केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आज राज्यसभा में पेश किया सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023,आइये जानते हैं क्या है इस विधयेक में..?
दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में फिल्मकारों का समर्थन करने के इरादे से सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया. इस विधेयक के पास होने के साथ ही सिनेमा बनाने वालों को फायदा होगा. अब पायरेटेड कंटेन्ट उपलब्ध कराने वालों को सजा मिल सकती है.
अभी फिल्म रीलीज के कुछ घंटों के अंदर ही फिल्में कोई भी आदमी आसानी से इंटरनेट पर देख लेता है. इससे सिनेमा हाल जाने वालों की संख्या में कमी होती है. सिनेमा बनाने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी चोरी को रोकने में यह विधेयक मदद करेगा.
क्या कहता है यह कानून?
विधेयक कहता है कि ऐसा करने वालों को तीन साल तक की जेल हो सकती है और फिल्म के बजट का पांच फीसदी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक-2019 वापस ले लिया, इसमें भी तीन साल की सजा और 10 लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
नया विधेयक यूए श्रेणी में कुछ बदलाव की भी सिफारिश करता है. ये आयु आधारित सर्टिफिकेशन की तीन कटेगरी है. जिसमें यूए 7+, यूए 13+ एवं यूए 16+ जोड़ा गया है. नया विधेयक मंजूर होने के साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को यह अधिकार देगा कि वह किसी भी फिल्म को टेलीविजन या किसी भी अन्य माध्यम पर रिलीज करने को अलग से प्रमाण जारी करे।
विधेयक में कुछ और धाराएं भी जोड़ी गई हैं, जो फिल्मों की चोरी रोकने में मददगार हो सकती है. अब अनधिकृत रिकार्डिंग करना धारा 6 एए तथा उसे दिखाना धारा 6 एबी के तहत जुर्म होगा. इसकी सजा कम से कम तीन महीने तय की गयी है. विधेयक इसे तीन साल तक बढ़ाने की वकालत भी करता है।
इसी तरह जुर्माना की रकम कम से कम तीन लाख रुपये और अधिकतम फिल्म उत्पादन का पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
Jul 26 2023, 16:44