अग्रवाल एवं उमेश टेकरीवाल तनिष्क एरिया बिजनेस मैनेजर सौरभ सिंहा एवं अजनी कुमार ने बताया कि तनिष्क की यह एक्सक्लूसिव श्रेणी हीरों की एक चमचमाती दुनिया है। 

महिलाओं की पसंदीदा सभी अलग अलग स्टाइल्स को इसमें शामिल किया गया है। रिंग्स से लेकर इयररिंग्स और पेंडेंट्स, नेकलेस, ब्रेसलेट्स और बैंगल्स तक सभी प्रकार के आभूषण तनिष्क के 'द ऑटम एडिट में है. इसमें पांच नए क्यूरेशन प्रस्तुत किए गए हैं जो हर प्रसंग के स्टाइल कोशंट को बढ़ाने के लिए ही विशेष रूप से बनाए गए हैं।

तनिष्क के हीरे महिला की असाधारण जीवन कहानी को बहुत ही बेहतरीन और खूबसूरत ढंग से सम्मानित करते हैं, महिलाओं के व्यक्तित्व की चमक इन मूल्यवान जेम्स को एक अनोखा तेज प्रदान करती है। इस फेस्टिवल ऑफ डायमंड्स में ग्राहक कई अलग अलग लूक्स की खरीदारी कर सकते हैं, जिन्हें तनिष्क ने हर दिन के ऑफिस, बंच, शादी और वर्षगाठ जैसे समारोह, शाम की पार्टीज़ और गिफ्टिंग आदि के लिए बनाया है। 

तनिष्क के चमचमाते ऑटम एडिट में एक शानदार सिम्फनी प्रस्तुत की जा रही है। इसमें तनिष्क प्रस्तुत कर रहे हैं एलिवेटेड वर्क वेयर रेन्ज, गाला डिनर्स के लिए अँड अफेयर्स, पार्टीज के लिए शोस्टॉपर्स और इंडो-वेस्टर्न आउटफिट्स के लिए फ्यूजन फैशन तनिष्क के स्पार्कलिंग मेमरीज़ गिफ्ट श्रेणी के साथ आप अपने और अपनों के खास पलों को हमेशा के लिए यादगार जन्मदिन, विशेष सफलता और ऐसे ही कई विशेष प्रसंगों पर गिफ्ट देने के लिए यह परफैक्ट है। तनिष्क में मनाए जाने वाले इस हीरों के त्यौहार को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने ब्रांड की ओर से डायमंड ज्वेलरी वेल्यू पर 20% तक की छूट दी जा रही है। इतनाही नहीं, किसी भी ज्वेलर से खरीदे हुए पुराने सोने को एक्सचेंज करके तनिष्क के डायमंड आभूषण खरीद कर

ग्राहक अपने ज्वेलरी कलेक्शन में नयी ताजगी ला सकते हैं। 22 कैरेट से ऊपर के पुराने सोने के आभूषणों के लिए तनिष्क मे 100% * एक्सचेंज वैल्यू दिया जाता है। इसमें ग्राहकों को उनके सोने का सबसे अच्छा मूल्य मिलता है। तनिष्क की यह एक्सचेंज पॉलिसी ग्राहकों के लिए उनके पुराने सोने को तनिष्क के नए डिजाइन्स से अपग्रेड करने का स्वर्ण अवसर है। भारत भर में सभी तनिष्क स्टोर्स में इस ऑफर का लाभ उठाया जा सकता है। यह ऑफर सिर्फ सीमित समय के लिए ही लागू रहेगा।

किसानों के हर सुख-दुःख की परिस्थति में पूरी दृढ़ता के साथ खड़ी है सरकार : कुमार सर्वजीत

पटना : कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया गया। इस अवसर पर कृषि निदेशक डाॅ॰ आलोक रंजन घोष सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं ग्लोबल वार्मिंग के फलस्वरुप जलवायु की परिस्थितियों में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, जिसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव हमारी खेती पर पड़ रहा है। इस बार भी समय से पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो पाने के कारण सुखाड़ जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसके कारण किसानों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो रही है। 

अभी तक सामान्य रुप से 442.3 मिली मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, परन्तु मात्र 242.2 मिली मीटर ही वर्षा हो पायी है, यानि सामान्य से 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जिसके फलस्वरुप धान की रोपनी प्रभावित हुई है। इस वर्ष धान का आच्छादन 35,97,595 हेक्टेयर में किया जाना है, जिसके विरूद्ध 17,69,688 हेक्टेयर धान की रोपनी हुई है, जो लक्ष्य का मात्र 49.19 प्रतिशत है। इसी प्रकार इस वर्ष मक्का का आच्छादन लक्ष्य 331367 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जिसके एवज में अभी तक 273087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुआई की गई है, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि तक 30 प्रतिशत धान की रोपनी एवं 33.7 प्रतिशत मक्का की बुआई हुई थी। 

उन्होने कहा कि इस परिस्थिति में लगे हुए धान के बिचड़ों एवं रोपे गये धान तथा मक्का आदि की फसल को सूखने से बचाने तथा खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाये, इसके लिए हमारी सरकार ने डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया है। वैसे तो हमारी सरकार द्वारा डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर के माध्यम से पहले से ही किसानों को खेती के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। कृषि फिडर से ‘‘ 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति’’ की सुविधा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों द्वारा विद्युत चालित पम्पसेट का उपयोग करते हुए रोपनी का कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद हमारी सरकार ने डीजल पर भी अनुदान देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। अभी तक डीजल अनुदान के लिए कुल 13,901 किसानों का आवेदन विभाग को प्राप्त हो चुका है।

मंत्री ने आगे बताया कि खरीफ फसलों की सिंचाई डीजल पम्पसेट से करने के लिए क्रय किये गये डीजल पर 75 रूपये प्रति लीटर की दर से 750 रूपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जायेगा। धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा। कुल पाँच सिंचाई के लिए 3,750 रूपये प्रति एकड़ प्रति किसान देय होगा, यानि एक किसान को कुल मिलाकर 30 हजार रूपये तक की सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को देय होगा। अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा। इस योजना का लाभ कृषि विभाग के डी॰बी॰टी॰ पोर्टल में ऑनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा। परिवार के किसी एक सदस्य को ही डीजल अनुदान का लाभ देय होगा। पति-पत्नी एवं उनके पुत्र/पुत्री जो एक साथ रहते हो, को एक परिवार मानकर उनके द्वारा एक ही आवेदन स्वीकार किया जायेगा। 

परिवार के विभाजन एवं पृथक परिवार की स्थिति में अलग-अलग आवेदन स्वीकार किया जा सकता है, बशर्ते एक ही भूमि के लिए आवेदन नहीं दिया गया है। बिहार राज्य के अंदर निबंधित पेट्रोल पंप से सिंचाई हेतु क्रय किये गये डीजल पर ही अनुदान देय होगा। डीजल अनुदान की राशि आवेदक के आधार से जुड़े बैंक खाते में ही अंतरित की जायेगी। अगर बैंक खाता आधार संख्या से जुड़ा नहीं होगा तथा एन॰पी॰सी॰आई॰ से लिंक नहीं होगा तो वैसे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। वैसे किसान, जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं (गैर रैयत), उन्हें प्रमाणित/सत्यापित करने के लिए सम्बन्धित वार्ड सदस्य/वार्ड पार्षद/मुखिया/सरपंच/पंचायत समिति सदस्य में से एक जनप्रतिनिधि एवं कृषि समन्वयक के द्वारा संयुक्त रूप से विहित प्रपत्र में हस्ताक्षरित दस्तावेज की व्यवस्था अनिवार्य होगी। 

सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जायेगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही अनुदान का लाभ मिले। जिलों में डीजल अनुदान वितरण की आवश्यकता का आकलन सम्बन्धित जिला पदाधिकारी द्वारा कृषि टास्क फोर्स की बैठक में करने के पश्चात आवश्यकता के अनुरूप डीजल अनुदान वितरण का निर्णय लिया जा सकेगा। डीजल अनुदान योजना खरीफ 2023 का लाभ प्राप्त करने के लिए विज्ञापन प्रकाशन एवं उसमें अंकित तिथि के पश्चात डीजल पम्पसेट से सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल के लिए ही अनुदान मान्य होगा। साथ ही, अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर, 2023 तक खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल पर ही अनुदान का लाभ मान्य होगा।

उन्होंने बताया कि किसान, कृषि विभाग के वेबसाईट dbtagriculture.bihar.gov.in पर उपलब्ध “अनुदान के लिए आवेदन” मेनू पर क्लिक करेंगे और अनुदान के प्रकार यानि “डीजल अनुदान” का चयन करेंगे। डीजल अनुदान आवेदन के लिए 13 अंकों का पंजीकरण संख्या भरना अनिवार्य होगा। सही पंजीकरण संख्या अंकित करने की स्थिति में आवेदक को पंजीकरण विवरणी के साथ-साथ आवेदन प्रपत्र ‘‘डिस्प्ले” किया जाएगा। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस केंद्र/वसुधा केंद्र से ऑनलाईन डीजल अनुदान आवेदन के लिए संपर्क कर सकते हैं अथवा स्वयं अपने मोबाइल/लैपटाॅप से डीजल अनुदान के लिए आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। किसान के द्वारा ऑनलाईन आवेदन भरते समय ही डीजल क्रय संबंधी डिजीटल/कम्प्यूटराईड वाउचर अपलोड किया जायेगा। 

डीजल अनुदान आवेदन के लिए सर्वप्रथम किसान मौसम का चयन (खरीफ) करेंगे, फसल के प्रकार (बिचड़ा, जूट, धान, मक्का, दलहन, तेलहन, सब्जी, सुगन्धित एवं औषधीय पौधे में से एक फसल) का चयन करेंगे और कुल जमीन के रकवा जिसमें डीजल से सिंचाई की गयी है, की प्रविष्टि करेंगे। किसान एक समय में एक ही पटवन के लिए आवेदन करेंगे। इसका अर्थ यह है कि किसान को अलग-अलग पटवन के लिये अलग-अलग आवेदन करना होगा। किसान को तीन श्रेणियों (स्वयं, बटाईदार, स्वयं ़ बटाईदार) में बाँटा गया है। कोई भी किसान किसी एक श्रेणी के लिए ही आवेदन कर सकेंगे। रैयत किसानों को आवेदन करते समय लगान रसीद अपलोड करना अनिवार्य है। डीजल अनुदान हेतु पंजीकृत वैसे किसानों का आवेदन जिनका कृषि योग्य भूमि दो जिला में अवस्थित है, की स्थिति में जिस पंचायत में किसान को पंजीकृत किया गया है उसी पंचायत के कृषि समन्वयक द्वारा दूसरे जिला/प्रखंड/नगर क्षेत्र/पंचायत में जाकर उस किसान के दावे का सत्यापन किया जायेगा। जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से समय-समय पर किसानों को ऑन-लाईन पंजीकरण एवं आवेदन समर्पित करने से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन तथा व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करेंगे। 

मंत्री ने बताया कि यदि किसी किसान को अपने आवेदन के संदर्भ में किसी प्रकार की शिकायत होगी तो वे लिखित रूप में यह शिकायत सम्बन्धित डीजल अनुदान अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति के समक्ष रखेंगे। ऐसे सभी शिकायतों का 15 दिनों के अंदर संबंधित कृषि समन्वयक के द्वारा जाँच की जायेगी, जो किसान वांछित अर्हत्ता रखते हैं, उन्हें अनुदान के भुगतान हेतु विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। पंचायत क्षेत्र के किसानों के लिए डीजल अनुदान अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस समिति का गठन संबंधित पंचायत के मुखिया जी की अध्यक्षता में किया गया है, जिसका सदस्य संबंधित पंचायत के सरपंच, पंचायत वार्ड के सदस्यगण, विगत चुनाव में मुखिया पद के लिए हारे हुए निकटत्तम उम्मीदवार, विगत चुनाव में सरपंच पद के हारे हुए निकटत्तम उम्मीदवार, पंचायत समिति के सदस्य, कृषि समन्वयक होंगे। 

उन्होने कहा कि इसी प्रकार नगर क्षेत्र के किसानों के लिए डीजल अनुदान अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति का गठन नगर निगम/नगर निकाय/नगर पंचायत के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष की अध्यक्षता मेें की गई है, जिसके सदस्य संबंधित नगर निगम/नगर निकाय/नगर पंचायत के वार्ड सदस्य, विगत चुनाव में नगर निगम/नगर निकाय/नगर पंचायत के नगर वार्ड सदस्य पद के हारे हुए निकटत्तम उम्मीदवार (प्रतिद्वंदी), नगर निगम/नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी एवं संबंधित कृषि समन्वयक होंगे। 

उन्होंने कहा कि डीजल अनुदान योजना का नियमित अनुश्रवण विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा प्रत्येक स्तर पर किया जायेगा। डीजल योजना के लाभार्थी कृषकों का प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा कम-से-कम 10 प्रतिशत, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी द्वारा कम-से-कम 7 प्रतिशत, जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा स्वयं अथवा अधीनस्थ पदाधिकारियों द्वारा कम-से-कम 5 प्रतिशत, प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक(शष्य) द्वारा स्वयं अथवा अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के माध्यम से कम-से-कम 2 प्रतिशत रैण्डम जाँच कर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। जिला पदाधिकारी द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन का अनुश्रवण किया जायेगा। प्रत्येक सप्ताह में आयोजित होने वाले कृषि टास्क फोर्स की बैठक मंे समीक्षा करते हुए आवश्यकता के अनुरूप डीजल अनुदान वितरण का निर्णय लेंगे। साथ ही, कृषि विभाग के पदाधिकारियों के अलावे समय-समय पर जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों को प्राधिकृत कर डीजल अनुदान के लाभार्थी कृषकों की जाँच रैण्डम रूप से की जायेगी। सभी जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा डीजल अनुदान कार्यान्वयन को उच्च प्राथमिकता दी जायेगी। इसके लिए प्रत्येक दिन सुबह-शाम आवेदनों के निष्पादन की पंचायतवार समीक्षा की जायेगी। डीजल अनुदान से सम्बन्धित प्राप्त आवेदनों का युद्ध स्तर पर निष्पादन किया जायेगा। 

राज्य स्तर पर डीजल अनुदान योजना का नियमित अनुश्रवण संयुक्त कृषि निदेशक (सांख्यिकी) एवं नोडल पदाधिकारी, डी० बी० टी० कोषांग द्वारा किया जायेगा। किसानों को बीचड़ा बचाने और विलम्ब से रोपे गये फसल के प्रबंधन हेतु विभिन्न प्रचार-प्रसार के माध्यमों से किसानों के लिए एडवायजरी जारी किया जायेगा।  

श्री कुमार ने कहा कि आकस्मिक फसल योजना के तहत 15 विभिन्न फसलों यथा अल्पावधि धान (प्रमाणित), संकर मक्का, अरहर, उड़द, तोरिया, सरसों (अगात), मटर (अगात), भिण्डी, मूली, कुल्थी, मडुआ, साँवा, कोदो, ज्वार तथा बरसीम के कुल 41 हजार 264 क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई है। इच्छुक किसानों को आकस्मिक फसल योजनान्तर्गत निःशुल्क बीज उपलब्ध कराया जायेगा। 

उन्होंने कहा कि राज्य में खरीफ मौसम में यूरिया की कुल आवश्यकता के विरूद्ध अभी तक की उपलब्धता 62 प्रतिशत है। इसी प्रकार, डी॰ए॰पी॰ की उपलब्धता कुल आवश्यकता का 60 प्रतिशत है। एन॰पी॰के॰ उर्वरक की आवश्यकता के विरूद्ध 59 प्रतिशत है तथा एम॰ओ॰पी॰ की आवश्यकता का 19 प्रतिशत उपलब्ध है। 

मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हर सुख-दुःख की परिस्थति में पूरी दृढ़ता से किसानों के साथ खड़ी है। किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। किसी भी परिस्थति में किसानों को परेशान नहीं होने दिया जायेगा।