भारत-चीन विवाद पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर- सीमाओं को किया जा रहा मजूबत, जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हम
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भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा है, कि भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता रुकी नहीं है। पिछले तीन वर्षों में सीमा पर बने तनाव के मामले में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं को मजूबत किया जा रहा है। बता दें कि साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। जिसके बाद से तनाव की स्थिति बरकरार है।
दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे-जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन ने पिछले तीन वर्ष में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले पांच-छह बिंदुओं पर वार्ता के जरिए प्रगति की है तथा बाकी के मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष की ओर से सीमा विवाद पर सरकार की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने पत्रकारों के एक समूह से कहा कि कुछ जटिलाएं हैं और दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे हैं। इस पर जल्द बैठक होगी।
चीनी गतिविधि का जवाब देने में हैं सक्षम-जयशंकर
सीमा पर बुनियादी ढांचा विकसित करने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल अब तेजी से सैनिकों की तैनाती करने तथा चीनी सेना की गतिविधि का प्रभावी जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप पूछे कि 2014 के बाद भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना किसी भी चीनी गतिविधि का बेहतर तरीके से जवाब देने में सक्षम है तो जवाब 'हां, बिल्कुल है', होगा।
भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा जारी-जयशंकर
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हम भूटान और असम के बीच रेल मार्ग बनाने पर बातचीत कर रहे हैं। भूटान पर्यटकों के लिए और अधिक प्वाइंट खोलने के लिए बहुत उत्सुक है और यह असम के लिए बहुत अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भूटान-चीन वार्ता का सवाल है, वे बातचीत कर रहे हैं और 24 दौर पूरे हो चुके हैं। अभी वे लोग और बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम उनकी वार्ता पर नजर रखे हुए हैं कि इसका हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग पर कहा, ‘वहां मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण यह राजमार्ग बड़ी चुनौती बना हुआ है। भारत को परियोजना को पूरा कर म्यांमार के सिटवे बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त करने के लिए म्यांमार में अधिकारियों के साथ बातचीत करनी होगी।
Aug 07 2023, 17:15