गिरिडीह:विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर किये गए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
गिरिडीह:स्वयंसेवी संस्था बनवासी विकास आश्रम गिरिडीह तथा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन (दिल्ली ) के सहयोग से जिले में बगोदर प्रखंड के कुस्मर्जा,कस्तूरबा गाँधी आववासीय विद्यालय, बगोदर तथा अटकाडीह में आज रैली का आयोजन किया गया।
उक्त रैली में लगभग 400 बच्चे बच्चियों ने भाग लिया। कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय की वार्डन श्रीमती मंजू दास ने कहा कि आज के समाज का ज्वलंत मुद्दा हैं मानव तस्करी,और इससे हर बच्चे बच्चियों को जागरूक होंना चाहिए।कार्यक्रम की शुरुआत ओमप्रकाश ने मानव तस्करी की चर्चा के साथ किया।
जिसमें उन्होंने कहा कि आज झारखण्ड में मानव तस्करी एवं ठग शादी बहुत होती हैं। जिसको लेकर हम सबको सजग एवं जागरूक होना होगा।इसके बाद बच्चों की जागरूकता रैली निकाली गई। जिसमें विभिन्न तरह के नारे लगाए गए।बाल तस्करी बंद करो, हर बच्चे का है अधिकार, पढ़ाई लिखाई पूरा प्यार, बाल तस्करी बंद करो शिक्षा का प्रबंध करो, बाल मजदूरी हटाओ, बच्चों का बचपन बचाओ, मेरी विनती सुनो बाल तस्करी बंद करो, बचपन न जाने दें बेकार बच्चों को दें बाल अधिकार, मेहनत मजदूरी न करवावो इन हाथो में कलम थमावो आदि नारे लगाए गए।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भागीरथी देवी यशोदा देवी,ओमप्रकाश महतो, उत्तम कुमार तथा विनय पाठक, महेंद्र तिवारी, रवि कुमार, शिला कुमारी, राखी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, पूजा कुमारी, सबिता कुमारी, पूनम कुमारी, सपना कुमारी, सोनू कुमार, रुस्तम अंसारी, मनीष शर्मा, पवन कुमार आदि की भूमिका सराहनीय रही।
मौके पर कार्यक्रम समन्यवक उत्तम कुमार ने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार झारखण्ड के तस्करी प्रभावित जिलों में दुमका,पाकुड़, गिरिडीह, पश्चिमी सिंहभूम, रांची हज़ारीबाग आदि जिले मुख्य रूप से शामिल हैं। तस्करी की शिकार अधिकांश बच्चियां उरांव, मुंडा संथाल, गोंड जनजातियों की हैं, पिछले आठ सालों में झारखण्ड के विभिन्न जिलों से 4765 नाबालिक लापता हुए थे, इस सम्बन्ध में पुलिस के पास शिकायत भी पहुंची, जिसमें 3997 बच्चे बरामद हुए, जबकि 768 बच्चे अब भी लापता हैं, यह आंकड़ा वर्ष 2015 से 2022 तक का है।
उन्होंने कहा कि पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पत्येक साल कभी 500 से अधिक तो कभी 400 से अधिक नाबालिग लापता होते हैं l एनसीआरबी के 2021 के आंकड़ों के अनुसार 123 लोगों को बल पूर्वक काम कराने के लिए अपहरण किया गया था, जबकि चार का शारीरिक शोषण और वैश्यावृति के लिए,वही 108 लोगों की मानव तस्करी घरेलू काम के लिये तथा 09 लोगों की मानव तस्करी बल पूर्वक शादी के लिए की गई थी।इस तरह के आंकड़ों से स्पष्ट हैं कि राज्य में लापता बच्चों का मामला साल दर साल गंभीर बनता जा रहा है।
Jul 30 2023, 17:59