महिला सशक्तिकरण पर किया गया जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन, दी गई कई अहम जानकारी
औरंगाबाद : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं माननीय बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देषानुसार राष्ट्रीय कानूनी सेवाओं के सहयोग से बुनियादी कानूनी अधिकारो, महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों के बारे में व्यवहाहारिक ज्ञान प्रदान करने, तथा महिलाओं को अधिकारों की रक्षा हेतु उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करते हुए उचित अधिकारियों के पास भेजने जैसे विषयों पर जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम को आयोजित करते हुए उन्हें लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से एक वृहत जागरूकता कार्यक्रम सह कार्यशाला का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सभागार में किया गया।
इस जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम के द्वारा महिलाओं को कानूनी पहलुओं से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक करने तथा उनका सशक्तिकरण को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज सम्पूर्णाननन्द तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम पंकज मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीतीश कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो मितु सिंह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रणव शंकर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दया शंकर सिंह, (मा0शि0 एवं सा0) द्वारा विधिवत दीप प्रज्जवलित कर महिला सशक्तिकरण पर आयोजित विधिक जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सभी न्यायिक पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस जागरूकता सह कार्यशाला कार्यक्रम में बहुत सारी महिला शिक्षिका जो भिन्न-भिन्न विद्यालय से आये थे उपस्थित रहें।
विदित है कि राष्ट्रीय महिला आयोग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में महिलाओं से सम्बन्धित कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जिले के महिला शिक्षकों की उपस्थिति काफी संख्या में रही।
कार्यक्रम का संचालन नेहा दयाल न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी .द्वारा द्वारा किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष सम्पूर्णानन्द ने उपस्थित महिला शिक्षको को सम्बोधन में ही उनके लिए आयोजित कार्यक्रम पर प्रकाश डाला तथा कहा कि प्रत्येक महिला को सशक्त होना बहुत आवश्यक है और आप पेशे से शिक्षिका हैं इसलिए विधिक रूप से भी आपको सशक्त होना आवश्यक है जिसके लिए आज का कार्यशाला आयोजित है।
जिला जज द्वारा कहा गया सशक्त होंगें तो आपका परिवार शसक्त होगा और परिवार के सशक्तिकरण से एक सभ्य समाज का निर्माण होता है और देश की प्रगति और समृद्धि के लिए आपका सशक्त होना आवश्यक है।
यह कार्यक्रम कई सत्र में आयोजित किया गया जिसमें अलग-अलग विभाग से आये महिला वक्ताओं ने महिला से जुड़े कानून के साथ-साथ सभी पहलुओं को विस्तार से बताया।
अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने पूरे कार्यक्रम के उदेश्यों पर विशेष प्रकाश डाला तथा आगांतुकों को बताया कि यह कार्यक्रम सिर्फ आपके लिए नहीं बल्कि आपके माध्यम जुड़े तमाम लोगों के लिए हैं क्योंकि एक महिला का शिक्षित होना पुरे परिवार को शिक्षित होने की गारंटी है इसलिए आप जागरूक होंगें तो पूरा समाज जागरूक हो जायेगा। आपके माध्यम से पूरे समाज में विधिक जागरूकता फैले जिला विधिक सेवा प्राधिकार का उद्देष्य भी यही है कि आप यहां से कुछ सीख कर जायें और पूरे समाज में इसे फैलायें।
सम्बोधान में उन्होंने कहा कि हर दिन नारी का है हर दिन शक्ति का पर्व है, हर दिन है इन्सानियत का जिसका केन्द्र विन्दु नारी है। नारी को समाज का शक्ति बताते हुए जो कि सृजन की शक्ति अपने अन्दर समेटी हुई है और उन्हें विकसित तथा परिष्कृत कर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, न्याय, धर्म, विचार और उपासना की स्वतंत्रता और समानता का अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण है। उपस्थित महिलाओं को पाॅक्सों एवं महिला कानून पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि आप जिस प्रोफेशन में हैं वहां कार्य के लिए वेतन मिलती है परन्तु आपका दायित्व सिर्फ आपके अपने कार्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि आपने समाज को क्या दिया इसके लिए भी आपको सोचना होगा और जब आप यह सोचेंगी तो अवश्य ही आप सब समाज के लिए करेंगीं यही सच्चे रूप से महिला सशक्तिकरण के रूप में समाज में उदाहरण बनेगा।
चूंकि यह पूरे कार्यक्रम को तीन चरणों में रखा गया था प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में सहायक पुलिस अधीक्षक स्वीटी सेहरावत द्वारा उपस्थित सभी महिलाओं एवं छात्राओं पर किये जाने वाले अपराध पर विशेष प्रकाश डाला गया तथा किस प्रकार आप इससे अपने आपको सावधान रखते हुए अपने विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं को सजग और सशक्त कर सकती है इस बारे में विस्तार से बताया गया तथा उपस्थित महिलाओं को यह भी जानकारी उपलब्ध कराया गया कि महिला थाना तो पूर्व से इस जिला में कार्य कर रही है परन्तु नगर थाना में ही साईबर थाना खोला गया है जहां महिला अवर निरीक्षक प्रतिनियुक्त है और मोबाईल के बढ़ते प्रचलन के कारण बहुत से जाने-अनजाने साईबर क्राईम का षिकार हो जाती हैं इससे आप सभी को बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है और आप सभी शिक्षिका है इसलिए आपका यह दायित्व हो जाता है कि अपने विद्यालय में भी एक सत्र का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं को आज के परिवेश के अनुसार उन्हें जागरूक करें।
उनके द्वारा कई प्रकरणों को को उदाहरण देते हुए बताया गया जिससे उपस्थित सभी महिला शिक्षको को काफी प्रेरणा मिली। इसके साथ-साथ उनके द्वारा पुलिस विभाग के द्वारा महिलाओं को मिलने वाली कानूनी सुविधाओं, 112 नम्बर की कार्यशैली इत्यादि पर जानकारी उपलब्ध करायी गयी।
इसी सत्र में पैनल अधिवक्ता श्रीमती स्नेहलता, ने महिलाओं के सम्पति के अधिकार, महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित कानूनों यथा घरेलू हिंसा जैसे महत्वपूर्ण कानूनों पर विस्तृत जानकारी आगांतुकों को उपलब्ध कराया।
इसी चरण में पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार ने साईबर क्राईम से जुड़े कानूनों के बारे में विस्तार से बताया तथा कहा कि साईबर या इन्टरनेट के माध्यम से होने वाले अपराध को छुपाना नहीं है और न ही डरने की जरूरत है। आगे आकर उससे मुकाबला करने की जरूरत है। कानून तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके हर कदम पर हर परिस्थिति में साथ पायेंगें, चाहे आप नालसा एप के द्वारा अथवा सोसल नेटवर्क यथा टवीटर, फेसबुक, यू-टयूब के जरीये जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके मदद में खड़ा है। इसके साथ-साथ उनके द्वारा महिलाओ को हिरासत में उनके अधिकार से सम्बधित कानून तथा नालसा के विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।
इस कार्यशाला के तृतीय चरण में सचिव प्रणव शंकर द्वारा उपस्थित सभी महिला शिक्षिकों को मूलभूत कानून की जानकारी उपलब्ध कराया गया। जिससे सभी लोग अबतक अंजान थे। सचिव द्वारा उपस्थित महिलाओं द्वारा उठाये गये प्रत्येक सवाल का विस्तार से जबाव दिया।
सचिव द्वारा सभी महिलाओं से यह विशेष रूप से अनुरोध किया गया कि जितनी जानकारी आपको उपलब्ध करायी गयी है आप उनमें से आधा भी अपने परिवार, समाज, छात्र सहयोगी एवं अन्य को बताकर उन्हें विधिक अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं तो हम समझगें कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने वास्तविक उदेश्यों को प्राप्त कर रहा है।
इसी सत्र में मितु सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो द्वारा पाॅक्सो अधिनियम से जुड़े कानूनों पर विस्तार से बताया गया तथा इसी सत्र के अन्त में नेहा दयाल न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी द्वारा सामान्य कानूनों तथा प्रतिभागियों द्वारा उठाये गये सभी प्रश्नों का समाधान किया गया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सौरभ सिंह द्वारा किया गया।
विदित हो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा महिलाओं से जुड़े बुनियादी कानूनी अधिकारो, महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों के बारे में व्यवहाहारिक ज्ञान प्रदान करने, तथा महिलाओं को अधिकारों की रक्षा हेतु दो अन्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमें दिनांक 22.07.2023 को प्रोजेक्ट इण्टर कन्या उच्च विद्यालय देव तथा दिनांक 26.07.2023 को राजकीय इण्टर कन्या विद्यालय, दाउदनगर में किया जायेगा।
पूरे कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी काफी ज्यादा है जिससे प्रतीत होता है कि महिला इस तरह के कार्यक्रम के लिए तथा स्वयं को सशक्त करने के लिए तत्पर है जिससे इसका फायदा सभी को मिल सके।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Jul 21 2023, 16:11