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*सदस्यता बहाल होने के बाद संसद भवन पहुंचे राहुल गांधी, बापू की प्रतिमा को किया प्रणाम

#rahul_gandhi_returns_parliament

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की करीब 4 महीने के बाद संसद में वापसी हो गई है. मोदी सरनेम मामले में उन्हें 2 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद संसद की सदस्यता छिन गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो राहुल की सदस्यता भी बहाल हो गई। जिसके बाद सोमवार को राहुल लोकसभा पहुंचे।

सोमवार दोपहर 12 बजे राहुल गांधी लोकसभा में पहुंचे संसद पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गांधी प्रतिमा को नमन किया। इस दौरान संसद में उनके स्वागत के लिए कई दलों के नेता भी मौजूद रहे। विपक्ष के नेताओं ने गेट नंबर-1 पर उनका स्वागत किया।

बता दें कि मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट के दो साल के सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सांसदों का एक दल लोकसभा स्पीकर से मिला था। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि राहुल की सदस्यता जल्द ही बहाल होगी।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा।

राहुल गांधी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को निचली अदालत के सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। ये रोक सूरत सेशन कोर्ट से दोषसिद्धि पर फैसला आने तक जारी रहेगी, जहां राहुल गांधी ने कनविक्शन के खिलाफ अपील दायर कर रखी है।

बता दें कि 2019 में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात की कोर्ट ने मार्च, 2023 में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने संसद सदस्यता रद्द किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था।

चंद्रयान-3 ने भेजी चांद की तस्वीर,, इसरो हुआ गदगद, चांद के चारों ओर 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 170 km x 4313 km के अंडाकार ऑर्बिट में

इसरो ने 05 अगस्त 2023 को चंद्रमा के ऑर्बिट में चंद्रयान-3 को पहुंचा दिया है। अब चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 170 km x 4313 km के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा है। चंद्रयान -3 ने इसी दरम्यान इसरो को अचंभित करने वाली तस्वीर भेजी है। हर तस्वीर में बाएं तरफ गोल्डेन रंग का यंत्र चंद्रयान का सोलर पैनल है। सामने चंद्रमा की सतह और उसके गड्ढे दिख रहे हैं। यह हर फोटो में बढ़ता जा रहा है।

 09 अगस्त की दोपहर पौने दो बजे करीब इसके ऑर्बिट को बदलकर 04 से 05 हजार किलोमीटर की ऑर्बिट में डाला जाएगा। हर तस्वीर में चंद्रमा बड़ा और गहरा होता जाएगा।

14 अगस्त की दोपहर इसे घटाकर 1000 किलोमीटर किया जाएगा। पांचवें ऑर्बिट मैन्यूवर में इसे 100 किलोमीटर की कक्षा में डाला जाएगा। 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। 18 और 20 अगस्त को डीऑर्बिटिंग होगी। यानी चांद के ऑर्बिट की दूरी को कम किया जाएगा। लैंडर मॉड्यूल 100 x 35 KM के ऑर्बिट में जाएगा। इसके बाद 23 की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान की लैंडिंग कराई जाएगी। 

चांद के ऑर्बिट को पकड़ने के लिए चंद्रयान-3 की गति को करीब 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास किया गया। क्योंकि चंद्रमा की ग्रैविटी धरती की तुलना में छह गुना कम है। अगर ज्यादा गति रहती तो चंद्रयान इसे पार कर जाता।

इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान की गति को कम करके 02 या 01 किलोमीटर प्रति सेकेंड किया। इस गति की वजह से वह चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ पाया। अब धीरे - धीरे चांद के चारों तरफ उसके ऑर्बिट की दूरी को कम करके दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड कराया जाएगा।

चंद्रयान-3 इससे पहले 288 x 369328 किलोमीटर की ट्रांस लूनर ट्रैजेक्टरी में यात्रा कर रहा था। अगर यह चांद का ऑर्बिट नहीं पकड़ पाता तो 230 घंटे बाद यह धरती के पांचवी कक्षा वाले ऑर्बिट में वापस आ जाता। इसरो इसे दोबारा चांद पर भेजने का दूसरा प्रयास कर सकता था।  

इतिहास देख लीजिए... जिन भी देशों या स्पेस एजेंसियों ने सीधे चंद्रमा की ओर अपने रॉकेट के जरिए स्पेसक्राफ्ट भेजा , उन्हें निराशा ज्यादा मिली है। तीन मिशन में एक फेल हुआ। लेकिन इसरो ने जो रास्ता और तरीका चुना है , उसमें फेल होने की आशंका बेहद कम है। कुल मिलाकर यहां दोबारा मिशन पूरा करने का भरपूर चांस है।

24 साल बाद खुला कंधार हाइजैक का बड़ा राज, पायलट ने किया खुलासा-विमान को उतारने के लिए कैसे डराया गया था

#kandhar_hijacking_air_india_ic_814_plane_pilot_reveals_secret

दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आइईसी-214 को नेपाल की राजधानी काठमांडू से आतंकियों द्वारा हाईजैक कर लिया गया था। घटना के 24 साल बाद विमान अपहरण की इस घटना के रहस्यों से पर्दा उठ गया है। 24 साल बाद इसके पायलट कैप्टन देवी शरण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका कहना है कि विमान को दुर्घटनाग्रस्त कराने का नाटक करके लाहौर में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को डराने की एक गुप्त योजना बनाई थी।

हाइजैकिंग के 24 साल बाद पायलट ने बताया कि विमान को जब पाकिस्तान ले जाया गया, तो उन्होंने एक हाइवे पर उसे लैंड करने का नाटक किया। उन्होंने बताया कि वह ऐसा कर लाहौर में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को डराना चाहते थे। कैप्टन देवी शरण का कहना है कि उन्होंने अपने इस गुप्त प्लान का आज तक किसी से जिक्र नहीं किया था। हाइजैकिंग के दौरान क्रू मेंबर्स में कैप्टन शरण, उनके सह-पायलट राजेंद्र कुमार और फ्लाइट इंजीनियर एके जग्गिया शामिल थे। 

अब तक ये माना जाता था कि तीनों पाकिस्तानी अधिकारियों के फैसले के खिलाफ गए और फिर उन्होंने लाहौर एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग का फैसला किया था। ऐसा करने के दौरान उनसे उस वक्त हाइवे को रनवे समझने की भूल भी हुई थी, क्योंकि रनवे की बत्ती गुल थी। हालांकि, विमान राजमार्ग को छूने ही वाला था कि उन्हें इसका एहसास हो गया और तुरंत ऊपर की ओर खींच लिया।

फ्लाइट इंजीनियर एके जग्गिया ने साल 2003-04 में पत्रकारों को बताया था कि एटीसी ने उन्हें हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। साथ ही रनवे तथा हवाई अड्डे की लाइटें बंद कर दी गई थीं। वहीं, विमान में ईंधन कम बचा हुआ था। ऐसे में रनवे का पता लगाने के लिए अंधेरे में टटोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जग्गिया ने आगे बताया था कि जब हम जगह ढूंढ रहे थे तो उस समय एक जगह दिखाई दी, जो आसमान से एक रनवे की तरह लग रहा था, लेकिन जब पास में पहुंचे तो वह एक राजमार्ग था। अहसास होते ही तुरंत विमान को ऊपर खींच लिया गया। बता दें, जग्गिया का निधन कुछ साल पहले हो गया था।

कैप्टन शरण ने 31 जुलाई से पांच अगस्त तक ‘विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, कॉकपिट में मेरे पीछे दो आतंकवादी खड़े थे और अगर मैं अपने सह-पायलट या चालक दल के सदस्य से कुछ भी कहता, तो वे सब कुछ समझ जाते। इसलिए मैंने कुछ चीजें अपने तक सीमित रखने का फैसला किया। कैप्टन शरण ने कहा, जब लाहौर एटीसी ने विमान को उतारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, तो मैंने विमान को आपात स्थिति में उतारने का नाटक करने की योजना बनाई, ताकि इससे उन पर रनवे की लाइट जलाने और हमें वहां विमान उतारने की इजाजत देने का दबाव बने।

बता दें कि आइसी-814 को 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद पांच आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था। विमान में सवार करीब 180 यात्री आठ दिन तक बंधक बने रहे थे। विमान ने काठमांडू से अमृतसर और फिर लाहौर की उड़ान भरी थी। लाहौर में विमान में ईंधन भरा गया और फिर यह दुबई रवाना हुआ। दुबई से यह कंधार गया, जहां 31 दिसंबर को सभी यात्रियों को मुक्त करा लिया गया।

राहुल गांधी की सांसदी दोबारा हुई बहाल, लोकसभा सचिवालय से जारी की अधिसूचना

लखनऊ । कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। चूंकि राहुल गांधी की सांसदी बहाल कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की सांसदी दोबारा से बहाल कर दी है। उन्हें मोदी सरनेम मामले में मार्च 2023 में दोषी ठहराया गया था, दो साल की सजा होने की वजह से संसद से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। हालांकि, चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने का फैसला दिया।  

जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में कांग्रेस नेता की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी थी। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में बड़ी बात यह भी यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कोर्ट का फैसला 2024 के चुनाव के बाद आए। ऐसे में राहुल 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं।

चंद्रयान-3 दिखाया चांद का नजारा, भेजी पहली तस्वीर, इसरो ने जारी किया वीडियो

#isro_releases_moon_video_as_seen_from_chandrayaan_3 

धरती से बहुत दूर, आकाश की गहराईयों में चांद के करीब पहुंचे चंद्रयान-3 ने संदेशा भेजा है। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की तस्वीरें भेजी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार 6 अगस्त को चंद्रयान-3 के कैमरे में कैद हुई चंद्रमा की पहली तस्वीरें जारी की हैं। ये तस्वीर पांच अगस्त की है, जब चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जा रहा था।

इसरो ने चांद के चक्कर लगाते हुए चंद्रयान से वीडियो भेजा है। 45 सेकेंड के वीडियो को करोड़ों लोग देख चुके हैं। चंद्रयान-3 से जो वीडियो आया है उसमें स्पेसक्राफ्ट के साथ-साथ चंद्रमा की सतह को साफ साफ देखा जा सकता है।वीडियो के जरिए जारी तस्वीरों में चंद्रमा को नीले हरे रंगों में दिखाया गया है। चांद पर कई गड्ढे भी नजर आ रहे हैं। 

अंतरिक्ष एजेंसी ने वीडियो के साथ लिखा कि 'चंद्रयान -3' मिशन से चंद्रमा का दृश्य, जब पांच अगस्त को उसे चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जा रहा था। इसके साथ ही अब चंद्रयान को चांद के और करीब लाने की कोशिशों के तहत उसे अंदर की कक्षाओं में भेजा जा रहा है। ऐसी ही एक सफल कोशिश कल की गई है। दूसरी कोशिश 9 अगस्त को की जाएगी। धीरे धीरे पहले स्पेसक्राफ्ट को करीब लाया जाएगा जहां से वो चांद पर उतरने की कोशिश करेगा। चंद्रयान अब चांद का गुरुत्वाकर्षण महसूस करने लगा है और उसने धरती पर मैसेज भेजकर ये बताया है। 

भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रोसेस को अंजाम देने में कुल आधे घंटे का वक्त लगा और चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा दिया गया। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा। 

17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं होंगी जिसके बाद रोवर प्रज्ञान के साथ लैंडिंग मॉड्यूल विक्रम यान के प्रपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा। चंद्रयान-3 को नौ अगस्त को दोपहर दो बजे के आसपास चंद्रमा की तीसरी कक्षा में प्रविष्ट कराया जाएगा। इसके बाद 14 अगस्त और 16 अगस्त को इसे क्रमश: चौथी और पांचवीं कक्षा में पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद, लैंडर पर डी-आर्बिटिंग कवायद की जाएगी। 

इससे पहले चंद्रमा की तरफ तेजी से बढ़ते चंद्रयान-3 ने शुक्रवार यानी चार जुलाई को धरती से चांद के बीच करीब दो-तिहाई से अधिक दूरी तय कर चुका था। इसके एक दिन बाद यानी पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया।

यान का चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के महत्वाकांक्षी 600 करोड़ रुपये के मिशन में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ। 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है और अगले 17 दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

क्या आज संसद में होगी राहुल गांधी की वापसी? लोकसभा सचिवालय के फैसले पर टिकी विपक्ष की निगाहें

#will_rahul_gandhi_return_to_parliament_today 

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए आज का सोमवार बेहद खास माना जा रहा है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी आज संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर टिकी हैं।कहा जा रहा है कि लोकसभा सचिवालय कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्व में रद्द की गई सदस्यता को बहाल करने की प्रक्रिया आज शुरू कर सकता है।

कांग्रेस ने बुलाई बैठक

सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा सचिवालय को संसद सदस्य के रूप में कानूनी प्रक्रिया बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। कांग्रेस ने सोमवार सुबह 10:30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है, जहां वह 'मोदी सरनेम वाली टिप्पणी' मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में बहाल करने की अपनी मांग उठा सकती है। 

सदस्यता बहाली में होगी देरी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर सचिवालय कानून मंत्रालय की राय लेने का फैसला करता है, तो बहाली एक लंबी प्रक्रिया में बदल सकती है, जैसा कि इस साल की शुरुआत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद मोहम्मद फैज़ल के मामले में हुआ था। लक्षद्वीप के सांसद को जनवरी में केरल उच्च न्यायालय से उनकी दोषसिद्धि पर रोक मिल गई, लेकिन लोकसभा में लौटने से पहले उन्हें लगभग दो महीने तक इंतजार करना पड़ा था। चूंकि राहुल गांधी के मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है तो लक्ष्यद्वीप के सांसद की सदस्यता बहाली जैसी संभावना काफी कम है।

कांग्रेस नेता ने कहा-कोर्ट की प्रति दे दी गई है

कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश कीएक प्रति, जिसमें सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई थी, औपचारिक रूप से लोकसभा सचिवालय को सौंप दी गई है। शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की अपील पर जुलाई में गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर फिलहाल रोक लगाई

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में कांग्रेस नेता की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी थी। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में बड़ी बात यह भी यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है।

खुद फूड डिलीवर करने निकल पड़े जोमैटो के CEO, कुछ इस अंदाज में मनाया फ्रेडशिप डे

डेस्क: रेस्टोरेंट एग्रीगेटर और फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने रविवार (6 अगस्त) को बेहद खास तरीके से फ्रेंडशिप डे मनाया. इस दिन को मनाने और दोस्ती का संदेश देने के लिए गोयल कुछ फ्रेंडशिप बैंड्स लेकर खुद ही फूड डिलीवरी करने के लिए निकल पड़े. इस बात की जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके दी.

दीपिंदर ने कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें वह बुलेट नाम से मशहूर रॉयल एनफील्ड बाइक पर नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में उनके हाथ में कुछ फ्रेंडशिप बैंड्स भी दिखाई दे रहे हैं. जोमैटो सीईओ गोयल ने ट्वीट किया, ''अपने डिलीवरी पार्टनर्स, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और ग्राहकों को कुछ खाना और फ्रेंडशिप बैंड्स डिलीवर करने जा रहा हूं. अब तक का सबसे अच्छा रविवार!''

जोमैटो CEO की पोस्ट पर आए ढेरों रिएक्शन

दीपिंदर गोयल की पोस्ट पर उनके इस काम की तारीफ हो रही है तो कुछ यूजर्स अपनी शिकायतें भी दर्ज कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, ''जोमैटो के ऑर्डर आज स्विगी से ज्यादा है, जहां लोग सीईओ से मिलने की उम्मीद कर रहे हैं.''

एक यूजर ने तंज कसा, ''अरे भाई कंपनी चलाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है.'' एक अन्य यूजर ने लिखा, ''इसे बेंगलुरु में भी करें.'' स्वपनिल श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा, ''धन्यवाद जोमैटो, हाउसहेल्प की गैरमौजूदगी में मेरे फूड फ्रेंड बनने के लिए.''

'वास्तविक रोल मॉडल'

एडवोकेट चिराग शाह नाम के यूजर ने जोमैटो के सीईओ की जमकर तारीफ की. उसने लिखा, ''भाई, आप कई स्टार्टर संस्थापकों के लिए वास्तविक रोल मॉडल हैं और आपकी कंपनी में एक छोटा शेयरधारक बनकर मैं वाकई खुश हूं. मेरे फोन में स्विगी है लेकिन भगवान कसम, मैंने स्विगी से एक बार भी ऑर्डर नहीं किया है. मैं वास्तव में चाहता हूं कि जोमैटो भारत से पहली वैश्विक दिग्गज कंपनी बने.'' इसी तरह पोस्ट पर ढेरो प्रतिक्रियाएं आई हैं.

शरद पवार के करीबी अमित शाह से मिले? जयंत पाटिल ने मुलाकात पर खुद ही दिया जवाब

डेस्क: महाराष्ट्र के एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के आवास पर थे। जब जयंत पाटिल से अमित शाह से मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "आपको यह किसने बताया? आपको उनसे पूछना चाहिए जो ये सब कह रहे हैं। कल शाम मैं शरद पवार के आवास पर था। मेरी किसी से मुलाकात नहीं हुई।'' 

"...वो मेरे लिए इंटरटेनमेंट हैं"

जयंत पाटिल ने कहा कि बाद में उन्होंने अपने घर पर वरिष्ठ सहयोगियों अनिल देशमुख, राजेश टोपे और सुनील भुसारा से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "वे रात 1:30 बजे तक मेरे घर पर थे। मैं आज सुबह फिर शरद पवार से मिला। जिन लोगों ने ये अफवाहें फैलाईं उन्हें जवाब देना चाहिए कि मैं किस वक्त पुणे में अमित शाह से मिला और सबूत दिखाएं। मैं हमेशा शरद पवार के साथ हूं। ऐसी अटकलें बंद होनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "जो लोग घर पर बैठकर मुझे बदनाम कर रहे हैं वो मेरे लिए इंटरटेनमेंट हैं। मैं शरद पवार के साथ हमेशा हूं। रही बात विधानसभा की तो मैं यही कहूंगा कि वहां हम ऐसे ही बातचीत करते हैं।"

"मैं आपके सामने हाजिर हूं"

उन्होंने कहा, "मेरी मुंबई प्रदेश की मीटिंग आज है। यह पहले ही मीटिंग निश्चित थी। सभी के लिए आज आना आसान होता है। चैनल पर चल रही न्यूज और मीटिंग का कोई संबंध नहीं है। अमित शाह के स्टेटमेंट पर कोई जानकारी नही हैं। कल से में मुंबई में ही हूं। मैं किसी से मिला नहीं हूं। अमित भाई पुणे में आए हैं, मुझे केवल यही पता है। मैं आपके सामने हाजिर हूं। मुझे किसी का कोई फोन नहीं आया है।"

चर्चा में कैसे आईं ये अटकलें?

बता दें कि विधायक दल के नेता और प्रदेश के एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल के अजित पवार गुट में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। ये अटकलें तब चर्चा में आई जब जयंत पाटिल और अजित गुट के सुनील तटकरे को विधानसभा परिसर में मजाक और बातचीत करते देखा गया था। वहीं, चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अजित गुट के दावे पर निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में संकेत है कि मामला फिर से गरमाना शुरू हो सकता है।

नीतीश कुमार बन सकते हैं इंडिया के संयोजक, सोनिया गांधी को चेयरपर्सन बनाने की अटकलें, बैठक में होगा फैसला

डेस्क: विपक्षी गठबंधन इंडिया की अगली बैठक से पहले कई तरह अटकलें लगाई जा रही हैं. अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकसाथ मैदान में उतरने के मकसद से 26 विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाया है. जिसकी अगली बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होगी. 

इससे पहले सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस गठबंधन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. टीओआई के अनुसार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक और सोनिया गांधी को चेयरपर्सन बनाया जा सकता है. शिवसेना का उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला गुट मुंबई में विपक्ष की बैठक की मेजबानी करेगा.

नीतीश कुमार के नाम पर सहमत हुए नेता

बिहार के महागठबंधन के सूत्रों ने कहा कि इंडिया के सभी प्रमुख सहयोगियों के शीर्ष नेता और कांग्रेस नेतृत्व संयोजक के रूप में नीतीश कुमार के नाम पर सहमत हुए हैं. मुंबई बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता चाहते हैं कि 11 सदस्यीय समन्वय समिति का नेतृत्व सोनिया गांधी करें. वह यूपीए की अध्यक्ष रही हैं.

सोनिया गांधी से किया गया ये अनुरोध

महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को टीओआई को बताया कि या तो सोनिया या उनकी ओर से नामित कोई व्यक्ति समन्वय समिति का प्रमुख होगा. सोनिया गांधी से अंतिम निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है. विपक्षी दल इससे पहले पटना और बेंगलुरु में दो बैठकें कर चुके हैं. 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि मुंबई में अगली बैठक में 11 सदस्यीय समन्वय समिति का चुनाव किया जाएगा. 

जेडीयू ने क्या कुछ कहा?

इसी बीच जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को कहा था कि जेडीयू विपक्षी एकता की राह में बाधा नहीं बनेगी, हालांकि हमारे नेता नीतीश कुमार का लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक कद संगठन में किसी भी बड़े पद के लिए उपयुक्त है. सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि संबंधित राज्यों में इंडिया के सहयोगी एक साथ बैठेंगे और सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देंगे।

जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव? एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा बयान

डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनोज सिन्हा ने रविवार (6 अगस्त) को कहा, ''परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम खत्म हो गया है.'' इसी के साथ उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव पर निर्णय लेना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है.

एलजी मनोज सिन्हा के इस बयान के बाद उम्मीद की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव जल्द हो सकता है. केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय राजनीतिक दल लंबे समय से राज्य में चुनाव कराने की मांग करते आ रहे हैं.

बीजेपी को चुनाव से लग रहा डर- उमर अबदुल्ला

इनमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला जोरदार तरीके से चुनाव को लेकर अपनी बात कहते आए हैं और इस संबंध में बीजेपी नीत केंद्र सरकार को घेरते भी रहे हैं. 26 जुलाई को उमर अब्दुल्ला ने अपने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की अनुमति देने से बहुत डर रही है.'

और क्या बोले मनोज सिन्हा?

इसी के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ''लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कोई आतंकी घटना नहीं हो, हम इसे सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.'' घाटी के माहौल के बारे में उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के उकसावे पर सामान्य जीवन को बाधित करने वाले अलगाववादियों और अन्य लोगों का दौर इतिहास की बात हो गया है.'' 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से किया जा रहा चुनाव का इंतजार

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. पहले अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष स्वायत्तता मिली हुई थी. इसके हटने के बाद कहा गया था कि समय आने पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलेगा और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा. तब से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है.