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लोकसभा चुनाव से पहले फिर बढ़ सकता है भाजपा का कुनबा, बिहार और यूपी से दो और दल आ सकते हैं साथ

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का कुनबा बढ़ा रही है। दो और दलों के शामिल होने की संभावना है। इनमें एक पार्टी बिहार से और दूसरी उत्तर प्रदेश से एनडीए में शामिल हो सकती है। बिहार में बीजेपी की चर्चा मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और उत्तर प्रदेश में महान दल से हो रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, "बिहार बीजेपी के दो नेता मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी के साथ बातचीत कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने भी महान दल से भी संपर्क किया है।"

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के पास भारी वोट शेयर है और बिहार में भी अच्छा मत प्रतिशत है, लेकिन दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत करने के लिए क्षत्रपों को जगह दे रही है।

आपको बता दें कि फिलहाल एनडीए में 38 पार्टियां हैं, लेकिन उनमें से कई ने अपनी स्थापना के बाद से एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती है। इनमें 10 पार्टियां ऐसी हैं, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 15 दलों ने चुनाव लड़ने के बावजूद संसद के किसी भी सदन में कोई सांसद नहीं बना पाया। 

26 विपक्षी दलों ने जब एक संयुक्त मोर्चे का ऐलान किया, इसके बाद एनडीए का भी विस्तार हुआ है। बीजेपी ने एनडीए की बैठक बुलाई। पिछले कुछ सालों में संस्थापक सदस्यों शिरोमणि अकाली दल और शिव सेना जैसे दलों ने साथ छोड़ दिया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 का चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के एक साथ आने के बाद भाजपा को एनडीए को फिर से जीवंत करने की आवश्यकता का एहसास हुआ। उन्हें इस बात का संदेह है कि जिस तरह से एनडीए का विस्तार हुआ है उसी तरह से वोट प्रतिशत में भी इजाफा होगा।

अकाली दल और टीडीपी में एनडीएम में वापसी की सुगबुगाहट हुई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस बात सामने नहीं आई है। इस बीच जेडीएस ने कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।

राज्य सरकार की मनाही के बाद भी मणिपुर दौरे पर रवाना हुईं दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल, CM से भी मांगा मिलने का समय

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल हिंसा प्रभावित मणिपुर के लिए रवाना हो गई हैं। इससे पहले मणिपुर सरकार ने उन्हें हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

वह दोपहर 12 बजे इंफाल पहुंचेंगी। मणिपुर रवाना होने से पहले मालीवाल ने कहा कि वह मणिपुर जाएंगी और यौन हिंसा पीड़ित लोगों से मिलेंगी। इससे पहले मणिपुर सरकार ने उन्हें हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सरकार ने इसके पीछे कानून-व्यवस्था का हवाला दिया था।

यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिलेंगी स्वाति

मणिपुर रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा, मैंने मणिपुर सरकार को लिखा है कि मैं राज्य का दौरा करना चाहती हूं और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिलना चाहती हूं। मुझे मणिपुर सरकार से एक पत्र मिला है जिसमें राज्य सरकार द्वारा मुझे अपनी यात्रा स्थगित करने का सुझाव दिया है क्योंकि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। मैं केवल पीड़ितों की मदद के लिए मणिपुर जाना चाहती हूं। मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि वह मुझे मणिपुर जाने की अनुमति दें और उन राहत शिविरों में मेरी यात्रा की व्यवस्था करें जहां ये पीड़ित रह रहे हैं।

मालीवाल ने कहा कि मैं महिलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करना चाहती हूं, इसलिए मैंने उनसे समय भी मांगा है।

4 मई को क्या हुआ था

दरअसल, 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाया गया था। भीड़ ने न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमाया था, बल्कि उनके साथ अभद्रता और यौन उत्पीड़न भी किया था। इस घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हुआ। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी हुइरेम हेरादास समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाकी लोगों की वीडियो से पहचान कर तलाश की जा रही है। इस घटना के बाद राज्य में तनाव और बढ़ गया।

पुलिस पर लग रहे लापरवाही के आरोप 

मणिपुर की इस घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, ये मामला 4 मई का है। इसकी शिकायत 18 मई को दी गई थी। लेकिन पुलिस ने 49 दिन बाद 21 जून को FIR दर्ज की। इतना ही नहीं FIR दर्ज होने के ढाई महीने बाद जब देशभर में बवाल हुआ, तब पहली गिरफ्तारी हुई।

उन्मादी भीड़, निर्वस्त्र परेड, गैंगरेप और मर्डर

मणिपुर में ढाई महीने से हिंसा

मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। हिंसा की शुरुआत तक हुई, जब कुकी समुदाय ने पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला और मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया। मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है। वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी और नागा आदिवासी की संख्या 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

सीआईए चीफ का बड़ा दावा, “पुतिन हर हालत में वैगनर प्रमुख प्रिगोझिन से बदला लेकर रहेंगे, कर रहे मौके का इंतजार”

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अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स ने रूस में हुए वैगनर विद्रोह पर बड़ा दावा किया है।बर्न्स ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के पिछले महीने के अल्पकालिक विद्रोह के खिलाफ बदला लेने से पहले समय का इंतजार कर रहे हैं।विलियम बर्न्स ने आगे कहा कि भाड़े के समूह के विद्रोह ने मास्को की कमजोरियों को सबके सामने लाया है।

विलियम बर्न्स ने एस्पेन सिक्योरिटी फोरम को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अभी भी प्रिगोझिन से बदला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जो देश रहे हैं, वह एक बहुत उलझा हुआ मामला है। प्रिगोझिन किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। लेकिन, हाल में ही उन्हें बेलारूस की राजधानी मिन्स्क और रूस की राजधानी मॉस्को में देखा गया है। बर्न्स ने यह भी कहा कि पुतिन संभवत वैगनर समूह के नेता के साथ सबसे अच्छा सलूक करने के लिए समय निकालने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि, वैगनर समूह अफ्रीका के कई देशों में रूस के लिए अब भी महत्वपूर्ण है, इसलिए संभावना है कि पुतिन उस समूह को प्रिगोझिन से अलग करने की कोशिश करेंगे।

सीआईए प्रमुख ने कहा कि पुतिन बदला लेने के लिए इंतजार कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि पुतिन वो हैं जिन्हें लगता है कि बदला लेना है तो पहले मामले को ठंडा करना जरूरी है। बर्न्स कहते हैं- पुतिन बदला लेने में माहिर हैं, अगर प्रिगोजिन बगावत के बावजूद बच जाते हैं तो ये उनके लिए काफी हैरानी की बात होगी।

बर्न्स ने बताया कि उन्हें प्रिगोजिन की बगावत के बारे में पहले से पता था। उन्होंने कहा कि रूस के आर्मी जनरल सर्गेई सुरोविकिन को भी प्रिगोजिन के विद्रोह की पहले से जानकारी थी। रूस में अब उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा रही है।

वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक दूसरे के लिए खास हुआ करते थे। यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में प्रिगोझिन के लड़ाकों मे रूसी सेना की मदद की लेकिन जब रूसी सेना के मिसाइल हमले में वैगनर लड़ाके मारे गए तो दोनों के बीच अविश्वास पनपा। प्रिगोझिन वैसे तो सीधे तौर पुतिन के खिलाफ आरोप नहीं लगाए लेकिन वो रक्षा मंत्री पर जरूर भड़के। प्रिगोझिन ने साफ तौर पर कहा कि रूसी रक्षा मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उस क्रम में 23 जून को वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की थी।

अशोक गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से किया बर्खास्त, महिला उत्पीड़न पर अपनी सरकार को दिखाया था आइना

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मणिपुर हिंसा और वहां दो महिलाओं को नग्न परेड कराए जाने के मामले में देशभर में आक्रोश देका जा रहा है। शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में भी ये मामला उठा। कांग्रेसी विधायक मेल में आ गए और कागज लगाकर नारेबाजी करने लगे। होमगार्ड राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा मणिपुर के बजाय हमें अपने ही गिरेबान में झांकना चाहिए।उनका बयान आग की तरह फैल गया।राजस्थान की विपक्षी पार्टी बीजेपी इसको लेकर गहलोत सरकार को घेरने लगी।गुढ़ा के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को पत्र भेजकर राजेन्द्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा की। राज्यपाल ने गहलोत की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया गया और गुढ़ा मंत्री मंडल से बर्खास्त कर दिए गए।

होमगार्ड मंत्री राजेंद्र गुढ़ा शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि महिला अपराध रोकने में हम असफल साबित हुए हैं, इसको स्वीकार करने में क्या हर्ज है। मणिपुर की बजाय हमें अपने ही गिरेबां में झांकना चाहिए। इस नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदन में मंत्री का बोलना सरकार का पक्ष माना जाता है। इसके बाद विपक्ष घटना के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गया।

बयान पर भाजपा नेता ने बोला था हमला

राजेंद्र गुढ़ा के इस बयान के बाद भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई थी। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा था कि राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के आर्टिकल 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और एक मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है। मुख्यमंत्री जी, हमारी नहीं तो कम से कम अपने मंत्री के बयान पर तो संज्ञान लो। गृहमंत्री के रूप में लचर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी तो संभाल लो।

अनुशासनहीनता मानते हुए मंत्रिपरिषद से किए गए बर्खास्त

अपने ने ही मंत्री का सरकार का खिलाफ बोलना सीएम अशोक गहलोत को चुभ गया। उन्होंने इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में अनुशंसा तैयार कर राजभवन में भेज दी। गवर्नर कलराज मिश्रा ने सीएम की अनुशंसा को मानते हुए राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर कड़ा प्रहार, कहा- पिछली सरकार में हुआ फोन बैंकिंग घोटाला, एक कॉल पर चहेतों को मिले हजारों करोड़ के लोन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 70,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र बांटे।इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं, उनके लिए यादगार दिन है और देश के लिए भी बहुत ऐतिहासिक दिन है।इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए पार्टी पर फोन बैंकिंग घोटाले का आरोप भी लगाया। 

फोन बैंकिंग घोटाला का किया जिक्र

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फोन बैंकिंग घोटाला ने बैंकिंग क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी को तोड़ दी है। उन्होंने बताया कि साल 2014 में हमने बैंकिंग क्षेत्र को पुनर्जीवित करना शुरू किया। हमने देश के सरकारी बैंकों के प्रबंधन को मजबूत किया। छोटे-छोटे बैंकों को मिलाकर एक बड़े बैंक की स्थापना की गई। सरकार ने दिवालिया संहिता लागू किया, जिससे कि अगर कोई भी बैंक भविष्य में बंद होता है तो उन्हें कम नुकसान का सामना करना पड़े। 

नाम लिए बगैर गांधी परिवार पर भी हमला

पीएम मोदी ने नाम लिए बगैर गांधी परिवार पर भी हमला बोला और कहा कि एक समय देश में फोन बैंकिग घोटाला होता था। 9 साल पहले फोन बैंकिंग मेरे और आपके जैसे सामान्य नागिरकों के लिए नहीं थी। उस समय एक खास परिवार के करीबी, कुछ ताकतवर नेता बैंक को फोन कर अपने चहेतों को हजारों करोड़ रुपए का लोन दिलवाया करते थे। ये लोन कभी चुकाया नहीं जाता था। ये फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था।

पिछली सरकार में बैंकिंग सेक्टर ने भारी तबाही देखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि अर्थव्यवस्था के विस्तार में हमारे बैंकिंग सेक्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग क्षेत्र सबसे मजबूत माना जाता है। लेकिन 9 साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी।जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी हो तब कैसी बर्बादी होती है, देश में कई उदाहरण हैं। हमारे बैंकिंग क्षेत्र ने तो पिछली सरकार में इस बर्बादी को महसूस किया है।

महज 9 साल में 5वीं बड़ी इकोनॉमी बना भारत

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत सिर्फ 9 साल में दुनिया की 10वीं इकोनॉमी से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना चुका है। आज हर एक्सपर्ट ये कह रहा है कि कुछ ही सालों में भारत दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमी में शामिल हो जाएगा। ये भारत के लिए असामान्य सिद्धि बनने वाला है। इसका अर्थ है कि हर सेक्टर में रोजगार बढ़ने वाला है और इससे हर व्यक्ति की आय भी बढ़ेगी।

सरकार ने बताया देश में क्या है मुसलमानों की आबादी का अनुपात, जानें 2 सालों में कितना घटा लिंगानुपात

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2023 में मुसलमानों की आबादी 19.7 करोड़ होने का अनुमान है। सरकार ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की माला रॉय के सवालों के लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने जवाब दिया। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ है, जो देश की कुल आबादी का 14.2 फीसदी है। ईरानी ने कहा, जुलाई 2020 में जारी जनसंख्या अनुमान पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश की अनुमानित आबादी 138.8 करोड़ होगी। इस प्रकार, 14.2 फीसदी के समान अनुपात को लागू करने पर 2023 में मुसलमानों की अनुमानित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी। 

श्रम बल में 35.1% मुस्लिम

बताया कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, सात वर्ष और उससे अधिक उम्र के मुसलमानों की साक्षरता दर 77.7 फीसदी है। वहीं, सभी उम्र के श्रम बल में मुसलमानों की भागीदारी दर 35.1 फीसदी है। मंत्रालय की ओर से कराए गए एकाधिक संकेतक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, देश में 94.9 फीसदी मुस्लिम आबादी स्वच्छ पेयजल मिलता है, जबकि 97.2 फीसदी मुसलमानों के पास बेहतर शौचालय की सुविधा है।

पसमांदा मुसलमानों से जुड़े आंकड़ों पर मौन

माला रॉय ने तीन सवाल पूछे थे। पहला, क्या 30 मई तक मुस्लिम आबादी पर कोई देशव्यापी डेटा था? दूसरा, क्या सरकार के पास पसमांदा मुस्लिम पर कोई जनसंख्या डेटा है? देश में पसमांदा मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति क्‍या है?हालांकि, पसमांदा मुसलमानों की आबादी से जुड़े आंकड़ों को लेकर उन्‍होंने कुछ नहीं कहा।

ओवैसी का तंज

वहीं, स्मृति ईरानी के जवाब पर सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक अखबार की रिपोर्ट का फोटो शेयर करते हुए कहा, बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा कि मुस्लिमों की जनसंख्या 20 करोड़ से ज्यादा नहीं होगी, लेकिन शाखा संघियों को लगता है कि कुछ सालों में भारत मुस्लिम बहुल होगा। यह दुष्प्रचार मुसलमानों का राक्षसीकरण करता है। यदि वे बुनियादी गणित नहीं समझते हैं तो मुझे आशा है कि वे कम से कम मोदी सरकार पर तो विश्वास कर सकते हैं।

20 से ज्यादा राज्यों में लिंग अनुपात में कमी

इसके आलावा, लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्मृति ईरानी ने 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में जन्म के समय लिंग अनुपात का डेटा पेश किया।महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ने संसद में कहा कि देश के 20 से ज्यादा राज्यों में लिंग अनुपात में कमी दर्ज की गई है।उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल उन राज्यों में शामिल हैं जहां एक साल में लिंग अनुपात में गिरावट दर्ज की गई।

*कर्नाटक में बीजेपी को मिला जेडीएस का साथ, कुमारस्वामी ने कहा- कांग्रेस के खिलाफ मिलकर करेंगे काम*

#jdsleaderhdkumaraswamydeclaredworktogetherwithbjp

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को कर्नाटक से एक मजबूत साथी मिल गया है। कर्नाटक में जेडीएस ने बीजेपी के साथ मिलकर विपक्ष के रूप में काम करने का फैसला किया है। एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ आने की बात का ऐलान कर दिया है।बता दें कि कर्नाटक में इस समय कांग्रेस की सरकार है। यहां भाजपा दूसरे तो जेडीएस तीसरे नंबर की पार्टी है। 

जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य के हित में बीजेपी के साथ मिलकर विपक्ष के रूप में काम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने उन्हें पार्टी के बारे में अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव के बारे में चर्चा करने के लिए अभी समय है।

राज्य के हित में मिलकर काम करने का फैसला किया-कुमारस्वामी

कुमारस्वामी ने कहा, मैं विधानसभा में और उसके बाहर पहले ही कह चुका हूं कि चूंकि बीजेपी और जेडी (एस) विपक्षी दल हैं, इसलिए राज्य के हित में मिलकर काम करने का फैसला किया गया है। आज सुबह भी हमारी पार्टी के विधायकों ने चर्चा की कि आगे कैसे बढ़ना है।

लगातार मिल रहे गठबंधन के संकेत

जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने इससे पहले भी बीजेपी के साथ गठबंधन करने को लेकर संकेत दिए थे। उन्होंने 17 जुलाई को कहा था कि आम चुनाव में अभी भी 8-9 महीने का वक्त है।अभी काफी समय है। अभी चुनावी गठबंधन की बात जल्दबाजी होगी। देखते हैं आगे क्या होता है। इससे पहले बसवराज बोम्मई ने कहा था कि भविष्य के राजनीतिक कदम पर चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा। हालांकि, बीजेपी और जेडीएस की तरफ से लगातार गठबंधन को लेकर संकेत दिए जा रहे हैं।

22 राज्यों के 44 जगहों पर आज लगेगा रोजगार मेला, पीएम मोदी 70 हजार युवाओं को सौंपेंगे नियुक्ति पत्र

#rozgar_mela_2023_pm_modi_to_distribute_70000_appointment_letters

देश के 22 राज्यों में 40 से ज्यादा केंद्रों पर आज रोजगार मेला लगेगा। इसके माध्यम से 70 हजार युवाओं को नौकरी दी जाएगी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे।प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने की ओर से एक बयान में कहा कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री इन युवाओं को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर रोजगार मेले की जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि ‘देश की युवा प्रतिभाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलें, इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में रोजगार मेलों ने अपनी एक अहम पहचान बनाई है। इसी मेले की अगली कड़ी में आज सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 70,000 से अधिक नियुक्ति-पत्र वितरित करने का सौभाग्य मिलेगा।

रोजगार मेले के विभिन्न केंद्रों पर कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे। इसमें स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल मुंबई में और पशुपति पारस, पटना में, परषोत्तम रूपाला, वडोदरा में, मनसुख मांडविया, अहमदाबाद में लग रहे रोजगार मेले में मौजूद रहेंगे।

देश भर से चुने गए नए कर्मचारी राजस्व विभाग, वित्तीय सेवा विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जल संसाधन विभाग, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और गृह मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में सरकार में शामिल होंगे।

बता दें कि केंद्र सरकार ने रोजगार मेले के जरिए 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। उसी क्रम में हर माह रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 3 लाख से अधिक युवाओं को इसके जरिए नौकरी मिल चुकी है। रोजगार मेले के जरिए केंद्र सरकार के विभागों अलावा राज्य सरकार के विभागों में भी युवाओं का चयन किया जाता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक पहुंची सीमा हैदर की सिफारिश, भारत की नागरिकता दिए जाने की मांग

#seemahaidergetindiancitizenshippetitionfiledwithpresidentdroupadimurmu

पूरे देश में चर्चा का विषय बनी पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर की सिफारिश अब राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू तक पहुंच गई है। सीमा हैदर को जहां एक और कानूनन उसके मुल्‍क वापस पाकिस्‍तान भेजने की बातें कही जा रही हैं, वहीं इसी बीच सीमा हमेशा के लिए भारत में रह जाएं इसकी कवायद में जुट गई है। सीमा हैदर को भारत की नागरिकता दिए जाने की मांग राष्‍ट्रपति के समक्ष की गई है। 

भारत की बहू होने के आधार पर मांगी नागरिकता

सीमा हैदर ने अपने वकील डॉ. एपी सिंह के जरिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दया याचिका भेजी। याचिका में सीमा ने सचिन मीणा से शादी होने के बाद भारत की नागरिकता देने, भारत में ही रहने देने की मांग की है। याचिका के साथ लगाए गए हलफनामे में एक चौकाने वाली बात समाने आई है वह यह है कि सीमा ने इसमें अपना पूरा नाम सीमा हैदर की जगह सीमा मीणा लिखा है। इसके अलावा अपनी शादी के फोटोग्राफ भी भेजे हैं। सीमा के वकील डॉ. एपी सिंह के अनुसार सीमा ने नेपाल में ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा से शादी की थी तो अब वह भारत की बहू है। इसी आधार पर सीमा भारत की नागरिकता चाहती है। 

पाकिस्तान गई तो हो जाएगी हत्या

पाकिस्तान से आई सीमा हैदर ने पीएम मोदी और सीएम योगी से भी गुहार लगाई है कि उसे पाकिस्तान ना भेजा जाए, नहीं तो वह मौत के मुंह में चली जाएगी। उसे चाहे जहां रखें भारत में, लेकिन उसे सचिन और उसके बच्चों के साथ यहीं रखें। सीमा ने यह भी बताया कि उसका भाई 2022 में पाकिस्तानी आर्मी में भर्ती हुआ था, लेकिन वह सबसे निचले रैंक पर है। उसने बताया कि मेरे चाचा की बात आ रही है कि वह पाकिस्तानी आर्मी में थे, तब वह पैदा भी नहीं हुई थी। सीमा ने बताया कि उसकी शादी पशुपतिनाथ मंदिर में हुई जबकि मंदिर की देखरेख करने वाले ट्रस्ट के प्रवक्ता का कहना है कि मंदिर में कोई शादी नहीं होती है। 

सचिन और बच्चों के साथ डिटेंशन सेंटर में भी रहने को तैयार

सीमा खुद को सिर्फ इस बात का दोषी बताती है कि उसने गलत तरीके से भारत में एंट्री की। वह कहती है कि उसने यह सब सचिन के प्यार के लिए किया और वह सचिन के बिना नहीं रह सकती है। सीमा हैदर ने खुद के पाकिस्तानी एजेंट होने की बात को सिरे से खारिज किया है। सीमा ने कहा है कि वो किसी भी सजा के लिए तैयार है, लेकिन वह वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहती है। इतना ही नहीं, सीमा ने कहा है कि वो सचिन और अपने बच्चों के साथ डिटेंशन सेंटर में रहने को भी तैयार है। 

ससुराल पक्ष के घर में रहने की चाहत

इसमें आगे कहा गया है कि सचिन मीणा के साथ हिंदू रीति रिवाजों से शादी करने के बाद अब अपने पति और चारों बच्‍चों के साथ, जिन्‍हें सचिन ने अपना लिया है, अपने ससुराल पक्ष के घर में रहना चाहती हैं। उनकी प्रार्थना है कि उन्‍हें इसकी इजाजत दी जाए, ताकि वह यहां भारतीय संस्‍कृति के तहत अपना जीवन जी सकें।

बता दें कि सीमा को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने पर 4 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके प्रेमी सचिन को अवैध प्रवासी को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।दोनों को 7 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी थी। सीमा अपने 4 बच्चों के साथ ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके के एक घर में सचिन के साथ रह रही है।

*ज्ञानवापी परिसर का होगा एएसआई सर्वे, वाराणसी कोर्ट ने स्वीकार किया हिंदू पक्ष का आवेदन*

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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले में जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया और साइंटिफिक सर्वे (कार्बन डेटिंग) के लिये इजाजत दे दी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने का आदेश दिया है। 

ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में 7 मुकदमे क्लब होने के बाद पिछली तारीख 14 जुलाई को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी, जिस पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।इसी प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटफिक विधि से एएसआई सर्वे की मांग को लेकर हिन्दू पक्ष ने प्रार्थना पत्र दिया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि हाईकोर्ट की रोक के बावजूद निचली अदालत हमारे विरोध को दर किनार कर फैसला सुना रही है। आपको बता दें कि इस केस में इसी साल मई महीने में पांच महिलाओं द्वारा श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसके बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वेसखन किया गया था।

वजूखाने को छोड़कर परिसर के तीनों गुंबदों का सर्वे किया जाएगा

वाराणसी कोर्ट ने कहा है कि वजूखाने को छोड़कर परिसर के तीनों गुंबदों का सर्वे किया जाएगा।तीनों गुंबदों के सर्वे के बाद यह तय हो जाएगा कि ये मंदिर था या मस्जिद है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तीनों गुंबद और उसके बीच में जो गैप है। उसक सर्वे किया जाएगा। ऐसा लगता है कि इस जगह पर कोई विशेष चीज है। जो मुस्लिमों की ओर से छिपाई गई है। तीनों गुंबद के ऊपर एक गुंबद बनाया गया है। परिसर का जिस तरह से निर्माण किया गया है। उससे शक पैदा होता है कि कुछ तो है जो छिपाया जा रहा है। यह सच एएसआई की सर्वे रिपोर्ट से सामने आ जाएगा। इस रिपोर्ट को 4 अगस्त को कोर्ट में सौंपना है।

विवाद क्या है

ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम किए जाएं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा विवाद यह है कि इसमें हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बंद किया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को ध्वस्त करने का आदेश दिया जाए। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पहली बार मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था। हालांकि इसका विवाद तब बढ़ा जब 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पांच हिंदू महिलाओं राखी सिंह, मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू, और लक्ष्मी देवी ने अगस्त 2021 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला दायर किया था। इस दौरान इन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी स्थल पर दैनिक पूजा का अधिकार मांगा। आजादी से पहले भी इस मामले में कई विवाद हुए थे और 1809 में विवाद को लेकर सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था।