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उज्जैन में आरती के बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में, हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट


उज्जैन में पांच सवारी के साथ देवाधिदेव भगवान महाकालेश्वर नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान भगवान के जयकारे लगे।

सवारी प्रारंभ होने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में षोडशोपचार पूजन-अर्चन श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा करवाया गया। इस दौरान सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। आरती के बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में और हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप मे विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को गॉड ऑफ ऑनर सलामी दी गई।

संत कालीचरण महाराज ने बाबा महाकाल के किये दर्शन

महाकाल की पांचवीं सवारी से पहले सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया गया। 

इस पूजन में पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा किया गया। इस दौरान सभागृह में महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज भी पहुंचे, जिन्होंने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद लिया। महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज ने सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया। सभा मंडप में पूजन के बाद बाबा महाकाल की सवारी शुरू हो गई।

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के PF के 23 लाख चुकाने के पैसे नहीं, मैडम ने ली 20 लाख की लग्जरी गाड़ी, अपने इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी की, मामला दर्

सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट मध्यप्रदेश (CEDMAP) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) अनुराधा सिंघई के खिलाफ एमपी नगर थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज हुई है। आरोप है कि उन्होंने नियुक्ति पाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी की है। उन्होंने अपने पड़ोसी को नौकरी दी और अपनी जाति के लोगों को ही सेडमैप में नौकरी पर रखा। अनुराधा सिंघई दो साल से इस संस्थान की ईडी हैं। सेडमैप एमपी का इकलौता ऐसा संस्थान है जो सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन करता है।

FIR के मुताबिक 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में उनकी आय 9.74 लाख बताई गई है। इसमें 6 लाख रुपए की इनकम मकान किराए से दिखाई गई है। 2020-21 के आईटीआर में अचानक ये आय 20.20 लाख हो गई। इसमें भी 6 लाख रुपए किराए से मिले, लेकिन अचानक बढ़ी हुई ये आय भी नियुक्ति के लिए जरूरी शर्त 15 लाख की कास्ट टू कंपनी (सीटीसी) से कम है। सीटीसी वह राशि होती है, जो कंपनी किसी एक कर्मचारी पर वेतन-भत्तों आदि पर खर्च करती है।

मैडम पर लगे आरोपों की फेहरिस्त लंबी है। ये भी आरोप हैं कि उन्होंने सेडमैप में अपने परिचित और रिश्तेदारों को अहम पद दिए। कर्मचारियों के पीएफ के पैसे देने के लिए संस्थान के पास पैसे नहीं थे, लेकिन इसी दौरान 2022 में उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए करीब 20 लाख रुपए कीमत की लग्जरी एमजी हेक्टर कार सेडमैप से खरीदवा ली।

पड़ोसी को वित्तीय सलाहकार बनवाया

सेडमैप के नियमों के तहत किसी परिचित या रिश्तेदार को सेडमैप में कोई लाभ का पद नहीं दिया जा सकता। अनुराधा सिंघई ने अपने पड़ोसी बसंत कुमार श्रीवास्तव को वित्तीय सलाहकार का पद दिया। अपने परिचितों को अवैध वित्तीय लाभ पहुंचाया। चार्टर्ड अकाउंटेंट राहुल जैन को मैन पावर डिवीजन का काम ठेके पर दिया। उनकी पार्टनरशिप वाली फर्म सीपी जैन एंड कंपनी को इंटरनल ऑडिट और एकेबी जैन एंड कंपनी को लीगल ऑडिट (वैधानिक अंकेक्षण) का काम बढ़ी हुई दरों पर दिया। अकाउंट सेक्शन में निखिल जैन को नियुक्त किया।

सेडमैप के ईडी पद के लिए निकले विज्ञापन के अनुसार कार्यकारी संचालक के पद हेतु 10 वर्षों का कार्य अनुभव जरूरी था, लेकिन सिंघई के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था। उनका अनुभव केवल इंडो यूरोपियन चैंबर ऑफ कॉमर्स में कार्य करने का था, जो उनका ही संस्थान था।

सेडमैप ईडी रहते दूसरी कंपनी में डायरेक्टर रहीं, मीटिंग में शामिल हुईं।

सेडमैप ईडी अनुराधा सिंघई पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने पद पर रहते हुए निजी कंपनी के हितों में भी काम किया। पुलिस को दिए दस्तावेज में बताया गया है कि उन्होंने 28 जुलाई 2021 को कार्यकारी संचालक के पद पर जॉइनिंग ली, लेकिन कल्पमेरु सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से उन्होंने अपने इस्तीफे की सूचना 15 मार्च 2022 को दी। इसमें बताया कि उन्होंने जॉइनिंग से पहले 25 जुलाई 2021 को ही इस्तीफा दे दिया था। सवाल है कि यदि उन्होंने इस्तीफा दे दिया था तो इसकी जानकारी देने में इतना वक्त क्यों लगा?

अनुराधा सिंघई सेडमैप की ईडी रहते हुए निजी कंपनी की मीटिंग में डायरेक्टर की हैसियत से 30 दिसंबर 2021 को शामिल हुईं। इसके भी दस्तावेज पुलिस को दिए गए हैं। एमपी नगर पुलिस ने अपने जांच प्रतिवेदन में कोर्ट को बताया है कि इन तथ्यों के आधार पर इस मामले में आगे और जांच की जरूरत है।

एमपी नगर के थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया कहते हैं कि कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में एफआईआर हुई है। हालांकि, गिरफ्तारी के सवाल पर वे कहते हैं कि केस गंभीर प्रकृति का है। इस मामले में जो भी जरूरी होगा, वो कार्रवाई की जाएगी।

9 सालों में 400% से अधिक बढ़ा खादी का कारोबार, देश के श्रमिकों को मिला लाभ, पढ़िए, हथकरघा दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2023 मनाने के कार्यक्रमों में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि खादी पहनने वाले लोगों को हीन भावना से देखा जाता था और आजादी के बाद, कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर बहुत कम जोर दिया गया, जो पिछली शताब्दी में बहुत मजबूत हुआ करता था, लेकिन इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार 2014 से इस मानसिकता को बदलने के लिए काम कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि, 'आजादी के बाद कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जो पिछली शताब्दी के दौरान इतना मजबूत था, स्थिति यह थी कि इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था, जो लोग खादी पहनते थे उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाता था जटिल, 2014 से हमारी सरकार इस मानसिकता को बदलने पर काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि, ''भारत के बुनकरों और देश के हथकरघा क्षेत्र के लिए पिछले वर्षों में अभूतपूर्व काम किया गया है।'' यह दिन भारत में देश के हथकरघा बुनकरों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शिल्प कौशल का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

 पीएम मोदी ने कहा, "भारत और विदेशों में खादी कपड़ों की मांग बढ़ रही है। पिछले नौ वर्षों में हथकरघा कारोबार का कारोबार लगभग 30,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,30,000 करोड़ रुपये (400% से अधिक की वृद्धि) से अधिक हो गया है।" बता दें कि, इतिहास में पहली बार भारतीय खादी की बिक्री एक लाख करोड़ के पार पहुंची है। वहीं, राहुल गांधी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कमल हासन से बात करते हुए कहा था कि, GST ने खादी उद्योग को मार डाला है, हालाँकि, आंकड़े जबरदस्त वृद्धि की गवाही दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र ने जो अधिशेष राशि उत्पन्न की है, उससे देश के गरीब कारीगरों, कारीगरों और हथकरघा श्रमिकों को लाभ हुआ है।" बता दें कि हर साल, यह दिन हथकरघा क्षेत्र के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और भारत की सामाजिक आर्थिक प्रगति में इसके योगदान के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। 

  

इस अवसर पर पीएम मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) द्वारा विकसित कपड़ा और शिल्प भंडार 'भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष' का ई-पोर्टल भी लॉन्च किया। प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में 3,000 से अधिक हथकरघा और खादी बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा और MSME क्षेत्रों के हितधारकों ने भाग लिया। बयान में कहा गया है कि यह पहल पूरे भारत में हथकरघा समूहों, निफ्ट परिसरों, बुनकर सेवा केंद्रों, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान परिसरों, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद, केवीआईसी संस्थानों और विभिन्न राज्य हथकरघा विभागों को एक साथ लाएगी। सरकार ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की स्थापना की, जिसका पहला उत्सव 7 अगस्त 2015 को हुआ था।

बता दें कि इस तारीख को स्वदेशी आंदोलन के सम्मान के रूप में चुना गया था, जो 7 अगस्त, 1905 को शुरू हुआ और इसी दिन स्वदेशी उद्योगों, विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को बढ़ावा दिया गया। यह दिन हथकरघा-बुनाई समुदाय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को उजागर करने में महत्वपूर्ण है। हथकरघा उद्योग देश की शानदार सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक और देश के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत दोनों है।

यह देखते हुए कि हथकरघा बुनकरों और संबंधित कर्मचारियों में 70% से अधिक महिलाएं हैं, यह उद्योग महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन, हथकरघा बुनकरों के समुदाय को मान्यता दी जाती है, और देश की सामाजिक आर्थिक उन्नति में उनके योगदान पर जोर दिया जाता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि हम अपनी हथकरघा विरासत को संरक्षित करने और हथकरघा बुनकरों और कर्मचारियों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत-चीन विवाद पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर- सीमाओं को किया जा रहा मजूबत, जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हम

#indiachinabordertalksnothaltedsaidindianforeignministerjaishankar

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा है, कि भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता रुकी नहीं है। पिछले तीन वर्षों में सीमा पर बने तनाव के मामले में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं को मजूबत किया जा रहा है। बता दें कि साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। जिसके बाद से तनाव की स्थिति बरकरार है।

दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन ने पिछले तीन वर्ष में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले पांच-छह बिंदुओं पर वार्ता के जरिए प्रगति की है तथा बाकी के मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष की ओर से सीमा विवाद पर सरकार की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने पत्रकारों के एक समूह से कहा कि कुछ जटिलाएं हैं और दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे हैं। इस पर जल्द बैठक होगी।

चीनी गतिविधि का जवाब देने में हैं सक्षम-जयशंकर

सीमा पर बुनियादी ढांचा विकसित करने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल अब तेजी से सैनिकों की तैनाती करने तथा चीनी सेना की गतिविधि का प्रभावी जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप पूछे कि 2014 के बाद भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना किसी भी चीनी गतिविधि का बेहतर तरीके से जवाब देने में सक्षम है तो जवाब 'हां, बिल्कुल है', होगा।

भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा जारी-जयशंकर

वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हम भूटान और असम के बीच रेल मार्ग बनाने पर बातचीत कर रहे हैं। भूटान पर्यटकों के लिए और अधिक प्वाइंट खोलने के लिए बहुत उत्सुक है और यह असम के लिए बहुत अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भूटान-चीन वार्ता का सवाल है, वे बातचीत कर रहे हैं और 24 दौर पूरे हो चुके हैं। अभी वे लोग और बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम उनकी वार्ता पर नजर रखे हुए हैं कि इसका हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग पर कहा, ‘वहां मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण यह राजमार्ग बड़ी चुनौती बना हुआ है। भारत को परियोजना को पूरा कर म्‍यांमार के सिटवे बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त करने के लिए म्यांमार में अधिकारियों के साथ बातचीत करनी होगी।

राहुल गांधी की सांसदी हुई बहाल, क्या अब वापस मिलेगा वहीं पुराना सरकारी बंगला?

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राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी गई है। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद पहुंचे। 137 दिन बाद संसद में वापसी करते हुए वो एक बार फिर सांसद कहलाए। राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद अब उनके सरकार बंगले में वापसी की बात हो रही है। अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी ने अपना दिल्ली का बंगला खाली कर दिया था। सवाल उठ रहे हैं किया उन्हें फिर पुराना सरकारी बंगला मिलेगा?

22 अप्रैल को बंगला किया था खाली

बता दें कि राहुल गांधी का पहले आधिकारिक निवास 2005 से राष्ट्रीय राजधानी में 12, तुगलक लेन बंगला था। करीब 19 साल तक ये उनका आधिकारिक आवास था। 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के एक महीने बाद 22 अप्रैल को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। गुजरात की जिला अदालत द्वारा दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।अयोग्यता के बाद, सांसदों को अधिकतम एक महीने की अवधि के लिए अपने आधिकारिक आवास को बनाए रखने की अनुमति होती है।

क्या कहता है नियम?

बता दें कि सांसदों को बंगला आवंटन और रद्द करने के लिए सांसदों वाली एक हाउस कमिटी है। ये कमिटी ही केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से बंगला आवंटन के लिए सिफारिश करती है। अब सदस्यता बहाल होने के बाद कमिटी की सिफारिश के आधार पर राहुल को बंगला मिलेगा। नियम के मुताबिक, उन्हें टाइप-VII आवास आवंटित हो सकता है। दरअसल, वर्तमान में आठ तरह के सरकारी आवासों की श्रेणियां हैं यानी एक से आठ। केंद्रीय मंत्रियों को टाइप-VIII आवास मिलता है जो सबसे बड़ी श्रेणी है। टाइप-V और टाइप-VII आवास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को आवंटित किए जाते हैं। बाकी अन्य श्रेणियों के आवास शासकीय कर्मियों को आवंटित किए जाते हैं। राहुल गांधी संसद में तीन बार कार्यकाल पूरा कर चुके हैं इसलिए वह टाइप-VII बंगले के लिए पात्र हैं।

संसद में उठा “न्यूज क्लिक” का मामला, बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, कहा-चीन से आया फंड, पीएम मोदी के खिलाफ बनाया गया माहौल

#bjp_allegation_in_the_parliament_is_anti_india_news_click

लोकसभा में आज मीडिया पोर्टल न्यूज क्लिक का मुद्दा उठा। सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में मीडिया में चाइनीज फंडिंग का मुद्दा उठाया।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संस्थान को देश विरोधी बताया और कांग्रेस की साजिश करार दिया। दुबे ने दावा किया संस्थान को चीन से फंडिंग मिलती है।निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि देश में चीन के पैसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाया गया। 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि न्यूज क्लिक वेबसाइट में चीन का पैसा लगा है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि न्यूज क्लिक पर रेड पड़ी थी उसके बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने बड़ा खुलासा किया है। इसमें पता चला है कि न्यूज क्लिक में चीन का पैसा लगा था और ये पैसे कहां-कहां दिए गए थे। उन्होंने कांग्रेस पर चीन के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि जब चीन में ओलंपिक हुआ तो सोनिया गांधी को बुलाया गया था। 2017 में जब डोकलाम हुआ था तो राहुल गांधी चीन के अधिकारी के साथ बातचीत कर रहे थे।

इस मामले पर आईटी मंत्री मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तो ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ भी मान रहा है कि नेविल राय सिंघम और उनका न्यूजक्लिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का एक खतरनाक उपकरण है, जो दुनिया में चीनी एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत में संस्थान के खिलाफ जो पांच दिनों तक रेड चली उसमें विदेश फंडिंग का पता चला। नेविल सिंघम का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संपर्क है। न्यूजक्लिक एक देश विरोधी संस्थान है। 2021 में सरकार ने खुलासा किया कि कैसे विदेशी प्रोपेगेंडा भारत के खिलाफ है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस एंटी-इंडिया मूवमेंट्स में विपक्ष भी उनके साथ जुड़ गए। उन्होंने कांग्रेस, बड़े पत्रकारों और टीएमसी सांसदों तक के ट्वीट शेयर किए। चीन के नैरेटिव को बनाने के लिए वे लोग साथ मिल गए। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया।ये फ्री न्यूज के नाम पर फेक न्यूज परोसने वाले हैं। इनका समर्थन कर कांग्रेस और बाकी अन्य दलों ने किया।

*राहुल की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान-अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान न्यूज क्लिक से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान है।उन्होंने कहा, न्यूज क्लिक जब शुरू हुआ, उसके बाद करोड़ों रुपये की फंडिंग मिली।अनुराग ठाकुर ने कहा, चीन के प्रति प्यार दिखता था और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार विदेशी जमीन से, विदेशी न्यूज एजेंसियों के माध्यम से भी प्रोपेगेंडा के तहत होता था

अनुराग ठाकुर का जोरदार हमला

अनुराग ठाकुर ने कहा, न्यूयॉर्क टाइम्स से बहुत पहले, भारत लंबे समय से दुनिया को बताता रहा है कि न्यूजक्लिक चीनी प्रचार का एक खतरनाक वैश्विक जाल है। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लिए नेविल और न्यूज़क्लिक का बचाव करना स्वाभाविक है क्योंकि उसके नेतृत्व के लिए राष्ट्रीय हित कभी मायने नहीं रखता। उन्होंने साल 2008 में कथित सीपीसी के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। केंद्रीय मंत्री ने का कि ये वो ही कांग्रेस पार्टी नहीं है जिसने चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए दान स्वीकार किया था? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घमंडिया गठबंधन और इसके नेता और इससे पोषित-समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते। भारत कैसे कमजोर हो, कैसे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाया जाए और कैसे भारत विरोधी अजेंडे को हवा दी जाए, ये सब चिंता इस गठबंधन से जुड़े लोग करते हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर से सनसनीखेज खुलासा

बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि चीन न्यूज क्लिक को फंडिंग करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में बताया गया कि भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पैसे दिए गए। चीन की ओर से 38 करोड़ रुपए दिए गए। न्यूज क्लिक के प्रमोटर के ईमेल से खुलासा हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो साल पहले अपनी जांच में मीडिया पोर्टल न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग का पता लगाया था। जांच में पता चला कि कैसे नेविल रॉय सिंघम ने न्यूज क्लिक को 38 करोड़ रुपये दिए थे। ये पैसे साल 2018 से 2021 के बीच दिए गए। नेविल रॉय सिंघम अमेरिका का नागरिक है लेकिन वो क्यूबा-श्रीलंका मूल का है। जांच में पता चला है कि नेविल रॉय सिंघम दरअसल चीन की प्रोपेगंडा पार्टी सीपीसी यानी क्म्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के साथ जुड़ा हुआ है। ईडी ने इस मामले में फरवरी महीने में न्यूज क्लिक के गुरुग्राम दफ्तर और एडिटर प्रबीर पुरकायस्था के यहां छापेमारी कर अहम दस्तावेज भी जुटाए थे। ईडी ने मनी लॉड्रिंग का ये मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में अगस्त 2020 में दर्ज एफआईआर पर किया था।

अब इसे लेकर 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में भी एक्टिविस्ट ग्रुप्स, गैर-लाभकारी संगठनों, शेल कंपनियों और चीन के साथ उनके नेटवर्क का पता चला है।इस पूरे नेटवर्क के केंद्र में नेविल रॉय सिंघम हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है, सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट, न्यूजक्लिक को फंडिंग दी है। इसमें जरिए चीनी सरकार के मुद्दों को कवर किया गया।

*सदस्यता बहाल होने के बाद संसद भवन पहुंचे राहुल गांधी, बापू की प्रतिमा को किया प्रणाम

#rahul_gandhi_returns_parliament

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की करीब 4 महीने के बाद संसद में वापसी हो गई है. मोदी सरनेम मामले में उन्हें 2 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद संसद की सदस्यता छिन गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो राहुल की सदस्यता भी बहाल हो गई। जिसके बाद सोमवार को राहुल लोकसभा पहुंचे।

सोमवार दोपहर 12 बजे राहुल गांधी लोकसभा में पहुंचे संसद पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गांधी प्रतिमा को नमन किया। इस दौरान संसद में उनके स्वागत के लिए कई दलों के नेता भी मौजूद रहे। विपक्ष के नेताओं ने गेट नंबर-1 पर उनका स्वागत किया।

बता दें कि मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट के दो साल के सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सांसदों का एक दल लोकसभा स्पीकर से मिला था। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि राहुल की सदस्यता जल्द ही बहाल होगी।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा।

राहुल गांधी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को निचली अदालत के सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। ये रोक सूरत सेशन कोर्ट से दोषसिद्धि पर फैसला आने तक जारी रहेगी, जहां राहुल गांधी ने कनविक्शन के खिलाफ अपील दायर कर रखी है।

बता दें कि 2019 में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात की कोर्ट ने मार्च, 2023 में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने संसद सदस्यता रद्द किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था।

चंद्रयान-3 ने भेजी चांद की तस्वीर,, इसरो हुआ गदगद, चांद के चारों ओर 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 170 km x 4313 km के अंडाकार ऑर्बिट में

इसरो ने 05 अगस्त 2023 को चंद्रमा के ऑर्बिट में चंद्रयान-3 को पहुंचा दिया है। अब चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 170 km x 4313 km के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा है। चंद्रयान -3 ने इसी दरम्यान इसरो को अचंभित करने वाली तस्वीर भेजी है। हर तस्वीर में बाएं तरफ गोल्डेन रंग का यंत्र चंद्रयान का सोलर पैनल है। सामने चंद्रमा की सतह और उसके गड्ढे दिख रहे हैं। यह हर फोटो में बढ़ता जा रहा है।

 09 अगस्त की दोपहर पौने दो बजे करीब इसके ऑर्बिट को बदलकर 04 से 05 हजार किलोमीटर की ऑर्बिट में डाला जाएगा। हर तस्वीर में चंद्रमा बड़ा और गहरा होता जाएगा।

14 अगस्त की दोपहर इसे घटाकर 1000 किलोमीटर किया जाएगा। पांचवें ऑर्बिट मैन्यूवर में इसे 100 किलोमीटर की कक्षा में डाला जाएगा। 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। 18 और 20 अगस्त को डीऑर्बिटिंग होगी। यानी चांद के ऑर्बिट की दूरी को कम किया जाएगा। लैंडर मॉड्यूल 100 x 35 KM के ऑर्बिट में जाएगा। इसके बाद 23 की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान की लैंडिंग कराई जाएगी। 

चांद के ऑर्बिट को पकड़ने के लिए चंद्रयान-3 की गति को करीब 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास किया गया। क्योंकि चंद्रमा की ग्रैविटी धरती की तुलना में छह गुना कम है। अगर ज्यादा गति रहती तो चंद्रयान इसे पार कर जाता।

इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान की गति को कम करके 02 या 01 किलोमीटर प्रति सेकेंड किया। इस गति की वजह से वह चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ पाया। अब धीरे - धीरे चांद के चारों तरफ उसके ऑर्बिट की दूरी को कम करके दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड कराया जाएगा।

चंद्रयान-3 इससे पहले 288 x 369328 किलोमीटर की ट्रांस लूनर ट्रैजेक्टरी में यात्रा कर रहा था। अगर यह चांद का ऑर्बिट नहीं पकड़ पाता तो 230 घंटे बाद यह धरती के पांचवी कक्षा वाले ऑर्बिट में वापस आ जाता। इसरो इसे दोबारा चांद पर भेजने का दूसरा प्रयास कर सकता था।  

इतिहास देख लीजिए... जिन भी देशों या स्पेस एजेंसियों ने सीधे चंद्रमा की ओर अपने रॉकेट के जरिए स्पेसक्राफ्ट भेजा , उन्हें निराशा ज्यादा मिली है। तीन मिशन में एक फेल हुआ। लेकिन इसरो ने जो रास्ता और तरीका चुना है , उसमें फेल होने की आशंका बेहद कम है। कुल मिलाकर यहां दोबारा मिशन पूरा करने का भरपूर चांस है।

24 साल बाद खुला कंधार हाइजैक का बड़ा राज, पायलट ने किया खुलासा-विमान को उतारने के लिए कैसे डराया गया था

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दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आइईसी-214 को नेपाल की राजधानी काठमांडू से आतंकियों द्वारा हाईजैक कर लिया गया था। घटना के 24 साल बाद विमान अपहरण की इस घटना के रहस्यों से पर्दा उठ गया है। 24 साल बाद इसके पायलट कैप्टन देवी शरण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका कहना है कि विमान को दुर्घटनाग्रस्त कराने का नाटक करके लाहौर में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को डराने की एक गुप्त योजना बनाई थी।

हाइजैकिंग के 24 साल बाद पायलट ने बताया कि विमान को जब पाकिस्तान ले जाया गया, तो उन्होंने एक हाइवे पर उसे लैंड करने का नाटक किया। उन्होंने बताया कि वह ऐसा कर लाहौर में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को डराना चाहते थे। कैप्टन देवी शरण का कहना है कि उन्होंने अपने इस गुप्त प्लान का आज तक किसी से जिक्र नहीं किया था। हाइजैकिंग के दौरान क्रू मेंबर्स में कैप्टन शरण, उनके सह-पायलट राजेंद्र कुमार और फ्लाइट इंजीनियर एके जग्गिया शामिल थे। 

अब तक ये माना जाता था कि तीनों पाकिस्तानी अधिकारियों के फैसले के खिलाफ गए और फिर उन्होंने लाहौर एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग का फैसला किया था। ऐसा करने के दौरान उनसे उस वक्त हाइवे को रनवे समझने की भूल भी हुई थी, क्योंकि रनवे की बत्ती गुल थी। हालांकि, विमान राजमार्ग को छूने ही वाला था कि उन्हें इसका एहसास हो गया और तुरंत ऊपर की ओर खींच लिया।

फ्लाइट इंजीनियर एके जग्गिया ने साल 2003-04 में पत्रकारों को बताया था कि एटीसी ने उन्हें हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। साथ ही रनवे तथा हवाई अड्डे की लाइटें बंद कर दी गई थीं। वहीं, विमान में ईंधन कम बचा हुआ था। ऐसे में रनवे का पता लगाने के लिए अंधेरे में टटोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जग्गिया ने आगे बताया था कि जब हम जगह ढूंढ रहे थे तो उस समय एक जगह दिखाई दी, जो आसमान से एक रनवे की तरह लग रहा था, लेकिन जब पास में पहुंचे तो वह एक राजमार्ग था। अहसास होते ही तुरंत विमान को ऊपर खींच लिया गया। बता दें, जग्गिया का निधन कुछ साल पहले हो गया था।

कैप्टन शरण ने 31 जुलाई से पांच अगस्त तक ‘विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, कॉकपिट में मेरे पीछे दो आतंकवादी खड़े थे और अगर मैं अपने सह-पायलट या चालक दल के सदस्य से कुछ भी कहता, तो वे सब कुछ समझ जाते। इसलिए मैंने कुछ चीजें अपने तक सीमित रखने का फैसला किया। कैप्टन शरण ने कहा, जब लाहौर एटीसी ने विमान को उतारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, तो मैंने विमान को आपात स्थिति में उतारने का नाटक करने की योजना बनाई, ताकि इससे उन पर रनवे की लाइट जलाने और हमें वहां विमान उतारने की इजाजत देने का दबाव बने।

बता दें कि आइसी-814 को 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद पांच आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था। विमान में सवार करीब 180 यात्री आठ दिन तक बंधक बने रहे थे। विमान ने काठमांडू से अमृतसर और फिर लाहौर की उड़ान भरी थी। लाहौर में विमान में ईंधन भरा गया और फिर यह दुबई रवाना हुआ। दुबई से यह कंधार गया, जहां 31 दिसंबर को सभी यात्रियों को मुक्त करा लिया गया।

राहुल गांधी की सांसदी दोबारा हुई बहाल, लोकसभा सचिवालय से जारी की अधिसूचना

लखनऊ । कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। चूंकि राहुल गांधी की सांसदी बहाल कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की सांसदी दोबारा से बहाल कर दी है। उन्हें मोदी सरनेम मामले में मार्च 2023 में दोषी ठहराया गया था, दो साल की सजा होने की वजह से संसद से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। हालांकि, चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने का फैसला दिया।  

जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में कांग्रेस नेता की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी थी। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में बड़ी बात यह भी यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कोर्ट का फैसला 2024 के चुनाव के बाद आए। ऐसे में राहुल 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं।