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बेंगलुरु में आईएसआईएस के पांच आतंकी गिरफ्तार, धमाके की थी योजना, हथियार और विस्फोटक बरामद

#karnataka_central_crime_branch_arrested_5_suspected_terrorists

कर्नाटक की राजधानी में आतंकवादी हमले की योजना बनाने के आरोप में केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने आज बेंगलुरु में पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने पकड़े गए इन पांचो आतंकियों के पास से हैंड ग्रेनेड और सात पिस्टल के साथ ही कई कारतूस बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि ये आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। मिली जानकारी के मुताबिक ये पांचो आतंकी कर्नाटक के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं, जिनका संपर्क आईएसआईएस मॉड्यूल से था।

जेल में आए आतंकियों के संपर्क में

बेंगलुरु पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक पकड़े गए पांचो आतंकी सोहेल, उमर, जुनैद, मुदासिर और जाहिद जेल में आतंकियों के संपर्क में आए थे। सीसीबी ने बताया कि ये पांचों 2017 के एक हत्या मामले में आरोपी थे और परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में थे जहां वे आतंकवादियों के संपर्क में आए।उन्हें 2017 में गिरफ्तार किया गया था और 2019 में रिहा किया गया।ये 18 महीने तक जेल में थे।

हमले जैसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक

बेंगलुरु पुलिस की क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकियों के पास से हैंड ग्रेनेड के अलावा कई ऐसे अन्य मशीनी उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल हमले जैसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए किया जाता है। गिरफ्तार किए गए पांच संदिग्ध आतंकवादियों के पास से चार वॉकी-टॉकी, सात देसी पिस्तौल, 42 जिंदा गोलियां, दो खंजर, दो सैटेलाइट फोन, चार ग्रेनेड और विस्फोटकों में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की एक बड़ी खेप बरामद की गई है। आतंकियों के पास से बरामद हैंडग्रेनेड को लेकर भी बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि इनके पास यह पंजाब गुजरात-बॉर्डर से पहुंचाया गया है।

सीमा हैदर का एक और सच आया सामने, मेकओवर में पेशेवर की ली मदद, जांच एजेंसियों को तीसरे शख्स की तलाश

#seema_haider_case

पाकिस्तान की रहने वाली सीमा हैदर और भारत के सचिन मीणा की प्रेम कहानी सुर्खियों में बनी हुई है। सीमा हैदर पर लगातार पाकिस्तानी जासूस होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। एटीएस पिछले दो दिनों से सीमा से पूछताछ कर रही है। वहीं अब एटीएस और जांच एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जिसके बाद लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।

सीमा हैदर मामले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच एजेंसियों को अहम जानकारी मिली है कि सीमा सचिन के साथ किसी तीसरे शख्स की मदद से भारतीय सीमा में दाखिल हुई। खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक भारतीय सीमा में दाखिल होने के दौरान सीमा ने बकायदा अपना ड्रेसअप इस तरीके से किया था कि वह ग्रामीण भारतीय महिला लगे, ना की बाहर के देश की महिला और इस मेकअप में पेशेवर लोगों की मदद ली गई थी। सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए उसने अपने बच्चों को भी इसी तरह से तैयार किया था।

जांच एजेंसियों के मुताबिक ऐसा ही तरीका ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानि घरेलू सहायिका या जिस्मफरोशी रैकेट में शामिल महिलाएं भारत-नेपाल सीमा पार करने में इस्तेमाल करती हैं। ये भी दावा किया जा रहा कि जिस धाराप्रवाह भाषा में सीमा लगातार बात कर रही है, ऐसी ट्रेनिंग नेपाल में मौजूद पाकिस्तानी हैंडलर उन महिलाओं को देते हैं, जिनको नेपाल बार्डर पार कराकर भारत में गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजा जाता है।

बता दें कि सीमा हैदर जांच एजेंसियों के निशाने पर है। यूपी एटीएस ने सीमा हैदर से लगातार दो दिनों तक पूछताछ की है। करीब 15 घंटे तक सीमा हैदर से पूछताछ की गई है। हालांकि जांच एजेंसी उसके जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। पूछताछ के दौरान सीमा द्वारा बताए गए एंट्री वाले सीमाओं के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। लेकिन जांच एजेंसी को कुछ भी नहीं मिला।

एशियन गेम्स के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को नहीं देना होगा ट्रायल, डायरेक्ट एंट्री पर मचा बवाल

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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की एडहॉक कमिटी ने ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे एंट्री दे दी। इसका मतलब है कि अब उन्हें एशियन गेम्स में एंट्री के लिए ट्रायल नहीं देना पड़ेगा। वहीं, दूसरे पहलवान कमेटी के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहलवान इतने समय से प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि वह लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने पहलवानों के ट्रायल की मांग की है। अब ये मामला काफी ज्यादा गर्माता जा रहा है। दूसरे पहलवान और उनके कोच अदालत में चुनौती दे सकते हैं।

एशियन गेम्स इस साल चीन में खेला जाना है। इसके लिए सभी खिलाड़ी अभी से तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच भारतीय पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भारतीय ओलंपिक संघ की एक समिति ने मंगलवार को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश देने का फैसला किया था। बताया जा रहा है कि IOA ने ये फैसला नेशनल चीफ कोचों की सहमति के बिना ही ले लिया है। संस्था के एड-हॉक पैनल द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में बताया गया है कि पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम वर्ग में और महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में पहले से ही सिलेक्शन किया जा चुका है। 3 रेसलिंग स्टाइल्स के बाकी के अन्य 6 कैटेगरी में ट्रायल लिया जाएगा।

विनेश फोगाट को 53 किलो वर्ग और बजरंग पूनिया को 65 किलो वर्ग के लिए क्वालीफाई किया गया है। अब इस मुद्दे को लेकर अंडर 20 वर्ल्ड चैंपियन अंतिम पंघाल ने सावल खड़े कर दिए हैं। अंतिम पंघाल ने बुधवार को विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के लिए चयन ट्रायल से छूट दिये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ वह ही नहीं बल्कि कई अन्य भारतीय पहलवान 53 किलो वर्ग में विनेश को हराने में सक्षम हैं। हिसार की रहने वाली 19 वर्ष की पंघाल भी 53 किलो में उतरती हैं। उन्होंने पूछा कि इतने समय से अभ्यास नहीं करने के बावजूद विनेश का चयन कैसे हुआ। सीनियर एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पंघाल ने एक वीडियो में कहा कि विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश मिलेगा जबकि उसने पिछले एक साल से अभ्यास भी नहीं किया है। पिछले एक साल में उसकी कोई उपलब्धि नहीं है 

पहलवान विशाल कालीरमन ने कहा, मैं भी अंडर 65kg कैटेगरी में खेलता हूं और एशियन गेम के लिए बजरंग पुनिया को ट्रायल के बिना ही डायरेक्ट एंट्री दे दी गई है। ये लोग लगभग एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि हम लागातार प्रैक्टिस कर रहे हैं। हम इनके भी ट्रायल की मांग करते हैं। हम कोई फेवर या लाभ नहीं चाहते हैं, लेकिन कम से कम ट्रायल तो करवाया जाना चाहिए वरना हम भी अदालत जाने के लिए तैयार हैं और हम कोर्ट में अपील करेंगे। हम 15 सालों से इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। अगर बजरंग पुनिया एशियन गेम्स में खेलने से इनकार करते हैं तो किसी और को मौका मिल सकेगा और वह एशियन गेम्स में खेल सकेगा।

बता दें कि एशियन गेम्स के लिए खिलाड़ियों के चयन हेतु ट्रायल 4 दिनों बाद ही शुरू होने वाला है। ये टूर्नामेंट 23 सितंबर से चीन के हांगझोउ में खेला जाना है। दिल्ली के IG स्टेडियम में 22 जुलाई से महिलाओं का और 23 जुलाई से पुरुष खिलाड़ियों का ट्रायल लिया जाएगा।

उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा, नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर फैला करंट, 15 की मौत

#chamoli_namami_gange_project_many_people_feared_dead 

उत्तराखंड के चमोली में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हुआ है। चमोली बाजार के पास नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया। दर्दनाक हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग बुरी तरह झुलसे हैं। चमोली के एसपी परमेंद्र डोभाल ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बताया जा रहा है कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से जुड़े सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रांसफार्मर फट गया जिसकी वजह से करंट फैल गया। यहां अभी तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। स्थानीय लोगों की मदद से यहां करंट में झुलसे लोगों को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया है।हादसे के वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे।

चमोली के ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि बीती रात को बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था। बुधवार को सुबह तीसरे फेज को जोड़ा गया, जिसके बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट दौड़ गया। ट्रांसफार्मर से लेकर मीटर तक कहीं एलटी और एसटी के तार नहीं टूटे हैं, मीटर के बाद तारों में करंट दौड़ा है।

बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, गंगा समेत अन्य नदियां उफान पर हैं। इस बीच यह हादसा हुआ है। पहाड़ी इलाके लगातार आसमानी आफत को झेल रहे हैं।

गठबंधन के नए नाम ‘INDIA’ से नीतीश नाखुश ! बीजेपी को चुनौती देने से पहले कहीं आपसी चुनौतियों में ना घिर जाए विपक्ष

#nitish_kumar_objected_to_oppositions_alliance_name_india 

2024 लोकसभा चुनाव के लिए एकता कायम करने की जद्दोजहद में 26 विपक्षी दल बेंगलुरु में एक मंच पर दिखे।26 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए 2024 में 'इंडिया' दांव चला। साफ हो गया है कि भाजपा की अगुआई वाले एनडीए को विपक्षी दलों का INDIA(इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) चुनौती देगा। हालांकि, बीजेपी को चुनौती देने से पहले आपस में ही चुनौती बढ़ती दिख रही है। जी हां, बेंगलुरु में हुई विपक्ष की बैठक के बाद नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरें सामने आ रही है।खबर है कि नीतीश कुमार गठबंधन के नए नाम से भी खुश नहीं हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार को विपक्ष के गंठबंधन के नए नाम 'INDIA' से ऐतराज है।

विपक्ष को साथ लाने की पहली बड़ी पहल करने वाले नीतीश कुमार की नाराज बेंगलुरू बैठक के बाद हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखी गए। मंगलवार को बेंगलुरु विपक्ष की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार और लालू यादव मौजूद नहीं थे। नीतीश कुमार, लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव बैठक के कुछ देर बाद पटना के लिए रवाना हो गए। पटना एयरपोर्ट पर भी उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। वे सीएम की कार में बैठे और फिर उन्होंने लालू-तेजस्वी को घर छोड़ा और अपने घर को निकल गए।

नाम को लेकर नाराजगी!

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने गठबंधन का नाम ‘INDIA’ रखे जाने पर आपत्ति जताई है। सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि विपक्षी गठबंधन का नाम ‘INDIA’ रखा जाए क्योंकि इसमें ‘NDA’ अक्षर है।कहा जा रहा कि जब गठबंधन का नाम INDIA रखे जाने का फैसला लिया जा रहा था तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि INDIA नाम में NDA यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नाम के शब्द भी शामिल हैं, जो सही नहीं है। हालांकि, जब सभी दलों ने इंडिया नाम पर अपनी हामी भर दी तो उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा।

वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि बैठक के दौरन जब नीतीश ने नए नाम पर आपत्ति दर्ज की, इसी दौरान किसी ने नीतीश कुमार को मोबाइल पर दिखाया कि एक सांसद ने तो इंडिया नाम ट्वीट भी कर दिया है।नीतीश कुमार बोले अब जब नाम की बात बाहर तक जा चुकी है और आप लोग तय कर चुके हैं तो फिर वही सही।

विपक्ष के केंद्र में कांग्रेस को आता देख नीतीश हुए नाराज!

नीतीश गठबंधन के नाम से तो नाराज थे ह।अब पता चला कि वह गठबंधन के संयोजक बनना चाहते हैं, जिसपर अगली मीटिंग में फैसले होना है।दरअसल, विपक्ष को साथ लाने की पहली बड़ी पहल नीतीश ने की थी। उनके ही प्रयास से केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का पहला जुटान पटना में 23 जून को हुआ। इसे नीतीश की बड़ी सफलता मानी गई। इसी वजह से माना गया कि नीतीश कुमार को विपक्ष बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है।जिसमें संयोजक का पद भी शामिल है।लेकिन अब सोनिया गांधी की सक्रियता से नीतीश के बदले विपक्ष के केंद्र में कांग्रेस आ गई।

*न INDIA में न NDA, इन 8 दलों ने नहीं दिखाई किसी भी गठबंधन में दिलचस्पी

#neitherinndanorinindiathese8parties 

देश की दो बड़ी पार्टियां- बीजेपी और कांग्रेस किसी चुंबक की तरह सहयोगी खींचने में लग गई हैं।इसमें काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। बीजेपी के हाथ में सत्ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की कमान है। तो वहीं, कांग्रेस नए-नवेले गठबंधन “NDIA” इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस का हिस्सा है।विपक्षी पार्टियों के गठबंधन “NDIA” में 26 दल शामिल हैं। वहीं, मंगलवार को दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों ने अपना दम दिखाया। इस तरह पक्ष और विपक्ष को मिलाकर देश की कल 64 राजनीतिक दल सत्ता की रस्साकशी में लगे हुए हैं। जबकि इनके बीच देश में कुल आठ दल ऐसे भी हैं जो इन दोनों से दूरी बनाए हुए हैं।

बेंगलुरु और दिल्ली में हुए बैठकों के कुल 64 पार्टी हिस्सा बने, लेकिन कुछ क्षेत्रीय दल इस दोनों बैठकों में नहीं दिखे। इन आठ दलों में बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, जेडीएस, अकाली दल, बसपा, एआईएमआईएम और एआईयूडीएफ शामिल हैं। इनमें कुछ दल तो ऐसे हैं जो कई राज्यों में अपने दम पर सत्ता में हैं जबकि कुछ ऐसे हैं जो पहले या तो कांग्रेस या फिर एनडीए के साथ रह चुके हैं। इसके बाद भी आगामी चुनाव को लेकर ये दल अभी तक किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए हैं।

ओडिशा की बीजू जनता दल

इन दलों की सियासी वर्चस्व की बात करें तो ओडिशा में बीजू जनता दल की सरकार है और पार्टी के मुखिया नवीन पटनायक खुद मुख्यमंत्री हैं। ओडिशा में पटनायक का वोट बैंक और उनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। पांच बार अपने दम पर सरकार बना चुके हैं। 2019 में हुए विधानसभा में 147 सीटों में 112 सीटों पर जीत हासिल की है। राज्य में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा में बीजद के खाते में 12 सीटें गई थी जबकि बीजेपी 8 सीट और कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही थी।

जनता दल (सेक्युलर)

देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस पहले कांग्रेस और भाजपा के साथ गठबंधन का हिस्सा रही है, लेकिन मंगलवार को यह तस्वीर में कहीं नहीं थी। वैचारिक रूप से जद (एस) खुद को कांग्रेस और वाम दलों करीब मानी जाती है। पार्टी को मुसलमानों का भी समर्थन प्राप्त है और माना जाता है कि उसका भाजपा के साथ कोई तालमेल नहीं है।

भारत राष्ट्र समिति और वाईएसआरसीपी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले बीआरएस की बैठर में अनुपस्थिति रही। वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने राज्य स्तर पर भाजपा से कुछ दूरी बनाए रखी है, हालांकि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के साथ उसके संबंध सौहार्दपूर्ण बने हुए हैं।

अकाली दल और बसपा

अकाली दल जो कभी एनडीए का हिस्सा था, लेकिन फिलहाल दूर है। हालांकि, अकाली दल को लेकर चर्चा है कि उसकी एनडीए में वापसी होगी, लेकिन कब होगी इसे लेकर अभी तक कयासों का दौर ही चल रहा है।वहीं, मायावाती की बसपा भी अभी तक अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर पाई है। 

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

बात असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की तो यह मुख्य रूप से तेलंगाना से आती है। असदुद्दीन ओवैसी पार्टी के इकलौते सांसद हैं। ओवैसी भी न तो सत्ता पक्ष की तरफ है और नहीं विपक्ष के साथ। कुल मिलाकर अपने-अपने राज्यों में इन राजनीतिक दलों का अपना वोट बैंक और राज्य की राजनीति में इनकी अहम भूमिका भी रहती है इसके बाद भी अभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर पाए।

पाकिस्तान आर्मी में चाचा-भाई, खुद सोशल मीडिया पर भारतीय सेना से जुड़े लोगों को भेजा रिक्वेस्ट, सीमा हैदर से जुड़े कई और सनसनीखेज खुलासे

#pakistani_woman_seema_haider

भारतीय युवक सचिन के प्यार में सरहद पारकर अवैध तरीके से पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आई सीमा हैदर मुश्किलों में घिरती जा रही है।सीमा हैदर ने तीन देशों की सरहद पार कर 13 मई को भारत में अवैध रूप से घुसपैठ की थी।बताया जाता है कि ग्रेटर नोएडा आने से पहले वह पाकिस्तान से दुबई गई फिर वहां से नेपाल आई। इसके बाद नेपाल से अवैध रूप से भारत की सीमा में घुसपैठ की। इसके बाद वह ग्रेटर नोएडा के कस्‍बा रबूपुरा में आकर रहने लगी। सीमा पर पाकिस्‍तानी एजेंट होने का आरोप लगातार लगता रहा है। 

सीमा हैदर का भाई और चाचा पाकिस्तान आर्मी में

पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर यूपी पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और यूपी एटीएस के लिए एक पहेली बनी हुई है। हर दिन सीमा हैदर से जुड़े चौंकाने वाले राज खुल रहे हैं।नए खुलासे के मुताबिक पता चला है कि सीमा हैदर का भाई और चाचा पाकिस्तान आर्मी में हैं।सीमा हैदर के पहले पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर ने दावा किया है कि सीमा का भाई पाकिस्तान आर्मी में है।उसका नाम आसिफ है और फिलहाल आसिफ ने नौकरी छोड़ दी है।वहीं गुलाम हैदर ने ये भी बताया कि सीमा का चाचा गुलाम अकबर इस्लामाबाद में है और आर्मी में किसी बड़े पद पर है। हालांकि, बताया जा रहा है कि एटीएस की पूछताछ में सीमा हैदर अपने बयान से भी पलट रही है। पाकिस्तानी आर्मी में भाई के होने के सवाल पर चुप्पी साध रही है।

भारतीय सेना से जुड़े लोगों को भेजी फ्रेंड रिक्वेस्ट

इधर, यूपी एटीएस सीमा हैदर के सभी सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाल रही है। सूत्रों के मुताबिक जिन लोगो को सीमा हैदर ने सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। उनमें से कुछ लोगों के भारतीय सेना से जुड़े होने की बात सामने आई है। इसकी भी जांच की जा रही है।उनके प्रोफाइल को भी चेक किया जा रहा कि क्या वे लोग सेना से जुड़े थे या सिर्फ प्रोफाइल फोटो सेना वाला लगा रखा था

भारत में एंट्री के दावे की वेरीफाई नहीं हो पा रही

सीमा हैदर मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक 13 मई को भारत-नेपाल सीमा सुनौली सेक्टर और सीतामढ़ी सेक्टर में अब तक थर्ड नेशन सिटीजन के मौजूदगी की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। भारत-नेपाल सीमा पर इन्हीं दोनों जगहों से सीमा हैदर और सचिन द्वारा भारत में एंट्री का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद यहां मौजूद रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है और फिलहाल इनके द्वारा दी गई जानकारी वेरीफाई नहीं हो पा रही है। पूछताछ में सचिन और सीमा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसियां 1850 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा के सारे बस रूट पर 13 मई को गुजरने वाली बसों के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की।

सचिन से पहले भी कई भारतीयों के संपर्क में थी

सीमा हैदर से पूछताछ में लगातार हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सचिन पहला हिंदुस्‍तानी युवक नहीं है जिससे वह पब-जी के जरिए मिली। उससे पहले भी सीमा हैदर भारत के कई युवकों से संपर्क कर चुकी थी। सोचने पर मजबूर करने वाली बात है वो ये कि सभी युवक दिल्‍ली-एनसीआर के थे।

पब्जी खेलने के दौरान हुआ प्रेम

पाकिस्तान के कराची की रहने वाली सीमा हैदर पब्जी खेलने के दौरान रबूपुरा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आ गई थी और दोनों में प्यार हो गया था। अपने प्यार को पाने के लिए सीमा हैदर अवैध तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश करके 13 मई को रबूपुरा आकर रहने लगी थी। छह जुलाई को सूचना पर पुलिस ने सीमा और सचिन को गिरफ्तार किया था। डेढ़ महीने तक सीमा अवैध तरीके से रबूपुरा में रही और स्थानीय एजेंसी को भनक तक नहीं लगी।

मानसून सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक, विपक्ष से सहयोग की अपील करेगी केन्द्र सरकार, विपक्ष कर सकता है बैठक का बायकॉट

#all_party_meeting_today_ahead_of_monsoon_session_of_parliament

संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा। इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के मंत्री शामिल होंगे। संसदीय मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, यह बैठक दोपहर 3 बजे पुरानी संसद की लाइब्रेरी में होगी। 

सर्वदलीय बैठक में मानसून सत्र से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। संसद के सुचारु संचालन के लिए सरकार विपक्ष का सहयोग मांगेगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक को टाल दिया गया, क्योंकि कई दलों के नेता उपलब्ध नहीं थे। विपक्षी दलों की मंगलवार को बेंगलुरू में बैठक हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक भी बीते मंगलवार को ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई।

11 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा

हंगामेदार रहेगा मानसून सत्र

मानसून सत्र के हंगामेदार होने का अनुमान है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाएगा। साथ ही महंगाई, मणिपुर संकट जैसे मुद्दों को लेकर भी विपक्ष, सरकार को निशाने पर ले सकता है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ गया था।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रही एनडीए की बैठक, 38 दलों का लगा जमावड़ा

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लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन से मुलाकात करने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए एनडीए नेताओं की बैठक दिल्ली में शुरू हो गई है।बैठक में कुल 38 राजनीतिक दल शामिल हो रहे हैं।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा के मुताबिक राजग की बैठक में 38 दलों ने शामिल होने की पुष्टि की है। बैठक पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही है।यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विपक्षी दलों ने आज ही बेंगलुरू में अपनी दूसरी बैठक की और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखा है. बेंगलुरू में हुई विपक्षी दलों की बैठक में 26 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया।

इस बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल (अजित पवार गुट), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, चिराग पासवान समेत कई नेता मौजूद हैं।

38 राजनीतिक दलों ने दिखाई एकजुटता

एनडीए की बैठक में शामिल हुए दलों के नाम इस प्रकार हैं-

1.भारतीय जनता पार्टी

2.शिवसेना (शिंदे)

3.राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार)

4.राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस)

5.अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एडप्पादी के. पलानीस्वामी)

6.अपना दल (सोनीलाल)

7.नेशनल पीपुल्स पार्टी (कॉनराड सैन)

8.नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, (नेफ्यू रियो, नागालैंड के मुख्यमंत्री)

9.ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (सुदेश महतो)

10.सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के सीएम)

11.मिज़ो नेशनल फ्रंट, मिज़ोरम

12.इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा

13.नागा पीपुल्स फ्रंट, नागालैंड

14.रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) रामदास अठावले महाराष्ट्र

15.असम गण परिषद

16.पट्टली मक्कल काची (डॉ अंबुमणि)

17.तमिल मनीला कांग्रेस

18.यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम

19.सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, (ओम प्रकाश राजभर, उत्तर प्रदेश)

20 शिरोमणि अकाली दल संयुक्त (सुखदेव सिंह ढींडसा)

21.महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (सुदीन धवलीकर गोवा)

22. जननायक जनता पार्टी, हरियाणा

23.प्रहार जनशक्ति पार्टी (ओमप्रकाश बाबाराव कडू..महाराष्ट्र)

24.राष्ट्रीय समाज पक्ष

25.जन सुराज्य शक्ति पार्टी (महाराष्ट्र) विनय कोरे.

26. कुकी पीपुल्स अलायंस (मणिपुर)

27. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय)

28. हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय)

29. निषाद पार्टी (यूपी) संजय निषाद

30.एआईएनआरसी (पुडुचेरी)

31. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (बिहार) मांझी

32. जन सेना पार्टी (आंध्र प्रदेश)

33. हरियाणा लोकहित पार्टी (हरियाणा) (गोपाल कांडा)

34.भारत धर्म जन सेना (केरल)

35.केरल कामराज कांग्रेस (करेला)

36. पुट्टिया तमिलागम (तमिलनाडु)

37.लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) बिहार

38.गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, पश्चिम बंगाल

विपक्षी गठबंधन का नाम आखिर “INDIA” ही क्यों रखा गया, क्या इसमें छुपा है कोई संदेश?

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2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का मुकाबला विपक्षी दलों के गठबंधन “INDIA” (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) से होगा। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें गठबंधन को ये नाम दिया गया। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इस गठबंधन का नाम “INDIA” ही क्यों रखा गया।सवाल ये उठ रहा है कि इस नाम का सुझाव किस नेता ने दिया।

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के गठबंधन को इंडिया नाम रखने का सुझाव दिया। खुद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ये नाम रखने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी और विपक्ष के बीच लड़ाई नहीं है, देश की आवाज के लिए लड़ाई है। इसलिए हमने गठबंधन का नाम INDIA चुना है। देश में आज लड़ाई NDA और INDIA के बीच में है। पीएम मोदी और INDIA के बीच है। उनकी विचारधारा और INDIA के बीच है। हमने निर्णय लिया है कि हम एक एक्शन प्लान तैयार करेंगे और एक साथ मिलकर देश में हमारी विचारधारा और हम जो करने जा रहे हैं उसके बारे में बोलेंगे।

क्या संदेश देने की कोशिश कर रहा विपक्ष

विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम इंडिया काफी मंथन के बाद रखा और इससे उनकी रणनीति की झलक भी मिलती है।दरअसल विपक्ष को बीजेपी राष्ट्रवाद और तुष्टिकरण की राजनीति पर लगातार घेरती रही है। मंगलवार को ही मीटिंग से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन को परिवारवाद और करप्शन का गठबंधन बताया था। ऐसे में विपक्षी दलों का मानना है कि नए नाम इंडिया बीजेपी के नैरेटिव को काउंटर करने और लोगों को बेहतर संदेश देने में मदद मिलेगी।

अगली मीटिंग मुंबई में होगी

बता दें कि, बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने में जुटे विपक्षी दलों की दो दिनों तक बेंगलुरु में बैठक हुई।इसमें कई अहम मुद्दों पर आम सहमति बनी। मीटिंग में 26 दलों के नेताओं ने तय किया कि एक कोआर्डिनेशन कमिटी बनायी जाएगी, जो आगे की रणनीति तय करेगी। दिल्ली में एक सचिवालय भी बनेगा। साथ ही, अगली मीटिंग मुंबई में करने का फैसला लिया गया।