इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास को किया बैन, आदिपुरुष-मुंतशिर से भी रहा कनेक्शन
नयी दिल्ली : इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास पर बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
इसके बाद इंटरनेशनल सोसाइटी ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगाया. इस्कॉन ने कहा कि उनके (संत अमोघ) बयान से हम सभी दुखी हैं. उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है इसलिए उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. संत अमोघ अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. सोशल मीडिया पर वो स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल बातें करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि अमोघ लीला दास का हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष उसके डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला से क्या कनेक्शन है?
जी हां, आप सबको मालूम है कि आदिपुरुष फिल्म पर जमकर विवाद हुआ था. विवाद की वजह फिल्म का डायलॉग था. वैसे तो फिल्म में कई विवादास्पद डायलॉग थे, जिन्हें बाद में हटाया गया लेकिन एक डायलॉग जिसकी सबसे ज्यादा आलोचना हुई वो डॉयलॉग 'घी किसका रावण का, कपड़ा किसका रावण का, आग किसकी रावण की, जली की किसकी रावण की' थी. लोगों का कहना है कि मनोज मुंतशिर ने अमोघ लीला दास की बातों को डायलॉग बना दिया क्योंकि दास ने एक कार्यक्रम में यह बातें कही थीं.
अमोघ के बयान से हम सभी दुखी : इस्कॉन
इस्कॉन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि संत अमोघ के बयान से हम सभी दुखी हैं. उनके बयानों से लोगों की भावना को ठेस पहुंची है इसलिए उन पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है. उनका यह बयान बर्दाश्त के लायक नहीं है. इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद को लेकर कहा था कि वो मछली खाते थे. कोई भी महान संत किसी जानवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, वो भी कोई सिद्ध पुरुष.
इसके अलावा दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. दास की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. संत अमोघ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह धर्म और मोटिवेशन से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास के बारे में बताते हैं.
कौन हैं अमोघ लीला दास ?
अमोघ लीला दास एक स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. वह 12 सालों तक इस्कॉन से जुड़े रहे. 43 वर्षीय दास इस समय इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट का भूमिका अदा कर रहे थे. विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद उन पर एक महीने का बैन लगा दिया गया है. बता दें कि अमोघ लाल दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है. उनका जन्म लखनऊ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. फिलहाल उनका परिवार दिल्ली में रहता है.
आशीष अरोड़ा उर्फ अमोघ दास संत बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वह नौकरी के लिए अमेरिका चले गए. 2010 में उन्होंने कॉरपोरेट की दुनिया को छोड़ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में आ गए. 29 साल की उम्र में उन्होंने इस्कॉन को जॉइन किया. इसके बाद वो सोशल मीडिया पर धर्म और आस्था से संबंधित तामा वीडियो डालने लगे. इसके बाद धीरे धीरे वो एक मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गए. सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की तादाद बढ़ने लगी.
क्या है पूरा मामला?
अमोघ दास लीला ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. दास ने कहा कि मछली खाने वाला कोई भी इंसान सिद्धपुरुष कैसे हो सकता है. उनके दिल में तो दयाभाव होती है. ऐसे में कोई भी महान इंसान मछली कैसे खा सकता है. इतना ही नहीं, अमोघ लाल दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी गलत और अपमानजनक बयान दिया था. इसके बाद इस्कॉन ने उन पर ये कार्रवाई की है.
Jul 13 2023, 10:49