मणिपुर में महिलाओं के यौन शोषण मामले में सीजेआई ने सरकार से किए सख्त सवाल, पूछा-ये एकमात्र घटना नहीं, कितनी एफआईआर दर्ज कीं?
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मणिपुर वायरल वीडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है।मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है।पीड़ित महिलाओं की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए।वहीं सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सरकार से कई सख्त सवाल किए। सीजेआई ने कहा कि इन तीन महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो एकमात्र उदाहरण नहीं है। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं और यह कोई अकेली घटना नहीं है। हम इस बात से निपटेंगे कि इन तीन महिलाओं को जल्द न्याय मिले, लेकिन हमें मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को भी देखना होगा।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि, "4 मई की घटना पर पुलिस ने 18 मई को एफआईआर दर्ज की। 14 दिन तक कुछ क्यों नहीं हुआ? वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई कि महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया और कम से कम दो के साथ बलात्कार किया गया।पुलिस तब क्या कर रही थी?
सीजेआई ने इस दौरान कहा कि उन महिलाओं का जो वीडियो सामने आया सिर्फ वही एक घटना नहीं है। ऐसी और भी कई घटनाएं हुई हैं। हमें उन सभी महिलाओं के साथ जो हिंसा हुई है उसको देखना है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मान लीजिए कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 1000 मामले दर्ज हैं। क्या सीबीआई सबकी जांच कर पाएगी?
सीजेआई ने कहा, सवाल यह भी है कि पीड़ित महिलाओं का बयान कौन दर्ज करेगा? एक 19 साल की महिला जो राहत शिविर में है, पिता या भाई की हत्या होने से घबराई हुई है, क्या ऐसा हो पाएगा कि न्यायिक प्रक्रिया उस तक पहुंच सके? सीजेआई ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने एसआईटी के लिए भी नाम सुझाए हैं। आप इस पर भी जवाब दीजिए। अपनी तरफ से नाम का सुझाव दीजिए। या तो हम अपनी तरफ से कमिटी बनाएंगे, जिसमें पूर्व महिला जज भी हों।
Jul 31 2023, 16:12