चीनी दावे के खिलाफ अमेरिका ने पारित किया प्रस्ताव, अरुणाचल प्रदेश को बताया भारत का अभिन्न अंग
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भारत के प्रति दुनियाभर के देशों का नजरिया तेजी से बदल रहा है। हाल के वर्षों में भारत ताकतवर देश के रूप में उभर कर सामने आया है। खासकर दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका के रवैये में भी भारत को लेकर काफी बदलाव देखे जा रहे हैं। अमेरिका लगातार भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में चीनम के दावों के बीच अमेरिका ने भारत का पक्ष लिया है। दरअसल, अमेरिकी संसद की सीनेट कमेटी ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के एक महीने के अंदर ही संसदीय कमेटी ने यह प्रस्ताव पास कर दिया है।
अमेरिका ने मैकमोहन लाइन को दी अंतरराष्ट्रीय सीमा की मान्यता
अमेरिकी संसद में यह प्रस्ताव सांसद जेफ मर्कले, बिल हेगेर्टी, टिम काइने और क्रिस वान होलेन ने बृहस्पतिवार को पेश किया था। मीडिया को जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रस्ताव में इस बात की पुन: पुष्टि की गई है कि अमेरिका मैकमोहन लाइन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) और भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता देता है। इससे चीन का यह दावा कमजोर होता है कि अरुणाचल का अधिकतर हिस्सा पीआरसी का है। इस प्रस्ताव को अब मतदान के लिए सीनेट में पेश किया जाएगा।
अमेरिका इस क्षेत्र को समर्थन और सहायता के लिए प्रतिबद्ध
कांग्रेस के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले सांसद मर्कले ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता और नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करने वाले अमेरिकी मूल्य दुनियाभर में हमारे सभी कार्यों और संबंधों के केंद्र में होने चाहिए, खासतौर पर तब, जब पीआरसी सरकार एक वैकल्पिक दृष्टिकोण अपना रही है। साथ ही, उन्होंने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के रूप में और अमेरिका इस क्षेत्र को समर्थन और सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन के खिलाफ कदम उठाना जरूरी
वहीं, हेगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है। अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेषकर भारत और अन्य क्वाड देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है। साथ ही चीन की क्षेत्रीय विस्तार की व्यापक रणनीति के खिलाफ कदम उठाना जरूरी है, जो उसने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर, हिमालय और दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में अपनाई है।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहना होगा
सांसद कॉर्ने ने कहा, भारत और चीन के बीच साझा सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में अमेरिका को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत का समर्थन करके लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहना होगा। उन्होंने कहा, यह प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न हिस्से के तौर पर मान्यता देता है और मैं अपने साथियों से इसे बिना विलंब पारित करते का अनुरोध करता हूं।
चीन अरूणाचल के हिस्से को जंगनान कहता है
बता दें कि चीन की सेना सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है, इसके लिए चीन की सेना सीमा पर गांवों को बसा रही है। साथ ही चीनी भाषा में लिखा नया नक्शा जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया है। चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है और इसे जंगनान कहता है। चीन दावा करता है कि यह दक्षिण तिब्बत है।।
Jul 14 2023, 13:40