पितृपक्ष मेला में बेहतर व्यवस्था रहने से गया जिले का नाम पूरे विश्व में जाना जाएगा, 28 सितंबर से शुरू होगा मेला, DM ने की बैठक
गया: पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन तथा देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ फल्गु नदी गयाजी डैम को भी पूरा निर्मल स्वच्छ रखना आवश्यक है, ताकि डैम की खूबसूरती में और चार चांद लगे।
इसके अलावा मेला क्षेत्र में भी मेला के दौरान व्यापक सफाई की व्यवस्था रहे। कही भी कोई थोड़ी सी गंदगी न है। आने वाले तीर्थयात्रा ज़िले की एक अच्छी छवि लेकर वापस अपने घर लौटे ऐसी व्यवस्था इस बार अपेक्षित है। बेहतर व्यवस्था रहने से ज़िले का नाम पूरे विश्व मे जाना जाएगा, क्योंकि देश विदेश से तीर्थयात्रा अपने पूर्वजों की कर्मकांड करने यहां आते हैं। विदित हो कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा, इस 15 दिनों में लाखों तीर्थयात्री तर्पण करने यहां आते हैं।
प्रशासन द्वारा हर स्तर पर यात्रियों की सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिये बेहतर से बेहतर काम करवायी जा रही है, ताकि यात्रियों को कोई छोटी से छोटी भी असुविधा न हो सके।
जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने सभी विष्णुपद मंदिर समिति, संवास सदन समिति सहित अन्य सभी पंडा समाज के पुरोहितो को बताया कि मोहाने एवं निरंजना नदी का पानी मिलकर फल्गु में आता है। बिहार सरकार तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए विष्णुपद मंदिर के सामने देवघाट में सालों भर पानी उपलब्ध रखने के उद्देश्य से गया जी डैम का निर्माण करवाया है। उन्होंने सभी पुरोहितों से अपील किया है कि डैम को पूरी तरह निर्मल स्वच्छ रखना आप सभी का कर्तव्य है।
पिंड सामग्री को नदी में प्रवाहित ना करें यही सबसे अपील है। पिंड सामग्री को विसर्जन के लिए पक्का स्ट्रक्चर घाट पर पीट निर्माण करवाया गया है, जहां तीर्थयात्री अपना पिंड सामग्री को छोड़/प्रवाहित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता के दृष्टिकोण से स्लोगन भी लिखवाया जाएगा, जिसमें रहेगा कि कृपया पिंड के सामग्री को यहां पिट में डाले, नदी में ना डालें। नदी को स्वच्छ रखना हम सभी का कर्तव्य है। कृपया मुझे गंदा न करे।
जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि घाट के समीप रहने वाले स्थानीय लोग नदी में यत्र तत्र डालकर नदी को प्रदूषित करने का काम कर रहे हैं, जो काफी गलत काम है। यदि संबंधित व्यक्ति ऐसे करते पकड़े जाएंगे तो उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। गयाजी डैम को निर्मल एवं स्वच्छ बना रहे इस उद्देश्य से जिलाधिकारी ने एक समिति बनाने का निर्देश दिए, जिसमें पंडा समाज के पुरोहित एवं जिला प्रशासन के पदाधिकारी शामिल रहेंगे। पंडा समाज के सभी पुरोहित अपने अधीनस्थ सभी पंडित जो पिंड दान करवाते हैं, उन्हें निर्देशित करेंगे कि पिंडदान सामग्री को घाट पर बने स्ट्रक्चर में ही विसर्जन करवाये।
समिति का कार्य भी रहेगा की यत्र तत्र नदी में डालने से रोकेंगे एवं व्यापक जन जागरूकता करेंगे। व्यवहार परिवर्तन करवाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए सोमवार से ही घाट पर यह व्यवस्था लागू करवाने का अपील किए हैं।इसके अलावा उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया की घाट पर परमानेंट माइकिंग की व्यवस्था रखे।
पिंडदान के दौरान देश विदेश से आए तीर्थयात्रियों को आवारा पशुओं द्वारा घायल चोटिल ना करें इसके लिए पूरे मेला क्षेत्र में आवारा पशु ना घूमते फिरे, इन पशु को पकड़ कर गौशाला या अन्यत्र स्थान पर जाकर छोड़ने की व्यवस्था करे। मंदिर से घाट जाने वाले विभिन्न रास्तों में लोहे का एक विशेष स्ट्रक्चर तैयार करें जिससे आम श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत भी ना हो सके और आवारा पशु भी घाट पर ना जा सके।
उन्होंने बताया कि ऐसा जानकारी मिला है कि श्मशान घाट से देवघाट जाने वाले रास्ते में घाट पर तीन पहिया चार पहिया वाहन जा रहा है, इसे हर हाल में रोकना अत्यंत आवश्यक है, जिससे घाट की खूबसूरती बनी रहे। वाहन चलने के कारण घाट की टाइल्स टूटने की पूरी संभावना रहेगी। राहगीरों को भी काफी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने श्मशान घाट के समीप स्लाइडिंग गेट लगवाने का निर्देश दिए।
उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि सोमवार से मेला क्षेत्र विशेष कर घाट पर आवारा पशु पकड़ने का अभियान चलावे साथ ही वैसे पशुपालक जो जानबूझकर अपने पशु को सार्वजनिक स्थान यथा घाट पर छोड़ दे रहे हैं, उनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करें साथ ही कम से कम 10 हजार रुपये का फाइन अधिरोपित करें। इसके अलावा उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी सदर तथा नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि नगर निगम के क्षेत्र विशेष कर विष्णु पद मंदिर के 5 किलोमीटर के परिधि में जितने भी सरकारी जमीन पर खटाल खोले हुए हैं, उन्हें नोटिस करें और उनके पशुओं को बांधकर अपने निजी क्षेत्र में रखने का निर्देश दिए हैं। सरकारी जमीन तथा सार्वजनिक स्थान पर खटाल खोलने की बिल्कुल अनुमति नहीं है, जिससे आम राहगीरों को कोई परेशानी हो सके।
नगर आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में गया नगर निगम में काऊ कैचर की मात्र 1 ही मशीन है। उन्होंने नगर आयोग को निर्देश दिया कि एक अतिरिक्त मशीन खरीदने का कार्य तेजी से करे।
बैठक में नगर आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, वरीय उप समाहर्ता सामान्य शाखा सह नोडल पदाधिकारी पितृपक्ष मेला, पर्यटन विभाग के पदाधिकारी, विभिन्न पंडा समाज के पुरोहित, नगर निगम के अभियंता गण सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Aug 13 2023, 17:45