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ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी, कैंसर दवाओं को मिली छूट, सिनेमा हाल में खाने-पीने के सामान होंगे सस्ते

नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इनमें सबसे बड़े निर्णय के तौर पर GST काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, घुड़सवारी और कसीनो पर 28% टैक्स लगाने को मंजूरी दी. पहले इन पर टैक्स की दर 18 प्रतिशत थी. वहीं, सिनेमा हॉल में खाने-पीने की चीजों (फूड एंड बेवरेज) पर लगने वाले बिल पर GST कम करने की सिफारिश को भी मंजूरी मिली. अब इन पर 18% के बजाय 5% GST लगाया जाएगा. इन सभी फैसलों की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

पारंपरिक हुनर संग नवाचार बन रहा रोजगार सृजन का आधार, पुरानी प्रतिभाओं को मिले नए तेवर-कलेवर


नयी दिल्ली : भारत हाल ही में विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। अभी तक जनसंख्या के मामले में चीन पहले स्थान पर था। बढ़ती जनसंख्या को लेकर प्राय: चिंता के स्वर उठते हैं, लेकिन नवाचारों व योजनाओं से देश में सशक्त श्रम बल को कुशल बनाकर रोजगार सृजन के साथ आर्थिकी भी समृद्ध की जा सकती है।

विश्व जनसंख्या दिवस पर पढ़िए ऐसी ही जो प्रेरक कहानियां:

पुराने हुनर को मिले नए तेवर-कलेवर

जमुई: दशकों पुराने हुनर को नया तेवर और कलेवर देकर बिहार-झारखंड के कालीन कारीगरों ने पिछले डेढ़ वर्ष में अपनी स्थिति सशक्त करने के साथ व्यापार को भी गति दी है। बिहार में जमुई व इसके पड़ोस में झारखंड के गिरीडीह जिले में कारीगर बेहतरीन कालीन निर्माण में जुटे हैं।

 इसके कद्रदान 40 देशों में हैं। कारीगरों ने यह मुकाम यूं ही नहीं पाया है। हाल ही में इन्हें राजस्थान की एक कंपनी का सहयोग मिला। जिसके बाद नई डिजाइनों पर काम किया गया। काम छोड़कर दूसरे प्रदेशों में मजदूरी कर रहे हथकरघा के हुनरमंद को खोजकर घर में ही काम का भसोसा दिया गया। पारंपरिक ऊनी मैटेरियल में सिल्क और काटन का मिश्रण किया गया। 

इतनी मेहनत की तो फल मिलना लाजिमी था। विदेशी बाजार में विदेशी कंपनियों के मुकाबले अब बिहार-झारखंड की ये कालीनें भारी पड़ रही हैं।

सुरेश पंडित बताते हैं कि पहले इस क्षेत्र में बुनकर खुशहाल थे। बड़ी मशीनों पर काम होने लगा तो छोटे बुनकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने लगे। कई कोरोना में लाकडाउन में काम छोड़ने को मजबूर हो गए। ऐसे में राजस्थान की एक कंपनी ने सहयोग किया। ऊन, रेशम, काटन आदि के धागे उपलब्ध कराने के साथ ही कारीगरों को प्रशिक्षण दिया। कालीनों की बिक्री का भरोसा भी दिया। काम शुरू हुआ। 

कंप्यूटर पर बनी डिजाइनों को कारीगर हू-ब-हू ताने-बाने पर कसने लगे। गुणवत्ता व डिजाइनिंग का साथ मिला। कंपनी कालीनों को फिनिशंग के लिए भदोही भेजने लगी। वहां से जयपुर व मुंबई के रास्ते कालीन विदेश जाने लगीं। रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी जैसे ठंडे देशों में लोग फर्श-दीवारों पर इन कालीनों को लगाकर घर गर्म रखते हैं।

घर में ही हो रही कमाई

अभी लगभग 300 कारीगर यह काम कर रहे हैं। दूसरे राज्य में चार-पांच हजार रुपये प्रतिमाह में काम करने वाले लोगों को घर में ही 12 से 20 हजार रुपये महीने की कमाई होने लगी। 

सुक्खू मरांडी कारीगरी छोड़कर दिल्ली में लेमन टी बेच रहे थे। अब घर लौट आए हैं। सुरेश पंडित बताते हैं कि कालीन बुनाई से अमूमन 500 से 700 रुपये प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। जयपुर स्थित कंपनी के प्रबंधक राम सिंह सैनी कहते हैं कि कारीगरों की मेहनत और कालीनों की गुणवत्ता विदेशी बाजार में छा रही है।

बारूद की दुर्गंध नहीं, अब यहां बांस की सुगंध

धनबाद : झारखंड में धनबाद का टुंडी क्षेत्र। एक समय यहां नक्सलियों के खौफ से लोग थर्राते थे। बम और गोलियों की आवाज गूंजती थी। वक्त बदला, लोग जागरूक हुए तो विकास की बयार बहने लगी है। यहीं है पूरनडीह गांव। 

तकनीकी नवोन्मेष करने वाले आइआइटी आइएसएम धनबाद ने यहां गुरु की भूमिका निभानी आरंभ की है। इससे ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। यहां के परिवार बांस की कृतियां बनाते हैं। उत्पाद आनलाइन बेचते हैं। इससे इनकी आमदनी बढ़ी है। पहले ये डलिया आदि बनाते थे। बदलाव की बयार के साथ इन्होंने बांस से लैंपशेड, पेन स्टैंड आदि वस्तुएं बनानी शुरू कीं। 

पहले हर माह बमुश्किल दो-तीन हजार आय होती थी, अब दस हजार रुपये से अधिक हो जाती है।

आइआइटी आइएसएम के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर से गांववालों ने तकनीकी प्रशिक्षण लिया। सेंटर का मकसद यही था कि गांव के लोग बांस शिल्प में आगे बढ़ें, नवाचार करें। अपनी आमदनी बढ़ाएं। सजावटी सामान बनाने से आय बढ़ेगी, सो इन ग्रामीणों को बांस शिल्प के पेशेवरों से प्रशिक्षण दिलाया। बांस से बने उत्पादन राज्य के बाहर भी भेजे जा रहे हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे आनलाइन प्लेटफार्म पर प्रशिक्षण के बाद इनके उत्पादों को लिस्टिंग करा दी गई है।

दुनिया बदल गई

बांस से टोकरी बनाने वाली ग्रामीण सुगिया देवी, झानो देवी, अनीता, मंजू, गोविंद और अर्जुन कहते हैं कि पहले बांस से टोकरी बनाकर रोज 50 से 100 रुपये तक कमाई हो पाती थी। इसी बीच अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की सीईओ आकांक्षा दीदी ने हमें निश्शुल्क प्रशिक्षण दिलाया। अब अच्छी आमदनी हो रही।

दिल्ली हाईकोर्ट ने खेतड़ी ट्रस्ट के पक्ष में मानी पूर्व राजा राय बहादुर सरदार सिंह की वसीयत


जयपुर. दिल्ली हाईकोर्ट ने खेतड़ी राजघराने के पूर्व राजा राय बहादुर सरदार सिंह के जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित खेतड़ी हाउस सहित करीब 2500 करोड़ रुपए की संपत्तियों के वसीयत के विवाद में खेतड़ी ट्रस्ट के पक्ष में फैसला दिया है. 

इसके साथ ही वसीयत की प्रोबेट ट्रस्ट के पक्ष में जारी करने को कहा है. खंडपीठ ने एकलपीठ के 3 जुलाई, 2012 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एकलपीठ ने पूर्व राजा की वसीयत पर संदेह पैदा करते हुए ट्रस्ट के पक्ष में प्रोबेट जारी करने से इनकार कर दिया था. जस्टिस नाजमी वजीरी और जस्टिस विकास महाजन की खंडपीठ ने यह आदेश खेतड़ी ट्रस्ट की अपील पर दिए.

राजा राय बहादुर खेतड़ी के 11वें शासक :ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि खंडपीठ ने आदेश में स्पष्ट किया कि एकलपीठ ने मामले में गलत फैसला दिया था, क्योंकि वर्ष 1985 में वसीयत जमा कराने के दौरान एक गवाह ने तीस हजारी कोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष ही राजा राय बहादुर सिंह की पहचान की थी. 

मामले के अनुसार राजा राय बहादुर सरदार सिंह खेतड़ी के 11वें शासक थे. उन्होंने विदेश में पढ़ाई की और राज्य सभा सांसद सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे. उन्होंने लाओस में भारत के राजदूत के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व भी किया था.

वसीयत नामे की कानूनी वैधता पर सवाल : सरदार सिंह की वर्ष 1987 में मृत्यु होने के साथ ही उनकी वसीयत का विवाद शुरू हुआ. राजस्थान सरकार ने भी उनकी कोई संतान नहीं होने के चलते उनकी संपत्तियों को लावारिस मानते हुए राजस्थान एस्चीट्स रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत कब्जा कर लिया. इन संपत्तियों पर कब्जा कर संभाल के लिए रिसीवर भी नियुक्त कर दिए. खेतड़ी ट्रस्ट का दावा है कि सरदार सिंह ने 1985 में वसीयत की थी. इसमें शिक्षा अनुसंधान कार्यों के लिए सारी प्रॉपर्टी को ट्रस्ट के पक्ष में देने के लिए कहा था. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2012 में ट्रस्ट के खिलाफ फैसला देते हुए वसीयत नामे की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए थे.

#Rajsthan-hariyana-crime-reportजयपुर पुलिस ने हरियाणा के दो हथियार तस्करों को किया गिरफ्तार


जयपुर। राजधानी में हथियार तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बढ़ती आपराधिक घटनाओं के चलते यहां अवैध हथियारों की डिमांड बढ़ रही है. बाहरी राज्यों से भी तस्कर अवैध हथियार बेचने राजधानी जयपुर का रुख कर रहे हैं. 

ऐसे ही एक अंतरराज्यीय हथियार तस्करी गिरोह का खुलासा करते हुए राजस्थान एटीएस ने मंगलवार को हरियाणा के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. साथ ही दो देशी कट्टे और चार कारतूस जब्त किए हैं. दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है.

एटीएस-एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ के अनुसार हरियाणा निवासी दो युवकों के हथियार लेकर जयपुर में सप्लाई करने के लिए आने की सूचना मिली थी. एटीएस के डीआईजी अंशुमान भौमिया के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम को जानकारी मिली कि हरियाणा से दो तस्कर बस से हथियार लेकर जयपुर आ रहे हैं. 

इस पर टीम ने सिंधी कैंप बस अड्डे पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा के मंगलेश्वर निवासी मोहित गुर्जर और बहादुरगढ़ निवासी पूरण सिंह उर्फ प्रीतम उर्फ बल्लू को हिरासत में लिया. तलाशी में इनके पास दो देशी कट्टे और चार जिंदा कारतूस मिले. जिन्हें जब्त किया गया और दोनों आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

हरियाणा में दोनों पर दर्ज हैं मुकदमेंः एटीएस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि मोहित गुर्जर और पूरण सिंह के खिलाफ हरियाणा में पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. अब एटीएस उन मामलों की जानकारी भी जुटा रही है. इसके साथ ही दोनों बदमाशों के स्थानीय संपर्कों को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है. एटीएस यह भी पड़ताल कर रही है कि इन बदमाशों ने किससे हथियार खरीदे थे और जयपुर में किसे सप्लाई करने आए हैं. 

इनसे पूछताछ में प्रदेश में हथियारों की तस्करी से जुड़े लोगों के बारे में भी अहम जानकारी मिलने की संभावना है.

#Rajsthan- High -Court: प्रदेश से बाहरी अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल नहीं करने पर मांगा जवाब, आवेदन स्वीकार करने के आदेश

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक भर्ती-2023 परीक्षा में प्रदेश से बाहरी अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल से जवाब तलब किया है. 

इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों का आवेदन स्वीकार कर भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश ऋषभ की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता हरियाणा का मूल निवासी है और उसने निम्स कॉलेज से ऑप्थैल्मिक टेक्नोलॉजी में दो वर्षीय डिप्लोमा कार्स कर रखा है. वहीं उसे राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल से प्रोविजनल डिग्री भी मिल गई है.

 याचिकाकर्ता ने जब आरपीएमसी में ऑनलाइन आवेदन किया तो उसका आवेदन राजस्थान का मूल निवासी नहीं होने के आधार पर खारिज कर दिया.

याचिका में कहा गया कि वह आरपीएमसी में पंजीकरण के अभाव में नेत्र सहायक भर्ती में आवेदन नहीं कर सकता है. स्वास्थ्य विभाग के गत 16 फरवरी की अधिसूचना के तहत आरपीएमसी रेगुलेशन 42 में संशोधन कर पंजीकरण के लिए राजस्थान के मूल निवासी होने की शर्त रखी गई है. इस रेगुलेशन को चुनौती देते हुए कहा गया कि राजस्थान पैरा मेडिकल अधिनियम की धारा 17 के तहत किसी भी मान्यता प्राप्त महाविद्यालय से पैरामेडिकल कोर्स करने पर उसे आरपीएमसी में पंजीकृत किया जा सकता है. ऐसे में भारत का कोई भी निवासी इस प्रकार के कोर्स कर सकता है और इसके लिए राजस्थान के मूल निवासी होने की बाध्यता नहीं है. 

ऐसे में याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है.

माफिया सुशील मूंछ के रिश्तेदार बीजेपी नेता राठी की 78 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क


मुजफ्फरनगर: पुलिस और जिला प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए माफिया सुशील मूंछ के रिश्तेदार और मोरना ब्लॉक के प्रमुख और भाजपा नेता अनिल राठी की 78.57 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है. अनिल की करीब 11 करोड़ की संपत्ति कुछ दिन पहले भी कुर्क की गई थी. कुर्क की गई संपत्ति सुशील मूंछ की बताई जा रही है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने बताया कि थाना भोपा क्षेत्र के गांव करेहड़ा के रहने वाले और ब्लॉक प्रमुख अनिल राठी माफिया डॉन सुशील मूंछ का ममेरा भाई है. मुजफ्फरनगर पुलिस ने अनिल के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है. 

पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भोपा थाना के गांव फिरोजपुर, ककराला और ककरौली थाना के गांव बेहड़ा सादात, गांव ककरोली और नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव कुकड़ा और बीबीपुर आदि में 32 स्थानों पर अनिल राठी की 78.57 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है.

पुलिस प्रशासन का आरोप है कि अनिल राठी प्रमुख ने शराब की अवैध तस्करी कर धन एकत्र किया है. 

अनिल राठी ने लोगों में भय पैदाकर अवैध तरीके से धन अर्जित कर संपत्ति खरीदी है. इस मौके पर नायब तहसीलदार विपिन कुमार, थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार, नई मंडी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संतोष त्यागी और राजस्व निरीक्षक ओम प्रकाश चौहान आदि मौजूद थे.

पहाड़ी राज्यों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात,पीएम मोदी ने हरसंभव सहायता का दिया आश्वासन

नईदिल्ली : लगातार होती भारी बारिश से कई राज्यों में बुरा हाल है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में बारिश से संंबधित स्थिति के बारे में चर्चा की। 

उन्होंने प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया है। बता दें, बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के सोलन के बद्दी नालागढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में पुल का हिस्सा बह गया।

 वहां शिमला-चंडीगढ़ हाईवे बंद होने के साथ ही वैकल्पिक रास्ते भी ब्लॉक हो गए हैं। पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूब चुका है। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। वहीं उत्तराखंड के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। विभिन्न ज़िलों में रेड और ऑरेंड अलर्ट जारी किया गया है। 7 ज़िलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। SDRF-NDRF की 34 कंपनियां तैनात हैं। अभी तक उत्तराखंड में 9 लोगों के मरने की खबर है।

दिल्ली में बारिश से हाल बेहाल, 5 की मौत, लोक निर्माण विभाग की मंत्री आतिशी ने कहा, बाढ़ को लेकर दिल्ली सरकार पूरी तरह है तैयार


नई दिल्ली: उत्तराखंड राज्य के साथ-साथ दिल्ली की हालत भी खराब है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। बारिश के कारण दिल्ली में अलग-अलग हादसों में 5 लोगों की मौत भी हुई है।

 ऐसा ही कुछ देश के बाकी राज्यों का भी है। दिल्ली सरकार में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री आतिशी ने कहा, बाढ़ को लेकर दिल्ली सरकार की पूरी तैयारी है। पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 2 दिनों में ही पानी 8-10 फुट बढ़ चुका है।

 अगले 24 घंटे में 10-12 फुट पानी बढ़ने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि हमें करीब 30 हजार लोगों को निकालने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए हमारी पूरी तैयारी हो गई है।

दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज हुई सुनवाई, अगली सुनवाई 17 को

दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शुरुआत में कोर्ट याचिका पर सुनवाई करने की इच्छुक नहीं थी। बाद में कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया। 

बेंच ने दिल्ली सरकार से अपनी याचिका में संशोधन करने और मामले में उपराज्यपाल को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया है। CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच मामले को सुन रही है। अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

दिल्ली: संसद में मानसून सत्र से पहले एनडीए ने की अहम बैठक


नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र से पहले एनडीए की अहम बैठक होने जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए एनडीए के तमाम नेताओं की यह बैठक बुलाई गई है। एनडीए फ़्लोर लीडर्स की बैठक 19 जुलाई को शाम साढ़े पांच बजे संसद भवन में होगी। 0

उससे पहले सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने तीन बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।