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सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों को खुले जंगल से पकड़कर बाड़े में किया गय शिफ्ट, 6 चीतों के रेडियो काॅलर हटाए गए

 सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को खुले जंगल से पकड़कर बाड़े में शिफ्ट किया गया है। वहीं 6 चीतों के रेडियो काॅलर हटाए जा चुके हैं। कूनो में वन विभाग की टीम नामीबिया और साउथ अफ्रीका से आए एक्सपर्ट के साथ चीतों की जांच कर रही है। फिलहाल 11 बाड़े में अभी कुल 11 चीते हैं। चीतों को मानसून सीजन तक बाड़े में ही रखा जा सकता है।

कोर्ट ने लगाई थी फटकार

बता दें कि 3 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट चीतों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान या अन्य जगह शिफ्ट करने का विचार करना चाहिए। आपको राजस्थान में क्या दिक्कत है? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल की सत्ता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप चीतों के लिए कुछ सोचना ही बंद कर देंगे।

गर्दन से हटाए जा रहे रेडियो काॅलर

कोर्ट ने आगे कहा कि नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। जबकि इन्हें यहां लाए अभी एक साल भी नहीं हुआ है। बता दें कि रेडियो काॅलर से नर चीते तेजस और सूरज की गर्दन पर घाव के निशान मिले हैं। इसके बाद इनको हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इससे पहले अधिकारियों ने रेडियो काॅलर से चीतों की मौत होने को नकार दिया था।

प्रोजेक्ट ‘चीता’ के तहत लाए गए थे भारत

उल्लेखनीय है कि चीतों को दक्षिण अफ्रीका से एक समझौते के तहत भारत लाया गया था। कूनो पार्क में लाए जाने के बाद चीतों अलग-अलग रखा गया था। नामीबिया से लाए गए चीतों को पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इस अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे।

बता दें कि नामीबिया से कुल 8 चीते भारत लाए गए थे। जबकि दक्षिण अफी्रका से 12 चीते भारत लाए गए थे। इनमें 10 नर और 10 मादा चीता शामिल थे। इनमें से अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी हैं। जबकि 11 चीतों को बचाने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञ कवायद में जुटे हैं।

हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा संसद का मानसून सत्र, मणिपुर-राजस्थान को लेकर जमकर हंगामा

#parliament_monsoon_session

संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है।मणिपुर हिंसा मामले में संसद के दोनों सदनों में बवाल जारी है। मणिपुर पर पीएम मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं सरकार भी विपक्ष के आगे अपना तेवर नरम करने की मूड में नजर नहीं आ रही है। 

सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि सदन चर्चा के लिए तैयार है। नारेबाजी और तख्तियां लाने से समाधान नहीं निकलेगा। जनता ने आपको यहां तख्तियों और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा। हालांकि इसके बाद भी विपक्ष लगातार नारेबाजी करते रहे।

मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष खासा हमलावर रुख अपनाए हुए है। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले मणिपुर की घटना को लेकर धरना प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री से घटना को लेकर संसद में बयान देने की मांग की। 

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें। अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधि अंदर बैठे हैं, तो आप (प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए। उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे।

प्यार में सीमा ने लांघी सरहद तो भारत की अंजू पहुंच गई पाकिस्तान, जानें कितनी मिलती है दोनों की कहानी

#anjureachedpakistantomeetfbfriend 

सीमा और सचिन की प्रेम कहानी इन दिनों भारत-पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में सुर्खियों मे हैं। इसी बीच ऐसी ही एक और खबर आई है, जहां एक और प्रेम दिवीनी ने सरहद लांघी हैं। जिस तरह पाकिस्तान से सीमा हैदर भारत में अपने प्रेमी के पास आ गई और शादी करके रहने लगी उसी तरह राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली एक महिला अपने दो बच्चों को छोड़कर लाहौर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के एक नसरुल्ला नाम के युवक से उसके दोस्ती हुई और वह अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर लाहौर पहुंच गई।

पति से फोन पर बातें करती रही और पहुंच गई पाकिस्तान

35 साल की अंजू नाम की एक भारतीय महिला अपने 29 वर्षीय फेसबुक मित्र नसरुल्लाह खान से मिलने के लिए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पहुंच गई है।अंजू के पाकिस्तान पहुंचने की खबर से उसका पति भौचक्का रह गया। उसने कहा कि वह तो जयपुर घूमने के लिए निकली थी। जिसकी जानकारी रविवार को सोशल मीडिया के जरिए उसके पति को लगी तो वह हैरान रह गया। अंजू अपने पति अरविंद को 4 दिन पहले जयपुर घूमने की बात कह कर घर से निकली थी। पति के मुताबिक वह उससे लगातार व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए बात कर रही थी। रविवार को भी शाम 4 बजे के करीब भी उससे व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए बात हुई तो उसने बताया कि वह लाहौर में है। उसने दो-तीन दिन में वापस लौट आने की बात कही।

पति ने कहा- बच्चे तय करेंगे कि अंजू के साथ रहना है या नहीं

अंजू के पति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मेरी पत्नी ने मुझे जयपुर जाने की जानकारी दी थी, लेकिन बाद में उसने वॉइस नोट भेजा कि वह लाहौर में है। मुझे नहीं पता कि वह कैसे पहुंची, उसे वीज़ा कैसे मिला। ये सीमा जैसा मामला नहीं है, क्योंकि मेरी वाइफ के पास सभी कागज़ हैं। मैं अपनी पत्नी का फोन नहीं देखता हूं, उसने 2-3 दिन में वापसी की बात कही है इसलिए मैंने पुलिस में कोई शिकायत नहीं की है। पति ने बताया कि अब बच्चे तय करेंगे कि हमें अंजू के साथ रहना है या नहीं, क्योंकि जो हुआ है वह चीटिंग है। मेरी सरकार से अपील है कि अगर उसके पास सभी लीगल डॉक्यूमेंट हैं तो उसे वापस आने दिया जाए।

अंजू ने दो साल पहले ही पासपोर्ट बनवाया था

इधर, पाकिस्तान की मीडिया में भारत की इस महिला अंजू पत्नी अरविंद के पाकिस्तान में पहुंचने की खबर के बाद भिवाड़ी में भी हड़कंप मच गया कि आखिर दो बच्चों की मां बच्चों और पति को छोड़कर पाकिस्तान किस तरह पहुंच गई।अरविंद और अंजू के 15 साल की बेटी और 5 साल का बेटा है। अरविंद 2005 से भिवाड़ी में जॉब कर रहा है और इसकी शादी वर्ष 2007 में मध्य प्रदेश के गुना जिला निवासी अंजू से हुई थी।अंजू भी भिवाड़ी के टपूकड़ा में एक कंपनी में जॉब करती है।अंजू अपने पति के साथ 2 साल से यह इस सोसाइटी में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अंजू ने दो साल पहले ही पासपोर्ट बनवा लिया था और लेकिन उसमें पता पुराना लिखा हुआ है।

कितनी मिलती जुलती है सीमा और अंजू की कहानी

बता दें कि सीमा और सचिन की लव स्टोरी पिछले एक महीने से चर्चा में है।अब भारत से अंजू नाम की महिला पाकिस्तान पहुंच गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों की कहानियों में काफी समानताएं हैं। दोनों की कहानियों में काफी समानताएं हैं। जैसे दोनों मामलों में प्यार का जरिया सोशल मीडिया बना है। दोनों ने ही प्यार को हासिल करने के लिए सरहदों को पार किया है। दोनों महिलाओं के पतियों को उनके 'फरार' होने का पता तब चला, जब वह दूसरे देश पहुंच चुकी थीं। दोनों केवल शादीशुदा ही नहीं है बल्कि बच्चों की माएं भी हैं।

ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे शुरू, 43 सदस्यीय टीम कर रही निरीक्षण, सुरक्षा के कड़े इंतजार

#varanasiasistartssurveyofgyanvapicampus

वाराणसी कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वे का काम शुरू कर चुकी है। आज से सर्वे की शुरुआत हुई है और 4 अगस्त को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी है। सर्वे काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बनी ज्ञानवापी मस्जिद में किया जा रहा है। मस्जिद की तीनों गुंबद, पश्चिमी दिवार समते परिसर का ये सर्वे वहां की वास्तविक स्थिति को और साफ करेगा। माना जा रहा है कि ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे इस पूर विवाद को खत्म करने में अहम रोल अदा करने वाला है

43 सदस्यीय टीम परिसर में मौजूद

वाराणसी में जिला जज की अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम ने सोमवार की सुबह से ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक तरीके से सर्वे शुरू कर दिया। आधुनिक मशीनों संग ज्ञानवापी पहुंची एएसआई की 43 सदस्यीय टीम अभी परिसर का निरीक्षण कर रही है। दिल्ली, लखनऊ, पटना और आगरा की एएसआई की टीमें शामिल हैं। दिल्ली टीम के असिस्टेंट डायरेक्टर टीम को लीड कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कोई सदस्य नहीं पहुंचा है। मुस्लिम पक्ष की गैरमौजूदगी के कारण सर्वे का काम शुरू करने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। सर्वे के काम में सहयोग के लिए पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग की टीम को भी लगाया गया है।

21 जुलाई को सर्वे का दिया था आदेश

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक दे और बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है।

सर्वे के बाद ज्ञानवापी का सच आएगा सामने

ज्ञानवापी का सच क्या है ये बहुत जल्द सबके सामने आ जाएगा।एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के बाद सबकुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे हैं। इन दावों की हकीकत का पता लगाने के लिए ही मामला कोर्ट में है और कोर्ट के आदेश पर ही सच का पता लगाने की कवायद चल रही है।

ट्विटर से चिड़िया को उड़ाने की तैयारी में एलन मस्क, एलन मस्क ट्विटर में लाने वाले हैं नया बदलाव

डेस्क: ट्विटर के मालिक एलन मस्क ट्विटर में नए नए बदलाव कर रहे हैं। अब तक उन्होंने ट्विटर यूजर्स के लिए नए नए नियम लागू किए थे लेकिन अब वो ट्विटर की पहचान को बदलने की कोशिश में है। एलन मस्क ट्विटर के लोगो 'चिड़िया' को हटाने की तैयारी में जुटे हैं। खुद मस्क ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है। 

ट्विटर के लोगों को बदलने के बारे में उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- हम जल्द ही ट्विटर ब्रांड और धीरे धीरे सभी पक्षियों को अलविदा कह देंगे। इस ट्वीट के बाद मस्क एक बार फिर से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। 

आपको बता दें कि इससे पहले एलन मस्क ने ट्विटर पर डीएम मैसेज यानी डायरेक्ट मैसेज सेंड करने की लिमिट लगा दी है। अब यूजर्स को DM करने के लिए कंपनी को भुगतान करना पडे़गा। अब अनवेरिफाइड यूजर्स के लिए DM की लिमिट होगी और अगर लिमिट से ज्यादा मैसेज करने के लिए हैं तो इसके लिए ब्लू सब्सक्रिप्शन लेना जरूरी होगा। 

एलन मस्क ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में इस बात की जानकारी दी कि जल्द ही ट्विटर का लोगो बदलने वाला है। उन्होंने लिखा कि हम बहुत जल्द ट्विटर ब्रांड और धीरे-धीरे सभी पक्षियों को अलविदा कह देंगे। उन्होंने बताया कि अगर आज रात को एक X डिजाइन का एक अच्छा लोगो पोस्ट किया जाता है तो हम कल ही इसे दुनिया भर में लाइव कर देंगे।

माना जा रहा है कि ट्विटर का नया लोगो X डिजाइन का ही होगा। इसकी एक वजह यह भी है कि यह एलन मस्क की नई एआई कंपनी XAI से मिलता है। मस्क ने अपनी ज्यादातर कंपनियों के लोगों में X शामिल किया है। उनकी स्पेस एजेंसी का नाम भी Space X है।

रतन राजपूत ने उठाया साउथ फिल्म इंडस्ट्री के काले सच से पर्दा, बोली- हीरो, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर सब...!

डेस्क: 'अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो' में लीड रोल में नजर आईं रतन राजपूत तो आपको याद ही होंगी। एक्ट्रेस लंबे समय से एक्टिंग से दूर हैं, लेकिन उन्होंने अपने डेली ब्लॉग के जरिए लोगों तक अपनी पहुंच बनाई हुई है। वो अपनी हर बात फैंस से साझा करती हैं, लेकिन उन्होंने कभी ये नहीं बताया था कि वो एक्टिंग से दूर क्यों हैं। फिलहाल, अब एक्ट्रेस वापसी के लिए तैयार हैं और उन्होंने एक्टिंग से दूरी की वजह भी लोगों के साथ साझा की है। इसके साथ ही उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री को लेकर बड़ा दावा किया है और कहा कि वो कभी भी साउथ की फिल्मों में काम करने को तैयार नहीं होंगी।

साउथ इंडस्ट्री को लेकर रतन का खुलासा

रतन ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'साउथ का बहुत नाम है, बहुत संस्कार की बातें हो रही हैं। मैं अगले जन्म कर रही थी, मुझे साउथ से बहुत कॉल्स आए। बहुत अच्छे-अच्छे डायरोक्टर्स के आए, लेकिन साथ में ये भी कहा जाता कि थोड़ा वेट बढ़ाना पड़ेगा आप बहुत पतली हैं।' आगे वो कहती हैं कि कहा गया, 'साउथ इंडस्ट्री के नॉर्म्स, कायदे तो आपको पता ही होंगे। अब तो इंडस्ट्री में सबको पता ही है। डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और लीड एक्टर, हो सकता है डीओपी भी...' इतना सुनने के बात रतन ने सवाल करते हुए पूछा कि उन्हें नहीं पता है और पूरी बात बताई जाए, जिस पर उन्हें जवाब मिला, 'आपको तो पता है यहा चलता है कॉम्प्रोमाइज।' 

बताया साउथ इंडस्ट्री का काला सच

इसके बाद उन्होंने उस फिल्म के लिए मना कर दिया। वो आगे कहती हैं कि ऐसा सिर्फ बॉलीवुड नहीं, बल्कि साउथ फिल्मों में भी होता है। वो आगे कहती हैं, 'साउथ से आजतक एक भी कॉल ऐसा नहीं आया जहां कॉम्प्रोमाइज की बात न हुई हो। कभी-कभी डीओपी जरूर हट जाता इस लिस्ट से, लेकिन प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और हीरो इस लिस्ट में हमेशा रहते हैं। मैंने इसके बाद तय कर लिया है कि साउथ इंडस्ट्री में कभी काम नहीं करना है।' वो कहती हैं कि इंडस्ट्री में अच्छे और खराब दोनों तरह के लोग हैं। 

एक्टिंग से दूर एक्ट्रेस कर रही थीं ये काम

बता दें, रतन राजपूत ने जबसे एक्टिंग से दूरी बनाई है तब से एक्ट्रेस लगाता ब्लॉग बना रही हैं, जिस पर अपनी हर दिन की जर्नी लोगों संग साझा करती हैं। एक्ट्रेस इस दौरान काफी ट्रेवेल की। उन्होंने दोबारा पढ़ाई की शुरुआत की और अपने परिवार के साथ वक्त बिताया। बीता वक्त उनके लिए आसान नहीं रहा। उन्होंने अपने पिता को भी खो दिया था, जिसके बाद वो काफी परेशान रहीं।

नेपाल में इस लोकेशन से मिलेगी भारत की बस! सीमा हैदर की चैट का स्क्रीनशॉट आया सामने

डेस्क: सचिन और सीमा हैदर की प्रेम कहानी इन दिनों हर जगह छाई हुई है। पाकिस्तान से नेपाल और फिर भारत आई सीमा हैदर ने सचिन से शादी कर ली है और हिंदू धर्म अपना लिया है। इसी कड़ी में अब सीमा हैदर की एक चैट का स्क्रीनशॉट सामने आया है।

 इस चैट में बस सर्विस मैनेजर प्रसन्ना गौतम ने सीमा हैदर को नेपाल के पोखरा के उस जगह की लोकेशन भेजी थी, जहां से सीमा को बस 12 मई को सुबह 7 बजे लेकर भारत आने वाली होती है। 

सीमा ने चैट में ये भी लिखा है कि भईया आप उनको (सचिन) मैसेज कर दो। इस चैट में बाकी बची हुई पेमेंट को सचिन से लेने की बात कही गई है। दरअसल सीमा के पास पैसे पूरे नहीं थे बाकी बची हुई पेमेंट सचिन ने की थी। चैट में मैनेजर ने ये भी लिखा है कि बाकी की पेमेंट भेजने के बाद स्क्रीन शॉट भेज देना।

 बता दें कि बीते दिनों सीमा हैदर से यूपी एटीएस ने पूछताछ की थी। इस पूछताछ में सीमा ने बड़ी ही बारीकियों के साथ जवाब दिया था।

महाराष्ट्र में अगले कई दिन होगी भारी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट*

डेस्क: महाराष्ट्र में इन दिनों बारिश की वजह से हालत खरब हो चले हैं। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। हर तरफ बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। वहीं इसी बीच भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। IMD ने सोमवार के लिए मुंबई और ठाणे के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 

कई इलाकों के लिए ओरेंज अलर्ट 

इसके साथ ही IMD ने रायगड़,पालघर और कोंकण के इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं कोंकण के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग इलाके में अगले 5 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि रायगड़ के लिए अगले तीन दिन का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग ने लोगों से कहा है कि इन इलाकों के लोग बारिश और बाढ़ जैसे हालातों से निपटने की साड़ी तैयारी कर लें।

अब तक कई लोगों की हो चुकी है मौत 

वहीं महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के नागपुर मंडल में 13 जुलाई के बाद से अब तक भारी बारिश के बाद बाढ़ और बिजली गिरने के कारण कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है और 1,600 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बारिश से नागपुर मंडल के कई हिस्सों में 875.84 हेक्टेयर कृषि भूमि पर असर पड़ा है। इसके अलावा यवतमाल जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई है।

इटली में भारतीय सैनिकों की याद में बनाया स्मारक, द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सेना के योगदान को इटली ने दिया सम्मान


डेस्क: इटली ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बलिदान होने वाले भारतीय सैनिकों को सम्मान दिया है। इटली के मोनटोने इलाके में भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक का अनावरण किया गया। इस स्मारक का अनावरण कम्यून ऑफ मोनोटोन और इटली के सैन्य इतिहासकारों ने किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों का अहम योगदान रहा था। 

भारतीय राजदूत, भारतीय सेना के प्रतिनिधि भी रहे मौजूद

खबर के अनुसार, इटली के पेरुगिया में मोनटोने में वी.सी यशवंत घाडगे सनडायल मेमोरियल का अनावरण किया गया। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में इटली की तरफ से लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है। 

साथ ही बलिदानी नायक यशवंत घाडगे को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया। यशवंतराव घाडगे ऊपरी टिबेर घाटी में युद्ध के दौरान बलिदान हुए थे। भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाए गए स्मारक के अनावरण के मौके पर इटली में भारत की राजदूत डॉ. नीना मल्होत्रा, भारतीय सेना के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में भारतीय मूल के नागरिक और इटली की सेना के अधिकारी मौजूद रहे। 

50 हजार से ज्यादा सैनिकों ने लिया था हिस्सा

इटली के लिए लड़ते हुए भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय सेना की चौथी, आठवीं और दसवीं डिविजन के 50 हजार से ज्यादा सैनिकों ने युद्ध में हिस्सा लिया था।भारतीय सैनिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कितनी वीरता से लड़े, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के 20 सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया।

 युद्ध के दौरान 23,722 सैनिक घायल हुए और 5782 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। इटली में भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाए गए स्मारक पर भारतीय सेना की पट्टिका भी लगाई गई है। स्मारक पर इटैलियन भाषा में 'ओमिनेस सब ओडेम सोल' लिखा हुआ है, जिसका मतलब है कि 'हम सभी एक सूरज के नीचे रहते हैं'।

गुजरात के नवसारी और जूनागढ़ समेत कई जिलों में 'जल प्रलय' से हुई तबाही से

जनजीवन अस्त-व्यस्त, जूनागढ़ में कई कारें और मवेशी पानी की तेज धार में बहे, राहत बचाव कार्य जारी


गुजरात के नवसारी और जूनागढ़ समेत कई जिलों में 'जल प्रलय' से हुई तबाही से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अहमदाबाद सहित राज्य के दक्षिणी हिस्से और सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी बारिश होने से बांधों एवं नदियों में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया तथा शहरी क्षेत्रों एवं कुछ गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। जूनागढ़ में तो कई कारें और मवेशी पानी की तेज धार में बह गए। वहीं आज अहमदाबाद एयरपोर्ट में भी पानी घुस गया। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की और राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के बारे में जानकारी ली।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को गुजरात के दक्षिणी और सौराष्ट्र क्षेत्रों के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जिससे शहरी क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और बांधों और नदियों में जलस्तर खतरे के स्तर तक बढ़ने के बीच गांवों का शहरों से संपर्क कट गया। शहर में शनिवार शाम चार बजे तक पिछले आठ घंटे में 219 मिलीमीटर बारिश हुई है। लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए कमर तक पानी में चलते हुए नजर आए। उनमें से कुछ को पानी की तेज धार से बचाने के लिए वॉलंटियर्स ने मदद की। नवसारी और जूनागढ़ जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बारिश के कारण कई आवासीय क्षेत्रों और बाजारों में पानी भर गया।

प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने का अनुरोध किया है और उनसे किसी अप्रिय घटना या आकस्मिक स्थिति में कंट्रोल रू से संपर्क करने की अपील की है। लोगों को बांधों या उनके आसपास के क्षेत्रों में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव टीमों को तैनात किया गया है।

जनजीवन पटरी से उतरा

दक्षिण गुजरात में नवसारी जिले में भारी बारिश हुई तथा बाढ़ के कारण शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनजीवन पटरी से उतर गया। राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि जिले के नवसारी और जलालपोर तालुका में शनिवार सुबह छह बजे से शाम 4 बजे तक क्रमश: 303 और 276 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

मूसलाधार बारिश होने से गलियों एवं निचले इलाकों में भारी जलभराव हो गया। इससे शहर में ट्रैफिक जाम हो गया। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण नवसारी के निकट मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात जाम लग गया।

राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि देवभूमि द्वारका, भावनगर, भरूच, सूरत, तापी, वलसाड और अमरेली ऐसे अन्य जिले हैं जहां शनिवार को भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात तथा सौराष्ट्र-कच्छ के जिलों में रविवार सुबह तक भारी बारिश होने की चेतावनी दी थी। मौसम विभाग ने 22 जुलाई से 26 जुलाई तक उत्तरी गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नहीं जाने की सलाह दी है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सूत्रपाड़ा, मंगरोल और गिर सोमनाथ के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।

एनडीआरएफ की टीम ने जूनागढ़ में चलाया बचाव अभियान

गुजरात के कई हिस्सों में लगातार बारिश के बीच, राष्ट्रीय रक्षा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने शनिवार को क्षेत्र के जूनागढ़ जिले में बचाव अभियान चलाया। बचाव अभियान में एनडीआरएफ कर्मी आम जनता तक पहुंचे और उन्हें शहर के बाढ़ और जलभराव वाले क्षेत्रों को सुरक्षित क्षेत्रों में पार करने में सहायता की। इससे पहले शनिवार को मॉनसून की बारिश के बीच नवसारी शहर में एक व्यक्ति लापता हो गया था। 

गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात कर हालात का जायजा लिया 

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर कहा कि हाल ही में भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की। साथ ही जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की पर्याप्त संख्या में टीमें उपलब्ध हैं।