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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई आशा कार्यकर्ताओं के लिए बुरी खबर, राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाने का लिया निर्णय

डेस्क : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई आशा कार्यकर्ताओं के लिए बुरी खबर है। राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने बुधवार को सभी डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि नियमानुसार आशा कार्यकर्ताओं को चार कार्य अनिवार्य रूप से करने हैं। ऐसा नहीं करने वालों को चयनमुक्त (हटाने) की कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही कार्य में बाधा पहुंचानेवाली आशा कार्यकर्ता पर केस किया जाए।

स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह की ओर से सभी डीएम व सिविल सर्जन को लिखे पत्र में कहा गया है कि कई प्रखंडों में आशा व आशा फैसिलिटेटर पिछले सप्ताह से हड़ताल पर हैं। साथ ही, सारण के अमनौर सहित कई प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग के कार्य में भी बाधा पहुंचा रहे हैं। फील्ड सर्वे करने गई एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका से कुछ आशा द्वारा रजिस्टर की छीनाझपटी की गई है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं किया जा सकता। आशा कार्यकर्ताओं का यह कृत्य न्यायालय के आदेश की अवमानना भी है। इसलिए जो आशा सक्रिय नहीं हैं, उन्हें चयनमुक्त करने का प्रावधान है। 

स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा है कि संघ की जायज मांगों पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है, लेकिन काम बाधित करना, अस्पताल में मरीजों या कर्मियों को परेशान करने की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो गलत करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

उधर, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव व आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ (सीटू) अध्यक्ष मीरा सिन्हा ने कहा कि आशा से 52 तरह के काम लिए जाते हैं। इस बार ठोस वार्ता के बाद ही हड़ताल समाप्त होगी। संघ की प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि के बदले 10 हजार मानदेय शामिल है।

अश्विन पोर्टल से भुगतान शुरू होने के पहले सभी बकाया राशि का भुगतान करने, मासिक पारितोषिक राशि का अद्यतन भुगतान व एकरूपता लाने, कोरोना काल में काम करने के लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को 10-10 हजार कोरोना भत्ता देना शामिल है। साथ ही पोशाक में साड़ी के साथ ब्लाउज, पेटीकोट व ऊनी कोट, प्रोत्साहन राशि में वृद्धि आदि की मांग की जा रही है। 

बता दें इन्ही मांगो को लेकर राज्य के 90 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

*सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान : हमारी एकजुटता और मजबूती से भाजपा परेशान, इंडिया के दबाव में है बीजेपी*

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि भाजपा इंडिया के दबाव में है। हमारी एकजुटता और मजबूती से भाजपा परेशान है। घबराहट में है। 

बुधवार को करगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की बैठकों में आगे बहुत कुछ होना बाकी है। हर मुद्दे पर बात हो रही है। पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई। कई दलों के लोग उसमें शामिल हुए। उस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत हुई थी, जिसमें 100 से अधिक पत्रकार उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, पटना के बाद बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई। विपक्षी गठबंधन का नामकरण किया गया। जल्द हम यह भी तय कर लेंगे कि कहां-कहां कौन सा दल चुनाव लड़ेगा। बैठक आगे और भी होती रहेगी। हमको साथ देखकर अब एनडीए की बैठक हो रही है। पहले क्यों नहीं होती थी बैठक? वाजपेयी जी के समय एनडीए की बैठक होती थी।

कटिहार गोली कांड को लेकर बीजेपी प्रदेश सरकार पर हुई हमलावर, कहा- बिहार अपने सबसे ख़राब दौर से गुजर रहा है

डेस्क : आज प्रदेश के कटिहार जिले में बिजली की खातिर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा फायरिंग की गई। घटना में जहां एक व्यक्ति की मौत और दो लोगों के गोली लगने से घायल होने की सूचना है। इधर इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई है। 

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस मामले को लेकर कहा है कि बिहार में नीतीश सरकार हर प्रकार की मांग करने वालों पर गोली चलवा रही है। उन्होंने कटिहार में बिजली की मांग कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग किए जाने की घटना को नीतीश सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा, बिहार में लोगों को 24 घंटे बिजली देने का दावे कर रही नीतीश सरकार की पुलिस ने बिजली की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलायी हैं, जो अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और है। इस गोलीकांड की न्यायिक जांच जरूर होनी चाहिए।

वहीं बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कटिहार गोलीकांड को बहुत दुखद घटना बताते हुए कहा कि लोग समस्या उठाते हैं तो उन्हें गोली मार दी जा रही है। बिजली मामला को लेकर के सदन में भी कई बार इसे उठाया गया था। बिजली की अनियमित आपूर्ति और बिल संकट को लेकर लोगों में आक्रोश है। स्मार्ट मीटर में कई प्रकार की खामियों की शिकायत आती है। ऐसे में बिजली की कमी झेल रहे लोग अगर हक के लिए आवाज उठाते हैं तो उन पर गोली-लाठी चलाई जा रही है। ऐसी निकम्मी सरकार सत्ता में नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता फ़ैलाने वाले लोगों को सत्ता में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से मिलेंगे और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगे। 

घटना पर बीजेपी सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार के कटिहार में बिजली व्यवस्था ठीक करने की मांग पर वहां मौजूद नागरिकों पर पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया और कई राउंड गोलियां चलाई गईं,गोली मारे जाने से कई लोगों की मौत की खबर आ रही है। सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार अपने सबसे ख़राब दौर से गुजर रहा है।

बता दें कटिहार के बारसोई में बिजली व्यवस्था को सुचारू करने की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई। दावा किया जा रहा है कि पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि दो अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं गोलीकांड की घटना के बाद भीड़ ने जमकर बवाल काटा। 

इस बीच, बिहार पुलिस ने घटना पर सफाई देते हुए कहा है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि युवक की मौत गोली से हुई है या फिर पथराव से। जांच के बाद ही पता चलेगा कि मौत कैसे हुई।

नीतीश सरकार ने बिहार राज्य महिला आयोग का किया पुनर्गठन, इस पूर्व सांसद को बनाया गया अध्यक्ष

डेस्क : नीतीश सरकार ने बिहार राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन किया है जिसमें उजियारपुर की पूर्व सांसद और जेडीयू की समस्तीपुर की जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। समाज कल्याण विभाग की उप सचिव की ओर से जारी पत्र के अनुसार राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष के अलावा सात महिलाओं को सदस्य बनाया गया है।

समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सदस्यों के मनोनयन की अधिकतम अवधि 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक होगी। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार द्वारा महिला आयोग के पुर्नगठन की इस पहल को बेहद खास रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं कई धरों की ओर से महिला आयोग के अध्यक्ष और इसके पुनर्गठन की मांग की जा रही थी जिसे अब पूरा कर लिया गया है। 

एक दिन पहले ही नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का भी पुनर्गठन किया था। अब महिला आयोग का पुनर्गठन किया गया है। वहीं अध्यक्ष बनने के बाद अश्वमेध देवी ने कहा कि बिहार राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और मेरे अभिवावक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद देती हूँ। अश्वमेध देवी वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं । इसके पहले वह वर्ष 2000 में पहली बिहार विधानसभा के लिए चुनी गई और 2009 तक विधायक रही। 

दरअसल, महिला आयोग को भंग हुए ढाई साल से ज्यादा का समय बीत चुका था। ऐसे में पिछले लम्बे अरसे से इसके पुनर्गठन की मांग चल रही थी। अब राज्य सरकार ने महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में पूर्व जदयू सांसद को कमान दी है। उनके साथ प्रभावती मांझी, डॉ सुजाता सुम्ब्रई, रबिया खातुन, सुनीता कुशवाहा, श्वेता विश्वास, सुलोचना देवी , गीता यादव को सदस्य बनाया गया है।

केन्द्रीय सहायता में कटौती से बिहार को हुआ है बड़ा नुकसान : विजेन्द्र प्रसाद यादव

डेस्क : बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा सहायता राशि में कटौती किये जाने से प्रदेश को भारी नुकसान होने की बात की है। 

बिहार सरकार के योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय सहायता में कटौती से बिहार को 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि एनडीए से अलग होने का बड़ा कारण भी यही है। जहां बिहार की हकमारी होती हो, वहां क्यों रहना? हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य का हित है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री यादव के साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे।

मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि कहा कि 13वें वित्त आयोग में बिहार की हिस्सेदारी की तुलना में 14 और 15 वें वित्त आयोग में हिस्सेदारी में जो कमी की गई है उसके अनुसार बिहार को लगभग 61200 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। इसके अलावा केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के केंद्रों में कमी के कारण सूबे को 31 हजार करोड़ रुपए की क्षति हुई है। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में राज्य की वार्षिक स्कीम में केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के केंद्र का हिस्सा जहां 29 फीसदी था, वह वर्ष 2022-23 में घटकर मात्र 21 फीसदी रह गया है। मंत्री ने दावा किया कि बिहार ने जो कुछ हासिल किया है वह बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण हुआ है।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 35 महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। आज के इस कैबिनेट की बैठक में 35 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है।

बिहार के विभिन्न आयोग, बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य के वेतन-मानदेय को बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य के वेतन के समान करने की स्वीकृति दी गई है।

सूखा के मद्देनजर सिंचाई पर डीजल अनुदान के लिए 50 करोड़ के अतिरिक्त बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से कुल 100 करोड़ की अग्रिम निकासी और व्यय की स्वीकृति दी गई है।

सात निश्चय योजना फेज 2 के तहत आरा नगर निगम क्षेत्र से जल निकासी के लिए 77 करोड़ 81 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। वहीं इसी योजना के तहत सरकार ने समस्तीपुर नगर निगम क्षेत्र जल निकासी के लिए 48 करोड़ 25 लाख 54 हजार रुपए की राशि की स्वीकृति दी है। दोनों ही जिलों में सरकार ने बुडको को यह जिम्मेवारी सौंपी है।

कैबिनेट ने समस्तीपुर के सरायरंजन में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के विस्तार के लिए 5।30 एकड़ भूमि नि:शुल्क विज्ञान एवं प्रावैदिकी विभाग को देने का फैसला लिया है।

बिहार के अररिया मे हैवानियत : तीन युवकों ने पहले पति को पीटा, फिर खूंटे में बांधकर उसकी पत्नी के साथ किया गैंगरेप, ग्रामीणों ने एक आरोपी को मौके से पकड़ा


अररिया : जिले के नरपतगंज थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में शनिवार की रात मानवता को शर्मसार करते हुए तीन बहसी दरिंदों ने पति को खूंटे में बांधकर उनकी 32 वर्षीया पत्नी के साथ गैंगरेप किया। शोर मचाने पर पहुंचे आसपास के लोगों ने तीन आरोपियों में से एक को पकड़ खूब पिटाई की। सूचना पर पहुंची नरपतगंज पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। 

पीड़ित महिला के बयान पर नरपतगंज थाना में तीन युवकों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। गिरफ्तार आरोपी राजा कुशियेत (25) खाब्दह पंचायत के वार्ड 10 का रहने वाला है।

पीड़िता ने बताया कि शनिवार देर रात करीब 11.30 बजे वे खाना खाकर अपने बच्चे तथा पति के साथ घर में सो रही थी। इसी बीच बाहर से कुछ युवक आकर दरवाजा जोर-जोर से पीटने लगे। उनका पति घर के अंदर से ही जोर-जोर से आवाज लगा पूछ ही रहे थे कि दरवाजा तोड़कर तीनों अंदर घुस गये। बिजली का तार को काटकर घर को अंधेरा कर दिया। उसके पति ने जब विरोध किया तो उसे पीट-पीटकर खूंटे से बांध दिया। इसके बाद महिला के साथ मारपीट करने लगे। इसके बाद तीनों युवकों ने बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। 

इसी बीच महिला के बच्चे हल्ला करने लगे। आवाज सुनकर ग्रामीण वहां पहुंचे तो दो युवक वहां से भाग गये थे लेकिन तीसरा ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया। ग्रामीणों ने पिटाई कर पुलिस को सूचना दी। 

दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने राजा कुशियेत के अलावे खाब्दह वार्ड 10 के ही अजीत कुशियेत (25) व दरगाहीगंज वार्ड 14 निवासी राजेश पासवान (36) को नामजद किया गया है।

प्राथमिकी में महिला के साथ मारपीट कर घटना के संदर्भ में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने की बात भी कही गई। गैंगरेप की घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। 

घटना के बाद रविवार की सुबह बड़ी संख्या में महिला के परिजन तथा स्थानीय ग्रामीण थाना पहुंचकर शेष दोनों आरोपी युवकों शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। 

मामले में नरपतगंज थानाध्यक्ष शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि महिला के बयान पर तीन युवकों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। दुष्कर्म पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। 

बताया कि जल्द ही घटना में शामिल अन्य दोनो आरोपियों को भी दबोच लिया जाएगा।

बिहार के आरजेडी विधायक के खिलाफ उत्तराखंड के चंपावत कोर्ट ने गैर जमानती वारंट किया जारी, चेक बाउंस में कोर्ट ने विधायक को गिरफ्तार कर हाजिर करने का आदेश दिया

डेस्क: आरजेडी विधायक बच्चा पांडे मुश्किल में पड़ गए हैं। उनके खिलाफ उत्तराखंड के चंपावत कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। उत्तराखंड पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क किया है। कभी भी राजद विधायक की गिरफ्तारी हो सकती है। 

बच्चा पांडे सिवान के बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं। मामला चेक बाउंस का है जिसमें कोर्ट ने विधायक को गिरफ्तार कर हाजिर करने का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला कारोबार से जुड़ा हुआ है। कांड के वादी उत्तराखंड का धान सिंह है जो एक कारोबारी है। बच्चा पांडे से उसका कारोबारी संबंध है। 

दरअसल बच्चा पांडे की अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी है जिसके लिए धान सिंह के फार्म से सामान मंगाए गए थे। नगद भुगतान के बदले पार्टी को चेक दिया गया था। धान सिंह ने जब अपने बैंक खाते में चेक भेजा तो बाउंस कर गया। 

उत्तराखंड के कारोबारी धान सिंह ने इसके खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया। एमएलए बच्चा पांडे को उपस्थिति का आदेश दिया गया। कई नोटिस के बावजूद राजद विधायक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। उसके बाद नाराज होकर उत्तराखंड के चंपावत सिविल जज की अदालत ने उनके खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी कर दिया। चंपावत एसपी को एमएलए को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस ने बिहार पुलिस इस बाबत संपर्क किया है। उसके बाद मामला प्रकाश में आया है। बच्चा पांडे की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है या उन्हें संबंधित न्यायालय में समर्पण करना पड़ेगा। इधर पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। बिहार के राजनैतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है। विपक्षी दलों को मौका भी मिल गया है।

जानकारी के मुताबिक राजद विधायक बच्चा पांडे पर पहले से भी केस दर्ज हैं। उनके चचेरे भाई ने दरौली थाने में उनके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था जिसकी कार्रवाई चल रही है। चंपावत कोर्ट से आदेश से विधायक एक नई मुश्किल में पड़ गए हैं।

बड़ी खबर : एससीईआरटी के निदेशक समेत सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन बंद, निरीक्षण में गड़बड़ी पाने पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने किया कार्रवाई


डेस्क : अपने कड़े मिजाज के लिए जाने जानेवाले ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने है। तब से शिक्षा विभाग में लगातार सुधार करने के लिए कार्रवाई कर रहे है। इसे लेकर उनकी एकबार शिक्षा मंत्री से भी ठन चुकी है। 

केके पाठक लगातार शिक्षण संस्थानों का खुद निरीक्षण कर रहे है और गड़बड़ी पाने पर कार्रवाई कर रहे है। इसी कड़ी में उन्होंने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक समेत सभी पदाधिकारिय़ों और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। परिषद के निदेशक समेत सभी करीब 75 पदाधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन बंद कर दिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 22 जुलाई के अपने निरीक्षण में वहां की स्थिति पर असंतोष जताते हुए उक्त कार्रवाई की है। एससीईआरटी के निदेशक आईएएस अधिकारी सज्जन आर हैं।

इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि अपर मुख्य सचिव ने एससीईआरटी परिसर के सभी भवनों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि आवासीय प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाने को जो निर्देश दिया गया था, उसमें प्रगति संतोषजनक नहीं है। इसके बाद उन्होंने तत्काल सभी का वेतन बंद करने का निर्देश दिया। इसी आलोक में वेतन बंद करने का आदेश एससीईआरटी द्वारा जारी किया गया। श्री पाठक ने 31 अगस्त तक उक्त निर्माण पूरा करने का आदेश दिया है।

पहले भी हो चुका है ऐसा

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी श्री पाठक ने एससीईआरटी के दस कर्मियों के वेतन बंद करने का आदेश दिया था। पूर्व में एससीईआरटी के निरीक्षण में उन्होंने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम के कार्यपालक अभियंता को परिषद के छात्रावास, अकादमिक भवन, पुराना प्रशासनिक भवन आदि निर्माण कार्य को ससमय पूर्ण करने के लिए मानव बल बढ़ाने का आदेश दिया था। अब-तक उन्होंने विभाग के कर्मियों समेत कॉलेजों-स्कूलों के कई शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन विभिन्न कारणों से बंद किया है।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का प्रदेश की नीतीश सरकार पर बड़ा हमला, कहा-महागठबंधन सरकार बनने के बाद राज्य में अपराधियों की आ गई है बहार

डेस्क : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रदेश की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जब से प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनी है अपराधियों की बहार आ गई है। 

राज्य में बढ़ रही हत्या, लूट और आपराधिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भूमाफिया, शराब माफिया औऱ बालू माफिया ही इसके जनक हैं। महागठबंधन सरकार बनने के बाद राज्य में अपराधियों की बहार आ गई है। पिछले 11 माह में लगभग 3000 से अधिक हत्या, 25 से ज्यादा बैंक लूट औऱ 1000 से अधिक लूट, अपहरण और बलात्कार इसके गवाह हैं। अपराधियों की गोली के शिकार लगभग 1000 लोगों का अभी भी राज्य के विभिन्न अस्पतालों में ईलाज चल रहा है। थानों में सभी मामलों को पुलिस द्वारा दर्ज भी नहीं किया जाता है। सरकार अविलम्ब अपराध का आंकड़ा जारी करे ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलिस-माफिया गठजोड़ के कारण राज्य की जनता त्रस्त है। राज्य के 15 से अधिक जिलों में सबसे अधिक अपराधिक घटनाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री के जिलों में भी अपराधिक घटनाओं की संख्या काफी अधिक है। यदि पुलिस कर्मियों की पिछले दो माह के मोबाईल के कॉल डिटेल औऱ सी सी टीवी की अगर जाँच की जाय तो इनका माफियाओं, अपराधियों, उच्च पदाधिकारियों औऱ तथाकथित फर्जी पत्रकारों से कनेक्शन उजागर हो जायेगा। सरकारी नम्बर के अतिरिक्त पुलिस कर्मी प्राइवेट नम्बर रखते है जिसकी जानकारी अपराधियों को रहती है औऱ वे सीधे इस नम्बर पर उनसे सम्पर्क साधते हैं। निर्दोष नागरिकों को केस मुकदमा में फसाने की धमकी देकर ये अवैध राशि की उगाही करते हैं और नीचे से उपर तक उसका बंटवारा करते हैं। इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में अस्थिर सरकार के कारण माफियाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। माफियाओं के द्वारा अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सत्ता में बैठे लोगों को समर्पित कर दिया जाता है जिसके कारण इनको अपराध औऱ लूट की छूट मिली हुई है। चुन चुन कर भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को महत्वपूर्ण पोस्टिंग किया जा रहा है। ईमानदार लोगों की कोई जरूरत महसूस नहीं की जा रही है और ये उपेक्षित हैं। बिहार के लोगों को पता है कि अभी जून में किस प्रकार ट्रांसफर पोस्टिंग में करोड़ों रुपये की वसूली की गई है। सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार यदि गंभीर है तो पुलिस-माफिया गठजोड़ की जाँच हाई कोर्ट के सिटिंग जज या सी बी आई से कराने का आदेश दे ताकि राज्य की जनता के सामने असलियत उजागर हो सके।

विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय और राज्य के भाजपा के कार्यकर्ताओं औऱ जनता से भी अपील की है कि वे माफियाओं औऱ अपराधियों से गठजोड़ रखने बाले पुलिस कर्मियों पर नजर रखे औऱ उनके संदेहास्पद गतिविधियों की जानकारी मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक के साथ साथ उन्हें भी दें ताकि कानून के दायरे में लाते हुए इनके मोबाइल का कॉल डिटेल औऱ सी सी टी वी की जाँच कराकर इनपर भी कारवाई हो सके।