लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने के बाद भी चाचा भतीजे में तल्खी बरकरार, जानिए बिहार के किन सीटों पर फंस सकता है अब
लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान की एनडीए में वापसी हो गई है। मगर उनकी अपने चाचा एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस से तल्खी बरकरार है। एनडीए की मंगलवार को दिल्ली में हो रही बैठक में ये दोनों नेता शामिल होंगे। बीजेपी के सामने इन दोनों के बीच सामंजस्य बनाने की चुनौती होगी। चिराग पासवान जहां पशुपति पारस की सीट हाजीपुर पर नजर गढ़ाए बैठे हैं। चाचा-भतीजा, दोनों ने इस पर दावा ठोक दिया है। वहीं, समस्तीपुर लोकसभा सीट पर भी पेंच फंस सकता है।
बिहार में दो सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों हाजीपुर और समस्तीपुर को लेकर एनडीए में चाचा पशुपति पारस व भतीजा चिराग पासवान के बीच जंग रोचक दौर में पहुंच गई है। यक्षप्रश्न है कि ये दोनों सीटें 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में किसकी होगी? रोचक तथ्य यह भी है कि दोनों ही आज एनडीए की बैठक में शामिल हो रहे हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में जब लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के नेतृत्व में पार्टी ने सात सीटें पाईं थीं तो समस्तीपुर से उन्होंने अपने सबसे छोटे भाई रामचन्द्र पासवान को जबकि अपनी कर्मभूमि हाजीपुर सीट से मंझले भाई पशुपति कुमार पारस को मैदान में उतारा था। वहीं, बेटे चिराग पासवान को लगातार दूसरी बार जमुई की जनता की सेवा करने के लिए भेजा। तब इन तीन सीटों समेत लोजपा को कुल छह सीटों पर जीत मिली थी।
हालांकि, इसके बाद रामचन्द्र पासवान दिवंगत हो गए तो समस्तीपुर सीट पर हुए उप चुनाव में उनके पुत्र प्रिंस राज ने जीत दर्ज की। रामविलास पासवान के दिवंगत होने के बाद लोजपा में दो फाड़ हो गई, चिराग अकेले रहे और शेष पांच सांसदों के साथ पशुपति पारस ने एनडीए का दामन थामे रखा। अब जबकि तकरीबन दो साल बाद चिराग पासवान की एनडीए में एंट्री हो रही है तो उनकी कई शर्तों में यह सबसे ऊपर है कि इस गठबंधन में हाजीपुर और समस्तीपुर सीट उन्हें चाहिए ही चाहिए। खासतौर से हाजीपुर सीट तो वे किसी कीमत पर चाचा को जाने नहीं देंगे। उधर चाचा पशुपति पारस भी अड़े हैं। दोनों के बीच रामविलास पासवान की विरासत को लेकर जारी जंग अब इस सीट की दावेदारी तक पहुंच गई है।
इस बाबत पशुपति पारस कहते हैं कि बड़े भाई ने उन्हें हाजीपुर सीट सौंपी है। वे सीटिंग सांसद हैं। इसलिए प्रश्न ही नहीं उठता है इस सीट को छोड़ने का। उन्होंने ही चिराग को जमुई भेजा। जमुई की जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर 9 साल बाद चिराग क्यों उन्हें छोड़ने पर उतारू हैं। उनके मुताबिक प्रिंस राज उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और समस्तीपुर के वे सांसद हैं। यह सीट भी किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। उधर, एलजेपी रामविलास के बिहार अध्यक्ष राजू तिवारी ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से चिराग पासवान की मुलाकात के बाद दिल्ली में पत्रकारों से कहा, चिराग पासवान पहले ही बोल चुके हैं कि हाजीपुर सीट से वे ही लड़ेंगे।
Jul 18 2023, 14:03