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भरी संसद में अमित शाह ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई को दिया चैलेंज, डिटेल में जानिए क्या है पूरा मामला


कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई आज मंगलवार को उस समय विवादों में घिर गए, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच 'गुप्त बातचीत' की जानकारी होने का दावा किया। सभापति बिड़ला को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ओम बिड़ला ने किसी तरह कांग्रेस सांसदों द्वारा की गई निजी बातचीत/अनुरोधों को संसद के बाकी हिस्सों में लीक कर दिया। गोगोई ने पीएम मोदी और ओम बिरला के बीच गुप्त बातचीत को उजागर करने की धमकी देते हुए कहा कि, “आप लोकसभा के संरक्षक हैं।”

कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि, 'क्या मुझे हर किसी को बताना चाहिए कि पीएम मोदी ने आपके कार्यालय के अंदर क्या कहा है? लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता।'' गोगोई के ऐसा कहने पर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उन्हें पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष के बीच कथित 'गुप्त बातचीत' को उजागर करने की चुनौती दी। शाह ने कहा कि, 'हां, हमें बताएं, ये गंभीर आरोप हैं, अध्यक्ष महोदय।' एक अन्य भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गौरव गोगोई, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के बारे में निरर्थक टिप्पणी नहीं कर सकते। गौरव गोगोई ने ओम बिरला से कहा कि, ''हम आपके साथ अपनी निजी बातचीत को निजी रखने की कोशिश करते हैं।'' कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि लोकसभा अध्यक्ष ने किसी तरह उनकी निजी चैट भाजपा सांसदों को लीक कर दी है। ओम बिड़ला ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि, "हमें कभी भी ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जो तथ्यों और सच्चाई पर आधारित न हो।" गोगोई ने यह विवादास्पद टिप्पणी तब की जब भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाने का विकल्प चुनने के लिए राहुल गांधी का मजाक उड़ाया।

दरअसल, भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि, 'हमें जानकारी मिली कि गौरव गोगोई की जगह राहुल गांधी बात करेंगे। क्या हुआ सर!? हम उन्हें सुनने के लिए उत्साहित थे। वे यहाँ क्यों नहीं है।' जिसके बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने यह मान लिया कि ओम बिड़ला ने उन्हें जानकारी दी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मामला पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था और यह कोई विशेषाधिकार प्राप्त बातचीत नहीं थी। कांग्रेस सांसद ने बड़ी चतुराई से अमित शाह की चुनौती का जवाब देने से परहेज किया और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कर दी।

यूपी-बंगाल-झारखंड समेत 6 राज्यों में विधानसभा उपचुनाव का ऐलान, पांच सितंबर को मतदान, आठ को आएंगे परिणाम

#by_elections_on_7_assembly_seats_in_6_states 

सोमवार को चुनाव आयोग ने एक साथ 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही इन सभी 7 विधानसभा सीटों पर आज से आदर्श आचार संहिता लग गया है। जिन-जिन सीटों पर चुनाव होना है वहां का सियासी पारा गरमा गया है। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, झारखंड, त्रिपुरा सहित देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को उपचुनाव का मतदान होगा। वोटों की गिनती 8 सितंबर को होगी।

चुनाव आयोग के अनुसार यूपी की घोषी, झारखंड की डुमरी और केरल की पुथुपल्ली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। वहीं त्रिपुरा की बॉक्सानगर और धनपुर विधानसभा सीट पर भी 5 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी एससी और उत्तराखंड की बागेश्वर एससी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे है।

यूपी की घोषी और त्रिपुरा की धानपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक के इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव होने जा रहा है।त्रिपुरा की धानपुर विधानसभा सीट प्रतिमा भैमिक के इस्तीफे के बाद खाली हुई तो इसी तरह उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। जबकि बाकी सभी 5 विधानसभा सीट के मौजूदा विधायकों के निधन हो जाने के कारण उनकी सीट पर उपचुनाव हो रहा है।झारखंड के डुमरी सीट जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई, केरल की पुथुपल्ली विधानसभा सीट ओमान चांडी के निधन, त्रिपुरा की बोक्सानगर सीट समसुल हक के निधन, पश्चिम बंगाल की धुपगुरी (एससी) विधानसभा सीट बिष्णु पांडे और उत्तराखंड की बागेश्वर (एससी) सीट चंदन राम दास के निधन के बाद खाली हुई है।

चुनाव की अधिसूचना 10 अगस्त को जारी होगी। 17 तारीख तक नामांकन पत्र जमा किये जा सकेंगे। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। इस सभी 7 विधानसभा सीट पर 5 सितंबर को वोटिंग होगी। जबकि 8 सितंबर को वोटों की गिनती होगी।

इमरान खान को मक्खियों, खटमल से भरी कोठरी में रखा गया, जेल के अंदर खुले में जाना पड़ रहा शौचालय, पीटीआई का दावा

#pak_ex_pm_imran_kept_in_bug_infested_jail_cell_given_c_class_facilities 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर गिरफ्तार कर लिए गए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने और अदालत द्वारा 3 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।इस बीच हैरान करने वाली खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि इमरान खान को अदालत ने रावलपिंडी की जेल ले जाने का आदेश दिया था, लेकिन उन्हें अटक शहर की जेल भेज दिया गया।दावा किया जा रहा है कि अटक जेल की जिस कोठरी में इमरान खान को रखा गया है वह मक्खियों और खटमल से भरी हुई है तथा उसमें शौचालय भी खुले में बनाया हुआ है। 

इमरान खान के अटॉर्नी जनरल नईम हैदर पंजोठा ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष को पंजाब प्रांत में स्थित जेल में सी-श्रेणी की सुविधाएं दी जा रही हैं।उन्होंने बताया कि देश की विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को जेल की जिस कोठरी में रखा गया है वहां मक्खियां तथा खटमल भरे पड़े हैं।पंजोठा ने सोमवार को खान से जेल में मुलाकात करने के बाद कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री छोटे-से कमरे में बंद हैं ‘जिसमें खुले में शौचालय बना हुआ है।’ 

पंजोठा ने कहा कि खान ने उन्हें बताया है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया और पुलिस ने लाहौर में उनके घर में उनकी पत्नी के कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी की थी।उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के लिए कानूनी दस्तावेज पर उनके दस्तखत कराने के लिए जेल के एक अधिकारी की मौजूदगी में खान से करीब एक घंटे 45 मिनट तक मुलाकात की। वकील ने मीडिया से कहा कि खान ने बताया है कि उन्हें एक अंधेरे कमरे में रखा गया है जहां खुले में शौचालय बना है और वहां दिन में मक्खियां मंडराती रहती हैं और रात में चीटियां आती हैं।

पंजोठा ने खान के हवाले से कहा, मुझे अंधेरे कमरे में रखा गया है जिसमें कोई टेलीविजन या अखबार नहीं है। किसी को मुझसे मिलने नहीं दिया जाता है, जैसे कि मैं कोई आतंकवादी हूं।

इस्लामाबाद की एक निचली अदालत द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें रावलपिंडी की अडियाला जेल में होना चाहिए था। खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उन्हें शनिवार को लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत के आदेश के अनुसार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, जबकि पंजाब पुलिस ने खान को गिरफ्तार किया।

सूर्य की सतह पर जबरदस्त विस्फोट

सूर्य की सतह पर जबरदस्त विस्फोट हुआ है। विस्फोट से विशाल ज्वाला निकली है और इसके बाद उठा सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है।

आर्यभट्ट प्रक्षेण विज्ञान शोध संस्थान ( एरीज) नैनीताल के पूर्व निदेशक डॉ वहाब‌उदीन ने बताया कि सूर्य की सतह पर (सनस्पाट एआर -3386) विस्फोट भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजे बजे हुए। यह 4.10 तक जारी रहा।‌ करीब 55 मिनट तक रहे विस्फोट में एक्स 1.6 श्रेणी की विशाल सौर ज्वाला उत्पन्न हुई।

नासा की सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने इस विस्फोटक को कैमरे में कैद किया है। इससे निकली और ज्वाला ने पृथ्वी के वायुमंडल के शीर्ष को आयनित कर दिया। इसके परिणामस्वरूप प्रशांत महासागर के ऊपर शार्ट वेव रेडियो ब्लैक‌आउट हो गया। विस्फोट से सीएम‌ई यानी उच्च ऊर्जावान कण छिटके है। गनीमत है कि यह सीधे पृथ्वी की ओर नहीं आ रहा है,मगर यह पहले से मौजूद किसी अन्य सीएम‌ई की ऊर्जा में जुड़ जाएंगे।

जिस कारण अगले नौ अगस्त को इसका असर पृथ्वी के ध्रुवों पर देखने को मिल रहा है। जिसमें रंग -बिरंगी रोशनी ( अरोरा) देखने को मिलेगी। फिलहाल पृथ्वी के इलेक्ट्रॉनिक कृत्रिम उपग्रहों के प्रभावित होने की आशंका बहुत है।

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि को

इस साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा, यह महीना पितृपक्ष का महीना होगा और अमावस्या का दिन होगा। ऐसे में श्राद्ध के दिनों में सूर्य ग्रहण का मतलब कुछ खास होगा। आपको बता दें कि शनिवार 14 अक्टूबर को रात में 8.34 से यह ग्रहण शुरू होगा, जो मध्य रात्रि 2.25 पर समाप्त होगा।

इस ग्रहण को कंकणाकृती सूर्य ग्रहण कहा जाएगा साल 2023 में कुल चार ग्रहण होंगे।इस साल एक सूर्य ग्रहण लग चुका है और अब एक और सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा।

इस बार सर्वपितृ श्राद्ध ग्रहण के बाद मंदिर साफ करने के बाद किया जा सकता है। सूर्य ग्रहण धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस ग्रहण का सूतक लगेगा। इसलिए इस ग्रहण के ज्योतिष के क‌ई मायने होंगे।

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

अविश्वास की राजनीति, भारत में 60 साल में 28 नो कॉन्फिडेंस मोशन, नेहरू-कृपलानी की पहली बहस से शुरुआत, इंदिरा गांधी ने सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव किया फेस


कांग्रेस और तेलंगाना सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और बीआरएस की ओर से नामा नागेश्वर राव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। यह कोई पहला मौका नहीं जब किसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया हो। यह 28 वां अवसर है जब केंद्र की सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस और बीआरएस की ओर से दिए गए ताजा नोटिस से पहले 27 बार सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश हो चुके हैं। हालांकि एक बार भी ऐसा नहीं हुआ जब अविश्वास प्रस्ताव से सरकार गिरी हो। 1979 में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद मोरारजी देसाई की सरकार गिरी जरूर थी लेकिन तब भी वोटिंग की नौबत नहीं आई थी। मोरारजी देसाई ने वोटिंग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

 साल 1963 में जब संसद में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ था, तब से लेकर अब तक 60 साल के इतिहास में 27 बार संसद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गवाह बन चुकी है। अकेले इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकारों के खिलाफ 15 बार अविश्वास प्रस्ताव आए थे। हालांकि हर बार अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया। यह आंकड़ा अब तक 28 (गौरव गोगोई और नामा नागेश्वर राव की ओर से पेश वर्तमान प्रस्ताव समेत) अविश्वास प्रस्ताव के आधे से भी अधिक है। 

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज से बहस शुरू हुआ। 10 अगस्त को पीएम मोदी जबाव देंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा जारी है।

म्यांमार बॉर्डर तक बिछेगी रेल लाइन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, तो मिजोरम के गवर्नर ने जताया आभार

मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने 223 किलोमीटर के महत्वपूर्ण रेलवे लिंक को मंजूरी देने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया, जो आइजोल में सैरांग को म्यांमार सीमा के पास हबिचुआ से जोड़ेगा। राज्यपाल कंभमपति ने एक ट्वीट के माध्यम से इस रेलवे ट्रैक के मिजोरम की प्रगति और कनेक्टिविटी पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर सराहना साझा की।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस रेलवे परियोजना के आर्थिक और रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। मोदी सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप, यह रेलवे लिंक प्रगति और एकता का प्रतीक है। अंतिम स्थान सर्वेक्षण (FLS) के लिए रेलवे बोर्ड की मंजूरी एक निर्णायक कदम है। इस रेलवे परियोजना से पूर्वोत्तर भारत को हबिचुआ के माध्यम से एक नया प्रवेश द्वार प्रदान करने की उम्मीद है, जिससे माल का सुगम और लागत प्रभावी परिवहन संभव हो सकेगा। म्यांमार में हाल ही में उद्घाटन किया गया सिटवे बंदरगाह भी समुद्री संबंधों को बढ़ावा देने वाली इस योजना का हिस्सा है।

एनएफ रेलवे बैराबी से सैरांग तक 51.38 किमी लंबी रेलवे लाइन और इंफाल से मोरेह तक 111 किमी लंबी लाइन पर लगन से काम कर रहा है, जो देशों को जोड़ रहा है और भारत और म्यांमार के बीच कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है। यह ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच व्यापार कनेक्टिविटी बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने का वादा करती है। इसकी परिकल्पना पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक जीवन शक्ति लाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई है। अंत में, यह रेलवे परियोजना एक उज्जवल और अधिक एकजुट भविष्य का प्रतीक है, जहां रेलवे कनेक्टिविटी, समृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

सदस्यता बहाली के बाद राहुल गांधी को मिला सरकारी बंगला, लोकसभा की हाउस समिति ने किया तुगलक लेन वाला पुराना घर ही किया आवंटित

#rahulgandhiallottedbungalowof12tughlaq_lane

पहले सांसदी मिली अब सरकारी बंगला भी। लोकसभा की सदस्यता फिर से हासिल करने के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना बंगला वापस मिलेगा। लोकसभा की हाउस सीमिति ने राहुल को उनका पुराना 12 तुगलक लेन बंगला आवंटित किया है।

लोकसभा की हाउस सीमिति ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद मंगलवार को उनको पुराना सरकारी आवास आवंटित कर दिया है। इससे पहले 'मोदी उपनाम' टिप्पणी मामले में चार अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली थी। सर्वोच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी कर उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के बाद सोमवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी बहाल कर दी गई थी।

राहुल बोले- मेरा घर पूरा हिंदुस्तान

इस बीच राहुल गांधी असम कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक के लिए एआईसीसी मुख्यालय पहुंचे। जब कांग्रेस सांसद से अपना आधिकारिक आवास वापस पाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है।

22 अप्रैल को बंगला किया था खाली

बता दें कि राहुल गांधी का पहले आधिकारिक निवास 2005 से राष्ट्रीय राजधानी में 12, तुगलक लेन बंगला था। करीब 19 साल तक ये उनका आधिकारिक आवास था। 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के एक महीने बाद 22 अप्रैल को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। गुजरात की जिला अदालत द्वारा दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।अयोग्यता के बाद, सांसदों को अधिकतम एक महीने की अवधि के लिए अपने आधिकारिक आवास को बनाए रखने की अनुमति होती है।

मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर उनकी सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगा दी थी। जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के जज ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को निचले सदन की बैठक में शामिल हुए। मानहानि के एक मामले में गुजरात की एक अदालत ने उनको दोषी करार दिया था, जिसके बाद 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया था।

लूना-25 के साथ चंद्रमा पर वापसी की तैयारी में रूस, 11 अगस्त को लॉन्च करेगा मिशन मून

#russiatolaunchluna25moonmission

भारत अपने चंद्रयान-3 के साथ मिशन मून पर निकल चुका है। चंद्रयान-3 5 अगस्त चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंच भी चुका है। भारत की इस सफलता पर दुनियाभर के देशों की नजर है।भारत के इस कदम से रूस एक बार फिर उत्साह में है और चांद की ओर बड़ा कदम बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। लगभग 50 साल के अंतराल के बाद रूस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने वाला पहला देश बनने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है।बताया जा रहा है कि रूस 11 अगस्त को चांद के लिए मिशन लूना-25 लॉन्च कर सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने भी इसकी पुष्टि की है।रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है।

रोस्कोस्मोस ने इस संबंध में बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रक्षेपण 11 अगस्त को होगा। इसे राजधानी मॉस्को से लगभग 5,550 किमी पूरब में स्थित वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया जाएगा। इसे सोयुज-2 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए वहां एक गांव को खाली कराया जाएगा। रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने बयान में यह भी बताया है कि लूना-25 का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग टेस्टिंग करना, मिट्टी और पानी के नमूने लेना और उनका विश्लेषण करना है। साथ ही दीर्घकालिक वैज्ञानिक अनुसंधान करना भी है। 

पहले किससे कदम पड़ेंगे?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि वह 23 अगस्त के आसपास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करने की योजना बना रहे हैं। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहीं रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि उसके लूना-25 (Luna-25) अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक उड़ान भरने में पांच दिन लगेंगे। इसके बाद वह 5-7 दिन चांद की ऑर्बिट में रहेगा। इसके बाद चांद पर उतरेगा। यानी इसका चांद पर उतरने का समय करीब-करीब वही रहेगा या कुछ घंटे पहले का रहेगा, जब हमारा चंद्रयान-3 चांद की धरती पर उतरेगा।

लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी

मूल रूप से अक्टूबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी हुई है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पायलट-डी नेविगेशन कैमरे को लूना-25 से जोड़कर उसका परीक्षण करने की योजना बनाई थी। मगर पिछले साल फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने इस परियोजना से अपना नाता तोड़ लिया।

चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचेगा पहला लैंडर

बता दें कि लगभग एक महीने पहले मून लैंडर की निर्माता और रूसी एयरोस्पेस कंपनी एनपीओ लावोचकिना ने घोषणा की थी कि लूना-25 अंतरिक्ष यान के निर्माण पर काम पूरा हो गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी का दावा है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा।

लूना-25 के साथ चंद्रमा पर वापसी की तैयारी में रूस, 11 अगस्त को लॉन्च करेगा मिशन मून

#russiatolaunchluna25moonmission

भारत अपने चंद्रयान-3 के साथ मिशन मून पर निकल चुका है। चंद्रयान-3 5 अगस्त चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंच भी चुका है। भारत की इस सफलता पर दुनियाभर के देशों की नजर है।भारत के इस कदम से रूस एक बार फिर उत्साह में है और चांद की ओर बड़ा कदम बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। लगभग 50 साल के अंतराल के बाद रूस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने वाला पहला देश बनने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है।बताया जा रहा है कि रूस 11 अगस्त को चांद के लिए मिशन लूना-25 लॉन्च कर सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने भी इसकी पुष्टि की है।रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है।

रोस्कोस्मोस ने इस संबंध में बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रक्षेपण 11 अगस्त को होगा। इसे राजधानी मॉस्को से लगभग 5,550 किमी पूरब में स्थित वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया जाएगा। इसे सोयुज-2 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए वहां एक गांव को खाली कराया जाएगा। रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने बयान में यह भी बताया है कि लूना-25 का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग टेस्टिंग करना, मिट्टी और पानी के नमूने लेना और उनका विश्लेषण करना है। साथ ही दीर्घकालिक वैज्ञानिक अनुसंधान करना भी है। 

पहले किससे कदम पड़ेंगे?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि वह 23 अगस्त के आसपास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करने की योजना बना रहे हैं। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहीं रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि उसके लूना-25 (Luna-25) अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक उड़ान भरने में पांच दिन लगेंगे। इसके बाद वह 5-7 दिन चांद की ऑर्बिट में रहेगा। इसके बाद चांद पर उतरेगा। यानी इसका चांद पर उतरने का समय करीब-करीब वही रहेगा या कुछ घंटे पहले का रहेगा, जब हमारा चंद्रयान-3 चांद की धरती पर उतरेगा।

लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी

मूल रूप से अक्टूबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी हुई है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पायलट-डी नेविगेशन कैमरे को लूना-25 से जोड़कर उसका परीक्षण करने की योजना बनाई थी। मगर पिछले साल फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने इस परियोजना से अपना नाता तोड़ लिया।

चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचेगा पहला लैंडर

बता दें कि लगभग एक महीने पहले मून लैंडर की निर्माता और रूसी एयरोस्पेस कंपनी एनपीओ लावोचकिना ने घोषणा की थी कि लूना-25 अंतरिक्ष यान के निर्माण पर काम पूरा हो गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी का दावा है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा।