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झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 का आगाज: देश के सभी राज्यों के आदिवासी एक हों, लड़ाई हमारे अस्तित्व की है- हेमंत सोरेन


रांची: झारखंड आदिवासी महोत्सव -2023 का आज आगाज हो गया। आदिवासी दिवस पर देश के कई राज्यों से लोग शामिल होने पहुंचे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मणिपुर हिंसा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी, एक मिनट का मौन रखा गया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिबू सोरेन थे। साथ में सीएम हेमंत सोरेन, चंपई सोरेन और राजेश कक्षा मौजूद थे।

इसके बाद दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। कार्यक्रम में एक साथ 35 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। आदिवासी महोत्सव के मौके पर एक खास डाक टिकट का भी लोकार्पण किया गया है।

इस मौके पर दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने कहा आदिवासी पूरे देश पूरी दुनिया में हैं। आदिवासी जीवन जीने का खाने का प्रयास करता आया है। आदिवासी मजदूरी करता है। हम आदिवासी दिवस मनाते हैं आने वाली पीढ़ी भी मनाती रहेगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बधाई देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। 

उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार जो इस कार्यक्रम शिरकत करने का मौका मिला। इस महोत्सव का अपना एक महत्व है। आज की परिस्थिति में यह दिवस और भी कई मायनों में महत्वपूर्ण है दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए आदिवासी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, साथ ही अपनी समस्याओं पर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि यहां आप सोहराय पेटिंग को भी समझेंगे, आदिवासी व्यंजन जो मुख्यधारा से गायब हो रहे हैं, उसका स्वाद मिलेगा। नृत्य संगीत आदिवासी समाज की पहचान है। 

मणिपुर में जो हिंसा हो रही है वह इस संघर्ष की ही पहचान है। यह संघर्ष है, कट्टरपंथियों और जीओ और जीने दो की उदार ताकतों को बीच। संघर्ष है, प्रकृति का विनाश करने वाले और प्रकृति का सहयोगी बनकर रहने वाले लोगों के बीच। देश के 13 करोड़ से ज्यादा आदिवासी को मैं एक साथ लड़ने की अपील करता हूं। आज देश का आदिवासी बिखरा हुआ है, हम धर्म क्षेत्र के आधार पर बटे हैं। हमारा लक्ष्य, हमारी समस्या एक जैसी है तो हमारी लड़ाई भी एक जैसी होनी चाहिए। 

केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कल का किसान आज साइकिल पर कोयला बेचने को मजबूर है, बंधुआ मजदूर है, लाखों एकड़ जमीन कोयला कंपनियों को दी गयी। हमारी धरती तप रही है लेकिन कंपनी और केंद्र सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है। किसकी संपत्ति खत्म हुई, किसकी जमीन गयी। जो विकसित हैं वो कौन हैं। इतिहासकारों ने भी आदिवासियों के साथ बेईमानी की और आदिवासियों का जिक्र नहीं किया गया है। देश की आजादी के लिए आदिवासियों ने बलिदान दिया।

झारखंड सरकार के इस विश्व स्तरीय आयोजन में 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का आपको संगम दिखेगा। साथ ही साथ असुर, नागपुरी,सराइकेला छऊ, डोमकच, पायका समेत अन्य नृत्य की प्रस्तुति देंगे कलाकार, आदिवासी फिल्म और फैशन शो भी होगा।

 इस कार्यक्रम झारखंडी खानपान, परिधान, फैशन शो, आदिवासी व्यंजन के स्टॉल के साथ, विविध जनजातीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी देखने को मिल रहा है।

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर टाउन हॉल रामगढ़ में हुआ जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

रामगढ़: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवार को छत्तरमांडू स्थित टाउन हॉल भवन में जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में उपायुक्त, रामगढ़ श्री चंदन कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान सर्वप्रथम उपायुक्त चंदन कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार, उप विकास आयुक्त रोबिन टोप्पो सहित अन्य अतिथियों का पौधा व अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया जिसके उपरांत सभी ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उपायुक्त चंदन कुमार ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिवासी समाज हमारे समाज की जड़ की तरह है और किसी भी समाज के विकास के लिए उसकी जड़ का मजबूत होना बेहद जरूरी है। 

मौके पर उपायुक्त ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से मानव सभ्यता के विकास में आदिवासी समाज के योगदान की जानकारी दी उपायुक्त ने कहा कि आदिवासी और प्रकृति एक दूसरे के पूरक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम ध्यान दें तो हम जानेंगे कि आदिवासी समाज के रीति रिवाज, पर्व त्यौहार सहित धार्मिक मान्यताएं भी प्रकृति के संरक्षण से जुड़ी हुई है। 

विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज के विकास में आदिवासी समूह के योगदान को समझने व यह आकलन करने की वर्तमान में आदिवासी समूह के लोगों की स्थिति कैसी हैं, कहीं वे किसी परेशानी में तो नहीं है या किस प्रकार से हम उनके जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं यह समझने की है। इस वर्ष आदिवासी दिवस के थीम पर प्रकाश डालते हुए उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी युवाओं पर यह बड़ी जिम्मेदारी है कि वे आत्मनिर्णय कर किस प्रकार से आदिवासी समाज का विकास सुनिश्चित करेंगे।

 मौके पर उपायुक्त में कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विद्यालयों के बच्चों सहित जिले के सभी आदिवासी समूह के युवाओं से आदिवासी संस्कृति को संरक्षित कर और आगे ले जाने व समाज से विभिन्न कुरीतियां यथा अंधविश्वास, डायन प्रथा, हड़िया सेवन आदि को दूर करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाने की अपील की। 

साथ ही उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा आदिवासी समूह के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं ल। अगर जिले के किसी भी क्षेत्र में लोगों को लगता है कि सरकार की योजनाएं धरातल पर कार्य नहीं कर पा रही है अथवा कोई अन्य समस्या है तो लोग इसकी जानकारी उपायुक्त कार्यालय आकर सीधे उन तक पहुंचा सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा इस दिशा में जरूर कार्य किया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी से विकास कार्यों के दौरान पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखने की अपील की। 

कार्यक्रम के दौरान जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक की सराहना करते हुए उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी से नुक्कड़ नाटक से प्रेरणा लेने, वृक्षों व पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने तथा गलत आदतों से दूर रहने की अपील की।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उप विकास आयुक्त रोबिन टोप्पो ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। 

मौके पर उन्होंने आदिवासी संस्कृति, जीवन पद्धति तथा देश की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कई आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों यथा भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्ह, चांद भैरव आदि को स्मरण कर सभी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील की।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान जिले के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, आवासीय विद्यालयों आदि के छात्र छात्राओं, कला दल के कलाकारों ने स्वागत गान, नृत्य, नुक्कड़ नाटक सहित अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए वही बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कलाकारों, छात्र छात्राओं व विद्यालयों को उपायुक्त सहित अन्य अधिकारियों के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

 कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, रामगढ़ कृपाल कच्छप द्वारा किया गया वहीं मंच का संचालन श्री दिलीप कुमार साहा के द्वारा किया गया।

विश्व आदिवासी दिवस पर बिरसा मुंडा संग्रहालय में दो दिवसीय कार्यक्रम का हुआ आगाज



रांची: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड सरकार रांची के पुराना जेल परिसर यानी बिरसा मुंडा संग्रहालय में विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर शिबू सोरेन थे और अध्यक्षता हेमंत सोरेन कर रहे थे। विश्व आदिवासी दिवस के उद्घाटन पर कई विधायक और अधिकारी भी मौजूद थे।

मुख्य अतिथि शिबू सोरेन के हाथों आदिवासियों पर लिखा 35 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ वही डाक विभाग द्वारा जारी आदिवासी डाक टिकट का भी लोकार्पण किया गया। उद्घाटन के बाद गायिका मोनिका टुडू ने अपने सुर से समा बांध दिया।

विश्व आदिवासी दिवस के इस कार्यक्रम में कुल 72 स्टॉल लगाए गए हैं। हर स्टॉल में आपको अलग-अलग झलकियां देखने को मिलेंगी। रांची में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस का आयोजन दो दिनों तक चलेगा। झारखंड सरकार के इस विश्व स्तरीय आयोजन में 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का आपको संगम दिखेगा।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन


#झारखण्ड की परंपराओं, संघर्षों और इतिहास जानने का अवसर देगा फिल्म फेस्टिवल

#झारखण्ड के उभरते युवा फिल्म निर्माताओं को मिलेगा मंच 

रांची: अनूठी कहानियों, परंपराओं, संघर्षों, दर्शन और इतिहास को करीब से जानने और समझने का अवसर झारखण्ड आदिवासी महोत्सव -2023 के फिल्म फेस्टिवल में मिलेगा। जनजातीय फिल्म महोत्सव का उद्देश्य झारखण्ड के फिल्म निर्माताओं, कलाकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित करना और आदिवासी समुदायों को एक साथ एक मंच पर लाकर झारखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है। साथ ही आदिवासी समुदाय के ज्वलंत मुद्दे और कथाएं सिनेमा के माध्यम से उजागर हो सकेंगी। 

प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर

आदिवासी फिल्म महोत्सव राज्य की प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक अवसर है, जिन्हें ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर आदिवासी फिल्मों की स्क्रीनिंग से मुख्यधारा के सिनेमा में संवाद के लिए जगह बनेगी और ऐसे जरूरी विषयों पर फिल्में बनाने के महत्व को समझने का अवसर मिलेगा। इससे सबसे अधिक युवा फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा। यह कार्यक्रम झारखण्ड के उभरते फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए मंच भी तैयार करेगा।

इन फिल्मों का होगा प्रदर्शन

फिल्म महोत्सव में निर्माता दशरथ हांसदा द्वारा निर्मित फूलमुनी, दीपक बारा की द अगली साइड ऑफ ब्यूटी, दीपक के बेसरा की मोहोत, निजाम की छैला संधु, मेघनाथ की नाची से बांची, बिजु टोप्पो की मुंडारी सृष्टिकथा, अनुज वर्मा की चेरो, एनपीके पुरुषोत्तम की बंधा खेत, प्रियंका पूर्ति की हॉनर्टन रिमिल, रूपेश साहू की रैट ट्रैप इत्यादि जनजातीय फिल्मों के माध्यम से झारखण्ड की परंपराओं, संघर्षों और इतिहास जानने का अवसर प्राप्त होगा।

#JharkhandSeJohar

#आदिवासीदिवस

साहिबगंज : आज से शुरू होगा डिग्री कॉलेजों में 11वीं में नामांकन




साहिबगंज. कॉलेज में 11वीं में नामांकन मंगलवार से शुरू होगा. प्राचार्य डॉ राहुल कुमार संतोष ने बताया कि इंटर 11वीं में नामांकन के लिए इंटर आर्ट्स की चयन सूची जारी कर दी गयी है, जिसका नामांकन 8 से 17 अगस्त तक होगा.

 छात्र अपने साथ मैट्रिक अंकपत्र, प्रवेश पत्र, पंजीयन पत्र, एसएलसी, सीसी, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, माइग्रेशन फॉर्म का हार्ड कॉपी, चालान का ओरिजिनल कॉपी सहित कागजात का फोटोस्टेट कॉपी लेकर छात्र-छात्राएं अपने से नामांकन कराएंगे. जारी सूची में जनरल कैटेगरी में 320, अनुसूचित जनजाति में 166, अनुसूचित जाति में 64,बीसी वन में 51, बीसी-2 में 39 छात्र-छात्राओं का नामांकन होना है.

झारखंड प्रारंभिक विद्यालय प्रशिक्षित सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 का आवेदन आज से


रांची. झारखंड प्रारंभिक विद्यालय प्रशिक्षित सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 के लिए आठ अगस्त से ऑनलाइन आवेदन जमा होना शुरू होगा. 

जेएसएससी की ओर से आहूत उक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए सात सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में इंटरमीडिएट व स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के 26001 पदों पर नियुक्ति की जायेगी. 

नौ सितंबर की मध्य रात्रि तक परीक्षा शुल्क का भुगतान किया जा सकेगा. फोटो व हस्ताक्षर अपलोड कर आवेदन पत्र का प्रिंटआउट लेने के लिए 11 सितंबर की मध्य रात्रि तक लिंक उपलब्ध रहेगा. फिर 13 से 15 सितंबर की मध्य रात्रि तक ऑनलाइन आवेदन पत्र में अभ्यर्थी का नाम, जन्म तिथि, इमेल आइडी व मोबाइल नंबर को छोड़ कर किसी भी अशुद्ध प्रविष्टि को संशोधित करने के लिए पुन: लिंक उपलब्ध कराया जायेगा.

आज होगा निर्मल महतो के शहादत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित


रांची/जमशेदपुर. शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस के मौके पर आठ अगस्त को होनेवाली श्रद्धांजलि सभा में शिबू सोरेन मुख्य अतिथि व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशिष्ट अतिथि होंगे. 

इसके अलावा मंत्री चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन के साथ कोल्हान के सभी झामुमो विधायक शामिल होंगे. समाधि स्थल के चमरिया गेस्ट हाउस में शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि दी जायेगी.

आज होगा निर्मल महतो के शहादत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित


रांची/जमशेदपुर. शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस के मौके पर आठ अगस्त को होनेवाली श्रद्धांजलि सभा में शिबू सोरेन मुख्य अतिथि व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशिष्ट अतिथि होंगे. 

इसके अलावा मंत्री चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन के साथ कोल्हान के सभी झामुमो विधायक शामिल होंगे. समाधि स्थल के चमरिया गेस्ट हाउस में शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि दी जायेगी.

विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड में आयोजित आदिवासी महोत्सव आदिवासियों की संस्कृति और उनके परम्परा का होगा अनूठा संगम

सीएम सोरेन का आदिवासियत की पहचान के लिए एक बड़ा पहल,इस कर्यक्रम से राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की समृद्ध परंपरा से लोग होंगे रूबरू


(झारखंड डेस्क)

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 व 10 अगस्त को झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 का भव्य आयोजन किया जा रहा है।झारखंड में इस आयोजन के साथ हीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की संस्कृति,आदिवासियों की परंपरा, लोकजीवन और उनके संस्कार को दुनिया के सामने लाने के लिये पूरी योजनाबद्ध तरीके से इसकी तैयारी की है।

 आज झारखंड को अलग राज्य बने 23 साल हो गये इन 23 सालों में इस राज्य के अगर रघुबर दास को छोड़ दिया जाए तो सभी मुख्य मंत्री आदिवासी रहे लेकिन दिसोम गुरु शिबू सोरेन ने यहां जिस जंगल जमीन और आदिवासियत की रक्षा करने और उनके हक , उनकी पहचान और अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी वह हेमंत सोरेन वर्तमान में पूरा कर रहे हैं। चाहे सरकार आप के द्वार,कार्यक्रम हो या आदिवासी समाज के लिए शहीद हुए और संघर्ष करने वाले लोगों के नाम पर योजना हो उसे लागू कर हेमंत सोरेन ने आदिवासियों की पहचान और उनकी अस्मिता को जिंदा रखा।

आज हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में ही धरती आवा बिरसा मुंडा को राष्ट्रीय फलक पर प्रधानमंत्री को भी महापुरुष के रूप में स्वीकार करना पड़ा।

आज बिरसा मुंडा हो या सिधु कानु हो या अन्य झारखंड के महापुरुष उनकी स्मृति और आदिवासियत की पहचान के साथ उनके लिए कल्याणकारी कार्यों के लिए भी मौजूदा सरकार देश भर के एक बड़ा चेहरा और राष्ट्रीय राजनीति के सफल व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं।

इस बार विश्व आदिवासी दिवस पर हेमंत सरकार ने आदिवासी महोत्सव का आयोजन करने जा रही है।यह आयोजन

झारखंड की राजधानी रांची के भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय के एक ऐतिहासिक स्थल पर होगा।

 इस अवसर पर कला, संस्कृति के अनुपम संगम, आदिवासी के आन, बान और शान व गौरवशाली इतिहास का झलक इस आयोजन में देखने को मिलेगा।आइये इस महोत्सव में क्या- क्या कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे और क्यों यह आयोजन कुछ खास है जानते हैं इसे...

विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड में 9 व 10 अगस्त को आयोजित यह महोत्सव राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम होगा। हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा इसके भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस अवसर पर झारखंड की जनजातीय कला-संस्कृति का अद्भुत, अनूठा समागम देखने को मिलेगा। रांची के जेल चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय में आयोजित किये जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में लगभग 72 स्टॉल की प्रदर्शनी लगाये जायेगें। इनमें जनजातीय समूहों का भी स्टॉल होंगा

अलग अलग जन जातीय समूह के लिए होंगे अलग स्टॉल

इस महोत्सव-2023 में राज्य के 32 जनजातीय समूहों के 32 स्टॉलों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की ओर से ये स्टॉल लगाये जायेंगे।इसमें राज्य की सभी 32 जनजातियों की कला-संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जनजातीय स्वयं सहायता समूह के 05 स्टॉल भी लगाये जायेंगे। 06 स्टॉल कल्याण विभाग एवं 1-1 स्टॉल खादी और झारक्राफ्ट के भी होंगे।

राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की भी मिलेगी जानकारी

झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 में लोगों को राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी मिलेगी. इसमें कृषि, कल्याण, ग्रामीण विकास, श्रम, शिक्षा, समाज कल्याण आदि से संबंधित योजनाओं के स्टॉल होंगे. प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान एवं बिरसा हरित ग्राम अभियान, सारथी योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड, सर्वंजन पेंशन योजना, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुण्डा ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम (एमजीओएस) आदि से संबंधित स्टॉल लगाये जायेंगे ताकि लोग योजना की जानकारी के साथ-साथ लाभान्वित होने की प्रक्रिया भी जान पायें.

झारखंड आदिवासी महोत्सव में होंगे ये भी स्टॉल

इसके अलावा जोहारग्राम, जोबरा, ट्राइबल इंडियन चेंबर एंड इंडस्ट्री, चाला अखड़ा खोरहा, लाइव आर्टिसन और डॉक्टर मनीषा उरांव ओपन फील्ड के भी स्टॉल लगाये जायेंगे.

अलग अलग प्रदेश के होंगे मेहमान

 महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, राजस्थान के जनजातीय समुदाय के मेहमान अपनी परम्परा और संस्कृति से राज्यवासियों को रूबरू कराएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत नागपुरी, सराइकेला छऊ, डोमकच, पायका समेत अन्य नृत्य की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की जाएग।

विमर्श और सेमिनार का भी होगा आयोजन

एक ओर जहां लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, वहीं दूसरी ओर आदिवासी भाषा के समक्ष चुनौती और अवसर, आदिवासी युवाओं के लिए उद्यमिता, जनजातीय व्यंजनों का विपणन, कृषि पारिस्थितिकी की प्रासंगिकता और महत्व समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा और परिचर्चा का आयोजना होगा।सेमिनार के जरिए आदिवासी इतिहास, मानवशास्त्र, आदिवासी अर्थव्यवस्था- एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था की परिकल्पना, जनजातीय साहित्य-काल्पनिक और गैर-काल्पनिक जैसे विषयों पर लोग अपनी बातों को रखेंगे।

फिल्मों का प्रदर्शन और रैली

महोत्सव में 32 ट्राइब्स की रीझ रंग रसिका रैली निकाली जाएगी। ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन होगा। इसमें पहाड़ा, एड्पा काना, डीबी दुर्गा, बरदु, रवाह, सोंधैयानी, अबुआ पायका, द वॉटरफॉल, बैकस्टेज, सम स्टोरीज अराउंड विचेज, लाको बोदरा, छैला, द अगली साइड ऑफ ऑफ ब्यूटी, बंधा खेत, बठुन्दी, अजतान्त्रिक जैसी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त ड्रोन शो, लेज़र शो, आतिशबाजी और ट्राइबल फैशन शो का भी आयोजन होगा। दो दिनों तक आयोजित इस महोत्सव में 32 स्टॉल जनजातियों के होंगे, जो अलग-अलग आदिवासी समुदाय को रिप्रेजेंट करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न विभागों और सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के भी स्टॉल लगाए जायेंगे।

कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायज़ा

कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने झारखंड आदिवासी महोत्सव की तैयारी को लेकर पूरे कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। मुख्य कार्यक्रम स्थल, प्रदर्शनी, फूड कोर्ट, सेमिनार, पार्किंग, वीआईपी लाउंज, लाइट एंड साउंड शो तथा फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित स्थल, प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था आदि के लिए की जारी रही तैयारियों का जायजा लेते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारी एवं इवेंट मैनेजमेंट टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

इस कार्यक्रम के प्रचार के लिए निकाला गया रथ यात्रा

 आदिवासी महोत्सव और भी भव्य तरीके से मनाने की तैयारी है। कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए बिरसा मुण्डा स्मृति उद्यान से प्रचार रथ भी रवाना किया गया। इसके माध्यम से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कार्यक्रम की जानकारी देने के साथ-साथ महोत्सव में उपस्थित होने का आग्रह किया जा रहा है। मौके पर रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, अपर सचिव (आदिवासी कल्याण) अजय नाथ झा, टीआरआई निदेशक रणेन्द्र कुमार, निदेशक आईटीडीए सुधीर बाड़ा, जिला कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण, खूंटी डीपीआरओ सैयद राशिद अख्तर, डीपीआरओ रांची डॉक्टर प्रभात शंकर, इवेंट मैनेजमेंट टीम के सदस्य एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों को साधने में जुटी पार्टियां,


झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी रांची के बनहौरा मैदान में मनाएगी विश्व आदिवासी दिवस   

रांची: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर झारखंड में सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित होंगे। हर संगठन अपने-अपने हिस्से के आदिवासियों के साथ अपना कार्यक्रम का आयोजन करेगा। कांग्रेस ने भी इस कार्यक्रम को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 

09 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के कार्यक्रम आयोजन करने एवं सफलता बनाने के लिए आज कांग्रेस भवन, रांची में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अध्यक्षता में महासचिवों, रांची ग्रामीण एवं रांची महानगर जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन राजधानी रांची स्थित पंडरा बनहोरा मैदान में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में एक भव्य जनसभा का आयोजन किया जाएगा। 

कांग्रेस के महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने बताया कि 09 अगस्त को आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में संरक्षण प्रतिभा, मशाल मार्च, राष्ट्र के इतिहास और विकास में आदिवासी नेताओं का योगदान को सम्मान देने हेतु श्रद्धांजलि समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। 

बैठक के उपरांत राहुल गांधी के संसद सदस्यता बहाल होने के उपरांत संसद पहुंचने पर पार्टी कार्यालय में पटाखा फोड़ और एक दूसरे को लड्डू खिलाकर बधाई दिया। इस पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि संसद में एक बार फिर किसानों की, युवाओं की, देश के निम्नवर्गीय, मध्यमवर्गीय परिवारों की, महिलाओं की सम्मान की बात गुंजेगा।